EK Darzan se JYADA COMPANIES Ke Indian CEOs in Hindi Business by S Sinha books and stories PDF | आलेख - एक दर्जन से ज्यादा विदेशी कंपनियों के भारतीय CEOs

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आलेख - एक दर्जन से ज्यादा विदेशी कंपनियों के भारतीय CEOs

आलेख - एक दर्जन से ज्यादा विदेशी कंपनियों के भारतीय CEOs

हमारा देश भारत क्षेत्रफल में दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा देश है और जनसंख्या के मामले में यह दूसरे स्थान पर है . भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकताँत्रिक देश है . दुनिया में ICT ( इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी ) क्षेत्र में करीब 29 मिलियन लोग काम करते हैं जिनमें सॉफ्टवेयर डेवलपर और करीब 19 मिलियन IT के ऑपरेशन और मैनेजमेंट में हैं . इसमें करीब 22 प्रतिशत अमेरिकी ( जिनमें भारतीय मूल के लोग भी हैं ) और 10.5 प्रतिशत भारतीय हैं जो दूसरे स्थान पर हैं . भारतीयों ने सूचना प्रोद्योगिकी क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम कर एक सराहनीय मुकाम पाया है .


आज भारत दुनिया की सबसे तेज उभरती हुई अर्थव्यवस्था है . हालांकि अभी भी सही मायने में इसे विकसित देश नहीं कहा जा सकता पर एक गतिशील विकासशील देश है जो निरंतर विकास कर रहा है . विज्ञान , चिकित्सा अंतरिक्ष और सूचना प्रौद्योगिकी के मामले में दुनिया आज भारत का लोहा मान रही है . हमारे यहाँ मिड्ल क्लास परिवार के साथ अन्य लोगों की भी आय बढ़ी है और इसके चलते उनकी क्रय शक्ति भी. इसलिए दुनिया की नजर हमारे यहाँ की बढ़ती मांग और बाजार पर है .विदेशी कंपनियों के लिए यह एक विशाल बाजार है और वे अपने उत्पाद का यहाँ निर्यात करना चाहते हैं या पूँजी लगा कर यहीं पर कम्पनी खोलना चाहते हैं . इन सब के बावजूद अभी भी देश में लाखों लोग गरीब हैं .वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में अभी भी यहाँ आबादी की बड़ी संख्या 1. 25 डॉलर प्रतिदिन की औसत आय पर गुजारा करती है .


इस के बावजूद अच्छी बात यह है कि कुछ दशक पहले यहाँ से विदेश लोग छोटे मोटे काम या व्यापार के लिए जाते थे पर अब यहाँ की नयी पीढ़ी ने पढ़ लिख कर विदेश और खास कर अमेरिका में जा कर अच्छा नाम कमाया है . आई टी क्षेत्र में इनकी कोई मिसाल ही नहीं है . अनेकों भारतीय , भारतीय मूल के लोग और नौकरी पर गए अप्रवासी भारतीय आज अमेरिका सहित अन्य विकसित देशों में उच्च पद पर स्थापित हैं . ये अपनी कड़ी मेहनत , काम करने की लगन और ईमानदारी के बल पर इस मुक़ाम पर पहुँच पाए हैं .


कुछ वर्ष पूर्व 2018 तक भारतीय मूल की इंदिरा नूयी पेप्सी की CEO रहीं हैं . फोर्ब्स और फॉर्चून के अनुसार नूयी दुनिया की प्रभावशाली और अत्यंत शक्तिशाली महिलाओं की लिस्ट में थीं . पेप्सी दुनिया की सबसे बड़ी बीवरेज कंपनियों में एक है . मशहूर टेलीकॉम और सेल फोन कंपनी नोकिआ के चीफ भी भारतीय मूल के सिंगापोरियन राजीव सूरी रहे हैं ( 2014 - 2020 में सितम्बर तक ) .


आज की तारीख में विश्व की एक दर्जन से ज्यादा बड़ी कंपनियों के सी. ई. ओ . ( CEO - मुख्य कार्यपालक अधिकारी ) भारतीय या भारतीय मूल के लोग हैं . इनमें 5 कंपनियां दुनिया की विशालतम कंपनियों (2019 राजस्व के आधार पर ) में है . इन पर एक नजर डालते हैं -


एडोबी - एक जानी मानी अंतर्राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर कम्पनी है . एडोबी का दुनिया भर में फोटो और विडिओ संपादन में विशेष महत्त्व है .शांतनु नारायण, एक भारतीय अमेरिकन , इसके सी ई ओ हैं . इस कम्पनी का वार्षिक राजस्व करीब 1125 करोड़ अमेरिकी डॉलर से भी ज्यादा है .


मास्टरकार्ड - इस कंपनी को दुनिया के लगभग सभी देश और अधिकतर लोग जानते होंगे , खास कर जिनके पास बैंक के डेबिट या क्रेडिट कार्ड हों . यह आर्थिक सेवाएं प्रदान करने वाली कम्पनी है . अजय पाल सिंह बंगा , एक भारतीय अमेरिकन , इसके सी ई ओ हैं . इस कम्पनी का वार्षिक राजस्व करीब 1700 करोड़ अमेरिकी डॉलर है .


रेकिट बेंकिजर - यह उपभोक्ता वस्तुएँ , हेल्थ , हाइजिन और घरेलु सामान बनाने वाली एक ब्रिटिश कम्पनी है .लक्ष्मण नरसिंहमन , एक भारतीय अमेरिकन , इसके सी ई ओ हैं . इस कम्पनी का वार्षिक राजस्व करीब 1730 करोड़ अमेरिकी डॉलर है .

माइक्रोन टेक्नोलॉजी - यह कंपनी कंप्यूटरडेटा स्टोरेज , मेमोरी कार्ड , USB फ़्लैशड्राइव के क्षेत्र में मशहूर है . संजय मेहरोत्रा , एक भारतीय अमेरिकन , इसके सी ई ओ हैं . इस कंपनी का वार्षिक राजस्व करीब 2340 करोड़ अमेरिकी डॉलर है . इसके पूर्व संजय मेहरोत्रा सैन डिस्क कम्पनी के संस्थापक रहे हैं . वे सेमिकंडक्टर इंडस्ट्री के एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं .


माइक्रोसॉफ्ट- माइक्रोसॉफ्ट कंपनी को आज कौन नहीं जानता है . बिलगेट्स इसके संस्थापक दुनिया के सबसे ज् धनी और प्रतिष्ठित व्यक्तियों में एक हैं . सत्य नडेला , एक भारतीय अमेरिकन , इसके सी ई ओ हैं . इस कंपनी का वार्षिक राजस्व करीब 12500 करोड़ अमेरिकी डॉलर है .दुनिया भर में कंप्यूटर , लैपटॉप बनाने वाली कंपनियां माइक्रोसॉफ्ट का विंडो सिस्टम , एम एस ऑफिस आदि टूल इस्तेमाल करती है .


गूगल - यह दुनिया की सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय टेक कंपनी मानी जाती है . दुनिया के 219 देशों में इसके करीब एक लाख कर्मचारी हैं . गूगल के सर्च इंजन से आप दुनिया की कोई भी जानकारी तुरंत पा सकते हैं . सुंदर पिचाई , एक भारतीय अमेरिकन , इसके सी ई ओ हैं . इस कंपनी का वार्षिक राजस्व करीब 16200 करोड़ अमेरिकी डॉलर है .


नोवार्टिस - यह एक स्विस अंतर्राष्ट्रीय कंपनी है जो दुनिया में दवाएं और हेल्थ प्रोडक्ट के लिए मशहूर है . वसंत नरसिंहमन , एक भारतीय अमेरिकन , इसके सी ई ओ हैं . इस कंपनी का वार्षिक राजस्व करीब 4700 करोड़ अमेरिकी डॉलर है .


IBM - यह दुनिया की सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय टेक कंपनियों में एक है . दुनिया के 170 देशों में इसके करीब 350000 कर्मचारी हैं . अरविंद कृष्ण, एक भारतीय अमेरिकन , इसके सी ई ओ हैं . इस कंपनी का वार्षिक राजस्व करीब 7710 करोड़ अमेरिकी डॉलर है .


पालो आल्टो नेटवर्क्स - यह अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया में स्थित एक साइबर सिक्योरिटी कम्पनी है . इसके करीब 70000 ग्राहक दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में हैं और यह फोर्ब्स लिस्ट में टॉप 100 कंपनियों में एक है . इस कंपनी की वार्षिक आय करीब 350 करोड़ डॉलर है . निकेश अरोड़ा , एक भारतीय मूल के अमेरिकन , इसके सी ई ओ हैं .


नेटएप्प - यह एक अमेरिकन अंतर्राष्ट्रीय कंपनी है .यह एक क्लाउड डेटा मैनेजमेंट कम्पनी है जो विगत कुछ वर्षों से लगातार फॉर्चून 500 कंपनियों में एक रही है . जॉर्ज कूरियन , एक भारतीय अमेरिकन , इसके सी ई ओ हैं . इस कम्पनी की वार्षिक आय करीब 615 करोड़ अमेरिकी डॉलर है .


एरिस्टा नेटवर्क्स - इस कंप्यूटर नेटवर्क कंपनी की सी ई ओ एक भारतीय मूल की महिला जयश्री उलाल हैं . इस कंपनी की वार्षिक आय 65 करोड़ अमेरिकी डॉलर है .


HCL टेक्नोलॉजी - यह एक प्रमुख भारतीय अंतर्राष्ट्रीय आई टी कम्पनी है जिसके संस्थापक शिव नडार , एक भारतीय , रहे हैं . इस कम्पनी के दफ्तर अमेरिका , UK , फ्रांस और जर्मनी सहित करीब 44 देशों में हैं .इसके CEO भी एक भारतीय विजयकुमार हैं . इस कम्पनी का राजस्व करीब 1000 करोड़ डॉलर है . फ़िलहाल शिव नडार की एकमात्र संतान रौशनी नडार इस कंपनी की अध्यक्ष हैं .


हर्मन इंटरनेशनल - यह कम्पनी मोटर गाड़ियों के लिए ऑडियो विडिओ सुविधा और अन्य सूचनाएं प्रदान करती है . इसके अतिरिक्त यह उपभोक्ता और प्रोफेशनल मार्केट का बिजनेस करती है . इसके CEO दिनेश पालिवाल एक भारतीय अमेरिकन हैं . इस कम्पनी का राजस्व करीब 236 करोड़ डॉलर है .


ग्लोबल फाउंड्रीज - यह कम्पनी सेमीकंडक्टर फाउंड्री का काम करती है जो बड़ी बड़ी अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के लिए चिप्स बनाती है . इसके CEO संजय झा , एक भारतीय अमेरिकन हैं . इस कम्पनी का राजस्व करीब 1500 करोड़ डॉलर है . इसके पहले भी झा मोटरोला कंपनी में CEO रह चुके हैं .