Diary :: the truth of magic beyond imagination - 8 in Hindi Fiction Stories by Swati books and stories PDF | डायरी ::कल्पना से परे जादू का सच - 8

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डायरी ::कल्पना से परे जादू का सच - 8

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रास्ते में उसने ड्रैगन को देखा जो बिलकुल उसके साथ कदम से कदम से मिलाकर चल रहा था तभी उसे महसूस हुआ कि उसकी चाल किसी राजसी आदमी जैसी हैं । तभी उसे याद आया कि हो सकता है यह वहीं फिलिप हों इसका जिक्र ऑलिव ने किया था, उसका मंगेतर । उसने परखने के लिए बोलना शुरू किया, "आज मैं ऐसे-ऐसे लोगों से मिली कि मुझे लग रहा है कि मैं कोई सपना देख रही हूँ। बटरफ्लाई, रोस्टन, बरगद राजा और ऑलिव से भी मिली कितनी सुन्दर और प्यारी है। जिसे इस दुष्टों ने ज़हरली नदी बना रखा है। उसने मुझे बताया था, जब वो राजकुमारी थीं तो उसे कोई पागलों की तरह प्यार करता था । और आज भी उसे याद करके आँसू बहा रही हैं। दुःख की बात है कि उस बेख़बर को पता भी नहीं, उसकी मोहब्बत का क्या हाल हैं ।" तुम चुपचाप नहीं चल सकती हमारा सिर खा रही हों , तुम इंसान बोलते बहुत हों। एक राक्षस ने चिढ़कर कहा । तभी उसे महसूस हुआ कि ड्रैगन के चेहरे के हाव-भाव बदलते जा रहें हैं । सख्त चेहरा थोड़ा नरम पड़ता जा रहा है । तभी उसने कहा कि वह थोड़ी देर आराम करना चाहती हैं । पहले किसी ने उसकी बात नहीं मानी। मगर जब उसने कहा कि वह बहुत थक गई हैं और भाग-भागकर चलने की शक्ति नहीं हैं । उन जादूगर राक्षसों ने उसे केवल पाँच मिनट का समय आराम करने के लिए दिया ।

यास्मिन आँखें बंदकर एक पेड़ के नीचे लेट गई । "अजीब लड़की हैं, अगर मेरा बस चलता तो इसे रात के खाने में शराब के साथ खा जाता। वैसे भी इसके होंठ कितने गुलाबी हैं ।" एक राक्षस ने कहा । नहीं, मैं इसे शादी कर लेता फिर यह भी मेरे जैसी हो जाती और कितने सुन्दर बच्चे होते हमारे। दूसरे ने यास्मिन को घूरकर देखते हुए कहा। तभी तीसरे के कहने पर सब खाने के लिए जैसे ही वहाँ से हटे । यास्मिन ने आँखें खोल ली और केवल ड्रैगन को उसकी हिफाज़त करते देख बोली, "मैं जानती हूँ कि तुम फिलिप हों और तुम्हें भी लनबा ने अपना ग़ुलाम बना रखा हैं । अगर तुम मेरी मदद करो तो शायद यह लनबा से हमारी जान छूट जाएँ।" "वह बहुत ताकतवर है, तुम उसे नहीं जानती। तुम तब तक ज़िंदा हों, जब तक वो डायरी नहीं मिलती । डायरी मिलते ही तुम्हें और तुम्हारे परिवार को जान से मार देंगा ।" ड्रैगन ने ज़वाब दिया । "हाँ , मुझे पता है। ऐसा ही होगा । क्या कोई रास्ता नहीं है, उसे अपना पीछा छुड़वाने का । कोई तो रास्ता होगा सोचो और बताओ । तुम उसके साथ ही रहते हों । उसकी कोई कमज़ोरी होगी । बताओ मुझे," यास्मिन ज़िद करने लगी ।

"अगर तुम्हारा आराम हो गया हों तो अब चलो ।" तीनों राक्षसों ने आकर कहा। "हाँ, हाँ चलो मैंने कब मना किया ?" यास्मिन भी उत्सुकतावश बोली और सब के सब यास्मिन के पीछे हो लिए । वह अपने गॉंव पहुँच चुकी थीं चारों और अँधेरा था । बस, कुत्तों आवाज़ आ रही थीं। इस अँधेरे में उसे चारों राक्षस और भी डरावने लग रहे थें। "बस यहीं कहीं होगा दादाजी का घर"। यास्मिन ने चारों तरफ़ देखते हुए कहा । यह नाटक हमारे साथ मत करो जल्दी करो, वापिस भी जाना हैं । सरताज़ हमारा इंतज़ार कर रहे होंगे । एक ने जब तलवार यास्मिन की गर्दन पर रख दी तो वह थोड़ा डर गयी और बंद पड़े घर की तरफ़ इशारा करके बोली । "मैं डायरी लेकर आती हूँ , तुम यहाँ इंतज़ार करो।" यास्मिन ने आदेश देते हुए कहा । 'हम तुम्हारे साथ चलेंगे समझी ताकि तुम कहीं भाग मत जाओं"। एक राक्षस ने गुर्राते हुए कहा ।

"तुम्हारा दिमाग ठीक है? मेरा पूरा परिवार तुम्हारे लनबा के कब्ज़े में हैं । मुझे भी तुम तलकर खा जाओंगे । तुम ही बताओ, मैं कहा जाऊँगी ? यास्मिन ने कहा । ड्रैगन भी बोल पड़ा, "यह ठीक कह रही हैं, अगर तुम कहो तो मैं इसके साथ चला जाता हूँ । ताकि यह कोई चालाकी न करे ।" "ठीक है, तुम जाओं और इस पर नज़र रखना।" यास्मिन और ड्रैगन घर के अंदर चले गए । इतने सालों से यह घर बंद है । केवल परिंदे ही परिंदे नज़र आ रहे हैं। "मैं सिर्फ़ बचपन में ही यहाँ आयी थीं ।' यास्मिन ने पूरा घर देखकर कहा। तभी उसे कुछ आवाज़ आई और दोनों चौंकन्ने हो गए । "कौन हैं यहाँ ?" यास्मिन ने घबराकर कहा तो ड्रैगन भी इधर-उधर देखने लगा ।