Diary :: the truth of magic beyond imagination - 3 in Hindi Fiction Stories by Swati books and stories PDF | डायरी ::कल्पना से परे जादू का सच - 3

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डायरी ::कल्पना से परे जादू का सच - 3

3

जब सब भागने लगे तो कोई रास्ता न देखकर जंगल में ही घुस गए और बेतहाशा भागते रहें उनका सामान भी वहीं रास्ते में छूट गया। तारुश ने यास्मिन का हाथ पकड़ रखा था, वो दोनों ही सबसे पीछे थें। जब भागते- भगते थक गए । तभी पीछे मुड़कर देखने पर उन्हें कोई नहीं दिखा। सबको थोड़ी राहत आई, थोड़ी देर वही पेड़ के नीचे बैठ गए । "यार ! अब क्या करें? यह शेर कहाँ से आ गया था, यह तो हमारी जान ही ले लेता।" पुनीत ने थके हुए स्वर में कहा । "क्या कर सकते हैं? इस जंगल से निकलने का कोई रास्ता होगा या हो सकता, हम भी उस आदमी की तरह यहीं फँस कर न रह जाये। क्या ज़रूस्त थी, इतनी दूर घूमने का प्लान बनाने की । अब क्या होगा?" नितिशा यह कहकर वहीं बैठ गई। अगर हम सब साथ रहेंगे तो ज़रूर यहाँ से निकल जायेंगे । ऋचा ने उसे ढाँढस बंधाते हुए कहा।

यास्मिन सोच रही थीं कि 'उसे जल्द से जल्द अपने गॉंव पहुँचकर वापिस भी जाना है, पता नहीं दादाजी के लिए मुझे यहाँ भेजना इतना ज़रूरी क्यों था?' तभी यास्मिन की नज़र दूर पेड़ पर बैठे रंगीन जुगनू पर पड़ी, जो ऐसे चमक रहा था कि सब जगह रोशनी ही रोशनी हो रही थीं, जैसे ही उस जुगनू के पास पहुँची उसने अपना आकार बदला और अंधनंगे से आदमी में बदल गया । डरकर यास्मिन थोड़ा पीछे हुई। तभी वह बोल पड़ा, "घबराओ नहीं, मेरा नाम रोस्टन है, मैं कुछ नहीं कहूँगा, तुम यहाँ कैसे ?" मैं और मेरे फ्रेंड्स शेर के डर से इस जंगल में घुस आये । अब यहाँ से कैसे निकलेंगे? तभी बाकी सभी दोस्त यास्मिन के पास पहुँच गए। "पता नहीं, कैसे निकलोगे? पर हाँ, कभी -कभी लोग यहाँ से निकल भी जाते हैं। मैं ज्यादा मदद नहीं कर सकता, मेरा काम बस रोशनी करना है । ताकि तुम कुछ देख सको पर अपनी फ्रेंड बटरफ्लाई को बुलाता हूँ वो तुम्हें किसी न किसी रास्ते पर पहुँचा देंगी।

 

तभी जुगनू ने ज़ोर की आवाज़ की और बड़ी आकार वाली बटरफ्लाई वहाँ आ गई । "रोस्टन मुझे यहाँ क्यों बुलाया? "जल्दी बताओं, आज जंगल में पार्टी है तुम भी आओंगे न ?" हाँ, ज़रूर वैसे भी वहाँ खूबसूरत कलियाँ आकर डांस करेंगी उनका डांस कौन मिस करेंगा" रोस्टन ने आह! भरते हुए कहा। "अच्छा, इनसे मिलो यह जंगल में भटक गए हैं । इन्हें रास्ता बता दो, ताकि बाहर निकल जाये । बटरफ्लाई ने सबको देखा और कहा, "मैं सिर्फ इस जंगल के दाँयी छोर पर तुम्हें छोड़ दूँगी । वहाँ से ऑलिव नदी बहती है, क्योंकि अगर जादूगर के सैनिक राक्षसों ने देख लिया तो वो मुझे ड्रैगन बना देगा। "ठीक है, तुम हमारी इतनी मदद कर दो, यहीं काफ़ी हैं" यास्मिन ने ज़वाब दिया।

 

सब के सब उसके पीछे चल पड़े । "क्या हम कोई दूसरी दुनिया में है?" ऋचा ने पूछा । तुम लोग एक राक्षस जादूगर की जादू की दुनिया में हों जो बहुत खतरनाक और डरावनी है । मगर तुम बच भी सकते हों जैसे वो बच्चे बच गए थें, उन्हें बरगद बाबा ने बचा लिया था । मगर जैसे ही उस राक्षस को पता चला उसने बरगद बाबा को ज़ंज़ीरो से कैद कर दिया । " बटरफ्लाई ने उदास होकर कहा । "क्या वो कहानी सच्ची है कि कोई राजा था और जादूगर ने उस आदमी जिसके पास शक्ति थीं। उसके लिए यह सब किया?" यास्मिन ने जानने के लिए पूछा। "पता नहीं, शायद सच्ची हों, तुम यहाँ इतना अंदर क्यों आ गए?" बटरफ्लाई का सवाल था । "एक शेर हमारे पीछे दौड़ा था, और हम यहाँ फँस गए । क्या हम तुम्हारी पार्टी में आ सकते है ? "तारुश ने पूछा और सब के सब उसे घूरकर देखने लगें। बटरफ्लाई हँसकर बोली, "देख लो, अगर ड्रैगन या किसी सैनिक ने देख लिया तो तुम्हारी खैर नहीं । फिर यही फँसे रहना । लो ऑलिव नदी आ गई, अब में चलती हूँ।" यह कहकर बटरफ्लाई उन सबको छोड़ वहाँ से चली गई ।

 

नितिशा को प्यास लगी थीं, जैसे ही उसने पानी पीने की कोशिश की तो नदी सूख गई और बात करने लग गई । "तुम लोग मेरा पानी नहीं पी पाओंगे, इसलिए कोशिश मत करो ।" नदी ने कहा । तभी तारुश ने पूछा, "कौन हों तुम? " नदी बहने लगी और एक सुन्दर चेहरा नदी पर बन गया । "मेरा नाम ऑलिव है ।" "तुम सब कौन हों " ऑलिव ने पूछा । "हम सब यहाँ गुम हों गए हैं, तुम भी यहाँ गुम हो गयी थीं और फ़िर ऐसे बना दी गयी"? ऋचा ने पूछा। "नहीं, मैं राजा मेगालिथ की बेटी ऑलिव हूँ, उस राक्षस जादूगर ने मुझे नदी बना दिया है। ऐसी नदी जिसका पानी कोई पी नहीं सकता।" ऑलिव ने उत्तर दिया । 'राजा की बेटी ऑलिव' सब एक साथ बोल पड़े। तभी किसी डरावनी राक्षसी की आवाज़ और सब डरकर वहीं किसी बड़ी सी झाड़ी के पास छिप गए और ऑलिव फिर बहने लगी।!!!!!!