केहते हैं युग बदलगया है । हमे युग के हिसाब से खुदको बदललेनी चाहिए । पर आज भी कुछ कार्य पेहले जैसा करते हैं मगर थोडी अलग अन्दाज् में । जैसे की आज भी लोग क्षेती करते हैं पर हातोंसे नहीं नयी technology से । वही काम, पर करने की तरीका बदलगयी है ।
पेहले और अब में बहत फर्क है । पेहले लोग कपडे सिलाई करके पेहेनते थे पर अब रेडिमेट् का जमाना है । जैसा चाहो वैसा design का कपडा सिलाई के साथ मिल जाती है बाजार में । आजकल हर चीज market में avilabule है । सीफ् जरुरत है तो पैसो की । अगर आपके पास है तो आप सबकुछ कर सकते हैं ।
में बाजार से थोडी दूर एक गावँ की कुछ बाते बता रही हुं जहां लोगों के दिलमें आज भी इनसानीयत है । गावँ में एक ही टेलर थी । आजकल तो कोई सिलाई नहीं करवाते हैं बाजार से नयी नयी design की कपडे खरीदकर पेहेनलेते हैं । पर ये matching के चकर में अब कपडे सिलबाके पेहेनते हैं ।
उस दिन भी एक लेडकी दो चार सारी लेकर आई थी उस टेलर के पास । वो लेडकी लोगों से सुना है की वो टेलरवाला थोडा गन्दे type का इनसान है । इधर-उधर देखता है । लेडकी डरी हुई उसके पास गयी और टेलरवाला के हातमें सारीयां पकङादिया । गलती से टेलरवाला का हात उस लेडकी की हातमें बजगयी । लेडकीने सोची सायद वो टेलरवाला बतमीज कर रहा है । लेडकी ये सोचके थोडा पीछे चलगयी और थोडी दूरमें जाकेे बैठगयी ।
टेलरबाला सारी का कुछ हिस्सा नाप करके काटके रख दिया टेबल पर और बचा हुआ सारी का मुहँ सिलबाके लेडकी के हातमें थमा दिया । लेडकी देख रही थी की टेलरवाला उसको बारबार देख रही थी । जब सारीयां पकडादिया टेलरवाला तो लेडकीने जल्दी में वहां से निकल गया । ये तक नहीं पुछा कबतक हो जायेगा ? फिरसे दुकान् लोटके आयी और पुछा कब तक बन जायेगा ? टेलरवाला जबाब दिया पाचं दिन में तैयार हो जायेगा । लेडकीने बातें तो उसका सुन रही थी पर ध्यान उसका नजर पर थी । अभी भी वो उसको ऊपर से नीचे तक ही देख रहा था और कभी-कभी यहां वहां नजर भी डालता था । फिर लेडकीने वहां से चली गयी ।
पाचं दिन के बाद जब वो लेडकी दुकान पहुंचा तो दुकान में ओर भी लेडके थे । लेडकीने सोचा सायद आज उसका बुरी नजर मेरी ऊपर नहीं पडेगी । ये सोचते हुये टेलरवाला के पास पहुंची और बोली सिलाई हो गेया है क्या ? टेलरवाला जबाब देने से पेहले उस लेडके के बीच में कोई एक जबाब दिया पेहले नाप तो दे दो फिर एकदम टाइट् करके सिलवादेगें । यैसे बोलके आपस में हसनेलगे लेडकी को देखकर । लेडकी सरमा गयी । कुछ जबाब नहीं थी उसके पास । फिरसे किसीने बोला उन लेडकों में आरे वो तो सरमागयी जैसे हम पेहले बार पुछ रहे हैं । फिरसे हसने लगे । लेडकी बोला बतमीज क्युं करते हो ? उनमे से किसीने जबाब दिया आरे माडाम् जी बतमीज सुरू हुआ नहीं है माम् सीफ् ट्रेलर् था, तुम कहोगे तो picture भी दिखवादेगें । ये सब वही टेलरवाला देख रहा था । अब वो पास आके सबको डांटके वहां से भगादिया ।
लेडकीने रो पडी और टेलरवाला को sorry काहा । टेलरवालाने पुछा sorry क्युं ? लेडकी बोली में तुमको गलत समझ रही थी और आज तुमही उन लेडकों से मुझे बचाया है । टेलरवाला बोला हाँ मानती हुं तुम मुझे नहीं जानते हो, नाही पेहचान है मुझसे मगर इस तरहा कीसीको गलत समझना अच्छी बात है क्या ? पर तुम मुझे एक बात बताउो, में यैसा क्या किया जो तुम मुझे गलत समझने लगे । लेडकी बोली नहीं तुम यैसा कुछ नहीं किये हो मगर जीस तरहा से तुम मुझे देख रहे थे तो मुझे लगा की आप मुझे गन्दी नजर से देख रहे हो । टेलरवाला हसी और बोली में तुम्हे नहीं देख रही थी, तुम्हारा कपडे की design देख रही थी उसकी तरहा design बनाने केलिए । लेडकी बोली सायद मुझे समझनेमें गलती हुई है । टेलरवाला बोली गलती नहीं बास् सही और गलत की फरक् नहीं है ।
फिर लेडकी वहां से चली जाती है । घर जाकर वही सोचती है जो आज उसके साथ हुई थी और ये सोचके मुसकुराती है की आज वो एक lesson सीखी इनसान परखनेका ।
कभी किसीको पुरा जाने बिना उसकी पक्ष में या उसकी against में बोलना नहीं चाहीये । और एक बात किसीके बेहकाबे में ना आकर अपनी आखं और कानों के ऊपर भरोसा करो ।
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