Hostel Boyz (Hindi) - 19 in Hindi Comedy stories by Kamal Patadiya books and stories PDF | Hostel Boyz (Hindi) - 19

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Hostel Boyz (Hindi) - 19

प्रकरण 29 : यूनिवर्सिटी की फाइनल exam की date को postponed करवाया

कॉलेज की फाइनल exam आने वाली थी और हमारा course अभी तक खत्म नहीं हुआ था, इसलिए हमने प्रोफेसरों से exam date postponed करने के लिए चर्चाए की। प्रोफेसरों ने हमें प्रिंसिपल से मिलने को कहा। हम लोग प्रिंसिपल से मिले तो उसने बताया कि exam date postponed करने के rights यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के पास होते हैं, तुम सब उससे जाकर मिलो। हम सब सोच रहे थे कि अब क्या करें ?? क्योंकि अगर हमारा अकेले का क्लास यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर से मिलने जाएगा तो इसका इतना प्रभाव नहीं पड़ेगा, जीतना पडना चाहिए। हम सब लोगों ने मिलकर यह निर्णय लिया कि शायद दूसरे कॉलेजों में भी हमारे जैसे problems होंगे, तो हम सब लोग वहां पर पढने वाले हमारे मित्रों से बात करेंगे और अगर हो सके तो हम सब कोलेज वाले मिलकर वाइस चांसलर के पास जायेंगे और हमारी बात रखेंगे।

हमारी तपास दरमियान हमने यह जाना कि लगभग हर कॉलेज में हमारे जैसे ही प्रॉब्लम थे इसलिए हम सब कॉलेज वाले स्टूडेंट ने एक साथ वाइस चांसलर से मिलने जाने का तय किया। तई किए हूए दिन पर हम सब लोग इकट्ठे हुए और यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर से मिलने गए। पहले हम सबने एक एप्लीकेशन बनाई, उसमें हमारी सारी प्रॉब्लम लिख दी, सब स्टूडेंट की उसमें साइन ले ली और एप्लीकेशन वाइस चांसलर के ऑफिस में भीजवा दी। थोड़ी देर के बाद वाइस चांसलर ने हमें ऑफिस में बुलाया, तब हमारी कॉलेज में से मैं और सूर्या टका और बाकी की कॉलेजों से एक-एक छात्र वाइस चांसलर से मिलने उसके केबिन में गये। हमने वाइस चांसलर से विगतवार अपनी प्रॉब्लम्स की रजुआत की। हमारे सब बातें सुनने के बाद वाइस चांसलर ने हमको आश्वासन दिया कि वह इस मामले में हमारी मदद जरूर करेंगे।

रजुआत करने के दो-तीन दिन बाद ही यूनिवर्सिटी की तरफ से message आया की exam date 1 month के लिए postponed हो गई है| हमारी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था क्योंकि यह सब हमारे क्लास की लीडरशिप में हुआ था। हमारे प्रयास सफल हुए थे इसलिए दूसरे कॉलेज के छात्रों ने भी हमारा धन्यवाद अदा किया।

प्रकरण 30 : Oracle का पेपर उल्टा लिखा

यूनिवर्सिटी में से फाइनल exam को एक month के लिए postponed कराने के बाद उस एक month में हमने खूब मेहनत की थी और exam की preparation की थी लेकिन फिर भी हमें exam का डर था। मेरी exam के लिए एक थिअरी थी कि मुझे कुछ आता हो या ना आता लेकिन मैं exam में मेरे पास बैठने वाले सभी को कह देता था कि "मुझे सब कुछ आता है तुम घबराना मत"। ऐसा करने से मेरा टेंशन थोड़ा कम हो जाता और वह लोग भी रिलैक्स हो जाते थे। जिसकी वजह से वह बिना फिकर कीये, पेपर को अच्छी तरह से लिखते थे और उसका रिजल्ट भी अच्छा आता था।

मेरी पिछली सीट पर सूर्या टका का नंबर आया हुआ था और वह पेपर के दरमियान मुझसे कुछ ना कुछ पूछता रहता था। Oracle के पेपर में सूर्या ने अति उत्साह में लिखना शुरू कर दिया। आधा पेपर लिखने के बाद हम लोग पेपर के प्रश्नों पर चर्चा करने लगे। चर्चा करने के बाद उसने फिरसे लिखना शुरू कर दिया लेकिन गलती से उसकी answer sheet उलटी हो गई और वह उत्साह में लिखता चला गया, जब दोनों writing एक दूसरे के सामने आई, तब उसे मालूम हुआ कि पेपर में उल्टा-पुल्टा लिख दिया है| फिर वह अपनी गलती पर धीरे धीरे हंसने लगा और उसको हंसता हूआ देख मैंने पूछा "क्या हुआ भाई ??" तब उसने मुझे अपनी answer sheet दिखाई और answer sheet को देखकर मैं भी हंसने लगा, तब वह बोला, "अब मैं क्या करूं"। मैंने उसे कहा पेपर के आखिरी पेज पर लिख डाल "टेंशन की वजह से पेपर उलट-पुलट लिख दिया है कृपया करके उसका सही से निरीक्षण कीजिएगा"। पेपर खत्म होने के बाद मैंने सबको ग्रुप में यह बात बताई तो सब लोग हंस हंस के पागल हो गए। ऐसे हमने हंसते खेलते final exam complete की।

क्रमश: