Prince of dreams - 9 in Hindi Fiction Stories by shelley khatri books and stories PDF | सपनों का राजकुमार - 9

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सपनों का राजकुमार - 9

भाग 9

रत्ना कॉलेज वापस चली गई। फिर ड्रेस चेंज करके लास्ट क्लास कर लिया। घर जाते समय वह पूरी तरह प्रफ़ुल्लित थी। आंटी ओह सॉरी मम्मी ने आज उसकी आंखें खोल दी। जब कानून अपने मन से शादी करने की इजाजत देता है तो कौन रोक सकता है मुझे। मैं जरूर रंजन से शादी करूंगी। फिर उसका ध्यान इस ओर गया कि उसके मम्मी – पापा, भइया उसे प्यार नहीं करते हैं। कई बार उसका मन कहता, नहीं- नहीं वे लोग मुझे बहुत प्यार करते हैं। पर आंटी उर्फ मम्मी के तर्क उसे मजबूत लगते। जाने दो अगर नहीं करते हैं तो क्या हुआ, मुझे रंजन तो प्यार करता है। उसकी मम्मी तो प्यार करती है। रंजन के भइया मुझे अपनी बहन जितना प्यार करेंगे।

घर आ गई। दिन नार्मल हो रहे थे। घर में सबकी नजर उसकी गतिविधियों पर रहती थी। वह बहुत सावधान रहने लगी थी। रंजन से कम बात करती। चैट ही करती ज्यादातर। कॉलेज जाना हो रहा था। वह सप्ताह में एक बार रंजन से मिलने का जुगाड़ निकाल ही लेती। इस दौरान वह दो बार उसकी मम्मी से मिली। उन्होंने पहले की तरह ही उसे प्यार किया और कहा कि घरवाले प्यार न भी करते हों तो हम तो हैं।

रत्ना की मम्मी ने सोचा प्रेम की आग यूं आसानी से तो नहीं बुझती है। नया जमाना है जोर- जबरदस्ती करके घर में बांध कर नहीं रख सकते। कहीं सुसाइड कर लेगी या घर से भाग ही जाएगी तो वे क्या करेंगी। एक ही तो बेटी है। वह भी नाजों से पली। इसलिए वे रत्ना को पहले  की तरह ही बाहर जाने पढ़ने- लिखने की आजादी दे रही थी और उस पर पूरी नजर रख रहीं थी। उन्होंने अपने रिश्तेदारों से कहकर रत्ना के लिए लड़का ढूंढना भी शुरू कर दिया था। थोड़ी दिक्कत आ रही थी क्योंकि रत्ना की उम्र कम थी और पहले से ही उन्होंने सबको कह रखा था कि रत्ना को उच्चशिक्षा दिलाएंगे। किसी से इस बारे में बात करती तो पहला सवाल यही आता कि अरे, आप तो उसे पढ़ाना चाहती थी, अब पढ़ाई के बीच में शादी क्यों कराना चाह रही हैं। वे कुछ गोल- मोल जवाब दे देतीं। पर खुद बहुत दुखी हो आईं थी। एक दो जगह से फोटो और कुंडली आ गई थी।

रत्ना का बर्थ डे आया। इस बार फीका रहा। रत्ना के दोस्तों या मुहल्ले के लोगों को बुलाया नहीं गया। शलभ और अमन तैयार ही नहीं हुए इसके लिए। मम्मी के मोबाइल पर चिरन्मय का फोन आया। उसने रत्ना को विश किया और स्कूल के दिन याद किए। चिरन्मय आईआईटी से इंजीनियरिंग कर रहा था। उसने कहा यार हर बार स्कूल में तू कितनी अच्छी पार्टी देती थी। अब भी याद है। देर तक स्कूल और दोस्तों की बात हुई। रत्ना का मन हुआ उसे रंजन के बारे में बताए पर घर में सब वहीं थे तो वह कुछ कह न सकी। आज उसे अफसोस हो रहा था, रंजन की बात न मानकर उसे दोस्तों को तो अपने और रंजन के बारे में बताना ही चाहिए था।

एक दिन रात को वह रंजन के साथ चैट कर रही थी। वह हर चैट सेंट करने के बाद डिलिट कर देती थी। रंजन देर-देर से रिप्लाई कर रहा था। रात के दो बज रहे थे। रत्ना को भी नींद आ रही थी। कई बार उसे झपकी आ जा रही थी। उसने रंजन को देर करते देख मैसेज किया, तुम्हें तो मेरी याद भी नहीं आती, परवाह ही नहीं है। मैसेज का रिप्लाई इतनी देर से क्यों कर रहे हो। मुझे नींद आ रही है। सेंट बटन दबाया तभी उसे झपकी आ गई। शलभ अब रोज रात को उसकी गतिविधियां चेक करता था। उसके कमरे में आया तो मोबाइल की लाइट जली मिली। देखा तो मैसेज दिख गया। उसने रत्ना को बिस्तर से खिंच कर नीचे उतारा और जोर का चाटा मारा। रोज झूठ बोलती है। शर्म ही नहीं आती है तुझे। सबसे झूठ बोल रही है। घर में सबलोग जग गए। रत्ना को हर किसी से डांट पड़ी।

हां तो क्या गलत कर रही हूं। एक मैसेज ही तो किया है। वह भी गुस्से से चीखी।

कर मैसेज अब फोन ही नहीं मिलेगा तुझे। शलभ से उसका फोन ले लिया।

अगले दिन वह कॉलेज नहीं जा सकी। घर में बैठकर उसे मम्मी की बातें सुननी पड़ी। उसने मम्मी को कसम खा कर बताया कि नहीं मिलेगी वह रंजन से। प्यार करती थी इसलिए कभी- कभी हो जाती है उससे गड़बड़ लेकिन वह रंजन को भूलने की कोशिश कर रही है।

मम्मी को विश्वास हो गया। दो दिन के बाद रत्ना कॉलेज गई। इस बीच उसने मम्मी के मोबाइल से रंजन को मैसेज करके बता दिया था कि फोन भैया ने ले लिया है। कॉलेज में रंजन की मम्मी उससे मिलने आयी। उन्होंने उसे कुछ सुझाव दिए और चली गईं।

रात को रत्ना ने अपने कॉलेज बैग में अपने सर्टीफिकेट रखे। उसके पास जो भी जमा पैसे थे सारे ले लिए। सुबह नॉमर्ली तैयार हुई। मम्मी के गले लगकर बाय करके रोज की तरह कॉलेज चली गई।

उसने दो क्लास अटेंड किया। फिर सीमा को अपनी स्कूटी की चाभी देते हुए कहा कि मैं भइया के साथ एक काम से जा रही हूं। अगर कॉलेज खत्म होने तक न लौटी तो तु आज मेरी स्कूटी से ही चली जाना। कल मैं आकर तुझसे ले लूंगी। वह ऑटो से रेलवे स्टेशन गई। वहां रंजन का परिवार उसका इंतजार कर रहा था। सब सागर गए। वहां से रंजन के मम्मी के नानी के गांव रामनगर गए। वहीं गांव का पुराना घर था। नानी तो नहीं थी। उनके पोते का परिवार रहता था। मम्मी ने सबसे कहा कि नानी ने रंजन के पैदा होने पर मन्नत मांगी थी पर कभी पूरा करने का मौका ही नहीं मिला इसलिए यहीं के राममंदिर में रंजन की शादी करके मन्नत उतारेंगी। लोगों ने उनका आदर किया। लड़की के घरवालों के बारे में पूछने पर कह दिया गया कि बड़ी पढी लिखी लड़की है। मैं हाइ स्कूल की ही टीचर हूं यह तो कॉलेज की प्रोफेसर बनने वाली है। इसके मम्मी- पापा आधुनिक ख्याल के हैं। वापस जाकर वहां कोर्ट में शादी करके पार्टी देंगे।

अद्वितीय सौंदर्य की स्वामिनी रत्ना को देखकर लोगों को उनके भाग्य से रश्क होने लगता। शादी के बाद दूसरे दिन भी वे लोग वहीं रूके। तीसरे दिन सबलोग होशंगाबाद रंजन के दादी के गांव आ गए। रंजन के चाचा विजातीय विवाह पर एतराज जताने लगे ऊपर से सोहन का विवाह नहीं हुआ था इसलिए भी वे लोग गुस्सा हो रहे थे।

रंजन की मम्मी बोली, आपके भइया तो काम- धाम करते नहीं है। गृहस्थी मैं खींच रही हूं। यही हाल रंजन का है। चार बार मैट्रिक फेल हो गया है। पढ़ता भी नहीं है। काम धंधा भी नहीं करता है। इतनी सुंदर लड़की हमारे समाज में है एक भी? इसके पापा बड़े अधिकारी हैं। इकलौती बेटी है। बीस लाख से अधिक देंगे। यह पढ़ने भी तेज है। कास्ट सर्टीफिकेट बनवा देगे। नौकरी चाकरी करेगी। मेरा तो घर तर जाएगा। इसके बाद चाचा की तरफ से भी कोई प्रतिवाद नहीं आया।

दोनों गांव में रत्ना को बहुत मजा आया। उसे यह सब किसी एडवेंचर की तरह लग रहा था। मम्मी ने कहा था शादी के बाद उसके मम्मी- पापा भी मान जाएंगे। कितना मजा आएगा जब सब साथ में होंगे। नई- नई शादी, नया पहनावा उसे बहुत भा रहा था। लोग दुल्हन देखने आते और उसकी सुंदरता की तारीफ करते तो उसे बहुत खुशी मिलती।

रत्ना कॉलेज से घर नहीं आई। शाम हो आयी थी। राशि का दिल धक- धक करने लगा। उसने घबराकर शलभ और उसके पापा को फोन किया। शलभ ने अमन को फोन करके रंजन के घर जाने के लिए कहा और खुद कॉलेज चला गया। कॉलेज बंद हो चुका था वहां तो कुछ पता नहीं चला। रंजन के घर में ताला था।

दोनों भाई घर लौट आए। पापा अभी भी रत्ना की खोज में ही थे। शलभ मम्मी पर बहुत गुस्सा हुआ। मना कर रहे थे न कॉलेज जाने से। आप मानी ही नहीं। फिर उसने अपने दोस्तों को फोन किया और वे लोग एक- एक कर रंजन के दोस्तों के घर गए। किसी को रंजन के बारे में कुछ भी पता नहीं था। पूरी रात घर वालों ने आंखों में काटी। सब तो घर आ गए थे पर शलभ नहीं लौटा था वह हर संभावित असंभावित जगह पर उन लोगों को ढूंढ रहा था। पूरे परिवार के एकाएक गायब हो जाने का कारण वे लोग समझ नहीं पा रहे थे।

दिन भर खोजबीन चली, मंथन होता रहा कि पुलिस को रिपोर्ट करें या न करें। अजय को फोन करके आने के लिए कह दिया गया था। रत्ना की मम्मी को बदनामी का डर सता रहा था। वे लगातार रो रही थी। सब बार- बार उन्हें ही कोस रहे थे कि उन्होंने ही उसे लाड़- प्यार में बिगाड़ दिया था। रत्ना के पापा ने कहा कि थाने में रिपोर्ट करना ही ठीक रहेगा।

वे और शलभ थाने गए। इंस्पेक्ट ने पूरी घटना सुनी फिर रत्ना की आयु पूछी। कहने लगे लड़की तो बालिग है और लड़का ?

शलभ ने कहा, वह भी इक्कीस का होगा ही।

वे कहने लगे, देखिए आपकी बात से इतना समझ में आया है लड़की प्रेम में है उन लोगों ने उसे बहका लिया होगा वर्ना पढ़ी-लिखी लड़की आवारा लड़कों के चक्कर में कैसे आएगी। मैं कोशिश करता हूं। कानूनी रूप से तो कुछ किया नहीं जा सकेगा लेकिन आपको उपाय बता दे रहा हूं। लड़की को इमोशनली ब्लैमेल कीजिएगा।अपने प्यार का वास्ता दीजिएगा। आप उसकी याद में बीमार हैं, मर रहे हैं, कह दीजिएगा। इमोशन में आकर अधिकतर लड़कियां लौट आती हैं। आपकी बेटी भी आ सकती है।

शलभ ने कहा, मेरी बहन बहुत भोली है आप भी समझाइएगा।

टीआई ने वादा किया।

रंजन की मम्मी ने रत्ना से कहा, बेटा शादी तो तेरी हो गई। अब बता अगर तेरी मम्मी कहे कि इस शादी को तोड़ दे तब।

रत्ना ने कहा, वे ऐसा नहीं करेंगे।

बेटा, शुरूआत में तो गुस्सा होंगे ही। बाद में मान जाऐंगे तब तक तुम्हें बहुत सावधान रहना होगा नहीं तो वे लोग रंजन और हमलोगों को जान से मार दे सकते हैं। तुम ऐसा चाहोगी?

नहीं मम्मी।

तो हमारी बात गांठ बांध लो। कोई पूछे, भले ही पुलिस ही क्यों न हो। कहना हमने शादी की है। बालिग हूं अब रंजन के ही साथ रहना चाहूंगी। तुम्हारे भइया ने तुम्हें मारा था न। अब शादी के बारे में सुनकर सोचो कितना मारेंगे। उस मार से बचने का तरीका है कि पुलिस से कहना कि घरवाले मेरी बहुत पिटाई करते थे।

रत्ना ने कहा ठीक है ऐसा ही कहूंगी।

रत्ना के पापा ने जैसे ही फोन ऑन किया पुलिस का कॉल आ गया। रंजन के बारे में पूछताछ हुई और थाने आने को कहा गया। उन्होंने कह दिया रत्ना अपनी मर्जी से आई है बालिग है।

टीआई बोले, आप कल दोनों को लेकर थाने आइए।

रत्ना के घर पर भी उसके मिल जाने और कल थाने आने की सूचना दे दी गई।

रत्ना के घर में कोई सो नहीं रहा था, पता नहीं कल रत्ना आने को तैयार होगी या नहीं ?

रंजन के घर में वापसी की तैयारी चल रही थी, पता नहीं रत्ना हमारा सीखाया कितना याद रखेगी, इमोशन में आ गई तो???