The Author Smita Follow Current Read हिमाचल बाल साहित्य पर बारीक नजर By Smita Hindi Book Reviews Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books પ્રેમ થાય કે કરાય? ભાગ - 21 સગાઈ"મમ્મી હું મારા મિત્રો સાથે મોલમાં જાવ છું. તારે કંઈ લાવ... ખજાનો - 85 પોતાના ભાણેજ ઇબતિહાજના ખભે હાથ મૂકી તેને પ્રકૃતિ અને માનવ વચ... ભાગવત રહસ્ય - 118 ભાગવત રહસ્ય-૧૧૮ શિવજી સમાધિમાંથી જાગ્યા-પૂછે છે-દેવી,આજે બ... ગામડા નો શિયાળો કેમ છો મિત્રો મજા માં ને , હું લય ને આવી છું નવી વાર્તા કે ગ... પ્રેમતૃષ્ણા - ભાગ 9 અહી અરવિંદ ભાઈ અને પ્રિન્સિપાલ સર પોતાની વાતો કરી રહ્યા .અવન... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Share हिमाचल बाल साहित्य पर बारीक नजर (4) 1.4k 7.1k बाल साहित्य की प्रेरक कहानियां और कविताएं आप जिस परिवेश में रहते हैं, वे आपको किस्से-कहानियां और कविताएं गढ़ने के लिए प्रेरित करता है। हिमाचल प्रदेश में सफेद बर्फ से ढंकी पहाड़ियां, जंगल, दूर-दूर तक फैली हरियाली, स्थानीय लोगों का मीठा और स्नेह से भरा व्यवहार बड़ों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी रोचक रचनाएं लिखने की प्रेरणा देता है। यहां के कण-कण में लोक और बाल कथाएं मौजूद हैं, जिन्हें समय-समय पर लेखकों ने बाल पाठकों के सामने लाया है। हाल में डायमंड बुक्स प्रकाशन से लेखक पवन चौहान की किताब "हिमाचल का बाल साहित्य' प्रकाशित हुई है। पवन चौहान ने गद्य और पद्य दो खंडों में बांटकर किताब लिखी है। लेखक ने सबसे पहले आम बोलचाल की भाषा में हिमाचल में बाल साहित्य की शुरुआत किस तरह हुई और किस तरह यह आगे बढ़ी और अब किस तरह की बाल कहानियां और कविताएं लिखी जा रही हैं, बताया है।इसकेतब की खासियत यह है कि इससे आपको बाल साहित्य किस तरह विकसित हुई और आगे फली-फूली, पता चल जाएगा। आज के समय में इस साहित्य को किस तरह की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, यह भी पता चल जाएगा। कोरोना संकट में एक शब्द जो सबसे ज्यादा चर्चित हुआ, वह है लॉक डाउन। एक कहानी के बहाने लेखक ने यह भी संदेश देने की कोशिश की है कि हमें कोरोना संक्रमण के दौर में किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए। लेकिन लोग किस तरह लापरवाह हैं। भले ही लेखक ने अपनी किताब में हिमाचल का संदर्भ दिया है, लेकिन बाल साहित्य को लेकर बताई बात पूरे देश का प्रतिनिधित्व करती है। इससे बच्चों-किशोरों को यह भी जानकारी मिल जाएगी कि जब टीवी-इंटरनेट की उपस्थिति नहीं थी, तो बच्चों-किशोरों के लिए किस तरह की कहानियां लिखी जा रही थीं। लेखक ने हर अध्याय में पहले लेखक के बारे में बताया है और फिर उनकी किसी एक प्रसिद्ध कहानी को शामिल किया है। इसमें हिमाचल के साथ-साथ पूरे देश के बाल पाठकों के बीच धूम मचाने वाले लेखकों तथा उनकी रोचक कहानियों को स्थान दिया गया है। पुस्तक में शामिल ज्यादातर कहानियां रोचक और संदेशप्रद हैं। उदाहरण के लिए अमर सिंह शाैल अपनी कहानी "चीनी और शक्कर' में चीनी और शक्कर के बीच काल्पनिक व रोचक संवाद के जरिये यह संदेश देते हैं कि अपनी सुंदरता पर कभी घमंड नहीं करना चाहिए। हर सुंदर चीज के पीछे सहनशीलता और कठिन मेहनत छिपी होती है। लेखक अमरदेव अंगिरस अपनी कहानी "हंस और उल्लू' में यह संदेश देते हैं कि कड़वी लगने के बावजूद बच्चों को अपने अभिभावकों की बात पर ध्यान देना चाहिए। स्वयं लेखक पवन चौहान ने "तरकीब खेल की' कहानी में बड़े ही मजेदार ढ़ंग से बड़ी बहन द्वारा खेल-खेल में छोटी बहन को पढ़ाई करने की आदत विकसित करते हुए दिखाया है। प्रभात कुमार की कहानी "थोड़ी सावधानी बेहतर अंक' कम शब्दों में बड़ी सीख दे जाती है। कवि और कवयित्रियों ने अपनी कविताओं में प्रकृति की सुंदरता का वर्णन और पेड़-पौधों के बारे में जानकारी भी दी है। पुस्तक का मूल्य भी अधिक नहीं, मात्र 250 रुपये है। स्मिता Download Our App