सर्दी शुरु हो गई है और ठंड में दादी मां के स्पेशल रेसिपी जो
हिल स्टेशन में रेहन सेहन होने केेेेेेे काा
ड्डओं से बड़ा प्यार रहा है दादी कि रेसिपी बचपन से पहला प्यार यह लद्दू रहे गाव कि बाते कुछ और है खाना जो हम सब सेहर में रेह कर मिस करते है ? कुछ लोस्ट रेसीपी है जो कहीं देखने नहीं मिलती पर याद बहुत आती है खाने की खाना हमे जोड़े रखता है और हमारा जीवन है इस से!
अब बढते है रेसीपी की और जो हमे बहुत तारीफ दिलवाएगी! क्या पता किसी को आपके खाने से प्यार हो जाए!दुनिया के हर भाग में भोजन कनरे का अपना एक अलग कल्चर, क्यूज़ीन और आदत है। देश में खाना खाने की परंपरा की अगर बात की जाए तो, भारतीय क्यूज़ीन का इतिहास करीब 5000 साल पुराना है। भारतीय भोजन की सभ्यता, ट्रेडिशन पर आधारित है। ... सिंधु घाटी के लोग पौधे, जड़ी-बूटियों और अनाज को भोजन के रूप में इस्तेमाल करते थे।
सामग्री
1) किलो उडद दाल बिना छिलके वाली
2) 500gm गोंध
3) काजू 500gm
4) बादाम 500 gm
5) 1kg गुड़ ( स्वाद के अनुसार मीठा जादा या कम कर सकते हो)
6) इलायची पाउडर ( optional)
7) 1kg घी
8) आटा 1.5 कप
9) कोकोनट( नारियल) 1 kg
सबसे पहले सब को बारीक पीस ले उड़द की दाल को मिक्सी में फिर बादाम , काजू , गोंढ , कोकोनट को सब पिश जाने के बाद ( इलायची अगर आपको स्वाद के अनुसार डाल सकते है )
रित:
कड़ाई में घी डालें फिर उडल पिसा हुआ डाले फिर उसे अच्छे से कलछी से चलाते रहिए जलने ना दे फिर 1कप आटा डाले और अच्छे से हिलाएं और उसे लाल होने दे खुशबू आने तक अच्छे से हिलाएं और एक प्लेट में रख दे फिर उसी कड़ाई में घी गर्म करें और गुड़ को छोटे पीसेस डाले और हिलाएं गुड़ पिगलने तक हिलाएं चोटने ना दे गुड़ को फिर उस प्लेट में डाल दे जिस प्लेट में हमने भुनके रखा आटे को दोनों को अच्छे से मिक्स कर दे गर्म गर्म है हिलाते हुए मिक्स करे अच्छे से गुड़ और घी के पेस्ट को आटे में मिक्स करे फिर बादाम पाउडर, काजू पाउडर , नारियल का पाउडर , गोंढ़ के पाउडर को , और थोड़े काटे हुई बादाम अब उसे के लडू बनाते हुए बादाम अंदर रखते हुए बनाए ! और गर्म है बनाते जाए ठंडा होने पर नहीं बनेंगे गोंघ कि वजह से वह फिर नहीं बन पायेंगे ! इसे आप स्टोर कर के भी रख सकते हो .
लड्डू एक प्रकार की मिठाई है जो से कई तरह से बनाई जाती है। यह बेसन, मोतीचूर, गोंद इत्यादि कई अलग-अलग चीजों से तैयार किया जाता है। भारत के अलावा यह पाकिस्तान में भी बनाया और पसन्द किया जाता है। लड्डू सैंकड़ो प्रकार के होते हैं और बनाये जा सकते हैं। हर जगहों के लडडुओं की अलग अलग विशेषतायें होती है। प्राचीन काल में लड्डू किसी भी उत्सव में भोजन के आयोजन में विशेष प्रकार का महत्व रखता था। अनेक मंदिरों में भगवान के प्रसाद के रूप में लड्डू मिलते हैं। हर मंदिर के लड्डुओं की अलग विशेषता होती है
उम्मीद करते है कि आपको पसंद आयेगी यह रेसिपी धन्यवाद.