Kaisa ye ishq hai - 18 in Hindi Fiction Stories by Apoorva Singh books and stories PDF | कैसा ये इश्क़ है.... - (भाग 18)

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कैसा ये इश्क़ है.... - (भाग 18)





अर्पिता कुछ देर शांत रहती है जब उस लड़की की बाते खत्म हो जाती है तब अर्पिता कहती है.. माना कि आपके लिये इस बात को स्वीकार करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन आप स्वयं ही सोचिये अपनी दोस्त की ऐसी तस्वीर लेकर हम आपके पास ही क्यूं आये अगर आपके भाई ने ऐसा नही किया होता तो हमे यहाँ आने की क्या आवश्यकता पड़ गयी।हम आपके पास इसीलिये आये है क्यूंकि आप भी एक लड़की है और श्रुति की परेशानी को आप भी बेहतर तरीके से समझ सकती है।आपके लिये यकीन करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन यही सच है। और इसका बस एक छोटा सा कारण है हमने और श्रुति ने आपके भाई की मनमानी के विरूद्ध आवाज उठाई।अगर कोई गलत करेगा तो क्या हमे चुपचाप सह लेना चाहिये नही न उसका विरोध तो करना चाहिये।तो हमने और श्रुति ने वही तो किया है फिर उस बात की किसी लड़्की को इतनी बड़ी सजा क्यूं। हमारी नजर में आपके भाई एक गिरी हुई मानसिकता वाले इंसान है।हम अपनी बात को साबित भी कर सकते हैं कि ये फोटो छेड़छाड़ कर के बनायी गई है।खैर इन सब बातो का समय नही है हमारे पास हम यहाँ आपसे मदद लेने के लिये आये है।अपने भाई को सबक सिखाने में अगर आप हमारी मदद कर दे तो आपका बड़ा वाला आभार होगा। अर्पिता कहती है और चुप हो कर उसके उत्तर की प्रतीक्षा करने लगती है।




वो लड़की कुछ सोचते हुए अर्पिता से पूछती है ‘मै आपकी क्या मदद कर सकती हूँ’?


अर्पिता उसे अपना सारा प्लान समझाती है जिसे सुन वो लड़की कहती है आप ये टिट फॉर टेट वाली पॉलिसी अपना तो रही है लेकिन कही मेरे साथ कुछ गलत न हो इसकीवजह से इसका मै विश्वास कैसे कर लूं।


अर्पिता‌- नही शैव्या। हम बस आपके भाई को डरायेंगे आपका नाम लेकर बाकी आप हमारे साथ चलिये और चलकर सब कुछ अपनी आंखो से सब कुछ देखिये।जो आपके भाई ने किया है न हम वो नही दोहरायेंगे बस आपकी एक नॉर्मल सी तसवीर की एक झलक कुछ ऐसे दिखायेंगे की आपके भाई को यकीन हो जायेगा।और हमारा यकीन मानिये हमारा तरीका जरुर टेढा है लेकिन हम गलत कुछ नही करेगे।जो भी होगा वो आपकी आंखो के सामने ही होगा। अब तो आप हम पर भरोसा कर सकती हैं।


ठीक है फिर हम आपके साथ चलते हैं।शैव्या ने कहा।अर्पिता और शैव्या दोनो ही एक फोटो लेकर वहाँ से चली आती है।दोनो ऑटो से कॉलेज के मुख्य दरवाजे पर पहुंचती है।




अर्पिता ‌-शैव्या आप अपना चेहरा अपने दुपट्टे से कवर कर लिजीये आपका पहले सच्चाई जानना बेहद आवश्यक है।


शैव्या अर्पिता के निर्देश के अनुसार अपना चेहरा ढंक लेती है।दोनो कुछ दूर आगे जाकर देखती है तो गार्डन में कुछ छात्र झुंड बना कर बैठे हुए है।उन्ही के सामने श्रुति और सात्विक दोनो ही अपने कान पकड़ कर सॉरी कह रहे हैं।श्रुति की आंखो में आंसू होते है और सात्विक चुपचाप श्रुती का साथ दे रहा होता है।


रूक जाओ श्रुति चुपचाप वहीं खड़ी हो जाओ।और इन लोगो की बात तो बिल्कुल मानने की जरुरत नही है।अर्पिता ने शैव्या के साथ आते हुए श्रुति से कहा।


अर्पिता की तेज आवाज सुन कर श्रुति और सात्विक रुक जाते है।अर्पिता श्रुति के पास आती है। श्रुति अब तुम्हे डरने की जरुरत नही है।हमने कहा था न कि इनको टेढे मेढे रास्ते छोड़ कर सीधी सड़्क पर अगर न दौड़ाया तो हमारा नाम भी अर्पिता नही है तो ऐसा है मिस्टर ... एक्स वाई जेड...।अब अगर तुमने हमारी दोस्त को और ज्यादा परेशान किया न तो हम तुम्हारी ऐसी धुलाई करेंगे तुम सोच भी नही सकते।तो सीधे तरीके से वो हटा दो नही तो हम तुम्हे एसा हटायेंगे न कि तुम फिर कभी इस शहर में नजर नही आओगे।




अर्पिता की बात सुनकर श्रुति और सात्विक दोनो हैरानी से उसकी तरफ देखते हैं।लेकिन हमारी अर्पिता इस समय फुल एक्शन में होती है सो उन दोनो की तरफ ध्यान न देकर उन पांचो को डील कर रही है।अर्पिता की बात सुन कर उनका लीडर तमतमाता जाता है और अर्पिता के पास जाकर उससे धीरे से कहता है लगता है तुम्हे उस बात का सदमा लग गया है तभी ऐसी बातें कर रही हो।उसकी बात सुन अर्पिता मुस्कुराती है और उसी के अंदाज में कहती है अरे तुमने वो मुहावरा नही सुना, “ जैसे के साथ तैसा”।हम उसी फोर्मुले पर अमल करते हैं।कह वो चुप हो जाती है।और लीडर को घूरने लगती है।


मै जानता हू ये सब सिर्फ तुम्हारी कोरी धमकी है।तुम मेरा कुछ नही बिगाड़ सकती।बस युन्ही हवाई किले बना रही हो।कहते हुए लीडर हंसता है और बाकी छात्रो के पास चला जाता है।अर्पिता दो कदम आगे बढती है और फिर उस लीडर के पास पहुंचती है।और उसे सुनाते हुए धीमे से कहती है।


ठीक है तो फिर अब तुम खुद ही डिसाइड करो मेरे पास जो है वो अगर मैंने सबको दिखा दिया तो तुम्हारा क्या हाल होगा।जिस जगह आज हमारी श्रुति खड़ी है हो सकता है कि उस जगह शैव्या खड़ी हो।


शैव्या नाम सुनकर उसके चेहरे पर छाई हंसी फुर्र हो जाती है और वो सीधा एक ही प्रश्न करता है, “ तुम शैव्या को कैसे जानती हो”?


हम शैव्या को जानते भी है और पहचानते भी है।तुम्हे रोकने के लिये हमें उसे जानना पड़ा।नही तो तुम कैसे रुकते।और एक बात हम साफ साफ कहे देते हैं अब अगर तुमने कोई भी गलत हरकत करी न तो फिर हम भी वही करेंगे जो तुमने किया। फर्क इतना होगा कि इस बार निशाना तुम्हारी प्यारी बहन होगी।अच्छे से सोच विचार कर लो।और हाँ इसके अलावा भी एक और चीज ऐसी है हमारे पास जो तुम्हारे तोते उडा सकती है।कहो तो अभी दिखा देते हैं और कानपुर में बैठे हुए तुम्हारे मां बाबुजी को भिजवा देते है। अब ऐड्रेस भी बताये तुम्हारे घर का। कहो तो वो भी बता देते हैं।अर्पिता ने अपने हाथ सामने बांधते हुए उससे कहा और उसकी आंखो में आंखे डाल कर खडी हो गयी।


लीडर ने उसकी आंखो मे देखा तो उसे गुस्सा और नफरत के मिले जुले भाव नजर आते हैं। वो अर्पिता का ये रुप देख हैरान हो जाता है लेकिन फिर भी हिम्मत कर कहता है। ऐसा क्या है दिखाओ मुझे कि ऐसे ही बस बातो के पटाके छोड़ रही हो।




मतलब हद ही हो गई।इतनी बातें बता दी फिर भी यकीन नही हुआ।हम दिखा देंगे लेकिन वो क्या है न तुमने भी तो हमें वो सबके सामने नही दिखाया था थोड़ी प्राइवेसी हमारी भी रखी है तुमने अब तुम भी ये डिसाइड कर लो कि यहीं देखना है या फिर थोडा उधर... अर्पिता ने हाथ से इशारा करते हुए कहा।




अर्पिता की बात से लीडर के चेहरे पर तनाव आ जाता है।और वो बाकी सभी छात्रो से जाने वहाँ से जाने के लिये कह्ता है।और अर्पिता से दो कदम आगे बढ जाता है। अर्पिता श्रुति सात्विक और शैव्या से भी इशारे में चलने के लिये कहती है।सभी वहाँ से थोड़ी दूर आ जाते हैं। तब तक कॉलेज में प्रशांत जी आ जाते हैं।वो अपनी बाइक पार्क कर सीधा दनदनाते हुए श्रुति के क्लास रूम की ओर बढते हैं।वो क्लास रूम में जाते है और वहाँ देखते है लेकिन उन्हे श्रुति नही मिलती है।न जाने कहाँ होगी ठीक भी होगी या नही।कहते हुए प्रशांत जी वहाँ से निकल लाइब्रेरी की ओर जाते हैं वहाँ भी श्रुति नही दिखती है।


हो सकता है कॉलेज के गार्डन में हो ये सोच कर प्रशांत जी बागीचे की तरफ जाते हैं।जहाँ उनकी नजर श्रुति और अर्पिता दोनो पर पड़ती है।अर्पिता उस समय उस लीडर पर जम कर बरस रही होती है।“वो रही दोनो” कहते हुए प्रशांत जि उन दोनो की ओर बढ जाते हैं।


अर्पिता – तो मिस्टर एक्स वाइ जेड.. या कहे घटिया लोगो का लीडर्। सबसे पहले तो हमारा कारनामा नम्बर एक देखिये कहते हुए अर्पिता ने अपने फोन में सुरक्षित उस लीडर की शादी वाली फोटो उसके आगे कर दी।अर्पिता के तेवर देख कर उस लीडर के साथ साथ श्रुति सात्विक और प्रशांत जी के भी होश उड़ गये।श्रुति और सात्विक दोनो एक दूसरे की ओर देखने लगते हैं।तो अर्पिता श्रुति के कानो के पास जाकर कहती है विडीयो रिकॉर्ड करना शुरू कर दो।ये देख वो सोचते है ये कैसा कारनामा है इसका।क्या तिकड़म लगाई है इसने।


अर्पिता मुस्कुराते हुए उस लीडर से कहती है तो कहो लगा झटका।अब भी अगर तुमने हमारी बात नही मानी तो हम ये फोटो कानपुर में तुम्हारे घर भिजवा देंगे।काहे कि यहाँ तो तुम किराये पर रहते हो।यहाँ तुमसे कहने सुनने वाला कौन है।लेकिनवहाँ है।


तो अब सीधी तरह बताओ हमारी बात मानोगे या नही।हमारी श्रुति का वो फेक फोटो डिलीट करोगे या नही।अर्पिता ने सपाट स्वरों में फिर से दोहराया। जिसे सुन कर वो लीडर कुछ देर खामोश रहता है और फिर कहता है, नही मै वो फोटो डिलीट नही करुंगा तुम्हे जो करना है वो कर लो। और हाँ ये सोच रही हो कि शैव्या को लेकर तुम कि उसे मोहरा बना कर तुम मुझसे वो फोटो डिलीट करा लोगी तो तुम गलत हो...।तुम शैव्या का बस नाम ही जानती हो...ऐवें ही कुछ भी...।


अच्छा हमारे इतना कहने के बाद भी तुम्हे अब भी हमारी बात का यकीन नही है कि हम शैव्या को जानते हैं।ठीक है तो फिर हम तुम्हे उसकी एक तसवीर दिखा देते हैं।फिलहाल ये सादा वाली देख लो अगर फिर भी यकीन नही आया तो वैसी वाली भी हम दिखाने में तनिक भी नही सोचेंगे। कहते हुए अर्पिता अपने मोबाइल को उसके आगे करती है जिसमे उस लीडर की बहन की तसवीर होती है।




शैव्या की तसवीर अर्पिता के पास देख लीडर चौंक जाता है और उससे कहता है ये तसवीर तुम्हारे पास कहाँ से...? और कैसे आई..?


अर्पिता ‌- कहाँ से कैसे..? वैसे ही जैसे तुम्हारे पास श्रुति की तसवीर आई।अब अगर तुम वाकई में नही माने तो हमें मजबूरन एक भाई को उसकी बहन की कुछ ऐसी तसवीरे... ।हमे तो कहने में भी संकोच हो रहा है और तुम ऐसा कारनामा कर गुजरे। अब अगर फिर भी तुम नही माने तो हम कहे दे रहे है हमे कुछ सेकंड लगेंगे उस तसवीर को वायरल करने में।




अर्पिता ने तल्ख लहजे में कहा और उसे घूरने लगती हैं।अर्पिता की बात सुन लीडर सोचता है जब इसने इतना कुछ पता कर लिया है और मेरी शादी की ये झूठी फोटो बना कर ला सकती है तो मेरी बहन की वैसी तस... छी नही नही .. इसके लिये कोई मुश्किल काम नही है।वो अर्पिता से कहता है ठीक है मुझे मंजूर है।मै अभी हटा देता हूँ तुम प्लीज मेरी बहन के साथ कुछ गलत नही करना।मै अभी हटा रहा हूँ।




गुड्। अब आ गये लाइन पर। हटाओ.. अभी और सभी जगह से हट जानी चहिये।नही तो सोच लेना हम क्या करेंगे..।कहते हुए अर्पिता ने अपने साथ आई हुइ लड़की की तरफ देखा जिसकी आंखो में आंसू भरे हुए है।वो कुछ न कह सकने की स्थिति में खड़ी हूई है।अर्पिता उससे आंसू पोंछने के लिये इशारा करती है।और श्रुति की ओर देख उससे पूछती है तो श्रुति सब रिकॉर्ड हो गया न्।


श्रुति का गला भर आया और वो हाँ में गरद्न हिला देती है। अर्पिता उसके पास जाती है और उसे गले से लगा कहती है “पगली”।तुम बस मुस्कुराती रहा करो। काहे कि तुम मुस्कुराती हुई ही अच्छी लगती हो।और इन सब के लिये हम है न....।अगर कभी कोई प्रॉब्लम आई भी न तो इसी तरह सब मिल कर सामना करेंगे॥


लीडर अपनी गरदन नीची कर लेता है। और झुकी हुई गरद्न के साथ फोन निकाल कर खड़ा हो जाता है।


अबे डिलीट करने के लिये कहा है उसने यूं हाथ मे पकड़ कर ताकने के लिये नही।प्रशांत जी ने आते हुए उसे एक चमाट जड़ते हुए गुस्से से कहा।डिलीट करता है या नही या फिर अभी तुझे तेरी सही जगह पहुंचा दूं।कर डिलीट ...।अबे बहुत ही ढीठ हो तुम... एक बार में बात समझ नही आती है...।कहते हुए प्रशांत जी उसे एक और चांटा जड़ देते हैं..।


अर्पिता और श्रुति प्रशान्त जी को वहाँ देख एक दूसरे की ओर हैरानी से देखती है।ओह गॉड ये यहाँ अर्पिता एक दम से कहती है वहीं श्रुति के चेहरे की हवाइयां उड़ जाती है। भाई यहाँ तब तो भाई को अवश्य ही सब पता चल गया।सोच कर वो अर्पिता की ओर देखती है।अर्पिता उसे शांत रहने का इशारा करती है।




वहीं प्रशांत जी का गुस्सा चरम पर होता है।वो गुस्से मे उसे पीटते हुए उससे कहते हैं, तुम्हारे जैसे सनकी लोगो की वजह से ही लड़्किया डर डर के जीती है।और तुम्हारी हिम्मत हुई कैसे मेरे घर की दोनो लेडीज के साथ ऐसी घटिया हरकत करने की।प्रशांत .. नाम है मेरा। वैसे तो मै बंदा बड़ा कूल हूँ।मुझे आसानी से किसी पर भी गुस्सा नही आता।लेकिन जब आता है तो आसानी से नही जाता। कहते हुए प्राशांत उस लीडर का फोन छीन लेते हैं और उसे हाथ मे लेकर सारा डाटा इरेज कर देते हैं।फिर उसे फोन देकर कहते हैं हो सकता है कि तुम्हारा कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण डाटा मिट गया हो लेकिन ये तुम्हारे द्वारा की गयी गलती से बहुत छोटी है।


प्रशांत जी का गुस्सा देख अर्पिता उन्हेशांत करने के लिये आगे बढती है और प्रशान्त का हाथ रोक कहती है “सही कहा आपने प्रशांत जी”। और उनकी आंखो में देख न मे गरदन हिला देती है।लेकिन अर्पित.... इसने...।कह वो चुप हो जाते हैं और हाथ झटक कर मुन्ह फेर खड़े हो जाते है‌।


अर्पिता लीडर की ओर देख कहती है-


अगर किसी चीज या किसी बात से तुम्हे परेशानी है तो उसे सही तरीके से डील करो।उससे लड़ो झगड़ो गुस्सा कर लो लेकिन किसी के साथ गलत मत करो।और तुमने तो जरा सी बात का कितना बड़ा इश्यू बना दिया।तुम्हारी इस हरकत की वजह से तुम पर क्या मुसीबत आ सकती है तुमने सोचा भी नही।..बात अभी खत्म नही हुई है अभी तो तुम्हारी सजा बाकी है।श्रुति से माफी मांगो वो भी सबके सामने और हमारे बारे में जो भी रायता फैलाया है उसे बटोर कर साफ करो जस्ट नाउ..अर्पिता ने तेज आवाज में कहा...




लीडर – मै सब कर लूंगा लेकिन तुम पहले मेरी बहन की फोटो डिलीट कर दो प्लीज..।मै तुमसे रिक्वेस्ट करता हूँ।कहते हुए उसकी आंखो में आ जाते हैं जिन्हे देख शैव्या अपने चेहरे से हिजाब हटा कर उसके सामने आ जाती है और उससे कहती है.. भैया ! इन्होने ऐसा कुछ किया ही नही... बल्कि ये तो मेरी मदद से आपको सबक सिखाना चाहती थी...


क्या...? लीडर ने चौंकते हुए अर्पिता की ओर देख कर कहा..।




क्रमश...: