khushiyan lauti in Hindi Short Stories by Sneh Goswami books and stories PDF | खुशियाँ लौटी

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खुशियाँ लौटी

खुशियाँ लौट आई


बेशक हर तरफ उदासी बिछी पङी थी ,पर वक्त हर पल बीत रहा था । सुबह सूरज समय से उदय हो रहा था और साम को सही समय पर छिप जाता । वाणी की शादी को बारह साल बीत गए थे पर आँगन अभी तक बच्चे की किलकारियों से वंचित था . जबकि साथ की सहेलियाँ और कर्ण के वे दोस्त जिनका विवाह उनके साथ या उनकी शादी के आसपास हुआ था , सब दो दो बच्चों के माता - पिता बन चुके थे ।

शादी के शुरूआती दिनों में तो वाणी ने इतनी जल्दी माँ बनना चाहा ही नहीं . .। हमेशा लगता . यही तो समय है जब जिन्दगी को भरपूर जिया जा सकता है .एक निश्चिन्त और बेफिक्र जिन्दगी .न किसी को हंसाने की चिंता न रोते को चुप कराने की . दोनों हर रोज लॉन्ग ड्राइव पर निकल जाते और घंटों घूमने के बाद लौटते . कभी पिक्चर देखते तो कभी मौल में शॉपिंग का अंतहीन सिलसिला । दोस्तों को बच्चों में उलझते देखते तो उन पर तरस आता और अपनी जिंदगी खुशहाल लगती ।

इस सब में दो साल कैसे बीत गये ,पता ही नहीं चला । पर जल्दी ही इस सब से बोरियत होने लगी . जिन दोस्तों के साथ मौज मस्ती करते थे .वे सब अपनी गृहस्थी में मगन हो गए थे जब कभी उनके घर जाते तो उन्हें बच्चों के साथ खुश देखते लगता उनकी जिन्दगी में कहीं कुछ कमी रह गई है . कुछ ऐसा था जो उनसे छूट गया था ।
नौकरी की व्यस्तताओं में पहले कभी इस ओर ध्यान देने की जरूरत ही नहीं लगी थी . पर अब खालीपन काटने लगा तो दोनों ने फैसला किया - एक बच्चा तो होना ही चाहिए . हर कोशिश फेल होने लगी तो दोनों ने अपने डॉक्टर से कंसल्ट किया पर दोनों में कोई कमी ढूंढ ही पाई लैब की हर जांच बिलकुल सही थी । दोनों में कोई कमी नहीं .फिर भी ये सूनापन . डॉक्टर ने कहा -हो जाता है कभी कभी । जब हम लगातार गर्भनिरोघक गोलियाँ लेते रहते है ।ऊपर से तनाव है ,उसने सलाह दी - हर तनाव से खुद को मुक्त रखें . यथा सम्भव खुश रहें . कोई बच्चा गोद ले लीजिए या कोई जानवर ही पाल लीजिए ।
अगले दिन ही मिस्टर एक पामेरियन पग ले आये थे . एकदम दूध की चमकार जैसे उजले बालों वाले छोटे से प्यारे से उस जीव ने पूरे घर की उदासी मानो धो पोंछ कर बाहर निकाल दी थी . दोनों उसके लिए शापिंग के लिए निकल पड़े .
चार घंटे बाद दोनों लौटे तो बिस्तर , डॉग हॉउस, फ़ूड बॉक्स , साबुन से लेकर छोटे बड़े बैग लिफाफों से लदे फंदे थे . पड़ोसियों ने देखा तो मुंह बिचका कर कहा - बेचारे .
उन्होंने सुनकर अनसुना करते हुए आवाज दी - सुन्दर
सुन्दर दौड़ कर दरवाजे पर आया उसके भौंकने और दरवाजे पर पंजे मारने की आवाज सुन पति ने अर्थपूर्ण दृष्टि से पत्नी को देखा .दोनों के चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कुराहट उभरी .पत्नी ने दरवाजा खोल दिया .