मौसम की साज़िशें बेहतर
घर के भीतर उदास रहने से
#निविया
यह हँसते हँसाते हुए आजकल के दूल्हा दुल्हन कितने प्यारे लगते है न । जैसे चाँद के रथ पर सवार राजकुमार अपनी राजकुमारी को लेने धरती पर उतर आता है ।दोनो को खुश देखकर चाँदनी भी हर तरफ बिखर जाती है और उनके आस पास मौजूद हर शख्स के चेहरे की रंगत भी गुलाबी हो उठती है ।
कितने वादे किए जाते है ,लड़का वादा करता है उम्र भर तुमको चाहूँगा एक आँसूं भी कभी आंख से नही बहेगा।लड़की भी हाथ थाम कर वादा करती है हर राह पर तुम्हारा साथ दूँगी । तुम खुश रहो मेरी भी कोशिश रहेगी ।
दोनो के माता पिता भी प्रफुल्लित होते कि हमें बेटा/बिटिया मिल गयी । बाकी समय पर निर्भर करता है कोई कितना सच्चा झूठा साबित होगा।
भीड़ है चाट पकौड़ी के स्टाल पर , भैया जरा खट्टे पानी मे हल्का मीठा डाल कर सिर्फ एक गोलगप्पा देना।
अरे टिक्की में चटनी डाल देना दही रात में नही खानी ।
मीठे में आज क्या क्या है ।कल संगीत के समय दो ही मीठे व्यंजन थे बस ...
खड़े होकर बिरयानी के थोड़े भाग में साग का स्वाद लेते और फिर मंचूरियन के साथ अमृतसरी कुलचा खाते कब पेट भर जाता लेकिन मन नही भरता।
आखिर स्वाद के हिसाब का खाना खाना जरूरी है ।पेट का क्या कल डिटॉक्स कर लेंगे।
हाय राम , यह नितीश की वाइफ को तो देखो बैकलेस ब्लाउज
शालिनी का जॉर्जेट का लहंगा, रीता की शिफ्फोन की साड़ी , मौसम के हिसाब से कपड़े पहनने चाहिये पर इसका क्या कसूर जब दूल्हे की माँ ने खुद सफेद नेट का भारी डीप गले के ब्लाउज संग लहँगा पहना है । लड़की की माँ लाल नेट की साडीमें सर्दी में गर्मी का अहसास दिला रही है । ऐसी गॉसिप और खुसफुसाहट करते रिश्तेदार ,
चमकीले कपड़ो में फूलों की तरह महकी खिली लड़कियाँ,।मैचिंग टाई बेल्ट जुराब ओर पॉकेट स्क्वायर के साथ कोटपेन्ट मे जोश से भरपूर जवान लड़के , सिल्क की सरसराहट के साथ सिप सिप कर कॉफी पीती उनकी निगह बानी करती बुजुर्ग बुआ/मासी /ममी वाली आंखें । चाइना से बनी बनाई आयी लाल पीली या गुलाबी पगड़ी पहने हाथ मे पेग लिए , कुछ नही देखा का अभिनय करते हुए लेकिन सबकुछ देखते महसूस करते मग्न से पापा/चाचा/मामा जैसे पुरुष भी मौसम के मज़े ले रहे ।
पूल साइड फेरे है । मंडप के चारो तरफ नकली केले के पेड़ है और उसके पास गैस से जलते अलाव । लेकिन ठंड है कि सीधा चीर कर रीढ़ को चुभ रही है।न न चेहरे से नजर नहीं आ रहा होगा कि ठंड लग रही है लेकिन लग तो रही है न। कॉफ़ी के कई दौर । ब्रांडी का घूँट , रम व्हिस्की की बर्फीली गर्मी ।
शादियाँ अनंत काल तक चलती रहेगी ।सर्दियां इससे भी कड़ाके की पड़ेगी लेकिन इन स्वेटर शाल बनाने वालों के पास कोई स्ट्रैटजी नही है कि इन ठिठुरती कोमलांगी कन्याओं ओर उनकी माताओं को फैशनपरस्त बनाये रखे।
सुंदर दिखना हरेक का अधिकार है और उसके बाद उनकी तबियत का ख्याल रखना उनके पति /पिता का कर्तव्य ।
चलिये आपको कोई हल मिलें तो बताना तब तक हम एंजॉय करते है गर्मजोशी से भरी अपने अपनो की स्वादिष्ट व्यंजनों से सजी ठिठुराती शादियाँ
#नीलिमा
#seasonofwedding
#decemberwedding