Hostel Boyz (Hindi) - 11 in Hindi Comedy stories by Kamal Patadiya books and stories PDF | Hostel Boyz (Hindi) - 11

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Hostel Boyz (Hindi) - 11

प्रकरण 13 : हारिज और सावरकूंडला के जासूस


भोजन शाला के रूम में हारिज और सावरकूंडला के छात्र भी हमारे साथ रहते थे वह बहुत ही सीधे-साधे बच्चे थे। वह दोनों 9th standard में पढ़ते थे। हारिज के father भी उसके साथ रहते थे और नेटवर्क मार्केटिंग का बिजनेस करते थे। कभी-कभी हो हमको भी उसकी कंपनी की मीटिंग में साथ ले जाते थे लेकिन हमको नेटवर्क मार्केटिंग में दिलचस्पी नहीं थी इसलिए हम लोग उस पर बहुत ध्यान नहीं देते थे लेकिन प्रितला को नेटवर्क मार्केटिंग में interest आने लगा था, इसलिए वह कंपनी का products हर जगह बेचता रहता था। उसकी वजह से कभी कभी हमको भी उसकी कंपनी की products खरीदनी पड़ती थी और हम अपने relatives को भी उसकी कंपनी की products खरीदने के लिए आग्रह करते थे। लेकिन उसका मार्केटिंग का बिजनेस इतना चला नहीं, फिर क्या था प्रितला ने भी नेटवर्क बिजनेस बंद कर दिया।

सावरकुंडला का जो छात्र धा वह बहूत ही शांत, सीधा और समझदार था दोनों एक ही क्लास में पढ़ते थे इसलिए उनकी जोड़ी जम गई थी। दोनों हमारे ग्रुप के प्रति समर्पित थे। एक तरीके से कहां जाए तो वह हमारे ग्रुप के जासूस थे। हॉस्टल में नई कोई बात होती तो वह हमको आके सब कुछ बताते थे। हमारे ग्रुप की उन दोनों से काफी अच्छी tuning हो गई थी।

प्रकरण 14 : मोहब्बतें मूवी की मजा


शाहरुख खान और अमिताभ बच्चन का मूवी मोहब्बतें हमारे लिए यादगार मूवी था क्योंकि मोहब्बतें मूवी में भी गुरुकुल की बात थी और हम भी गुरुकुल में रहते थे।
सामान्य तौर पर, हमारे पास पैसे बहुत ही कम होते थे लेकिन मैं पहले से ही शाहरुख खान का फैन था इसलिए जब मोहब्बतें मूवी रिलीज हुई तो मैंने वह मूवी देखने जाने का मन बना लिया था और हमारे ग्रुप को भी समझा कर सबको मूवी देखने के लिए तैयार कर लिया।

जब मोहब्बतें मूवी देखकर हॉस्टल में वापस आए फिर मेरे सभी style शाहरुख खान जैसी हो गई थी। मोहब्बतें मूवी में गुरुकुल की बात थी इसीलिए हम सब मूवी के पात्रों से कनेक्ट हो गए थे, आदित्य चोपड़ा ने हमसे प्रेरित होकर यह मूवी बनाई थी ऐसा लगता था। वैसे भी, मेरा look शाहरुख खान जैसे लगता था। मेरे धोराजी के मित्र भी मुझे शाहरुख ही बुलाते थे। हम लोग एक दूसरे से मूवी के डायलॉग में ही बात किया करते थे। मोहब्बतें मूवी में शाहरुख खान के जैसा चश्मा, कपड़े, स्वेटर आदि सब मैंने कॉपी कर लिया था। मोहब्बत के कारण मैं अपने आपको शाहरुख खान और जयंतीबापा को अमिताभ बच्चन समझने लग गया था। मोहब्बतें मूवी के बाद मैं हॉस्टल में शाहरुख खान बनके फिरता रहता था।
मैं शाहरुख खान का फैन था और विनय सलमान खान का फैन था इसलिए हम दोनो के बीच में कभी कभी नोक-झोक होती रहती थी लेकिन वह हमारा अंदरूनी मामला था इसलिए हम लोग आपस में सुलझा लेते थे।

मोहब्बतें मूवी देखने के बाद थोड़े दिनों के लिए हमारे हॉस्टल में प्रेम और शांतिवाला वातावरण फैला हुआ था क्योंकि मोहब्बत में भी शाहरुख खान प्यार ही फैलाता था, इससे प्रेरित होकर हमने भी हॉस्टल में झगड़े बंद कर दिए और प्यार फैलाने लगे लेकिन थोड़े दिनों के बाद जब मूवी की असर खत्म हो गई तो हम लोग फिर से हमारी routine लाइफ में आ गए।

क्रमश: