The Author Singh Srishti Follow Current Read एक रात तेरी याद में..... By Singh Srishti Hindi Love Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books ચમકતી આંખો હું એક કેમિકલ પ્લાન્ટમાં કામ કરું છું, એ જ રોજીંદુ કામ. પરંત... ફરે તે ફરફરે - 34 "આપણે હંમેશા નાચકણામા કુદકણુ કેમ હોય છે ? " મારો પ્રશ્ન &nbs... પૃથ્વી પર પરલોક જવાના માર્ગ મૃત્યુ બાદ આત્મા પરલોકની સફર કરે છે અને ચિત્રગુપ્ત જે તે વ્ય... પ્રેમ સમાધિ - પ્રકરણ-120 પ્રેમ સમાધિ પ્રકરણ-120 માયા ઘવાઇ છે એ વિચારે નારણ અને સતિષ ચ... ભીતરમન - 51 હું સમયની સાથે ધીરે ધીરે મા વિનાનું જીવન જીવતો થઈ ગયો હતો! બ... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Share एक रात तेरी याद में..... (4) 1.6k 5.2k दिल लगाना शायद उतना भी आसान नहीं, किसी से इश्क़ फरमाना वो भी आज के जमाने मे तो बिल्कुल भी आसान नहीं। यहां ज़िंदगियां कब पटरी से नीचे उतार आएं और कब सपने जो अक्सर हम बड़ी जल्दी जल्दी देख लिया करतें हैं और वो भी किसी दूसरे के साथ वो कब कांच की तरह टूट कर बिखर जाएं कुछ पता नही चलता है। पता है सपने जितने बड़े और हसीन होते हैं जिन्हें अगर किसी और के साथ में देखते है वो बड़ी बेरहमी से टूटतें हैं और उनके टूटने पर जितना दर्द होता है उतना ही तेज़ शोर भी होता है मगर अफ़सोस ये शोर और दर्द सिर्फ हमारे तक ही पता चलता है और जिसकी वज़ह से ये शोर होता है उसे तो पता ही नहीं चलता है। ज़िन्दगी हर दर्द को चुपचाप सहना बड़ी सहजता से सीखा ही देती है। ख़ैर ये तो हुई ज्ञान की बाते मगर आज तो घर पर सब एक साथ बैठ कर आईपीएल का मज़ा ले रहे हैं, अंधेरे से कमरे में सिर्फ़ एक रोशनी जो है वो टीवी की ही आ रही है कमरे को दो भागों में बांट दिया गया है ये बंटवारा किसी जमीनी बंटवारे के तहत नही बल्कि आईपीएल की दो टीमों के बीच हुआ है। सोफे के एक हिस्से मे बैठे पापा और जोसेफ (छोटा भाई) जो एक एक टीम में हैं और दूसरी तरफ़ जो कि बेड मे टीना और उसकी मां बैठी है । दोनों तरफ़ भारी शर्त लगी है और मुकाबला बड़े जोरो से है हारने वाली टीम रविवार को जीतने वाली टीम के पसंद का खाना बनाकर खिलाना पड़ेगा। ख़ासकर महिलाओं की टीम की तरफ़ खुशहाली भरा माहौल नज़र आ रहा था हो भी क्यों न हार गए तो भी कोई ग़म नही जीत गए तो मौज ही मौज। पर ज़रा रुकिए ये हैप्पी फ़ैमिली अभी पूरी नही हुई है जी हां यहां एक और मोहतरमा रहती हैं जो पेशे से हाई कोर्ट की अच्छी खासी वकील हैं और इनके केवल जीत और कामयाबी के ही नहीं बल्कि गुस्से और झड़प के भी चर्चे पूरे कोर्ट मे फेमस हैं। ये आज मैच नहीं देख रहीं ।उसकी वजह कोई झगड़ा या केश नही है बल्कि कुछ और ही है। टीवी से सटे बगल वाले कमरे में वो प्रेमी की याद में तड़प रही थी, आँखों मे आँसू और दिल में मानो न जाने कौन सा उबाल उठ रहा था।उसको उसके खाए धोखे की सुध न थी बल्कि संग बिताये प्यार के चंद लम्हों के ही दृश्य दिखायी दे रहे थे।वह अंदर से पूरी तरह टूट चुकी थी और खुद को पूरी तरह से रोकने की कोशिश कर रही थी की कही उसकी सिसकियां पास में ही टीवी देख रहे घर वाले न सुन ले इस डर से उसने अपना मुँह कपडे से दबा दिया ।मानो आँखों की नदियों का बांध ही टूट गया हो और अंशुओं की धारा को आज़ादी मिल गयी हो........ वह खूब रोई बहुत तड़पी फिर मन ही मन खुद को और उस धोखेबाज़ प्रेमी को बहुत कोशने लगी।फिर शायद वही आग उस सर्द रात की हवाओं में बुझ गयी... वह उन्ही हसीन यादों को दिल में लिए रोते रोते सो गई और कब रात को मिटाती हुई अचानक सुबह हो गयी ,तो लगा यह तो हर रात की कहानी है Download Our App