Chhavi - 2 in Hindi Fiction Stories by Lakshmi books and stories PDF | छवि - भाग 2

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छवि - भाग 2

♡ अभी तक आप सब ने छवि के चारित्रिक जीवन के विषय में पढ़ा अब हम चलते हैं छवि के जीवन के उतार-चढ़ाव के बारे में जानने के के लिए :-


पूरे कॉलेज में जैसे मेला लगा हुआ हो सभी इधर-उधर जल्दी जल्दी आ जा रहे हैं कोई पार्टी हॉल को चेक कर रहा हैै कि कहीं कोई कमी तो नहीं सारे टीचर एवंं फाइनेंस स्टूडेंट्स के गिफ्ट व्यवस्थित है कि नहीं.
और छवि एक रजिस्ट्ट्टर लेकर कर प्रिंसिपल सर के रूम की तरफ भागी जा रही है अपने कपड़े और बालों को संभालते हुए ,
रजिस्टर को वेरीफाई करना बहुत जरूरी है क्योंकि इसमें सभी कार्यक्रम की सूची है एवं सम्मानित किए जाने वाले स्टूडेंट की भी.
प्रिंसिपल खन्ना Sir के रूम में पहुंचकर सर को गुड मॉर्निंग विश किया और रजिस्टर को वेरीफाई करवाया, तो सर ने उसे प्यार से बोला आराम से शिंसी गर्ल से कहीं गिर गई तो हमारे फर्श को चोट लग जाएगी प्रिंसिपल सर से प्यार से छवि को सिंसी गर्ल मतलब sensitive girl बुलाते थे .सर की बात सुनकर छवि खिलखिला कर हंस दी और सर भी हंस दिए .
छवि पहुंच गई होस्ट तनिष्का के पास जो इस पूरे कार्यक्रम को अपनी बिंदास Voice से एंकरिंग कर रही .
तनिष्का - how are you छवि Darling ?
छवि -fine .
छवि -लो रजिस्टर अबे तुम्हारे हवाले हैं.
तनिष्का - व्हाय नॉट मेरी जान ,
और दोनों फ्रेंड एक दूसरे को हग करती है फिर हंसते हुए एक दूसरे को बाय कहती हैं ,सभी कि तरह तनिष्का भी छवि को बहुत रिस्पेक्ट और प्यार देती है .
फिर छवि अपने फ्रेंड के पास जाती है पर उसे क्या पता था कि कुछ बुरी नजर उन्हें बहुत देर से घूर रही हैं,
और यह नजरें शर्लिन ,सैंडी , डिंपी की होती है जो अमीर घराने से तालुकात रखते थे और बेहद ही बिगड़ैल स्वभाव के थे. सभी का बिहेवियर सब के साथ बुरा था .
इन सभी के पिता trustee होने के कारण सभी आराम से हर जगह क्वालीफाई कर जाते थे . यह सभी छवि से जलते थे और उसे परेशान करने की कोशिश करते थे और आज उन्होंने या करने का मन बना लिया था.
पूरा कॉलेज बहुत खूबसूरत लग रहा था कॉलेज की खूबसूरत लड़कियां आज और भी खूबसूरत लग रही थी बस कार्यक्रम शुरू होने वाला ही था सभी अपनी अपनी जगह पहुंच चुके थे,
तनिकसा भी रेडी हो चुकी थी ,इस पूरे कार्यक्रम को एंकरिंग करने के लिए |
छवि अपनी फ्रेंड रश्मि और मनन के साथ अभी भी कुछ सामानों को ला रही थी ,तभी उसे कुछ याद आता है उसने अपना मोबाइल और bag क्लास रूम में ही छोड़ दिया है यह बात अपनी फ्रेंड को बताती है अरे यार मैं तो अपना बैग और मोबाइल क्लास में ही भूल गई .
रश्मि --चलो चल कर ले आते हैं |
मनन --रुको तुम लोग मैं लेकर आता हूं .
छवि तुम दोनों रुको मैं सामान लेकर आती हूं .
आप लोग बाकी का काम देखो मनन रश्मि के लाख मना करने के बावजूद अकेले चली जाती है .
और यह मौका मिल जाता है शर्लिन की गैंग को उसे परेशान करने का |
छवि जब अपना बैग लेकर लौट रही होती है तो रास्ते शर्लिन मिल जाती है उसका हालचाल पूछती है और दोनों बातें करते हुए चल रही होती है .
Actually छवि का कालेज बहुत बड़ा होता है सभी डिपार्टमेंट अलग-अलग होते हैं साइंस डिपार्टमेंटल एमबीए डिपार्टमेंट अलग.
तभी शर्लिन कहती है यार छवि मुझे कुछ काम है एमबीए डिपार्टमेंट में क्या तुम मेरे साथ चलोगी?
छवि कहती कि मैं भी चलूंगी तुम्हारे साथ और दोनों बातें करते हुए एमकॉम क्लासेस की ओर बढ़ जाती है सेकंड फ्लोर पर जाकर ,
शर्लिन कहती है कि यहां पर कुछ रजिस्टर पड़े हुए हैं जो हमें कलेक्ट करने हैं . छवि से कहती है तुम रजिस्टर उठाओ मैं भी उठाती हूं तभी शर्लिन का फोन Ring करता है ,दूसरी तरफ से सैंडी होता जो उनकी प्लानिंग होती है शर्लिन फोन पर hello, hello करती है और नेटवर्क ना होने का बहाना करती है .
और छवि से कहती है --मैं देखती हूं ,किसका फोन है यहां नेटवर्क नहीं लग रहा है .तुम Resistor उठाओ सारे.
और चली जाती है और छवि रजिस्टर निकाल रहे होती है वह छवि की नजर बचाकर Door lock कर देती है .और गार्डन की तरफ दौड़ लगा देती है .
जहां उसके दोस्त उसका इंतजार कर रहे होते हैं इशारों में वह अपने दोस्तों को बधाई देती है छवि को परेशान की प्लानिंग का कामयाब होने का .
और आराम से जाकर प्रोग्राम में शामिल हो जाते हैं.
छवि भी यहां परेशान हो रही होती है.
जोर-जोर से शर्लिन को बुलाती है पर जब वहां कोई हो तो सुने वह तो अपने फ्रेंड के साथ पार्टी हॉल की तरफ चली गई होती है.
छवि रोने को हो जाती है और क्लास के कोने में बैठ जाती है actually यह क्लास कब से अकेले में था साइड की तरफ,
इधर रश्मि और मनन परेशान हो जाते हैं कि आखिर छवि कहां गई .
रश्मि --हमने तो छवि को हर जगह ढूंढ लिया
मनन --हां पर उसका कहीं कुछ पता नहीं चल रहा है दोनों बातें कर रहे होते हैं ,
तभी वहां डिंपी आती है और बोलती है कि मैंने छवि को बाहर जाते हुए देखा है किस से बात करती हुई कि वह थोड़ी देर में वापस आ जाऊंगी ..
यह उनकी प्लानिंग का दूसरा हिस्सा होता है.
रश्मि और मनन उसकी बातों से पूरी तरह निश्चिंत तो नहीं होते फिर भी फिर भी उन्हें मन मार कर प्रोग्राम हॉल की तरफ जाना पड़ता है, क्योंकि प्रोग्राम शुरू हो गया होता है .
इधर शर्लिन बहुत खुश होती है क्यों उन्होंने छवि की दोस्तों ko भी किसी बहाने से टरका दिया .की छवि आराम से 2 दिन कॉलेज में बंद पड़ी रहे .
इधर छवि सोच रहे होती हैं कल संडे है और college 2 दिन बंद रहेगा क्यों 2 दिन इस बंद अकेले कमरे में रह पाएगी?
और वह बहुत उदास हो जाती है वह अपनी हेल्प के लिए किसी को बुला भी नहीं सकती वह सोचती है कि इस रूम में उसे भूल कर चली गई है शर्लिन..😔
पार्टी हॉल में प्रोग्राम शुरू हो चुका होता है सरस्वती वंदना भी गाए जा चुकी होती है .मगर रश्मि और मनन का मन नहीं लग रहा होता इधर माधव अपने फ्रेंड के साथ कॉलेज में आता है .
यार प्रोग्राम तो शुरू हो चुका है लगता हम काफी लेट हो चुके हैं माधव का फ्रेंड कहता है |
वे दोनों के पार्टी party hall जल्दी-जल्दी जाते हैं...........
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---क्या छवि 2 दिन के लिए उस कॉलेज रूम में बंद रहेगी जानने के लिए पढ़िए है हमारा अगला भाग जो जल्दी प्रकाशित होगा ---
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धन्यवाद......