Hostel Boyz (Hindi) - 10 in Hindi Comedy stories by Kamal Patadiya books and stories PDF | Hostel Boyz (Hindi) - 10

Featured Books
Categories
Share

Hostel Boyz (Hindi) - 10

प्रकरण 11 : भोजनशाला को अपना कमरा बनाया बाद में कन्वीनर की ऑफिस पर कब्जा


वैसे तो, हॉस्टल में हमको अच्छा कमरा मिला था लेकिन हॉस्टल में अचानक छात्रों की संख्या बढ़ जाने के कारण कन्वीनरने हमारा कमरा नये छात्रों को दे दिया था और हमको छात्रालय की भोजनशाला का कमरा रहने के लिए दे दिया था। वैसे तो, भोजनशाला का कमरा बहुत ही बडा था इसलिए हमने खुशी-खुशी उसका स्वीकार किया कर लिया लेकिन बाद में हमें पता चला कि भोजनशाला के कमरे में बहुत ही मच्छर थे। वैसे ही, राजकोट शहर में मच्छरों का त्रास होता है, उसमें भी भोजनशाला के मच्छर तो बहुत ही बड़े थे जो रात को हम पर टूट पड़ते थे। हम भी रातों के राजा थे इसलिए हम लोग मच्छरों से युद्ध लड़ते थे। भोजन शाला में पहले हॉस्टल के लोग खाना खाते थे इसलिए भोजन की गंद पूरे कमरे से आती थी। उससे हमको कोई प्रॉब्लम नहीं थी लेकिन मच्छर बहुत थे यही हमारा प्रॉब्लम था। हम लोग कछुआ छाप मच्छर अगरबत्ती जलाते थे लेकिन मच्छर भी हमारे जनरेशन के थे इसलिए वह हमको बहुत काटते थे, जैसे ही राज शाम ढलती थी मच्छरों की पूरी फौज के साथ हम लोग कबड्डी खेलते थे। कभी वह हमको आउट करते थे तो कभी हम उनको दुनिया से आउट कर देते थे।

भोजनशाला रूम बहुत ही बड़ा था इसलिए इसमें हमारे साथ ओर 3 छात्र रहते थे। एक थान का, दूसरा हारिज का और तीसरा सावरकुंडला का वतनी था। उसमें से थान का छात्र हमारी तरह ही कंप्यूटर आईटी में ग्रेजुएशन करने आया था। थान height मैं 6 फुट से ज्यादा बडा, पहाड़ी और अखाड़े का पहलवान लगता था। वैसे तो वह शांत स्वभाव का था लेकिन attitude से भरा हुआ था। भोजनशाला के साथ एक दूसरा रूम भी attach था उसमें भी 7-8 छात्र रहते थे। जब वो रात को पढ़ने बैठते थे तब हम लोग मजाक मस्ती करते थे और धमाल मचाते थे इसलिए कमरे में शोर बहुत होता था। हमारी यह धमाल मस्ती उनके लिए सजा बन गई थी इसलिए अक्सर उन लोगों से हमारा झगड़ा होता था। हालांकि, हमारा इरादा कभी भी उनको disturb करने का नहीं था। हम तो हमारी मस्ती में ही धमाल करते थे।

एक बार थान बिस्तर पर सोया हुआ था हम लोग हमारी मस्ती में मशगूल थे तभी अचानक सामने वाले रुम के लोगों के साथ हमारा झगड़ा हो गया। बात बहुत बढ़ गई और बहुत ही शोरगुल हो गया। अचानक थान नींद में से उठा और उसने ऐसी दहाड़ लगाई की सब लोग सहम गए। वातावरण में एक प्रकार का सन्नाटा छा गया। सब लोग शांत हो गए। सामने वाले रुम के लोग सब अपने रुम में चले गए। हम लोग भी शांति से बात करने लगे और थान फिर से नींद करने लगा। यह सब अचानक हो गया( हमारी कल्पना से परे) था। सब लोगों ने थान का ऐसा रूप कभी भी नहीं देखा था।
अंत में हार कर attach रूम वालों ने कन्वीनर से हमारा कमरा बदलवाने की अरजी की। हम लोग भी मच्छरों से परेशान हो गए थे इसलिए हम भी अपना कमरा change करना चाहते थे। लेकिन हॉस्टल में छात्रों की संख्या इतनी बढ़ गई थी कि कन्वीनर को कोई उपाय सूझ नहीं रहा था। तभी हम लोगों ने कन्वीनर को suggest किया कि वह अपनी ऑफिस को हमें सौंप दें। कन्वीनर साहब इतने दयालु थे कि उसने हमारे लिए अपने ऑफिस खाली कर दी और इस तरह हमारे कमरे का problem solve हुआ|

प्रकरण 12 : थान के साथ chatting में मस्ती


जब हम भोजनशाला के रूम में रहते थे तब थान अकसर net surffing और chatting के लिए cyber cafe में जाता था। थान अलग अलग website के जरिए लड़कियों के साथ chatting करता था। वह कभी कभी मुझको भी अपने साथ लेकर जाता था। अलग-अलग website के जरिए कैसे login किया जाता है और उन लड़कियों के साथ कैसे chatting करते हैं, उसने मुझे सिखाया था। जबसे थान ने मुझे chatting करना सिखाया था तबसे मेरे पैर जमीन पर ही नहीं टिकते थे, फिर तो हमारे ग्रुप वालों के साथ में भी cyber cafe में chatting करने के लिए जाने लगा। हम लोग cyber cafe में chatting करके मस्ती करते थे। कभी-कभी हम लोग लड़कियों की आईडी बनाकर लड़कों को उल्लू बनाते थे।

हमारा English बहुत ही weak था, लेकिन chatting की वजह से वह पावरफुल होता चला गया। मेरा पोस्ट ग्रेजुएशन का कोर्स इंग्लिश मीडियम में था और मैंने ग्रेजुएशन गुजराती माध्यम में complete किया था। कॉलेज में English को लेकर कभी-कभी हमें problems होती थी लेकिन net surfing की वजह से वह problems solve होती चली गई। हमको chatting की इतनी आदत हो गई थी कि हम लोग free period में कॉलेज की lab में बैठकर chatting किया करते थे।

एक बार हम लोग लड़की की आईडी से chatting कर रहे थे तभी थान की chatting की request सामने से आई। हम लोग chatting request accept करके उससे chatting करने लगे। यह सिलसिला बहुत लंबे समय तक चला फिर तो क्या था थान जैसे हि chatting करके हॉस्टल में आता तो हम लोग उसको पूछते कि आज तुमने कौन-कौन सी लड़की के साथ chatting की थी, वह भी खुश होते होते हमें सब कुछ बता देता। इसमें हमें दुगना मजा आता था क्योकि हमको तो सब कुछ पहले से ही पता होता था। इसलिए उसके जाने के बाद हम लोग उसकी खिल्लीया उड़ाया करते थे। कुछ समय बाद थान को जब हमारे कांड के बारे में पता चला तो वह हमसे नाराज हो गया और हमारे ग्रुप से उसने सारे संबंध तोड़ दिए लेकिन आज भी हम उसको अपना मित्र ही मानते हैं।

क्रमश: