अब तक प्लेन का संपर्क एटलान्टिक के उस पार हवाई यात्राओं पर नजर और नियंत्रण रखने वाले सेनेगल एतीसी के साथ स्थापित हो जाना चाहिए था. पर सेनेगल ATC भी ऐर फ्रांस फ्लाईट 447 को ट्रेक करने में विफल रहा. क्यूँ की ऐर फ्रांस का यह हवाई जहांज उसके रडार की रेंज से भी बाहर था. ऐसे यह प्लेन बिना किसी एतीसी के संपर्क के हवा में अकेला निराधार पड़ गया. समंदर के दोनों छोड़ों से फ्लाईट 447 के साथ संपर्क पुनः स्थापित करने की कोशिश लगातार होती रही. इस उम्मीद में की जैसे ही प्लेन अपने मार्ग में आगे बढ़ेगा, अगले ATC के रडार की रेंज में आ जाएगा और प्लेन के साथ फिर से संपर्क स्थापित हो जायेगा.
कुछ वक्त और गुजरा पर फ्लाईट 447 के साथ फिर से संपर्क स्थापित करने के प्रयत्न लगातार विफल होते रहे. एरोप्लेन का ओटोमेटिक कंप्यूटर सिस्टम अपने आप सेटेलाईट को प्लेन की लास्ट लोकेशन भेजने के लिए प्रोग्राम होता है. जो हर दस मिनिट पर रात्रि 1 : 40, 1 : 50, 2:00 और आखिर में 2:10 बजे तक फ्लाईट 447 का लोकेशन सेटेलाईट को भेजता रहा. काफी वक्त गुजर गया. बाद में ऐरफ़ोर्स के फाइटर प्लेन को भी ऐर फ्रांस के मार्ग पर उसके आखरी लोकेशन की जगह पर तलाशी के लिए रवाना किया गया, पूरी रात खोजबिन चलती रही. आखिर सुबह को प्लेन का पता लगा, पर कई छोटे छोटे टुकड़ों में! फ्लाईट 447 अपने सभी यात्रिओ सहित एटलान्टिक समुद्र में टूट कर बिखर चूका था. काफी बड़े इलाके में प्लेन का मलबा छितरबितर हो कर बिखरा पड़ा था. फ्लाईट 447 के कुल 12 कर्मिओं और 216 यात्रिओं सहित 228 लोगों में से कोई भी जिन्दा नहीं बचा था. काफी रहस्यमय परिस्थिति में फ्लाईट 447 क्रेश हो चुकी थी. विमान उद्यन के इतिहास में यह एक वीरल दुर्घटना थी जो किसी सुराग छोड़े या किसी प्रकार की समस्या का मेसेज छोड़े ही घटित हो चुकी थी.
पेरिस के हवाई अड्डे पर यात्रियों के रिश्तेदार आँखों में खुशियाँ भरे अपनों के लौटने की राह देख रहे थे. उन्हें एक अनाउंसमेंट के जरिये इतना ही बताया गया की ऐर फ्रांस की फ्लाईट 447 हवा में मिसिंग है! पर वे नादाँ तो थे ही नहीं जो हवा में प्लेन मिसिंग होने का मतलब न समज सके! इस मनहूस अनाउंसमेंट ने कईयों के दिल तोड़ दिए. एकदम से कई बच्चे अपना पिता खो कर अनाथ हो गए! कई पत्नियों ने अपने पति को खो दिया! कई माँबाप ने अपने लाडले बेटे बेटियों को खो दिया! सब बिलखते रह गए.
किसी को कोई अंदाजा नहीं था कि आखिर यह कैसे हो गया!! फ्लाईट 447 के साथ क्या हुआ था? इसका उत्तर ब्लेक बॉक्स ही दे सकता था.
फ्लाईट 447 के बहुत सारें टुकड़े मिले थे पर ब्लेक बॉक्स का कहीं पता नहीं था. और ब्लेक बॉक्स के बिना इस दुर्घटना से पड़दा नहीं उठने वाला था.
इस प्लेन दुर्घटना के पीछे तरह तरह की कई अटकलें लगाई जाने लगी. भिन्न भिन्न थियरी प्रस्तुत की जा रही थी. यह कार्य आतंकवादि कारस्तान होने की थियरी भी सामने आई. इस संभावना को परखने के लिए यात्रियों की सूचि पर भी नजर डाली गई. जिसमे दो नाम संदेहास्पद पाए गए. दोनों की हिस्टरी की जांच की गई. पर आखिर यह थियरी भी बेवजूद पाई गई.
*****
आखिर कार इस दुर्घटना की मिस्त्री को सोल्व करने के लिए दो जांच टीम बनाई गई. एक टीम को ब्लेक बॉक्स की तलाश सोमपी गई और दूसरी टीम ने लाशें खोज करने की जिम्मेदारी अपने सर ली.
बहुत बड़े विस्तार में हवाई जहांज का मलबा और यात्रियों की डेड बोदीज़ बिखरी पड़ी थी. हर रोज कुछ डेड बोदीज़ को धुंधधुंध कर निकाला जा रहा था. यह तलाशी अभियान कुल सोलह दिनों तक लगातार जारी रहा. ब्राज़ील क्सेत्र के समुद्र के पानी पर कई यात्रिओं की लाशें तैरती हुई पाई गई, जिसे रिकवर किया गया पर वे भी कुल 50 से ज्यादा न थी, जिन में से कईओं की पहचान करना मुश्किल था. बाकि के लोगों की लाशें, हवाई जहांज के कई हिस्से और ब्लेक बॉक्स का कहीं पता नहीं था. यह सब चीजें समंदर के मीलों गहरे पानी में कहीं लोप हो गई थी. इन्हें धुन्धने के लिए उस वक्त पर्याप्त तकनीक उपलब्ध नहीं थी. इसलिए पुरे अभियान को जारी रखने में काफी दिक्कत्तों का सामना करना पड़ रहा था. अंततः, इस खोजी अभियान में न्यूक्लियर सबमरीन की सहायता ली गई. यह सबमरीन पानी की गहराइयों में उतरकर ब्लेक बॉक्स की तलाश कर रही थी. उसे ब्लेक बॉक्स से निकलने वालें अल्ट्रा सोनिक सिग्नल की तलाश थी जो ब्लेक बॉक्स का पता बता सकते थे. यह कार्य पुरे एक साल तक चलता रहा. सात हजार भूमि क्सेत्र को खंगाला गया पर कहीं ब्लेक बॉक्स के सुराग नहीं मिले. वास्तव में इतने लम्बे वक्त तक कोई ब्लेक बॉक्स अपना स्थान बताने वाले अल्ट्रा सोनिक सिग्नल भी नहीं छोड़ते, क्यूंकि इनकी बेटरी ज्यादातर एक माह तक ही चलती है. पर फिर भी इस अभियान को जारी रखा गया, क्यूंकि ऐर फ्रांस की दुर्घटना की वजह का पता चलना जरुरी था. इससे आगे होने वाली दुर्घटनाओं को टालने में बड़ी सहायता मिल सकती थी.
हर हवाई जहांज हजारों छोटे बड़े साधनों और कलपुर्जों को मिलाकर बनाए जाते है. इसमें इस्तेमाल होने वाले हिस्सों को भी कई कारखानों में बनाए जाते है. इनमे से जिस हिस्से या साधन की खराबी के चलते ऐर फ्रांस क्रेश हुआ, वह हिस्सा या साधन अन्य कई दूसरें हवाई जहांजो में भी इस्तेमाल किया जा रहा होंगा. अगर उस साधन या हिस्सा और उसकी खराबी का पता चल जाए तो भविष्य में होने वाली अन्य दूसरें हवाई जहांजो की दुर्घटनाओं को भी टाला जा सकता है, इसी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए ऐर फ्रांस की दुर्घटना की जांच जारी रखी गई.
ऐर फ़्रांस 447 की गुत्थी को सुल्जाने की कोशिश 34 माह तक चलती रही. पर फिर भी कुछ भी हाथ नहीं लग रहा था. आखिर इस दुर्घटना के फ्रांसीसी जांचकर्ताओ ने इस अभियान को रोक देने का मन बनाया. पर इससे पहले की इस खोजी अभियान को पुर्णतः समाप्त कर दिया जाए, इसे खोजने की एक आखरी कोशिश कर लेना तै किया. अगर इस बार कुछ नहीं हाथ लगा तो फिर आगे इस कार्य को कभी भी नहीं किया जायेगा.
क्रमशः