मुकम्मल मोहब्बत -26
अंतिम किस्त
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झील से वापस आने के बाद मेरे साथ क्या हुआ. मुझे नहीं पता. लेकिन, जब मैंने आँखें खोलीं-जोशी आंटी मेरे माथे को अपने नर्म हाथों से सहला रही थी. मुझे ममा की याद आ गई. मैंने गरदन घुमा कर दरवाजे की ओर देखा -ऐनी किसी सभ्रांत आदमी से बात कर रही थी. मुझे आश्चर्य हुआ ऐनी के यहां होने पर. मैंने उठने का प्रयत्न किया. तभी जोशी आंटी स्नेह से बोलीं-"लेटे रहो.अभी डाक्टर ने तुम्हें इंजेक्शन दिया है. तुम्हें आराम की जरूरत है."
मेरी आँखें खुली देखकर ऐनी मेरे बैड पर आकर बैठ गई-"यू ओके."
"बट,मुझे हुआ क्या है. तुम यहां कैसे?"मैं असमंजस मेंं था.झील से चलते समय मैं उलझन में तो था लेकिन स्वस्थ्य था.
"अब,सब ठीक है. "ऐनी ने मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर कहा.
"ऐनी ,मैं समझ नहीं पा रहा हूँ. इस तरह सब मेरे पास कैसे बैठे हैं. मैं तो भला चंगा हूं."
"ऐनी, नील को यह अनार का जूस पिलाओ.मैं खाने में कुछ हल्का बनाती हूँ."जोशी आंटी जूस का गिलास ऐनी को थमाते हुए बोलीं.
ऐनी सहारा देकर मुझे बैठाया और जूस का गिलास मेरे होठों से लगा दिया. जूस का गिलास खाली होते ही ऐनी ने मेरे होंठ रूमाल से साफ कर दिए.
"थैक्स... बट इतना प्यार कैसे..."मैं शरारत से मुस्कुराया.
"जब तुम बीमार हो जाते हो तब मुझे तुम पर ऐसा ही प्यार आता है."ऐनी हँसी.
"हुआ क्या मुझे?मै ठीक तो हूँ."
"अब ठीक हो .लेकिन झील से वापस आने के बाद तुम्हें बहुत तेज बुखार आया. तुम्हारी आँखें भी नहीं खुल रही थीं. जोशी आंटी ने फोन किया तो मैं भागी चली आयी.इस बीच आंटी ने डाक्टर को बुलाकर दिखा लिया था-डाक्टर ने बताया शॉक लगा है.इसी से यह हालत हो गई है."
"मुझे शॉक तो लगा था.लेकिन, इस हालत मेंं पहुंचने की उम्मीद बिल्कुल नहीं थी."
"हुआ क्या था,जिससे तुम्हें शॉक लगा."ऐनी ने मेरे चेहरे की ओर देखा.
"ऐनी तुम्हें पता है. ऐनी नैनीझील में वोटिंग करते हुए अपनी लव स्टोरी लिखवा रही थी. मैंने उसका हर लफ्ज़ बैसा ही लिखा जैसा उसने बोला.अभी ऐडिट नहीं किया है. उसने अपनी एक फोटो भी दी है. लेकिन, वह चाहती है कि तुम उसकी कहानी पर सीरियल बनाओ.और सीरियल की हर किस्त स्टार्ट होने पर उसकी फैटो दिखाई जाये. मैंने उसे प्रॉमिस कर दिया है तुम ऐसा ही करोगी."
"सीरियल ही क्यूँ. फिल्म अच्छी बन जायेगी."
"उसका कहना है कि बादल को लव स्टोरी वाले सीरियल देखना बहुत पंसद हैं. दूसरे सीरियल लम्बे समय तक चलते हैं. हर किस्त में बादल उसे देख सकेगा. साथ ही उसकी मोहब्बत का इजहार भी हो जायेगा. वह अपनी मोहब्बत का पैगाम बादल तक पहुंचा देगी."
"इतनी सी बात तुम्हारी इस कंडी़शन की जिम्मेदार नहीं हो सकती "ऐनी ने कहा.
"सीरियल की बात पक्की होते ही उसने पता है क्या कहा..."
"क्या कहा?"ऐनी ने उत्सुकता से पूँछा.
"अगर बादल इस दुनियां मेंं होगा तो इस सीरियल से मेरे प्यार का पैगाम उस तक पहुंच ही जायेगा. उस दुनियां में होगा तो मैं उसे ढूंढ ही लूंगी....उस दुनियां के नाम से मुझे हँसी आ गई .मैंने लेपटॉप बंद कर जैसे ही अपना चेहरा ऊपर उठाया-मधुलिका गायब थी.लेकिन, उसके हाथ मेंं बंधा गजरा वहीं था ,जहां वह बैठी थी."
"क्या बकवास है?"ऐनी तेजी से बोली.
"मुझे भी यकीन नहीं आ रहा था. इतने दिन मैंने उसके साथ गुजारे हैं. उसका फोटो और गजरा मेरे बैग में है.वह बहुत प्यारी सी है.शायद बादल के लिए उसकी आत्मा भटक रही है."
ऐनी ने झपट कर नील का लेपटॉप का बैग उठा लिया. खोला तो उसमें मधुलिका का गजरा और उसकी फोटो थी.ऐनी ने दोनों चीजें बाहर निकाल ली.गजरा एकदम ताजा था.ऐनी और नील को ताजा गजरा देखकर आश्चर्य हुआ. उनका आश्चर्य तब दोगुना हो गया जब कमरा मोगरों के फूलों की खुशबू से महकने लगा.
"अरे, यह तो वहीं लड़की है.जो अपनी ममा के साथ इस गेस्ट रूम मे रहने आयी थी .इसका नाम मधुलिका है.इसके पापा डाक्टर गौड़ ने इस गेस्ट रूम को अपनी बेटी के लिए खरीदा था.डाक्टर देहली में रह रहे थे. फरवरी में कालेज टूर पर जाते समय पहाड़ी पर गिर कर मधुलिका की डेथ हो गई. उसकी ममा देहली चली गई. तब से गेस्ट रूम बंद पड़ा है ."ऐनी के हाथ मेंं मधुलिका की फोटो देखकर जोशी आंटी बिना रूके कहती चली गई.
अभी बातचीत चल ही रही थी कि किसी की गुनगुनाहट गूँजी-
रास्ते इस तरह आंसा हुए...
कुछ रहमतें उसकी रहीं, कुछ साथ डियर स्वीट तुम्हारा भी रहा.
सब चौंककर इधरउधर देखने लगे.
"अरे,यह तो मधुलिका की आवाज है"मैं उछल पड़ा.
मोंगरे की खुशबू कमरे से बाहर जाती महसूस हुई.
पुनः कमरे के बाहर मधुलिका का स्वर गूंजा...
आओ,यह तन बदल लेते हैं
चलो,यह जहां बदल लेते हैं
मिले न जहां जमाने के तंज
अरमानों की डोली रख लेते हैं....
"टाईटल सांग ..."ऐनी चिल्लाई.
हम लोग बाहर निकले तो गेस्ट रुम के खिड़की दरवाजे खुले थे.
मोगरों की भीनी भीनी खुशबू अब भी आ रही थी.
समाप्त..
...
Abha yadav, Advocate
632,Madhi Nath, Bareilly,U.P.243001
7088729321