Mukambal Mohabat - 25 in Hindi Fiction Stories by Abha Yadav books and stories PDF | मुकम्मल मोहब्बत - 25

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मुकम्मल मोहब्बत - 25



मुकम्मल मोहब्बत -25


मधुलिका का खिला चेहरा देखकर मेरा दिलभी खिल गया. कहना चाहता हूँ उससे-मधुलिका तुम इसी तरह खुश रहा करो.चहकती रहो.मुस्कुराती रहो.मुझे बिंदास मधुलिका चाहिए पहले की तरह उदास, रोती हुई नहीं. लेकिन कह नहीं सका.बस,उसका खूबसूरत चेहरा देख रहा हूँ. गुलाबी गाल,झील सी गहरी आँखें. गुलाब की पंखुड़ियों से होठ... लग रहा है होठों से अभी कोई तराना फूट पड़ेगा.


गुलाबी लॉग फ्राक सफेद फ्रिल वाली. गुलाबी केप.सफेद मोजे,गुलाबी जूते. क्या मैचिंग है.खूबसूरती सज संवर जाये तो कयामत न ला दे.बादल भी क्या करे बेचारा... दीवाना तो हो ही जायेगा.



"डियर, स्वीट, यह मेरी फोटो है."मधुलिका ने अपनी फोटो मेरे बैग पर रखी तो मैं देखता रह गया. जो ड्रेस इस समय पहनी है,इसी ड्रेस में फोटो है.


"अभी खींच ली."मैंने मजाक किया.


"बादल को यह ड्रेस बहुत पंसद है. इसे ही कहानी में लगाना."मधुलिका ने अपनी फ्राक पर इस तरह हाथ फेरा जैसे बादल के बदन पर उसके हाथ फिसल रहे हो.


"हां,यह ड्रेस बहुत सुदंर है.वैसे तुम्हारे ऊपर सभी ड्रेस अच्छी लगती हैं."


"बादल भी यही कहता है. तुम हर ड्रेस मेंं अच्छी लगती हो."

"सही कहता है."

"अच्छा ,एक बात बताओ. तुम्हें मेरी स्टोरी पंसद आयीं."

"बहुत अच्छी स्टोरी है."

"सच मेंं."

"हां,मैं झूठ नहीं बोलता."

"सुनो, मेरी स्टोरी किसी प्रेस मेंं छपने मत देना."

"क्यूँ ?"मैने अचकचा कर पूँछा.

"बुक पब्लिश होगी किसी लायब्रेरी के कोने में पड़ी रहेगी.कुछ कापी तुम्हारी सेल्स की शोभा बन जायेगीं. कुछ अपने दोस्तों को गिफ्ट कर दोगे."

"ऐसा क्यूं सोचती हो?"

"आजकल बुक्स पढ़ता भी कौन है .लोग मोबाईल में लगे रहते हैं."

"दम है तुम्हारी बात मेंं. किसी प्रोड्यूसर को दे देता हूँ. अच्छी फिल्म बन जायेगी."


"यह भी नहीं."

"क्यूँ?"

"फिल्म नहीं चली तोडिब्बे मेंं बंद हो जायेगी.चल भी गई तो -कुछ महीनों... कुछ थियेटरों मे....कुछ शहरों में... बस."

"अब,तुम ही बताओ.क्या करना है."मैंने हारकर कहा.


"तुम्हारी दोस्त ऐनी टीवी सीरियल भी बनाती है न."मधुलिका ने अपनी नजरें मेरे चेहरे पर टिका दी.


"हां,वह शॉर्ट फिल्म, टीवी सीरियस दोनों बनाती है."

"प्लीज डियर, स्वीट, मेरी तरफ से ऐनी से रिक्वेस्ट करना-वह मेरी इस कहानी पर टीवी सीरियस बनाये. हर ऐपीसोड़ में मेरी फोटो जरूर दिखाये. फोटो के नीचे लिखा हो मुकम्मल मोहब्बत."


"तुम्हारी फोटो फिल्म में भी लग सकती है."


"अरे,बुध्दू ,टीवी सीरियल सालों साल चलता है. पूरा हो भी जाये तो दूसरे चैनल चलाने लगते हैं."कहते हुए मधुलिका ने गहरी सांस लेकर अपनी कलाई में बंधे मोगरों के गजरे को बड़े प्यार से चूमा.


"सही कह रही हो."मैं मधुलिका की बात से सहमत था.शायद ऐनी भी मान जाये. कहानी भी सीरियल जैसी ही है.

"बादल को टीवी सीरियल बहुत पंसद हैं. लव.स्टोरी वाले सीरियल खासतौर से देखता है. इस सीरियल को जरूर देखेगा. नाम ही ऐसा है-मुकम्मल मोहब्बत.


"इस सीरियल को देखकर उसे तुम्हारी मोहब्बत के बारे में पता लग जायेगा."

डियर, स्वीट. मैं यही तो चाहती हूं."

"मैं भी यही चाहता हूं. तुम्हारा इजहार बादल तक पहुंच जाये."


"हां,इस दुनियां मेंं होगा तो सीरियल मेंं मेरी फोटो देखकर सब जान ही जायेगा. अगर उस दुनियां में हुआ तो मैं उसे वहां ढूंढ ही लूंगी....


"उस दुनियां मेंं होगा तो...."मुझे उसके आखिरी वाक्य पर हंसी आ गई.मैंने हँसते हुए लेपटॉप बंद किया और सिर उठाकर उसकी ओर देखा.


मेरा मुँह आश्चर्य से खुला रह गया. रोमांच से मेरे रोंगटे खड़े हो गए. भय से आँखें विस्फारित हो गई-वोट में मधुलिका की जगह खाली थी.वहां उसके हाथ में बंधा मोंगरे का गजरा पड़ा था.जो उसकी कुछ देर पहले की मौजूदगी दर्शा रहा था.


अब ,मैं अपने आपे में नहीं था.किसी तरह वोट को किनारे लगाने लगा.


क्रमशः