Blue star in Hindi Children Stories by SAMIR GANGULY books and stories PDF | नीला सितारा

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नीला सितारा



नई बात यह नहीं थी कि पहाड़ी पर बर्फ पड़नी शुरू हो गई थी. नई बात यह भी नहीं थी कि बच्चों के लाल-पीले कोट बाहर निकल आए थे. नई बात तो यह थी कि बच्चों की टोली खाली हाथ लौट आई थी. निराश और मुंह लटकाकर. पूरी पहाड़ी छान मारी थी पर कहीं भी नहीं मिला था क्रिसमस ट्री, जबकि क्रिसमस के तीन दिन ही बचे थे.

ऐसे में माइक ने घोषणा की, ‘‘ मैं अकेला जाऊंगा और क्रिसमस ट्री खोज कर लाऊंगा.’’

बच्चों की टोली माइक को साथ नहीं ले गई थी , सो उसका इस तरह बढ़चढ़ कर बोलना किसी को भी अच्छा नहीं लगा.

रॉबिन तो मुंह बनाकर बोला भी, ‘‘ अकेला जाएगा, तो भेड़िये तुझे चीरकर खा जाएंगे.’’

लेकिन माइक ने किसी की भी परवाह नहीं की. अपना लाल कोट थोड़ा और कसा और एक छोटी कुल्हाड़ी लेकर जंगल की ओर रवाना हो गया. तभी रूई की फांहों की तरह बर्फ पड़नी शुरू हो गई और अंधेरा सा भी छाने लगा.

वह देर तक चलता रहा. लौटते चरवाहे और लकड़हारे भी उसे राह में मिले. उसने सबसे क्रिसमस ट्री के बारे में पूछा, पर उन्हें कुछ भी मालूम नहीं था. हर कोई यही बोल रहा था कि आज तक इस जंगल में उन्होंने एक भी क्रिसमस ट्री उगा हुआ नहीं देखा. वैसे सच बात तो यह थी कि उन्हें क्रिसमस ट्री की पहचान ही नहीं थी.

माइक फिर से आगे बढ़ने लगा और घने जंगल में अंदर की तरफ घुसने लगा. चलते-चलते एक विशाल बरगद के नीचे एक बूढ़े आदमी को बैठा देख वह चौंक गया. हालांकि उस बूढ़े की दाढ़ी सन सी सफेद नहीं थी और ना ही उसने लाल लबादा पहन रखा था. फिर भी माइक को वह सांता क्लॉज जैसा लगा.

माइक को देखकर बूढ़े ने अपनी झबरी दाढ़ी पर हाथ फेरते हुए कहा, ‘‘बच्चे, आगे एक सूखा तालाब है, वहां कभी अद्द्भुत किस्म के क्रिसमस ट्री हुआ करते थे. जिनकी खोज में दूर-दूर से बच्चे यहां आया करते थे.’’

‘‘ कैसे अद्‍भुत क्रिसमस ट्री बाबा?’’ माइक ने हैरानी से पूछा.

‘‘ बच्चे उस पवित्र ट्री को घर में सजा कर रखते थे. अगर वे सच्चे दिल से भले काम करें और प्रभु यीशु के बताए रास्ते पर चले तो आधी रात के बाद कोई भी देख सकता था कि क्रिसमस ट्री पर एक बड़ा सा सितारा चमकने लगता था.’’ बूढ़े ने अपनी चीजें समेटते हुए कहा.

बूढ़े की बात से माइक का उत्साह बढ़ गया और वह तालाब की खोज में बढ़ चला

तालाब पर पहुंच कर माइक ने देखा कि वहां तो बर्फ बहुत ज़्यादा ही गिरी थी. क्या पेड़, क्या पत्थर और क्या धरती-सभी कुछ बर्फमय था. आसपास पचासों झाड़ियां थीं, पर बर्फ से ढकी होने के कारण सभी एक सी लग रही थीं.

‘‘अरे यह क्या?’’ उसने चौंक कर एक छोटी सी झाड़ी की ओर देखा. सात छोटी-छोटी चिड़ियां बर्फ पर जमी बैठी थी. उसने हाथ बढ़ाकर एक चिड़िया को उठाया. बेबस चिड़िया बर्फ की मार से अधमरी थी. उसने झटपट रूमाल निकालकर चिड़िया के शरीर से बर्फ झाड़ी और अपनी फरवाली टोपी उतार पर, उसमें उसे बैठा कर अपने दस्तानों से उसे इस तरह ढक दिया. जिससे उसे ज़्यादा से ज़्यादा गर्मी मिल सके. इसी तरह एक-एक कर उसने सातों चिड़ियों का उद्धार किया. गीली चिड़ियां अभी भी थरथरा रही थीं और उसकी तरफ बड़ी मासूमियत से देख रही थी. सो उसने आसपास से लकड़ियां और घास इकट्ठी कर आग जलायी. गीली लकड़ियों को जलाने लायक बनाने के लिए उसे अपने मोजे और बनियान जलाने पड़े. आग की गरमी से चिड़ियों की जान में जान आयी, पर अब वे चीं-चीं कर रोने लगीं और चिल्लाने लगी मानो वे कह रही हैं ‘‘ हम भूखी हैं, हमें दाना चाहिए. खाना चाहिए.’’ माइक ने कहा, ‘‘ ठीक है, मेरे साथ घर चलो. मैं ढेर सारा खाना दूंगा और इस भयंकर बर्फीली सर्दी से तुम्हारी रक्षा भी करूंगा’’.

दरअसल ये लाल-पीली चिड़ियां उसे खूब भा गयी थी. उसकी बात सुनकर सभीचिड़ियां एक साथ बोली, ‘‘ हमारा घर तो यह झाड़ी है. हम इस झाड़ी को छोड़ कर नहीं रह सकतीं.’’

‘‘ अगर ऐसा है तो मैं इस झाड़ी को भी काट कर साथ लिए चलता हूं.’’ माइक ने कहा और अपनी छोटी कुल्हाड़ी उठा कर झाड़ को काटने लगा.

बर्फ से उसके हाथ सुन्न हो गए थे और अब कुल्हाड़ी चलाने से हाथों में छाले पड़ने लगे थे. खैर उसने किसी तरह झाड़ियां काटी, फिर उन सातों चिड़ियों को हिफाजत के साथ कोट की जेब में रखकर कंधे में झाड़ी उठा घर की ओर चल दिया.

टोली के बच्चे उसे इंतजार करते मिल गए. उन्हें देखकर ही उसे याद आया कि वह क्रिसमस ट्री की खोज में गया था, लेकिन चिड़ियों के चक्कर में वही सब भूल गया.

.‘‘ अरे वाह! यह क्रिसमस ट्री तुम्हें कहां मिला माइक? हमने तो सारा जंगल छान मारा था.’’ डेविड ने चकित होते हुए पूछा.

‘‘ कैसा क्रिसमस ट्री?’’ माइक ने सोचा कि सभी लोग उसका मजाक उड़ा रहे हैं.

‘‘ ऐसा सुंदर क्रिसमस ट्री तो आज तक मैंने सपने में भी नहीं देखा.’’ एंजिला ने ललचायी आंखों को नचाते हुए कहा.

माइक ने हैरत से कंधे पर लदा पौधा नीचे उतारा तो चौंकने की बारी अब उसकी थी. इतना रस्ता चल लेने से झाड़ी की बर्फ झड़ चुकी थी. वह अनजान झाड़ी एक खूबसूरत क्रिसमस ट्री के रूप में सामने थी.

‘‘ माइक क्या हमें घर बुलाओगे, अपना क्रिसमस ट्री दिखाने?’’ डेविड ने पूछा.

माइक मित्रों के मन की बात समझ कर बोला, ‘‘ दोस्तों, यह हम सबका क्रिस्मस ट्री है. इसे मैं अपने घर में नहीं ले जाऊंगा. इसे हम चर्च में सजाएंगे और सबको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस झाड़ी पर सात चिड़ियों का बसेरा है. उनकी देख-रेख भी हम सब मिल-जुल कर ही करेंगे.’’

बस, फिर क्या था ? बच्चों की टोली पूरे जोश के साथ पहाड़ी पर बने चर्च की ओर चल पड़ी. क्रिसमस ट्री को सजाने के लिए हर बच्चा अपने घर से एक-एक प्यारा उपहार लाया और चिड़ियों के लिए खाना-दाना.

दो दिन बाद क्रिसमस के दिन जो भी चर्च में आया, सबसे पहले उसकी नजर क्रिसमस ट्री पर हर गयी. ऐसा अद्‍भुत क्रिसमस ट्री उनकी कल्पना से परे था.

सारा गांव ही चर्च की दौड़ पड़ा. चर्च पर पहुंच कर उन्होंने देखा कि क्रिसमस ट्री की सातों चिड़ियां झूम-झूम कर गा रही है. सबने देखा कि क्रिसमस ट्री के पीछे एक बड़ा सा नीला सितारा उभर आया है और उसमें से एक हंसमुख लड़के का चेहरा झांक रहा है. वह चेहरा माइक का था.

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