An unsolved riddle - 3 - last part in Hindi Horror Stories by Raushani Srivastava books and stories PDF | एक अनसुलझी पहेली - 3 - (अंतिम भाग )

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एक अनसुलझी पहेली - 3 - (अंतिम भाग )

घर के बाहर आते ही भास्कर ने तुरंत ही प्रकाश और नंदनी को कॉल किया और उन्हें अभी तक की सारी बातें बताई। उसके कॉल के तुरंत बाद ही वो दोंनों पार्टी छोड़कर घर चले आए। फिर तीनों ने बहुत साहस करके घर के अंदर जाने की हिम्मत करी।
( किसी घर में लाइट का अपने आप ऑन होना, शायद किसी electrical fault के कारण से हो, लेकिन बाथरूम में चारों तरफ खून के छीटें और बहुत ही अजीब सी परिस्थति में काम वाली बाईं के बच्चे का उनके घर में मौजूद होना और दूसरे ही पल उसका गायब हो जाना, उन तीनों के दिमाग में सवालों का तूफान खड़ा कर रहा था। )
भास्कर प्रकाश और नंदनी को साथ लेकर जब बाथरूम में खून के छीटें दिखाने ले गया, तो आर्श्चजनक रूप से वहाँ पर कुछ भी नहीं था।
रात करीबन साढ़े 10 बजे थे। तीनों इसी सोच में डूबे थे कि आज की रात इस घर में रूकना उन तीनों के लिए ठीक होगा या नहीं।। इसी बीच प्रकाश ने अपने मकान-मालिक को फॉन लगाया और उसके साथ बीती सारे घटनाएँ बताईं।
मकान-मालिक ने सारी बातें सुनने के बाद, उन्हें बताया कि "आज से 10 साल पहले, इस मकान में एक परिवार रहता था। कर्ज के बोझ में दबे होने के कारण, इस परिवार के कर्ता ने पहले अपनी बीवी, और अपने बेेटे की बेदर्दी से हत्या करी और फिर खुद फास़ी लगाकर आत्महत्या कर ली।"
ये सब जानने के बाद वहाँ रहना तो दूर उस घर में एक-एक पल गुजारना भी प्रकाश, नंदनी और भास्कर के लिए बहुत भारी पड़ रहा था। बाथरूम में खून देखने की घटना को शायद मनगड़ंत मानने के बावजूद भी, हम उसे आज से 10 साल पहले घटी घटना से जोड़ सकते हैं।
पर काम वाली बाईं के बेटे का अदभूत रूप से उनके घर में मौजूद होना और अचानक से गायब हो जाना, इसका कारण किसी के पास नहीं था।
जैसे-तैसे आज की रात प्रकाश, नंदनी और भास्कर ने उस घर में गुजारी और सुबह होने का इंतजार करने लगे, क्योंकि उन्होंनें फैसला कर लिया था कि सुबह होने के साथ ही वो इस घर को छोड़कर कहीं ओर शिफ्ट हो जाएँगें।
अगले दिन जब काम वाली बाईं उनके घर आई तो प्रकाश, नंदनी और भास्कर उसपर टूट पड़े। एक के बाद एक सवालों की बोछार करने लगे। उसके बेटे की अजीबों-गरीब हरकतों पर, उसके बेटे की मौजूदगी पर।
5 मिनटों तक स्तब्ध रहने के बाद काम वाली बाईं ने अपनी चुप्पी तोड़ी। और बस एक ही चीज कही कि उसके पास उनके सवालों का कोई जवाब नहीं हैं.......क्योंकि उसका तो कोई बेटा ही नहीं हैं।।।।।।।।।।
ये सुनकर उन तीनों की सासें थम चुकी थी। काम वाली बाईं भी मूर्ति बनी ये नजारा देख रही थी।

आज इस घटना को घटे 8 साल से भी ज्यादा का समय हो चुका है। लेकिन आज भी उस बच्चे का रहस्य, रहस्य ही बना हुआ है।

समाप्त।।



उम्मीद है कि आप सबको हमारी ये कहानी पसंद आई होगी। जल्द मिलेंगें एक नई कहानी के साथ। धन्यवाद।।