होश
तुम्हें पा लिया है l
फ़ायदा किया है ll
होश खो रहे हैं l
जाम जो पिया है ll
चैन पा लिया है l
होठो को सिया है ll
दूर तुम क्या गये ?
सब्र खो दिया है ll
साथ तेरे मेने ll
हर लम्हा जिया है ll
जिंदगी
मौत खुद आती नहीं है जिंदगी के सामने l
लो खुदा भी झुक गया है बंदगी के सामने ll
गूँजता है शोर खामोशीओ का फिजाओ मे l
पल दो पल भी टिक सके ना दिल्लगी के सामने ll
आदमी खुद बन गया है जानवर जैसा देखो l
जानवर की क्या तुलना आदमी के सामने ll
नजर
नजर भी तुम l
नज़रिया भी तुम ll
शब्द भी तुम l
ग़ज़ल भी तुम ll
साँस भी तुम l
जान भी तुम ll
रास्ता भी तुम l
राह भी तुम ll
रात भी तुम l
चांद भी तुम ll
याद भी तुम l
ख्वाब भी तुम ll
भीग ने को तैयार है l
तू बरसना शुरू कर ll
बारबार नहीं आएगे l
तू गरजना शुरू कर ll
दरिया
पीने को दरिया भी पी जाए ग़र तुम कहो तो l
खाने को ज़हर भी खा ले ग़र तुम कहो तो ll
आज कल किसी और की बाते अच्छी लगती है l
सीने को होंठ भी सी ले ग़र तुम कहो तो ll
बहुत सही बेरुखी पर अब ना सह पाएगें l
जाने को जंहा से भी चले जाए ग़र तुम कहो तो ll
याद
आज फिर यादों ने डेरा डाला है l
पीना मना है फिर भी नशे मे हूं ll
ठुकराओ के प्यार करो अब हमें l
जीना मना है फिर भी नशे मे हूं ll
हंसे हुए एक जमाना बीत गया है l
रोना मना है फिर भी नशे मे हूं ll
महफिल
यादों की मंडी लगीं है l
वादों की मंडी लगीं है ll
हुश्न की महफिल मे आज l
रागों की मंडी लगीं है ll
बड़े दिनों के बाद चाँदनी l
रातो की मंडी लगीं है ll
तन्हा तन्हा
उम्र युही गुज़र जाएगी तन्हा तन्हा l
यादो मे गुज़र जाएगी तन्हा तन्हा ll
सांसो का सफर है ये जिंदगी भी l
आँखों मे गुज़र जाएगी तन्हा तन्हा ll
वो चांदनी चौक की सुहानी यादो की l
रातों मे गुज़र जाएगी तन्हा तन्हा ll
आँख
याद लपकी है l
आँख टपकी है ll
बात खटकी है l
रात भटकी है ll
साँस छटकी है l
जान अटकी है ll
पर्दा
अपने किरदार पर डालकर पर्दा l
सब कह रहे हैं जमाना खराब है ll
खुल्ले आम घूम रहे हैं बिन पर्दा l
सब कह रहे हैं जमाना खराब है ll
अब बड़े बूढ़ों का नहीं करते पर्दा l
सब कह रहे हैं जमाना खराब है ll
फेशन के नाम फाँट दिया पर्दा l
सब कह रहे हैं जमाना खराब है ll
नया जमाना नये रूप में पर्दा l
सब कह रहे हैं जमाना खराब है ll
चांदनी
यादो को सँभाले रखा है l
वादों को सँभाले रखा है ll
चांदनी मे मस्त डूबी हुईं l
रातों को सँभाले रखा है ll
यमन, काफ़ी, कल्याणी l
रागों को सँभाले रखा है ll
तुम तक जाती हुईं सभी l
राहो को सँभाले रखा है ll
चंद गिने चुने जाने वाले l
यारो को सँभाले रखा है ll
साँस
याद क्यों बार बार आती है l
चैन छीनकर जी जलाती है ll
साँस रुक गई है हमारी, जां l
कैद है, बंधी जिंदगानी है ll
बैठ जाता है दिल ख़यालों मे l
फोन पे खबर उसकी आती है ll
जिंदगी बसर हो रही है, वो l
सुकूं के दो पल ले जाती है ll
समंदर
जीतना जी चाहे सता ले तू l
अंत मे तो बाज़ी हमारी है ll
यादो का समंदर भी छलकेगा l
दिल खुशी के मारे लो मलकेगा ll
देखना तुम्हें जब जब चाहेंगे l
राहो मे हमारी ही भटकेगा ll
गर हम ना दिखे देख लेना जां l
रात दिन दीदार को तरसेगा ll
जाम
जाम सी मुहब्बत कर तू मुजे l
यार सी मुहब्बत कर तू मुजे ll
चांदनी मे बदलो का पर्दा हटाकर l
चाँद सी मुहब्बत कर तू मुजे ll
राधा मीरा से मिलन की तड़प l
श्याम सी मुहब्बत कर तू मुजे ll
याद उसे किया जाता है जिसे भूले हो l
तुम तो मेरी रग रग मे जो समाये हो ll
कहते हैं पर्दा करके रहा करो हुस्न परी l
लो सुनो, तुम मेरी लिए कहा पराये हो ll
दस्तूर
मौका है, दस्तूर भी है l
प्यार के दो पल जी ले ll
महफ़िल मे छुप छुप के l
आँखों से जाम पी ले ll
तकाज़ा है वक्त का l
होठो को आज सी ले ll