navita ki Kalam se .. - 7 in Hindi Fiction Stories by navita books and stories PDF | नविता की कलम से... - 7 - रिश्तों का बोझ

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नविता की कलम से... - 7 - रिश्तों का बोझ

🎼🎼रिश्तों का बोझ🎼🎼

रिश्तों का बोझ कुछ ,
कम करो l
गिरी हुई दीवारों की दरारों से ,
सांस नहीं आती l
टूटे घर के मलबे में दबे पड़े हैं,
जिस्म अपने l
रूहों के जख्मों को ,
चैन से रात भर नींद नहीं आती l


ये कहानी है लवली की , जिसने अपने रिश्तो को निभाया l पर ज़िन्दगी मे अपने रिश्तो को अच्छे से निभाने के लिए , चला गया गलत राहों पर l

लवली बहुत ही हँसमुख नेचर का लड़का है l हर वक़्त सब को हँसना-हँसाना उसे अच्छा लगता है l. हर कोई उस से बात करने मे इतना ख़ुश रहता, की सब उसी के पास रुकना चाहते l लवली के परिवार मे उस के मम्मी पापा , पत्नी , एक बेटा , ३ बहने थी l

उसकी ३ बहनो की शाद्दी हो गई थी l. उन मे से २ बहने सुसराल मे अच्छी तरह से नहीं रह पा रही थी l दोनों के पति शराब पीते थे , जिस के कारण , सास ससुर सब तंग करते थे l. पति तो सुनते नहीं थे l. जिस के कारण लवली पेरशान होता था l पर कभी किसी को दिखाता नहीं था l

लवली मैडिकल का काम करता था l जो बहुत अच्छा चल रहा था l मैडिकल मे उसके चाचा पार्टनर थे l जो सारा हिसाब-किताब देखते थे l और लवली बाहर जा कर सब डॉक्टर से डीलिंग करता था l काम बहुत अच्छा था l. लवली को सब डॉक्टर बहुत अच्छी तरह से जानते थे l चाचा के हाथ मे सब फाइनेंसियल का काम था l
एक दिन चाचा ने अपने बेटे को अपने साथ मैडिकल शॉप पर रख लिया l और लवली को तीन हिसे करने को कहा l लवली ने मना कर दिया l. जिस के कारण चाचा , लवली को शॉप से अलग होने को बोलने लगे l सब फाइनेंसियल का काम चाचा जी के पास था , तो उन्हों ने सब अपने पास रख ,लवली को निकाल दिया l. अब लवली के पास कोई काम ना रहा l

वो अपने परिवार को लेकर , उस शहर को छोड़ किसी और शहर मे चला गया l सब कुछ घर , दुकान किराया पे लेकर ज़िन्दगी की शुरुवात करी l. वहां जा कर लवली ने किसी अपनों के साथ मैडिकल कंपनी मे पाटर्नर शिप कर ली l. जहा पर कैल्शियम , आयरन सब तरह की टैबलेट बनती l. लवली पहले से ही डॉक्टर और सब को जानता था , तो काम अच्छा चलने लगा l घर का खर्च निकल जाता था l

जहा उस का काम अच्छा चलने लगा था , वही घर पर उसकी पत्नी की सास -ससुर और बहनो से नहीं बनती थी l जिस के कारण घर पर सब अलग -अलग तरह ही रहते थे l फिर भी लवली ने हमेशा अपनी बहनो को संभाला , जब भी बहनो को जरूरत होती उन् के पास जाता l उन के दुःख मे हमेशा उन् के साथ रहता l उसकी बहनो को हमेशा अपनी माँ की बात ही सही लगती थी l कभी अपनी भाभी को समझा ही नहीं l. जब भी घर आती, तो वो कभी अपनी भाभी के पास जाती ही नहीं थी l. फिर भी लवली ने कभी किसी रिश्ते को नाराज़ नहीं किया था l.

एक दिन लवली की बड़ी बहन के पति हार्ट अटैक से मर गए l लवली पर एक बड़ी जिम्मेबारी आ गई l. लवली की बहन के बच्चे छोटे थे l सुसराल वाले उसे घर नहीं रख रहे थे l. और लवली के घर उसकी पत्नी के साथ नहीं बनती थी l लवली उसके सुसराल गया , पंचायत बोला कर , बहन को घर का हिसा दिलवाआ l फिर बहन को गवर्नमेंट जॉब दिलवाने के लिए , बहुत रुपए खर्च किये l

बहनो को. .., अपने घर को ..सेट करते करते , वो बहुत कर्ज़दार हो गया l घर के खर्च सब बढ़ने लगे , वो पेरशान रहने लगा l हसना ही भूल गया l हर वक़्त खर्च की टेंशन मे रहने लगा l उसने अपनी बहन को जॉब दिलवा कर किसी और शहर मे रखा l जहा वो बिलकुल अकेली थी l. कोई जाने वाला नहीं था l अपने मम्मी पापा को अपनी बहन के पास रहने को कहा , तो उन्हों ने मना कर दिया l. बहन की फ़िकर हर वक़्त रहती l

इस तरह उसने बहनो को तो , सेट कर दिया l पर खुद की ज़िन्दगी को गलत राह पर लेकर चला गया l

एक दिन ख़बर मिली की लवली को पुलिस पकड़ कर ले गई है l जे सुन सब के" पैरों तले से ज़मीन निकल गई " कि जे किया हुआ ...किसी को कुछ समझ नहीं आया l."

फिर पुलिस से बात हुई .. तो पुलिस ने बताया कि लवली ड्रग ,टैबलेट मे मिला कर , सेल कर रहा था ... " जे कैसे हो सकता है ... सब लवली के पार्टनर को मिलने गए l तो उनो ने बताया की , लवली की शॉप से टैबलेट बनाने के लिए , जितना ड्रग चाहिए होता है उस से ज्यादा मिला है ...उसके पार्टनर ने पुलिस वालो को रुपए देकर अपना नाम निकाल लिया .. सब कागज़ो पर लवली का नाम होने के कारण उसे जेल होगी l

आज तक वो जेल मे है l.
पर उसे बाहर की ज़िन्दगी से ज्यादा सकून जेल मे मिला , जहा कोई रिश्तो का बोझ नहीं है l बस टाइम पर रोटी मिल जाती है l

"पैसे की है अजब कहानी ,
जो इंसान से भरवाता पानी ,
जरूरत पूरी करने के लिए ,
सही को गलत बना कर
कर देता है हानि ,
हर इंसान भरता है इस का पानी ,
पैसे की जे किसी है अजब कहानी "