ishk wala love - part 7 in Hindi Love Stories by Sunil Gupta books and stories PDF | इश्क वाला love - भाग 7

Featured Books
Categories
Share

इश्क वाला love - भाग 7

रिया उस उम्र में पहुंच चुकी थी जहां से बिगड़ने की सबसे ज्यादा संभावना होती है मतलब अब वह 18 साल की हो गई थी।
वह बहुत खूबसूरत थी और बहुत ही प्यारी थी , इसी वजह से मालती को बहुत ज्यादा डर लगा रहता था,उसे रिया की चिन्ता रहती थी ,लेकिन बिल्कुल बेपरवाह और बिंदास रहना चाहती थी मानो उसे लड़के और लड़की का भेद ही ना पता हो ,आखिर में मालती ने रिया पर रोक-टोक लगाना शुरू कर दिया क्योकि वह जहां और जिस माहौल में रहती थी वहां का इनवायरमेंट ठीक नहीं था,
रिया के अपने घर में आते ही मालती को अपने घर के आस- पास मंडराते हुए कई सारे लड़के दिख जाते,लड़को को देख करके मालती सहम सी जाती , वो कोई बच्ची तो थी नही वो सब समझ जाती की ये लड़के उसके घर के आस पास क्यो मंडराते है ,क्योंकी उसे यहां का सब माहौल अच्छे से पता था और उन लड़को की हरकतें और नियत भी , इसीलिए वह रिया पर जरूरत से ज्यादा रोक-टोक लगाने लगी ,लेकिन रिया तो आजाद पंछी की तरह खुलकर जीने और आजाद रहना पसंद करती थी और फिर वह उस उम्र में थी जिस उम्र में लड़के और लड़कियों को रोकना टोकना बुरा लगने लगता है ।

जब मालती उसे रोकती टोकती तो वह चिल्ला पड़ती ।

मम्मी आप हमेसा मुझे ही बोलते हो दीदी को नहीं बोलते हो मैं ही आपकी नजर में बुरी हूं क्या, रोज-रोज के रोक-टोक सुनकर के रिया को गुस्सा आ गया

रिया मेरी बात सुनो बेटा ,प्रतिमा और तुम में बहुत अंतर है अब मालती कैसे बता देती कि तुम जितनी खूबसूरत तुम्हारी दीदी प्रतिमा नहीं है ।

रिया किसी की कोई परवाह नहीं करती थी और सब उसे लाड प्यार भी करते थे ,क्योंकि उस पूरे मोहल्ले में रिया से खूबसूरत कोई नहीं थी , उम्र के साथ-साथ रिया की खूबसूरती और भी बढ़ती चली गई ,उसका चेहरा और शरीर बिल्कुल बदल कर एक अलग ही शख्सियत हो गई थी कोई बचपन में देखा हुआ तृषा को पहचान ही नहीं सकता था कि यही रिया ही तृषा है

गोरे गोरे गाल , बड़ी बड़ी काली काली आंखें और गुलाब की पंखुड़ी जैसे होंठ,काले बाल जिसे वह जैसे भी रखती वह खूबसूरत लगती थी ,रिया का शरीर भी भर गया था इसीलिए जो भी रिया को एक नजर देख लेता उसकी आंखें रिया से हटती नहीं थी फिर रिया की आंखे बहुत ही खूबसूरत थी रिया की आंखों को देख कर के कोई भी खो जाए उसकी आंखों में एक अजीब सी कशिश एक अजीब सा जादू था।

मालती तो जैसे रिया को समझा समझा कर परेशान हो गई थी दुपट्टा ले लिया करो ,यह कर लिया करो ,ऐसे मत चला करो, यहां मत जाया करो ,वहां मत जाया करो, रिया रोज-रोज के यह किच किच सुनकर के झल्ला जाती थी ,
लेकिन मालती को रिया की बहुत फिक्र होती की कही उसके साथ कोई अनहोनी न हो जाये और इसीलिए न तो उसका रोकना टोकना बंद हुआ न ही रिया का अल्हड़पन खत्म हुआ ।

धीरे-धीरे रिया के व्यवहार में परिवर्तन आने लगा ,और वह थोड़ी सी अकडू और घमंडी होने लगी और साथ ही साथ बतमीज भी अगर आसान भाषा में कहे तो रिया को अपनी खूबसूरती पर नाज होने लगा था और वह अपने आप को सबसे अच्छा मानने लगी ,वह अपनी फेबिरट थी ,क्योंकि सब उसे पसंद करते थे और उसके जैसी पूरे मोहल्ले में कोई नहीं थी वह अपने तरीके और अपनी शर्तो पर जीना चाहती थी लेकिन अपनी मम्मी के चलते वह ऐसा कुछ नहीं कर पा रही थी

डर नाम की चीज का तो रिया से दूर दूर तक वास्ता नही था चाहे लड़की हो या लड़का अगर उससे उलझा तो रिया उसे पकड़कर पीट देती ,उसका पहनावा उसका एट्टीट्यूट बिल्कुल लड़को जैसा था , उसे लड़कियों के जैसे रहना नही अच्छा लगता था मुहल्ले के दबंग लड़कियों में उसकी गिनती होने लगी। रोज कोई ना कोई रिया कि शिकायत लेकर के मालती के घर पर जरूर आता था।

मंगल और मालती रिया की हरकतों से परेसान हो चुके थे और समझा समझा कर थक गए थे लेकिन रिया तो अपने आप में मस्त बेपरवाह किसी आजाद परिंदे की तरह घूमती थी और उसे ऐसे ही रहना पसंद था।

रिया की खूबसूरती देखकर के मोहल्ले के कई सारे लड़के उसके आगे पीछे मंडराते थे, लेकिन रिया की खासियत ये थी कि उसे इसन सब मे कोई इंटरेस्ट नही था ,
एक दिन रिया उसके अपने स्कूल जा रही थी तभी एक लड़का उसके सामने आ गया
रिया ने अपनी आंखें सिकोड़ी और गुर्राकर पूछा क्या है सामने क्यों आकर खड़ा हो गया
मुझे आपसे कुछ कहना है। उस लड़के ने कहा
क्या कहना है जल्दी बोल मुझे स्कूल के लिए देर हो रहा है। रिया ने कहा
मैं रोज आपको स्कूल से आते जाते देखता रहता हूं उस लड़के ने मुस्कुराते हुए कहा
हा तो भगवान ने इतनी बड़ी बड़ी आंखें दी है तो देखने के लिए दी है ,इस बात पर क्यों खीसे निपोर रहा रहा है अगर ज्यादा प्रॉब्लम हो मुझसे तो जब मैं निकला करूं तो आंखें बंद कर लिया कर ,नहीं दिखूंगी। रिया ने भन्ना कर कहा

अरे मेरा मतलब वह नहीं था,मेरा मतलब था कि आपको मैं देखता हूं तो मुझे अच्छा लगता है। लड़के ने सकपका कर कहा

तो ठीक है देखता रह ,जा मजे कर तू भी क्या याद रखेगा की किसी दिलदार से पाला पड़ा है ,अब रास्ता छोड़ो स्कूल जाना है। रिया ने कहा

रिया पहले मेरी पूरी बात सुन लो फिर चली जाना प्लीज । उस लड़के ने रिक्वेस्ट की
जल्दी बता मेरे पास टाइम नहीं है। रिया ने बोर होते हुए कहा

दरअसल बात यह है कि मैं आपको पसंद करता हूं उस लड़के ने शर्माते हुए कहा

ओ हो हो हो हो ,अच्छा ,अच्छा, अच्छा यह बात है तूने पहले क्यों नहीं बताया ,तू मुझे पसंद करता है । रिया ने उसकी आंखों में आंखें डालते हुए कहा

तुम सुनती कहा हो ,फिर कभी हिम्मत नही पड़ी की कही गुस्सा न हो जाओ ,लेकिन कसम से रिया मैं तुम्हे बहुत बहुत पसंद करता हूँ । लड़के ने कहा
अच्छा तो तुम मेरे मजनू हो ,सॉरी सॉरी बोलो बोलो तुम मुझे पसंद करते हो आगे क्या ? रिया ने ऐसा सो किया जैसे उसे मजा आ रहा है
हां बहुत ज्यादा मैं तुमसे प्यार करने लगा हूं तुम्हारी इन नशीली आंखों में जबसे देखा है तब से उसी में खो कर रह गया हूं उस लड़के ने खुश होते हुए कहा उसे लगा कि रिया भी उसकी बाते पसंद कर रही है

अच्छा इसका मतलब जब पहली बार ही देखा होगा तभी प्यार हो गया होगा मुझसे, मेरी इन आंखों में तुम डूब गए होगे, है ना? रिया ने अपनी आंख झपका कर पूछा

हां हां तुम्हें कैसे मालूम उस लड़के ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा

मैं रात में तुम्हारे सपनों में आती रही हूँगी , तुम्हारी नींद भी उड़ गई होगी , जब तक तुम मुझे देख नहीं लेते होगे तो तुम्हें चैन नहीं मिलता होगा ऐसा ही कुछ है ना । रिया ने कहा

अरे हां बिल्कुल ऐसे होता है लेकिन यह सब तुम्हें कैसे पता वह लड़का आश्चर्य के सागर में गोते लगा रहा था।
मैं ना त्रिकालदर्शी हु भूत भविष्य बर्तमान मुझे सब पता है जैसे की तुम्हारा भविष्य । रिया ने कहा
वैसे आपका नाम क्या है ? रिया ने मुस्कुरा कर पूछा
मेरा नाम कुणाल है
हां तो कुणाल जी खाली हाथ आए हो मुझे प्रपोज करने कुछ लाये नहीं हो ? कहते हैं जब पहली बार अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जाओ तो उसे कुछ देना चाहिए तो तुम खाली हाथ आ गए मुझे गर्लफ्रेंड बनाने ,जेब मे पैसे नही है कगले हो ,कि भूल गये या मेरे लायक कुछ मिला नही । रिया ने पूछा
नहीं, लाया हूं ना। वह लड़का खुश होते हुए बोला

अरे वाह ये होता है सच्चा प्रेमी ,तो फिर देर क्यों कर रहे हो जो लाये हो दीजिए ना अपनी प्रेमिका को । रिया ने कहा

नहीं पहले आप अपनी आंखें बंद कीजिए । वह लड़का बोला

आंखें बंद करवाने की जरूरत नहीं है मैं तुम्हें थोड़ी देर बर्दाश्त कर लूंगी , तुम टेंशन मत लो तुम जो लाये हो ऐसे ही निकाल लो मैं भी तो देखूं क्या लेकर आए हो। रिया ने कहा

लड़का घुटनों के बल बैठ गया और उसने अपनी पिछली जेब से गुलाब का फूल निकाला और फिल्मी स्टाइल में रिया को देते हुए बोला आई लव यू रिया

अच्छा अच्छा यह गुलाब का फूल ,एक फूल(बेवकूप) लेकर आया है क्या बात है इससे तो मैं पक्का तुम्हारी प्रेमिका मासूका प्रेयसी ,गर्लफ्रेंड बन जाऊंगी ।रिया ने तंज से फूल लेते हुए कहा

बस हो गया कि कुछ और कहना है ,अगर कुछ और बोलना है तो वह भी कह लो दिल में कोई भी अरमान बाकी मत रखो आज जैसा मौका फिर नही मिलेगा या तुम इस लायक ही न बचो की किसी से कुछ कह पाओ , इसलिए आज जो भी दिल मे है सब बोल दो , आखिर में तुम मेरे होने वाले वो हो , रिया ने झूठ मूठ का सरमा और मुस्कुरा कर कहा

नहीं नही बस अब तो तुम भी मुझे आई लव यू बोल दो यही इच्छा है ।वह लड़का खुश होता हुआ बोला

ऐसे नहीं तुम मेरे पास आ जाओ , मैं तुम्हारे कान में आई लव यू बोलूंगी । रिया ने दूर खड़े हुए लड़के को अपने पास बुलाया

लड़का थोड़ा सा आगे बढ़ कर के रिया के सामने खड़ा हो गया

थोड़ा और पास आओ ना । रिया ने मुस्कुरा कर कहा
लड़का थोड़ा सा और आ गया
बस थोड़ा सा और पास ।रिया ने फिर से कहा

लड़का मुस्कुरा कर रिया के बिल्कुल करीब आ गया
रिया ने उसके गले में अपने दोनों हाथों की माला डाल दी और उसकी आँखों मे देखने लगी वह मुस्कुरा रही थी अचानक उसके चेहरे के भाव बदले और मुस्कुराहट की जगह गुस्सा दिखने लगा उसने अपना पैर उठाया और पैर के घुटने से उसकी जांघों के बीच में जोर से जड़ दिया

उस लड़के की तो जैसे जान निकल गई वह तेज चीख के साथ झुक गया उसे रिया से ऐसी उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी वह दर्द से तड़फ गया

साले अपनी शक्ल देखी है आईने में चिलगोजे सा लगता है और तुम मुझे प्रपोज कर रहा है आइंदा से अगर मेरी तरफ देख भी लिया तो तेरी आंखें निकाल कर के गोटी खेलूंगी तू अभी मुझे जानता नहीं है ,और क्या बोला साले आई लव यू तुझे बोलूंगी
आइंदा से मेरे आस-पास भी दिख गया ना तो मार मार कर तेरा भूत बना दूंगी ,मैं आती दिख जाऊ तो आधा किलो मीटर दूर हो जाना मुझसे वरना तेरे सर से आशिकी का सारा भूत उतार दूंगी ।रिया फट पड़ी उसकी आंखें गुस्से से जल सी गयी
लड़के को अचानक से कुछ समझ मे नही आया वह तो अभी भी दर्द से कराह रहा था
रिया ने अपने पैरों से दो-तीन किक उस लड़के के पिछवाड़े पर दिया और वह लड़का किसी तरीके से रिया से जान बचाकर सरपट भागा

रिया ने अपने बालों को झटका और बड़बड़ाते हुए आगे बढ़ गई साला सुबह सुबह मूड खराब कर दिया खामखा पिटने आ गया था मुझसे ,उसको बहुत तेज का गुस्सा आ रहा था गुस्से से उसकी गोरी शक्ल लाल हो गई थी उसने अपने बालों का हाथ मारा और अपने स्कूल जाने लगी।

शाम को जब वह स्कूल से लौटी तो आते ही मालती से बोली मम्मी मुझे पैसे दो मुझे बाजार जाना है बाजार से एक ड्रेस खरीदना है।

अरे इतनी सारी ड्रेस तो है कोई सा भी पहन लो अब ड्रेस लेने की क्या जरूरत पड़ गई है। मालती ने कहा

अब मैं वह सब नहीं पहनूंगी वह सब पुरानी हो गयी है अब मुझे नई चाहिए आज मैंने देखा है एक लड़की पहने हुए थी ।रिया ने कहा

कैसा ड्रेस है ,क्या है,ऐसी कौन सी खासियत है उसमें ,इतनी सारी ड्रेस पडी हुई हैं वो तो तुझे पहनना नही है उसमें एसी कौन सी खासियत है कि तुम्हें वही लेना है। मालती ने रिया को डांटा

जब लेकर आऊंगी तब देख लेना ,अभी आप मुझे पैसे दो मेरी सारी सहेलियां जा रही है बाजार मैं भी जा रही हूं और ड्रेस लेकर के आऊंगी। रिया ने कहा

मेरे पास पैसे नहीं है शाम को आएंगे तेरे पापा उन्ही से मांग लेना मालती ने झल्ला कर कहा
और हां अब बड़ी होने लगी है अब थोड़ा सा सलीके से रहना सीख ले इस तरह से चलना इस तरह से उठना बैठना बंद कर दे ऐसा कोई लड़की के लक्षण तो तुझ में है ही नहीं । पता नहीं कभी तुझे लड़कियों जैसे सजते सवारते देखा ही नहीं मैंने, बस जब देखो तुम मस्ती मजाक मारधाड़ यही तुझे सूझता है बंदरो की तरह उछल कूद करने में तेज है बस , मत भूल की तू लड़की है, भगवान ने तुझे लड़का बनाते बनाते लड़की बना दिया । मालती ने रिया को अच्छे से सुनाया

मम्मी मुझे पैसे दो ना मुझे ड्रेस खरीदनी है रिया ने चिल्लाकर कहा
अरे कैसी ड्रेस है जरा मुझे भी तो बता ऐसी कौन सी ड्रेस है जो तुझे अभी और इसी वक्त खरीदनी है मालती ने पूछा
मम्मी जींस का पैंट है और काले कलर की ड्रेस है जो कंधे से खुली हुई है बहुत खूबसूरत लग रही थी मम्मी प्लीज प्लीज पैसे दे दो मुझे वह खरीदनी है । रिया ने मालती को मस्का लगाते हुए कहा
हाय राम अब तू जींस का पैंट पहनेगी मालती ने आश्चर्य चकित होकर कहा
और क्या बता रही है कंधे से खुली हुई है पागल वागल हो गई है क्या ? एक तो वैसे ही घर के सामने इतने सारे छोरे मंडराते रहते हैं और उस पर तू जींस का पैंट पहनकर घूमेगी तेरा दिमाग ठिकाने है ना ? क्यो हमारा जीना हराम कर रही है रिया अब तू बड़ी हो गयी बच्ची नही है थोड़ी सी तो समझदारी दिखा ।मालती ने सहम कर कहा
हां तो मंडराते है तो मंडराते रहने दो कोई मैने उन्हें थोड़े न कह है की मेरे पीछे पीछे घूमो और फिर क्या पता मुझ जैसी अच्छी लड़की उन्होंने कभी देखी नहीं हो तो उसमें मेरी क्या गलती है ,अब उन के चक्कर में मैं अपने पसंद के कपड़े भी पहनना भूल जाऊं क्या ? मेरी जो मर्जी होगी सो पहनूंगी । रिया ने नाक भौं सिकोड़ कर कहा
मैं ना दे रही एक धेला भी और यह तेरी फालतू के कपड़े लाने के लिए तो बिल्कुल भी नहीं दे रही अगर तू सलवार सूट का कहती तो एक बार सोच कर दे भी देती लेकिन इस तरह के और तेरे छोटे छोटे कपड़ों के लिए मेरे पास पैसे नहीं है अपने पापा से मांगना ।मालती ने गुस्से से कहा

आप रहने दो मैं अरेंजमेंट कर लूंगी आप अपने पास ही सारे पैसे रखे रहो ,मुझे नहीं चाहिए आपके पैसे ,और अब ना पापा से माँगूँगी न आप से ।रिया ने पैर पटक कर गुस्से से कहा

अरे सुन तो अब जा कहां रही है आ जा थोड़ी मेरी मदद करवा दे आज मेरे पैरों में दर्द हो रहा है। मालती ने रिया को बुलाया

मैं कुछ नहीं करवा रही जब मुझे आप पैसे नहीं दोगे तो मैं आपका कोई काम भी नहीं करूंगी दीदी को बुला लो वही करेंगी वैसे भी वही आप की लाडली हैं । रिया ने गुस्से से कहा और पैर पटकती हुई और छत पर चली गई।

उसके जाने के बाद मालती बड़बड़ाने लगी
जैसे ही वह छत पर पहुंचने वाली थी तभी उसने देखा की प्रतिमा किसी को देख रही थी और इशारों में कुछ बातें कर रही थी
रिया को बड़ा आश्चर्य हुआ वह वही दरवाजे की ओट में छुप गई और छुपकर प्रतिमा की हरकतें देखने लगी।

प्रतिमा किसी से इशारों में बात कर रही थी और मुस्कुरा रही थी रिया ने पहले प्रतिमा को देखा और फिर उस और देखना शुरू कर दिया जिस और प्रतिमा देख रही थी

प्रतिमा बगल के छत पर खड़ी हुई एक लड़की से चुपके चुपके बात कर रही थी
रिया चुप करके दोनों की बातें सुनने लगी

देख मैं तुझे बता रही हूं वह कितनी स्टाइल से खड़ा होता है,कितना हैंडसम लगता है यार मैं तो देख देख कर ही उसके ऊपर फिदा हो जाती हूं।प्रतिमा की सहेली नगमा ने कहा

देख नगमा तुझे पता है मैं उसे पसंद करती हूं तो तू बीच में मत पड तभी अच्छा है क्योकि मैं बहुत पहले से ही उससे प्यार करती हूँ। प्रतिमा ने कहा

ऐसा कुछ नही है वो मुझसे प्यार करता है उस दिन मुझसे बात भी की थी उसने अच्छा होगा कि बीच में तू मत पड़ ।नगमा ने कहा
ऐसे कैसे ना पडू ,जब भी मैं छत पर आती हूं वह बाहर निकल कर आ जाता है, फिर तू कैसे कह रही है कि वह तुझे पसंद करती है वह मुझे पसंद करता है जब भी देखो मेरी तरफ देखता ही रहता है अभी भी बार-बार नजर घुमाकर के मेरी तरफ ही देख रहा है ,चाहे देखले प्रतिमा ने अपने हाथ की अंगुली सामने के बिल्डिंग की तरफ किया

रिया की आंखें प्रतिमा के हाथों के साथ-साथ चलती हुई सामने बिल्डिंग की तरफ गई

रिया ने देखा सामने बिल्डिंग पर 1 लगभग 20 या 22 साल का लड़का जो शक्ल सूरत से काफी खूबसूरत लग रहा था काले कलर की जींस की पेंट और नीले कलर का शर्ट पहन कर खड़ा हुआ था,
उसने अपना बाया पैर उठाकर मुंडेर पर रख रखा था और अपने घुटनों पर अपनी हाथ की कोहनी टिका करके स्टाइल से खड़ा हुआ था उसने अपने शर्ट के बाहों को अपने कोहनी तक मोड रखा था हाथों में घड़ी पहन रखा था आंखों पर काला चश्मा और होठों के बीच में दबी थी सिगरेट जिसमें से वह सिगरेट के कस ले रहा था।
रिया को उसके सिगरेट के अलावा कुछ नहीं दिखा ना तो उसकी स्टाइल ना ही उसका लुक और ना ही उसके कपड़े उसके होंठों के बीच में दबी हुई सिगरेट रिया को भड़काने के लिए काफी था क्योंकि रिया सिगरेट से और सिगरेट पीने वालों से सख्त नफरत करती थी।
अच्छा तो यह दोनों इस सुट्टे बाज के बारे में बात कर रही हैं देखो कमीना सिगरेट तो ऐसे पी रहा है जैसे सिगरेट ना हो उसकी महबूबा हो ।रिया मुह बना कर बड़बड़ाई
यह लोग सिगरेट पीते ही क्यों हैं इनको अपनी जिंदगी से प्यार नहीं होता है क्या अगर यह समझते हैं कि सिगरेट पीते हुए देखकर उनकी लड़कियां इंप्रेस हो जाती हैं तो माय फुट, रिया ने अपना मुंह बिचकाया
ऐसा तो कुछ खास है नही है सकल सूरत ठीक है थोड़ी ,लेकिन इतना भी नही जैसे दीदी मर रही है यह दुनिया का यह आखिरी लड़का हो तब तब भी मैं इस से बात नहीं करूं और देखो दीदी उसके लिए मरी जा रही हैं
रुको मैं अभी बताती हूं दीदी को । रिया को तेज का गुस्सा आया वह दरवाजे की ओट से निकल कर के प्रतिमा के पास पहुंच गई

क्रमसः

वक्त का ये परिंदा कहा था रुका , मैं था पागल जो इसको बुलाता रहा
क्या से क्या हो गया पर मिला ना सुकून ,साथ गुजरे जो पल वो याद आता रहा
साथ रहते थे बचपन मे देखते भर नजर ,साथ खाते थे जो कुछ था मिलता हमे
अब तो यादे ही रह गयी बची साथ मे ,जो रुलाती कभी कभी हँसाता रहा