यह कथा में एक ऐसे इंसान पर लिखना जा रहा हूं जो मेरे दिल के करीब नहीं ब्लकि मेरा आधा दिल हे! जब मैं 9th कक्षा मैं था तब वह नयी ल़डकि आयी और हम दोस्त एक दूसरे से बात करने लगे कि लो वापस कोई और नया विद्यार्थि आ गया वह दिन बीत गया अगले दिन मेरे सबसे करीबी दोस्त ने मुझसे कहा कि भाई तू उससे जाके बात कर क्युकी उसको दर लग रहा था कि कहीं नयी ल़डकि शायद सबसे बात ना करती हो
तो मे गया उससे बात करने और हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए फिर रोज बातें होनी शुरू हो गई घंटों ऑनलाइन रहते थे हम दोनों फिर थोड़े दिनों बाद मुझे वो पसंद आने लगी थी इसलिए मैने मन मे तय कर लिया था कि मे अपने प्यार का इजहार बहोत जल्द करूंगा फिर मेरी जिंदगी में एक अलग सा मोड़ आया जिस दिन मे अपने प्यार का इजहार करने जाने वाला था उसने मुझे कहा की उससे मेरा वही करीबी दोस्त पसंद आ गया
मैने उससे कहा की वाह तुम दोनों साथ में सुन्दर दिखाई दोगे
उनका रिश्ता बस थोड़े दिनों तक चला जिसमें गलती मेरे दोस्त की थी वह यह रिश्ता बस मजाक में ले रहा था जिस दिन उन दोनों का ब्रेकउप हुआ उस दिन वहां मेरे पास आकर बहोत रो रही थी उस दिन मैने उसे कहा रोमा बंद करो और मेरी बात सुनो जो हुआ हम उसे बदल नहीं सकते पर आज से कभी भी तुम्हें मेरा काम हो तुम बिना हिचकिचाहट के मुजे बता सकती हो ! उस दिन से हमार रिश्ता शुरू हुआ वो रात तक कि गयी लंबी बातें पूरा दिन उस के बारें में सोचना बहोत ही खूब लगता था 2 महीने बाद 1 और मोड़ आया मेरी जिंदगी में उसका फोन
आया मुजे और वह कह रही थी देखो तुम बहुत अच्छी हो पर उससे कोई और पसंद आ गया है उस रात को मे बहुत रोया वह जीवन की सबसे मुश्किल रात थी इसके बाद से बातें होनी काम हो गई थी हमारे बीच वह मेरी ही कक्षा मे थी उसके बावजूद भी बात नहीं होती थी 6 महीने बाद 1 दिन उसका फोन आया कि थोड़ी देर वीडियो 📞 पर आओ तुम्हें कुछ बताना है वहाँ उसने मुझे कहा कि कहीं दिनों से उसकी तबीयत ठीक नहीं रह रही थी तो वह डॉक्टर के पास गयी डॉक्टर ने कहा अगर आप और देर कर देते आने मे तो ना जाने क्या होता वह अभी 7 महीने की दावा का कोर्स कर रही हे और तभी से हमारी बातें वापस होनी शुरू हो गई सब बातों को भुलाकर abhi हम दोनों सबसे अच्छे दोस्त हे अखिर मे मे यह कहना चाहता हूं कि जो भी व्यक्ती यह पद रहा हे वह उसके लिए दुआ करे और यह सबहोने के बाद 1 शायरी लिखी थी मेने की
उनसे रिश्ता टूटने के बाद
मेरी जिंदगी में बस एक ही चीज अच्छी हुई
मेरे दिल को ये तसली हो गई
कि प्यार औऱ इश्क़ नाम की चीज नहीं होती
Tarang