Peacock -11 last part in Hindi Fiction Stories by Swati books and stories PDF | Peacock -11 ((अंतिम भाग)

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Peacock -11 ((अंतिम भाग)

देखते-देखते दो साल बीत गए । फिर वो दिन आ ही गया, जब पीहू वापिस पूरी तरह ठीक हो अपने देश लौट आई और एयरपोर्ट पर सोनू खड़ा उसका इंतज़ार कर रहा था । इंतज़ार करते-करते समय बीत रहा था और सोनू लगातार पीहू को देखने के लिए बेचैन हो रहा था, मगर पीहू नहीं आई, सोनू मायूस होकर सीधे उसके घर पहुंच गया। और घर पहुँचते ही "पीहू पीहू" पुकारने लगा । "अरे !! सोनू क्यों चिल्ला रहा हैं ? "नानी रसोई से निकलकर बोली । "नानी पीहू को लेने एयरपोर्ट गया था, पर वह तो अमेरिका से वापिस ही नहीं आई । कहीं उसका आना टल तो नहीं गया हैं ?" सोनू ने पूछा। "नहीं उसकी फ्लाइट सुबह की हो गयी थीं, वह एयरपोर्ट से सीधे आरव से मिलने चली गई । वो तुझे बताना भूल गयी होगी और तू दोपहर को उसे लेने पहुंच गया पहुंच गया । थोड़ी देर रुक जा, पीहू आने वाली होगी । मैंने आज उसका मनपसंद खाना बनाया हैं, तू भी खाकर जाना ।" नानी यह कहकर फिर रसोई में चली गई । मगर सोनू यह सुनकर की पीहू सीधे आरव से मिलने चली गई, वहाँ खड़ा नहीं रह सका । और चुपचाप चला गया ।

दो सालों में उसने भी तरक्की कर ली हैं । उसका अपना गाड़ियों का शोरूम है । वह अपने शोरूम में बैठा सोचने लगा कि "कम से कम पीहू को उसे बताना तो चाहिए था कि उसकी फ्लाइट का टाइम चेंज हो गया हैं ।और तो और वह सीधे आरव से मिलने चली गई , भला यह भी कोई बात हुई । आज वो आरव मुझसे से भी ज़्यादा ज़रूरी हो गया हैं । सोनू को लगा कि उसे आरव से जलन हो रही हैं । आख़िर क्यों आज से पहले तो उसने कभी कुछ ऐसा महसूस नहीं किया ।"

वहाँ आरव ने पीहू को बिलकुल ठीक अपने पैरो पर खड़ा देखा तो उसे बहुत ख़ुशी हुई । अब पीहू का आत्मविश्वास उसके चेहरे से झलक रहा था । पीहू अब एक मशहूर नृत्यांगना बन चुकी थीं । सब लोग उसकी कहानी जनाना चाहते थें । आरव भी काफ़ी समय से दिल्ली में सेटल है, उसका भी नाम हो चुका हैं । वह सभी को डांस सिखाता हैं । दूर देश से आये विकलांग बच्चों को डांस सिखाकर वह कितनो की ज़िन्दगी बदल चुका हैं । उसे आज भी रिदा याद है, पर अब एक खूबसूरत याद बनकर । उसने पालमपुर में उसके नाम से एक डांस स्कूल भी खोल लिया हैं । "मुझे अच्छा लग रहा है कि आप ज़िंदगी में आगे बढ़ चुके है, मैं आपको कभी भूल नहीं सकती , मैं चाहती हूँ कि आप हमेशा मेरे साथ रहे ।" पीहू ने आरव से कहा । "मैं तो तुम्हारे साथ ही हों पीहू। आज तुम्हारे कारण मैं भी एक पछतावे के बोझ से मुक्त हों चुका हों ।" आरव ने पीहू को कॉफी थमाते हुए कहा । "घर तो आपने बहुत बड़ा ख़रीद लिया हैं ।" पीहू ने आरव के घर को चारों तरफ़ से देखते हुए कहा । तुम कब नए घर में शिफ्ट होंगी और वो तुम्हारा दोस्त सोनू कैसा है ? आरव ने सवाल किया ।" "ओ ! माय ! गॉड ! मैंने सोनू को बताया भी नहीं की मेरी फ्लाइट जल्दी की हैं । सचमुच मैं कैसे उसे भूल गयी । मैं आपसे कल मिलूँगी ।" पीहू यह कह उठकर चली गईं ।

"क्यों मुँह फ़ेरकर बैठा हुआ हैं? पीहू ने सोनू के पीछे खड़े हों पूछा तो उसने अपनी कुर्सी घुमा दीं । और पीहू को देखता रह गया । एक सुन्दर, स्मार्ट और आत्मविश्वास से लबरेज़ पीहू को सोनू पहचान नहीं पा रहा था । वह नीले रंग की स्कर्ट और वाइट टॉप में बेहद प्यारी लग रहीं थीं । तू तो सचमुच बदल गयी है पीकॉक।" सोनू ने उसकी तरफ कुर्सी सरकाकर बोला । "तू भी तो रईस हो गया हैं ।" पीहू ने उसके शोरूम की तरफ़ देखकर कहा। 'पीहू अपने विदेश की कहानियाँ सुनाई जा रही थीं और सोनू बड़े ध्यान से सुन रहा था , उसे यह भी याद नहीं रहा कि वह उससे नाराज़ था , क्योंकि उसे पता है कि वह उससे बात किये बिना नहीं रह सकता । और अब वो कुछ और ही पीहू के लिए सोचने लगा था, उसे पता चल चुका था कि उसे पीहू से प्यार हो गया हैं और यह बात उसे बताना चाहता था। उसे कहना चाहता था कि उसने उसे बहुत मिस किया । मगर कुछ भी न कह सका । "अच्छा सुन ! एक महीने बाद मेरा दिल्ली में डांस शो है और इस बार आरव मेरे डांसिंग पार्टनर बनेंगे ।" यह कहते वक़्त पीहू की आँखों में चमक थीं। जो सोनू से छुपी न रह सकी । जिसे देखकर आरव उदास हो गया ।

महीना बीतने लगा और पीहू आरव के साथ डांस की प्रैक्टिस करने लगी । इस बार डांस शो में सभी देश की नामचीन हस्तियाँ आने वाली हैं । उसने अपने बाबा और नानी को भी बता दिया कि इस डांस के बाद हम नए घर में शिफ्ट होंगे । आज बाबा को पीहू पर नाज़ है । सभी उसके डांस के कार्यक्रम में पहुँचने वाले हैं । "टाइम से आयेंगा न "स पीहू ने पूछा । "हाँ मैं कभी देर नहीं करता तू ही इंतज़ार करवाती हैं"। सोनू ने पीहू की आँखों में देखकर कहा । "आज आरव मुझे डांस शो में सरप्राइज देने वाले हैं । ' सोनू को पीहू से आरव का नाम सुन अच्छा नहीं लगा मगर उसने ज़ाहिर नहीं किया । "परी कहाँ है ? "पीहू का सवाल था । "तेरे जाने के कुछ दिन बाद उसके पापा का मुंबई ट्रांसफर हो गया फ़िर वो मुझे भूल गई मैं उसे भूल गया । " सोनू ने हँसकर ज़वाब दिया । " शुक्र है मुझे नहीं भूला ।" पीहू ने जब यह कहा तो सोनू एकदम से बोल पड़ा "तू तो मन में बसी है पीकॉक तुझे तो चाहकर भी भूल नहीं सकता ।" पीहू उसका ज़वाब सुन उसकी आंखों में देखने लगी । तभी उसका मोबाइल बजा और पीहू सोनू को बाय बोल चली गयी।

अगले दिन शाम को पूरा हॉल दर्शकों से भरा हुआ था । डांस की थीम थीं ""PEACOCK ::DANCE WITH PRIDE::"" सभी को डांस का इंतज़ार था । तभी स्टेज पर पीहू और आरव आये और नकली बारिश में दोनों नाचने लगे और पूरा हॉल तालियों से गूँज उठा । जब थोड़ी देर तक ऐसे ही डांस चलता रहा तो आरव ने माइक लेते हुए कहा, "दोस्तों आपने मेरा और पीहू का डांस तो देख लिया । मगर अब पीहू के साथ एक ऐसा शख्स डांस करने जा रहा है जिसने पीकॉक के डांसिंग सफर में हमेशा उसका साथ दिया । तालियों से स्वागत करें सोनूवीर का ।" "सोनू" 'सोनू" डांस कैसे करेंगा ।" पीहू ने हैरान होकर पूछा, " क्यों नहीं करेंगा ? उसने तुम्हारे इंतज़ार में सिर्फ डांस ही तो किया हैं पीकॉक । वो तुम्हें बहुत चाहता हैं और तुम भी उसे चाहती हूँ आज से नहीं बल्कि बचपन से । क्यों मैं ठीक कह रहा हूँ न" आरव ने पीहू की आँखों में देखकर पूछा ।" तुम मेरे लिए हमेशा ख़ास रहोगी पीहू । मगर तुम्हे पता ही नहीं सोनू के लिए तुम हमेशा से ही ख़ास थीं" आरव फ़िर बोला । "नहीं मुझे पता हैं , " पीहू के इतना कहा ही था कि इतने में सोनू स्टेज पर पहुँच गया और पीहू और सोनू ने धमाल मचा दिया। लोगों के हाथ ताली बजाते हुए रुक नहीं रहें थें ।

"क्यों कैसा लगा सरप्राइज पीकॉक ?" आरव ने मुस्कुराते हुए पूछा । "बहुत प्यारा" कहकर पीहू ने सोनू का हाथ कसकर पकड़ लिया । "अच्छा सोनू मैं चलता हूँ और मेरी गुरु दक्षिणा यही है कि दोनों हमेशा खुश रहना ।" कहकर उसने सोनू को गले लगा लिया औरपीहू को समझते देर न लगी कि सोनू को आरव ने डांस सिखाया था ।" डांस के बाद फोटो सैशन कौन कराएगा ?" पीहू ने पूछा । "नहीं, तुम लोग करवाओ, आज सुबह अरुणा का फ़ोन आया था, मेरा भांजा हुआ है। पहले मैं पालमपुर जाऊँगा और फिर छह महीने के लिए फ्रांस ।" आरव गाड़ी में बैठते हुए बोला । "अरुणा को आप मेरी तरफ़ से बधाई दीजिएगा ।" पीहू ने कहा और आरव की गाड़ी दोनों को अलविदा कह खाली सड़क पर दौड़ पड़ी ।" फोटो सेशन के बाद दोनों हाथों में हाथ डाले सड़क पर अकेले चल रहे थें ।

"तुमने मेरे लिए डांस सीखा सोनू ?? " हाँ यार तेरी याद ही बहुत आती थीं, क्या करता बस नाचना शुरू कर दिया वैसे भी लोग प्यार मैं क्या-क्या नहीं करते हैं? यह तो डांस ही था । "सोनू की आवाज़ में शरारत थीं । "तुझे मुझसे प्यार कब हुआ ?"? पीहू ने फिर पूछा । "जब उस दिन तू अमेरिका जा रही थीं तो एयरपोर्ट पर तुझे जाते देख लगा कि तेरे बिना नहीं रह सकता" सोनू ने ज़वाब दिया । "सच!!" "सच !! कहकर सोनू ने पीहू को गले लगा लिया, "सच पीकॉक बिलकुल सच"। सोनू यह कहता जा रहा था तभी आसमान बादलों से घिर गया और हलकी बारिश भी शुरू हो गयी।