ishq 92 da war - 12 in Hindi Classic Stories by Deepak Bundela AryMoulik books and stories PDF | इश्क़ 92 दा वार - (पार्ट-12)

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इश्क़ 92 दा वार - (पार्ट-12)

इश्क 92दा वार (पार्ट -12)

रात गहरा चुकी थी अनु को रिया ने दवा खिला कर सुला दिया था रिया बिस्तर पर लेटे सोच रही थी.. कि किसी किसी की ज़िन्दगी में इतना तूफ़ान क्यों होता है.. आखिर अनु का गुनाह क्या था बस यही कि वो खूबसूरत थी मिलन सार थी..क्या उसे अपनी ज़िन्दगी अपने हिसाब से जीने का भी हक़ नहीं था.. क्या उसने मनु से इश्क़ करके कोई बहुत बड़ा गुनाह कर लिया था जिसके चलते आज उसे ये दिन देखने को मिल रहे है.. यही सोचते सोचते रिया करबट बदलते जा रही थी.. रिया अनु की उस जिंदगी को फिर से कागज़ पर उतारना चाह रही थी जिससे इस ज़माने के उन लोगों को भी पता चले कि वो अपनी ज़िद्द हवस के चलते किस तरह से लोगों की ज़िन्दगीयां बर्बाद कर देते है जिन्हे कोई हक़ नहीं होता लेकिन फिर भी वो लोग बाज़ नहीं आते रिया मन बना चुकी थी के अब उसकी अधूरी कहानी को पूरा करने का वक़्त आ चुका है इसके साथ हीं उसके सिर पर एक ज़िम्मेदारी और थी के उसे मनु को किसी भी हाल में ढूंढना हीं होगा पर कैसे ये सवाल भी उसके ज़ेहन में कौंधे जा रहा था क्योंकि अब अनु की ज़िन्दगी की डोर सिर्फ मनु के मिलने भर की आस से जुडी हुई थी... वो भगवान से मिन्नतें भी करती जा रही थी के ईश्वर अगर तूं है तो बस मनु को सही सलामत रखना उसकी आस्था पर इतना बड़ा प्रहार मत करना के उसका विश्वास तुम पर से उठ जाए... तभी अनु के उठने की आहट रिया ने महसूस की तो वो चुप चाप वैसे हीं आंखे बंद करके लेटी रही.. अनु उठ कर वाशरूम में चली गयी.. कुछ देर बाद वो वाशरूम से निकल कर आती है और बेड पर अपनी जगह पर बैठ जाती है.. रिया आंखे बंद करे लेटी हुई अनु की प्रतिक्रियाओ को महसूस करने की कोशिस करती है.. कुछ देर शांत रहने के बाद अनु बोलती है..

अनु- क्या तुम्हारे पास मनु का कोई फोटो होगा..?........ कोई जवाब नहीं मिलता.... रिया मैं जानती हूं तुम जाग रही हो..

रिया उठते हुए दीवाल पर लगे लाइट के स्विच को ऑन करती है पूरा बेड रूम रौशनी से नहा जाता है

रिया- इसका मतलब तुम भी जाग रही थी

अनु सिर झुका लेटी है..

रिया- अगर तुम ऐसा करोगी तो तुम ठीक कैसे रहोगी..

अनु- अब तो आदत सी बन गयी है रिया.. क्या करूं नींद हीं नहीं आती है.. ये सब छोड़ो रिया मैंने जो पूछा उसका जवाब दो

रिया- तेरी कसम अनु अगर मनु की कोई भी फोटो होती तो मैं तुझे तेरे कहे बगैर हीं दें देती.. (अनु मायुस सी हो जाती है) इतना मायूस मत हो अनु वक़्त आने दें फोटो क्या आमने सामने हो कर जी भर कर देख लेना और मैं तुम दोनों की फोटो खीचूँगी..

अनु इतना सुनते ही गहरी सांस लेती है रिया अनु को देखती है और उसे भीचते हुए कहती है.

रिया- अब तुम अकेली नहीं हो मैं हूं तुम्हारे साथ..

अनु- कही मैं गलत तो नहीं कर रही हूं रिया..?

रिया- मतलब..? मैं समझी नहीं क्या गलत कर रही हो..?

अनु- यही कि जब मनु को पता चलेगा कि मेरे साथ क्या क्या हुआ है तो वो मुझसे नफरत करने लगेगा.. क्या सोचेगा मेरे बारे में वो..

रिया- एक बात बोलू तूं तो मनु से दिल से जुडी थी लेकिन मैं मनु को तुझसे बेहतर जानती हूं अगर मनु ने तेरे जिस्म से प्यार किया होता तो वो उस दिन पागलों की तरह नहीं रोता उसने तुझे दिल से चाहा है अनु.. (रिया अनु का हाथ पकड़ कर उठती है) चल आ इधर.. (और उसे पास हीं लगी टेबल के पास लेकर आती है ) बैठ इधर.. (और खुद भी पास की चेयर पर बैठ जाती है उसे पेपर और पेन देती है.. ) लें ये पेन पकड़.. अब मैं जो बोलू उसे लिखती जाना बीच में कोई सबाल नहीं करना.. चलो आज की डेट डालो पेज पर.. (अनु पेपर के ऊपरी छोर पर डेट लिखती है )

21 अगस्त 2013


मनु के मम्मी पापा रिया के घर पहुंच चुके थे मनु की मां बहुत घबराई हुई थी मनु को होश नहीं आ रहा था.. मनु के पापा और रिया के पापा मनु को स्कूटर पर बैठा कर अस्पताल लेंकर चले गए थे.. तभी खन्ना अंकल अपनी गाड़ी निकल कर रिया और मनु की मां को अस्पताल लेकर पहुँचे थे.. अस्पताल पहुंचते हीं जल्दी से मनु को ICU में ले जाया गया... हम सब बहार हीं रुके थे...मनु की मम्मी अपने बेटे की इस हालत को देख कर बिलख बिलख कर रो रही थी रिया मनु की मम्मी को समझाये जा रही थी तभी पास हीं मनु के पापा भी आ कर मनु की मम्मी को समझाने लगे थे

मीनू- कुछ नहीं होगा हमारे मनु को.. बस तुम चुप हो जाओ..

मीनू- पता नहीं क्या हो गया मेरे लाल को

रिया- कुछ नहीं होगा मनु को आंटीजी आप हिम्मत रखिये..

मीनू- तुम तो थी ना उसके पास जब वो बेहोश हुआ था.. क्या हुआ था उसे..?

रिया- आप अनु को तो जानती हों ना...

मीनू- (सिसकते हुए) हां...

रिया - सात दिसंबर की रात को दंगाइयों ने उनके घर में आग लगा दी... अनु और उसकी मम्मी दोनों..

मीनू- है भगवान अनु वो फूल सी बच्ची..

रिया- हां आंटी जब तक मुहल्लें के लोगों को पता चला तब तक दोनों उस घर के साथ जल गए..(रिया ने रोते हुए बताया था )

इतना सुनते हीं मनु के पापा की भी आंखो से आंसू झरने लगते है तभी रिया के पापा मनु के पापा के कंधे पर सतभावना देते हुए हाथ रखते है.. मनु के पापा रिया के पापा की तरफ मुड़ कर देखते है.

रिया के पापा - हां भाई सहाब... बहुत बुरा हुआ यही सुनकर आपका बेटा बेहोश हो गया था..

मनु के पापा - बहुत इमोशनल है मेरा मनु..

तभी ICU से डॉक्टर बाहर आते है तो उन्हें देख कर फ़ौरन मनु के पापा और रिया के पापा डॉक्टर से पूछते है..

मनु के पापा- अब कैसी तबियत है मनु की सर..

डॉ. - अभी एब्जॉर्विसोंन में है.. होश उसे अभी भी नहीं आया है.. लगता है उसे कोई गहरा सदमा लगा है क्या आप बता सकते है ऐसा क्या हुआ..?

तभी रिया के पापा डॉ को पूरी बात बताते है..

डॉ.- हूं... अगर 36 घंटे के अंदर उसे होश नहीं आया तो दिक्कत हो जायेगी.

मनु के पापा- कैसी दिक्कत सर..?

डॉ.- कुछ पेसेंट ऐसे भी होते है जो सदमा सहन नहीं कर पाते है और कोमा में भी चले जाते है 36 घंटे के बाद हीं पता चल सकेगा... भगवान से प्रार्थना कीजिये के वो जल्दी से होश में आ जाए... आप लोग एक एक कर के उससे दूर से ही मिल सकते है...

और इतना कहा कर डॉ चलें गए थे... सब मायूश थे... मनु की मां को रिया सम्हालते हुए मनु के पास लें जाती है और पीछे पीछे मनु के पापा और रिया के पापा भी जाते है.

मनु बेसुध सा बेड पर लेटा था.. जिसे सब लोग उसे कांच में से देख रहे थे मनु की मां अपने पति से लिपटते हुए बोली थी

मीनू- ये क्या हो गया मेरे बच्चे को..? आप कुछ तो बोलिए मनु के पापा (मनु की मां अपने पति से रोते हुए पूछ रही थी )

वहां मौजूद सब लोग निरुत्तर थे

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कंटीन्यू पार्ट -13