इस भाग को शुरू करने से पहले इस कहानी के पहले चार भागों को जरूर पढ़ें ताकि आप इस सफर में किरदारों को समझते हुए मेरे साथ चल पाए मै हर भाग काफी छोटा डालती हुं ताकि अगर आप पिछले भाग पढ़ना चाहे तो आपको परेशानी ना हो तो फिर शुरू करते हैं...
( पिछला भाग मैंने सालार पर खत्म किया था लेकिन ये भाग मै नये किरदारों के साथ शुरू कर रही हुं बताना इसलिए जरूरी था क्योंकि मेरे कुछ पाठकों को समझने में कठीनाई हो सकती है )
खट खट खट मोमल उठ गयी हो क्या उठ गयी हो तो बाहर आ जाओ आम्मी बुला रही हैैं तुम्हें और रानिया को, मोमल को आवाज देते हुए छोटी भाभी ने एक बार फिर दरवाजा खटखटाया और वापिस मुड़ कर चली गई..
जी जी भाई आ रही हुं, मोमल ने बाथरूम से बाहर आकर दरवाज़ा बन्द किया और अभी अभी धुला हुआ मुंह टावल से पोंछ कर अपना चश्मा लगाया और दरवाजा खोलने के लिए दरवाजे की तरफ बढ़ गई.. दरवाजा खोल कर देखा तो भाभी नहीं थीं मोमल ने घुम कर बेड पर सोई पड़ी रानिया पर नजर डालीं जोकि देर रात मोबाइल पर फिल्म देखकर रतजगा करने के बाद सुबह अजान के वक़्त सोई थी
ये तो उठने से रहीं, मोमल ने सोचा और दरवाजा चिपका कर बाहर आ गई.
आम्मी बाहर सोफे पर बैठी चाय पी रहीं थीं और आब्बु कहीं नजर नहीं आ रहे थे
उठ गई मोमल,
जी आम्मी, मोमल ने हमेशा की तरह अपनी प्यारी मुस्कान के साथ जवाब दिया.
बैठो मै सामेआ से चाय मंगवाती हुं तुम्हारी, मुमताज बेगम ने मोमल को बैठने का इशारा करते हुए कहा.
नही मै खुद ले लुंगी आम्मी, मोमल ने कहा और किचन की तरफ चल पड़ी.
मोमल किचन में दाखिल हुई जहां छोटी भाभी सामेआ नाश्ते के लिए जल्दी जल्दी पराठे बेलने में लगी हुई थी
मै कुछ मदद करूं भाभी आपकी, मोमल ने उनके पास खड़े होते हुए पुछा.
अरे तुम उठ गयी रुको मैं चाय निकाल कर देती हुं, सामेआ ने चाय का मग उठाने के लिए हाथ बढ़ाते हुए कहा.
रहने दें भाभी मै ले लेती हुं, मोमल ने कहा और हाथ बढ़ा कर चाय का मग उठा लिया और पैन से चाय उंडेल ने लगी.
अपने चाय पी भाभी, मोमल ने चाय का मग होंठों से लगाते हुए पुछा.
हां कब की, सामेआ ने तवे पर से परांठा उतारते हुए कहा.
अच्छा मै चाय पी लु फिर अंडे तल लेती हुं पता नहीं आप कब से लगी हुई हैं, मोमल ने चाय का आखिरी घुंट लेते हुए कहा.
अरे नही परांठे बन चुके हैं, सामेआ ने मुस्कुराते हुए कहा और चौका साइड में रख दिया. तुम बस जाकर जरा मिशी को देख लो कहीं उठकर रो तो नहीं रही इस्तेखार नहाने चले गए होंगे.
जी मै देख लेती हुं, मोमल ने कहा और मग सिंक में रख कर बाहर निकल गई।
छोटी भाभी सामेआ को घर में आऐ अभी दो साल ही हुए थे लेकिन उन्होंने इस घर को और घरवालों को इतनी अच्छी तरह से अपना लिया था की जैसे बरसों से यहीं रह रही हो और वहीं बड़ी भाभी आबदा थी जो शादी के बारह साल बाद भी इस घर के लोगों को गैर ही समझती आ रही थी।
मोमल छोटी भाभी के कमरे में दाखिल हुई तो देखा कि उनकी साल भर की बेटी मिशल जिसे सब प्यार से मिशी बुलाते थे वो आराम से सो रही थी और इस्तेखार भाई नहाने गए हुए थे वो वापस किचन की तरफ चल पड़ी.
मोमल सुनो रानिया उठ गयी क्या, तभी उसे कमरे से निकलती हुई बड़ी भाभी ने आवाज लगाई.
उनकी और रानिया की काफी अच्छी बनती थी क्योंकि वो चौबीस घंटे उनकी मलामत और झूठी तारीफें करती रहती तभी तो वो जब भी घर जाती उसे हर बार अपने साथ अपने घर जरूर ले जाती थीं वो इतनी बेवकूफ तो नहीं थी कि ये ना समझे की सामने वाला सच्चे दिल से तारीफ कर रहा है या चापलूसी फिर भी ना जाने उन्हें क्या मजा मिलता था।
मोमल यही सब सोच रही थी.
क्या बात है कुछ बोलो भी, बड़ी भाभी आबदा ने वहीं कमरे के दरवाजे पर से आवाज लगा कर दोबारा पुछा.
नहीं उठीं हैं अभी, मोमल ने जवाब दिया और छोटी भाभी की मदद करने के लिए किचन की तरफ बढ़ गई क्योंकि उसे मालूम था रोज की तरह बड़ी भाभी ने किचन में तभी दाखिल होना है जब काम नाम भर रहा गया होगा।
इस भाग को पढ़ने के लिए आप सब का धन्यवाद...
मै जानती हूं आप सब ने मेरे पसंदीदा किरदार सालार और हानिया को जरूर याद किया होगा इस भाग में आप नये किरदारों से मिले अगला भाग मै अपने पसंदीदा किरदार सालार और हानिया के साथ ही शुरू करूंगी ।