The Author Vaibhav Surolia Follow Current Read अन देखी दुनिया - 3 By Vaibhav Surolia Hindi Adventure Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books જીવન પ્રેરક વાતો - ભાગ 09 - 10 શિક્ષકનું મહત્ત્વ: ભારતીય સંસ્કૃતિમાં શિક્ષકની ભૂમિકા - 09 ... પ્રેમ થાય કે કરાય? ભાગ - 35 મમ્મી -પપ્પાસુરત :"આ કેવિન છે ને અમદાવાદ જઈને બદલાઈ ગયો હોય... ભાગવત રહસ્ય - 146 ભાગવત રહસ્ય-૧૪૬ અજામિલ નામનો એક બ્રાહ્મણ કાન્યકુબ્જ દેશમાં... ઉર્મિલા - ભાગ 7 ડાયરી વાંચવાના દિવસે ઉર્મિલાના જીવનમાં જાણે નવી અનિશ્ચિતતા આ... રાય કરણ ઘેલો - ભાગ 1 ધૂમકેતુ ૧ પાટણપતિ આખી પાટણનગરી ઉપર અંધકારનો પડછાયો પડ... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Vaibhav Surolia in Hindi Adventure Stories Total Episodes : 11 Share अन देखी दुनिया - 3 (12) 2.8k 7.8k 2 अन देखी दुनिया - 3शाम हो चुकी थी सब हारे थके चल रहे थे मानो जैसे उनके पांव में कांटा चुभ गए हो सब की हालत खराब थी लेकिन उन्हें......उन्हें हूंमात सल्तनत का बोर्ड नजर आ गया । सब बहुत खुश हो गए कि हमारी मंजिल आ चुकी है । लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि उनकी मंजिल अब और भी मुश्किल होने वाली है । दोनों हुमात सल्तनत के बाजार के अंदर आ चुके थे बाजार में बहुत भीड़ थी और सारी जगह उस राजा के चित्र बने हुए थे तीनों को लग रहा था कि राजा को बहुत ताकतवर लगता है लेकिन अजय ने कहा ऐसे तो क्या हुआ हम दिखने में आलसी लगते हैं लेकिन हम अलसी थोड़ी है । याशिका ने कहा दिखने में तो तुम बहुत डरपोक लगते हो लेकिन असलियत में तो तुम और भी ज्यादा डरपोक हो । जिन हंसा और फिर जैसे ही अजय ने उसकी तरफ देखा वह चुप हो गया । बाजार में आगे चलते चलते उन्हें लगा कि हमें एक बार किसी से पूछ लेना चाहिए कि राजा का महल कहां है याशिका को एक बूढ़े बाबा मिले याशिका ने अजय से कहा कि वह देखो वहां पर एक बूढ़े चाचा जा रहे हैं चलो उनसे पूछ कर देखते हैं अजय ने कहा तुम जाओ हम यहां पर थोड़ी देर बैठ कर आराम करेंगे तो आशिका ने कहा तुम्हें आराम करने के सिवा आता क्या है तो अजय ने कहा मुझे आराम के अलावा कई काम आते हैं जैसे हुक्म देना खाना खाना और तो और तुम जैसे लोगों को ठीक करना । याशिका ने कहा तो सबसे पहले तुम अपने आप को ही ठीक करो मैं उन बूढ़े चाचा से पूछ कर आती हूं आलसी शहजादे..... I वह बूढ़े चाचा के पास जाती है और उनसे कहती है कि यहां के राजा का महल कहां पर है हमें उनके पास जाना है । बूढ़े चाचा याशिका की तरफ घूर घूर कर देखने लगे और बोले तुम्हें वहां पर क्यों जाना है वह राजा बहुत खतरनाक है या यूं कहे तो आईयार है आईयार । याशिका को उन बूढ़े चाचा की बात समझ में नहीं आई और याशिका ने कहा आप हमें बस इतना बताइए कि यहां के राजा का महल कहां पर है हमें उनसे मिलना है । बूढ़े चाचा ने कहा जैसी तुम्हारी मर्जी महल सीधी सड़क पर जाओगे तो तुम्हें आगे महल का दरवाजा दिख जाएगा । याशिका ने उस बूढ़े चाचा को धन्यवाद दिया और अजय और जिनके पास आ गई और उन दोनों से कहा आराम बंद करो और चलो महल की तरफ हमने महल का रास्ता पूछ लिया तो अजय ने कहा थोड़ी और देर नहीं लगा सकती थी हम थोड़ा और आराम कर लेते तो याशिका ने कहा हम यहां आराम करने नहीं आए हैं राजा का ताज लेने आए हैं अगर तुमने और देर की तो हम तुम्हारे पिता को शिकायत कर देंगे | फिर अजय ने मन ही मन कहा एक नंबर की चुगल खोर है | और दोनों महल के रास्ते चल दिए उन्हें सड़क पर चलते-चलते आगे महल का दरवाजा दिखाई दिया जहां पर बहुत सारे सैनिक खड़े हुए थे वह दोनों एक पेड़ के पीछे छुप कर उनको देख रहे थे । अजय ने कहा कि अब बताओ चोरनी यहां से अंदर कैसे जाएंगे लड़ाई कर कर या उड़कर तो जिन ने कहा उड़कर अजय ने कहा हम वहां उड़कर कैसे जा सकते हैं तो जिन ने याद दिलाया कि मेरे पास जादुई शक्तियां है आप कैसे भूल गए आका... तो याशिका और अजय ने एक साथ कहा अरे हां ....... I तो याशिका ने कहा अच्छा तो तुम क्या करोगे जिससे हम वहां पहुंच जाए तो जिन ने बताया कि मैं आप दोनों को अपने जादू से हवा में उड़ा लूंगा और उस गेट के पास पहुंच जाऊंगा तो अजय ने कहा अरे वाह मजा आएगा उठने में सबसे पहले हमें उड़ाओ यह हमारा हुक्म है जैन ने कहा चुटकी बजाकर जो हुक्म मेरे आका कहते हैं अजय आसमान में उड़ने लगा और जिनमें चुपके-चुपके उसे महल के गेट के उस पार पहुंचा दिया ऐसे ही याशिका को भी महल के गेट के उस पार पहुंचा दिया और खुद भी आ गया दोनों उस गेट के बाहर पहुंच चुके थे । तो अजय नहीं आशिका से पूछा अब हम कहां जाएं तो याशिका ने कहा अब यहां से हमें खुद ही रास्ता ढूंढना होगा । वह महल के अंदर बढ़ ही रहे थे कि उन्हें महल के सिपाहियों ने देख लिया और पकड़ लिया और कहने लगे तुम तीनों यहां कैसे आए । रुको मैं तुम्हें हमारे राजा के पास लेकर चलता हूं वही तुम्हारी अकल ठीक करेंगे तो याशिका ने धीरे से अजय के कान में बोला यही तो हम चाहते हैं फिर अजय ने कहा ऐसे तो अगर राजा ने हमें जेल में डाल दिया और लोग क्या कहेंगे कि एक राजकुमार जेल के अंदर नहीं नहीं मुझे नहीं जाना ..... I याशिका ने कहा अरे बुद्धू शहजादे कुछ तो दिमाग लगाओ इस तरह हमें राजा के पास जाने का मौका तो मिलेगा फिर अजय ने कहा अरे हां यह तो हमने सोचा ही नहीं सही है सही है चलो चलो । सिपाही तीनों को राजा के महल में लेकर जा रहे थे राजा के दरबार में जाकर खड़ा कर दिया वहां कोई नहीं था लेकिन सिपाहियों ने आवाज लगाई आइयार हुमात यह दोनों राज्य में जासूसों की तरह घुस आए क्या करना है इनका । तभी अचानक राजा जादू से सिंहासन पर आ गया और यह देख कर दोनों हैरान हो गए हाथी राजा बहुत खतरनाक लग रहा था याशिका ने राजा से कहा उन बूढ़े चाचा ने सही कहा था कि यहां का राजा बहुत खतरनाक है लेकिन मैंने उनकी बात नहीं मानी । थोड़ी देर तो राजा चुप रहा और उन तीनों को देखता रहा कुछ समय बाद बोला तुम तीनों कौन हो और कहां से आए हो तुम्हारा यहां आने का मकसत क्या है । देखो अगर तुमने झूठ बोला और हमें पता चल गया तो हुमायूं तुम्हारा ऐसा हाल करेगा कि तुम तीनों यहां आने की गलती दोबारा नहीं करोगे । अजय ने कहा यह हुमायूं कौन है तो फिर राजा ने चिल्लाकर बोला हम हैं हुमायूं इस सल्तनत के राजा .... I अजय ने मन ही मन कहा अरे बाप रे हमें इस राजा का ताज चुराना है ।....TO BE CONTINUED.......BY VAIBHAV SUROLIA.. ‹ Previous Chapterअन देखी दुनिया - 2 › Next Chapter अनु देखी दुनिया - 4 Download Our App