kavita snagrah - 6 in Hindi Poems by Prahlad Pk Verma books and stories PDF | कविता संग्रह भाग 6th

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कविता संग्रह भाग 6th

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कविता 1st

हाँ मुझे पसंद हैं

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उसका मुझे देख बार बार मुस्कुराना
बिन कहे ही बहुत कुछ कह जाना
हां मुझे पसंद है

उसका बार बार मेरी गली में आना
फिर मेरे घर आकर मुझसे मिलकर जाना
हां मुझे पसंद है

उसका बार बार रूठना
मेरा उसका मनाना
हां मुझे पसंद है

उसकी नादानियां, शैतानियां
चुप रह कर,मुझे जलाना
हां मुझे पसंद है

किसी बहाने से खेत में आना
फिर मुझे गले लगाना
हां मुझे पसंद है

उसका गले लगा कर मुझे चूमना
फिर धीरे से बोलना लव यू
हां मुझे पसंद है
🍁🌻🌻🍁🍁🌻🌻🍁🌻🌻🍁🍁

खेतों में हरियाली
मां के हाथ से बनी खाने की थाली
हां मुझे पसंद है

त्योहारों में दीपावली
खेतों में हरियाली
हां मुझे पसंद है

घर में अपने
जीवन में सपने
हां मुझे पसंद है

चांदनी रात
हाथ में चाय
हां मुझे पसंद है

अभिनेता में अक्षय
बैडमिंटन में लक्ष्य
हां मुझे पसंद है

पढ़ने में चेतन भगत
खेल और फिल्म जगत
हां मुझे पसंद है

क्रिकेट में स्मृति
जीवन में समृद्धि
हां मुझे पसंद है

रोहित की बैटिंग
प्रतिलिपी पर चेटिंग
हां मुझे पसंद है
हां मुझे पसंद है
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कविता 2nd

वे सब गुरुजन ही थे

🍁🍁🌹🍂🥀🌸🍃🌺🌼🌺3

माता पिता के बाद
वे सब गुरुजन ही थे
जिन्होंने मुझे बैठना सिखाया
जिन्होंने मुझे बोलना सिखाया
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

वे सब गुरुजन ही थे
जिन्होंने मुझे पढ़ना सिखाया
जिन्होंने मुझे लिखना सिखाया
जिन्होंने मुझे बोलना सिखाया
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

वे सब गुरुजन ही थे
जिन्होंने मुझे खेलना सिखाया
जिन्होंने मुझे नियमो का पालन करना सिखाया
वे सब गुरुजन ही थे
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

वे सब गुरुजन ही थे
जिन्होंने मेरे व्यक्तित्व को निहारा
जिन्होंने मेरे स्वभाव को निहारा
वे सब गुरुजन ही थे
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

वे सब गुरुजन ही थे
जिन्होंने मुझे बडो का आदर करना सिखाया
जिन्होंने मुझ में देश प्रेम की भावना जगाई
जिन्होंने मुझे संविधान का पालन करना सिखाया
वे सब गुरुजन ही थे
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

वे सब गुरुजन ही थे
जिन्होंने मुझे प्यार करना सिखाया
जिन्होंने मुझे निहारा,काबिल इंसान बनाया
जिन्होंने मुझे योग्य इंसान बनाया
वे सब गुरुजन ही थे
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

वे सब गुरुजन ही थे
वे सब गुरुजन ही थे
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

कविता 3rd

मां तेरे आँचल में फिर से सोने को जी करता हैं

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माँ तेरे आँचल में फिर से खोने को जी करता है

आप मुझे लोरी सुनाए ओर मैं आपकी गोद में फिर

सोने का जी करता है
माँ आपके आँचल में फिर जीने को जी करता है

आप अपने आँचल से दूध पिलाये ओर मेरा दिल फिर पेट भरकर दूध पीने का जी करता है
मुझे हाथ से खिलाए ओर मैं आपके हाथ से कुछ खाऊ ओर आपको भी कुछ खिलाने को जी करता है
माँ आपके आँचल में फिर से जीने को जी करता हैं

सुबह आप जगाये ओर फिर मैं हाथ से दूध पिऊ
मेरा वही बचपन फिर से जीने को जी करता है
माँ तेरे आँचल में फिर से जीने को जी करता है

पापा मुझे मारे ओर मैं भागकर आपके आँचल में छुप जाऊ
मैं रोऊ और आप मुझे मनाये
ये सब फिर से करने को जी करता है
माँ मेरा मन आपके आँचल में फिर से खोने को जी करता है

आप अपने हाथ से खिलाए ,नहलाये ओर स्कूल भेजे
मैं हजार बहाने बनाऊ ओर आप फिर भी मुझे प्यार से खिलाए ,नहलाये ओर ये सब फिर से करने को जी करता है
माँ तेरे आँचल में फिर से जीने को जी करता है

माँ अब थोड़ा बड़ा हो गया हूँ
लेकिन माँ तेरे हाथो की रोटी ,आपके हाथों से खाने को जी करता है
माँ तेरे आँचल में फिर से खोने ,रोने,व सोने को जी करता है
माँ तेरे आँचल में फिर से जीने को जी करता है

I Love You MAA
आई लव यू माँ

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