1) नया जूनून
जलवा दिखाना जनवरी में,
फ़रमाइश करना फरवरी में,
मंजूर करना मार्च में,
अँगराई लेना अप्रैल में,
मिलने जाना मई में,
जुदा होना जून में,
जूनून रखना जुलाई में,
अवतरित होना अगस्त में,
सितम सहना सितंबर में,
अजूब बनना अक्तूबर में,
नुस्खा आजमाना नवंबर में,
दिल देना दिसंबर में ।
2) कहानी
जब मै छोटा बच्चा था,
रोज कहानियाँ सुनता था,
कहानियाँ मुझको भाती थी,
मै कहानियों में खो जाता था ।
बचपन में रोज किताबें मिलती थी,
मैं रोज कहानियाँ पढ़ता था ।
रोज कहानी पढ़ कर ही मैं,
कुछ बड़ा करना चाहता था ।
आज बड़ा हो गया हूँ,
कहानियों को भूल मैं गया हूँ,
बस काम मै करता जाता हूँ,
कहानी नही पढ़ पाता हूँ ।
कहानियों को याद आज करता हूँ,
कहानी पर आज मै मरता हूँ,
समय नही मिलने के कारण,
मैं कहानी नही पढ़ पाता हूँ ।
3) नानी माँ
आओ,आओ,आओ नानी ।
आज सुनाओ एक कहानी ।
तब ही खाऊंगा मैं खाना
तब ही पिऊँगा मै पानी ।
सुन लो बात मेरी प्यारी नानी ।
मुझको सुना दो ना एक कहानी ।
भूत प्रेत या महापुरुषों की
या फिर हो झाँसी की रानी ।
याद आती है जब तुम्हारी
बहने लगती है आँसू हमारी
तुम्हारी कहानियों के बिना
नही चल पाती काम हमारी ।
तुम प्यारी-प्यारी कहानी सुनाती हो ।
कहानी से मुझमे हौंसला जगाती हो ।
तुम्हे भूल नही पता हूँ मैं कभी
नानी माँ तुम मेरे मन को भाती हो ।
4) स्कूल बस
स्कूल की मेरे बस जब आता,
घर से मुझको स्कूल ले जाता,
शाम में छुट्टी होने के बाद,
वापस स्कूल से घर पहुँचाता ।
हम बच्चों को है वो भाता,
उसपर चढ़ने में मजा है आता,
दोस्तों को भी मेरे साथ घुमाता ।
पूरे शहर की सैर कराता ।
डीजल से वो चलता जाता,
वह भी है प्रदूषण फ़ैलाता,
पर जल्दी-जल्दी चलता है और,
गंतव्य पर वह है पहुँचा देता ।
मुझको बुलाने घर वो आता,
मुझको वो है स्कूल ले जाता,
स्कूल से घर,घर से स्कूल पहुँचाकर,
वह हमारा स्कूल बस कहलाता ।
5) याद आता है
मम्मी की वो गोदी,
पापा का दुलार,
घर भर का वो प्यार,
याद आता है ।
वो भोली सी सूरत,
ममता की वो मूरत,
आज भी मुझको वो,
याद आता है ।
खिलौनों से भरा वो कमरा,
रंग-बिरंगे जैसे,
लाल, पिला और हरा,
याद आता है ।
खुशी के वो पल,
ना जाने कब बित गए कल,
पूरे घरभर की वो दल,
आज भी याद आता है ।
6) छुट्टी
छुट्टी की रेलगाड़ी आई
हम बच्चों के मन को भाई
छुट्टी हम सब मनाएंगे
गाँव घूमने जाएंगे ।
गाँव में खूब हरियाली है
वसंत ऋतु आने वाली है
गाँव में मस्ती हम खूब करेंगे
वहाँ पर खेतों में सैर करेंगे ।
छुट्टी साल भर बाद आई है
फिर से खुशियों की दिन लाई है
मस्ती करने हमें जाना है
छुट्टी मना कर वापस आना है ।
7) रेलगाड़ी
छुक-छुक करती रेलगाड़ी आती
सवारियों को वो साथ ले जाती
खूब आवाज करती वो आती
सभी के मन को है वो भाती ।
जहां से रेलगाड़ी गुजरे
वहाँ की है धरती कंपकपाती ।
तेज गति से चलती जाती
हमको समय पर यह पहुंचाती ।
बहुत दूरी है तय करता और
किराया भी सस्ता होता है
समय पर हमको पहुंचाता और
समय भी कम यह लेता है
पूरे देश की सैर कराता और
खूब मजा यह दिलाता है ।
खूब लंबा होकर यह
रेलगाड़ी कहलाता है ।
8) रेलगाड़ी
छुक-छुक करती गाड़ी आई,
यात्रियों को वो साथ ले आई,
हम भी गाड़ी में जाएँगे,
सफर का लुत्फ उठाएँगे ।
रेलगाड़ी छुक-छुक करती जाती,
खेत-खलिहानों को पीछे छोड़ती जाती,
हवाओं को चीड़कर आगे बढती जाती,
इसिलिए वह रेलगाड़ी कहलाती ।
डीजल और बिजली पर चलती है रेलगाड़ी,
रंग, बिरंगी और नीली होती है रेलगाड़ी,
पूरे देश में घूमती जाती है रेलगाड़ी,
अब सफर की है हमारी बारी ।
9) वसंत ऋतु
हरी, भरी सी फूल खिली है,
बागों में देखो नन्ही कली है,
हर तरफ आई खुशिहाली है,
फूलों पर बैठे देखो अलि हैं ।
कुछ दिनों बाद आने वाली होली है,
वसंत ऋतु की धूम मची है,
पेड़ों पर खूब फल-फूल लदी है,
वसंत ऋतु मनोहारी है ।
10) सेहत
जब आँख खुली तो अपने आप को,
गाँव में पाया था ।
ऊपरवाले के आशीर्वाद से,
मैं इस दुनिया में आया था ।
अपने मम्मी-पापा के लिए,
मैं बहुत ही प्यारा था ।
उनके बुढ़ापे के जीवन का,
मैं एक सहारा था ।
उस छोटे से गाँव में रहकर,
मैं कभी बिमार ना हुआ ।
धीरे-धीरे समय बिता और,
पढने को मैं शहर गया ।
आज शहर में रहता हूँ मै,
और रोज बिमार पड़ता हूँ ।
उस छोटे से गाँव के बदले मैं,
शहर में रोज बिमार पड़ता हूँ ।
एक बात समझ नही आता मुझको,
मैं यहाँ सेहत का ध्यान रखता हूँ ।
फिर भी हर पंद्रह दिन पर कैसे ?
मैं बिमार हो जाता हूँ ।
11) बच्चा बन जाऊँगा..
एक पतंग ला दो पापा जी
मैं भी आज उड़ाऊँगा ।
फिर से बच्चा बनकर
मैं बचपन में खो जाऊँगा ।
खेलूँगा और धमाचौकड़ी
फिर से मैं मचाऊँगा ।
छोटे बच्चों की तरह मैं
फिर से लड्डू-पेड़े खाऊँगा ।
नहरों और खेतों में घूमने
फिर से गाँव मैं जाऊँगा ।
गाँव में बंदर की तरह
पेड़ पर मैं चढ़ जाऊँगा ।
एक कॉपी ला दो पापा जी
फिर से स्कूल मैं जाऊँगा ।
मैडम जी की कक्षा में
शैतानी कर मुर्गा बन जाऊँगा ।
रातभर सोकर सपने में
बच्चा मैं बन जाऊँगा ।
मैं फिर से बच्चा बनकर के
बचपन में खो जाऊँगा ।
12) सपना
सपना !
नया भारत बनाने का,
आतंकवाद मिटाने का,
देशद्रोह मिटाने का,
बेरोजगारी हटाने का ।
सपना !
देश का सेवा करने का,
झूठ के खिलाफ लड़ने का,
देश की रक्षा करते मरने का,
एक नया इतिहास रचने का ।
सपना !
मेहनत से आगे बढ़ने का,
सच्चाई के मार्ग पर चलने का,
हौंसला बुलंद रखने का,
कभी हार नही मानने का ।
सपना !
कर्तव्यनिष्ठ बनने का,
हमेशा मैदान में जितने का,
सदा ईमानदार रहने का,
सभी चाहतों को पूरा करने का ।
13) ले वो वादें
ले वो वादें गरीबी मिटा देंगे,
ले वो वादें बेरोजगारी मिटा देंगे,
लो वो वादें भ्रष्टाचार मिटा देंगे,
हम नया हिन्दुस्तान बना देंगे ।
ले वो वादें कुपोषण मिटा देंगे,
ले वो भारत को साक्षर बना देंगे,
ले वो वादें बीमारी पर काबू पा लेंगे,
हम नया हिन्दुस्तान बना देंगे ।
ले वो वादें देशद्रोहियों को मिटा देंगे,
ले वो वादें अपराध जड़ से मिटा देंगे,
ले वो वादें दुश्मनों के छक्के छुड़ा देंगे,
हम नया हिंदुस्तान बना देंगे ।
ले वो वादें सबको साथ रहना सिखा देंगे,
ले वो वादें देशभक्ति का पाठ सबको पढा देंगे,
ले वो वादें उत्साह सबमे जगा देंगे,
हम नया हिन्दुस्तान बना देंगे ।
14) भारत देश के बच्चे
हम हैं भारत देश के बच्चे
भारत देश हमारा है ।
हिंदु,मुस्लिम,सिक्ख,इसाई
हमको सबसे प्यारा है ।
कदम-कदम पर बने हैं मंदिर
कदम-कदम पर मस्जिद ।
हिंदु, मुस्लिम करते पूजा
जाकर मंदिर और मस्जिद ।
हिंदु,मुस्लिम,सिक्ख,इसाई
ये चारों हैं भाई-भाई
मिल-जुल कर रहें हमेशा
कभी ना करें लड़ाई ।
कहती यही मातृभूमि भी
तुम हो मेरे अपने बच्चे
क्यों करते हो लड़ाई
जात-पात की भेद करो मत
रहो बनकर भाई-भाई ।
हम हैं भारत देश के बच्चे
भारत देश हमारा है ।
करना रक्षा इसकी हमेशा
यह भी फर्ज हमारा है ।
हम हैं भारत देश के बच्चे
भारत देश हमारा है...
15) काश..
काश मेरे पास जादू होता,
करता पूरी इच्छा मै जादू से,
खेलता-कूदता मै जादू से,
करता नही कभी कोई काम ।
काश मेरे पास जादू होता,
ख्यालों की दुनिया में जाकर,
करता रहता सैर वहांँ पर ।
काश मेरे पास जादू होता,
खाना खाता मैं जादू से,
पानी पीता मै जादू से,
कभी भी नही थकता मै ।
काश मेरे पास जादू होता,
ख्वाबों की दुनिया में जाकर,
रहता वहाँ पर मै जादू से,
आता नही कभी वापस मै ।
काश मेरे पास जादू होता,
करता दुनिया की सैर जादू से,
रहता मस्ती में मै हमेशा,
होती न जरुरत किसी चीज की ।
काश मेरे पास जादू होता,
करता हर एक काम जादू से,
मौज-मस्ती करता हमेशा मै,
काश मेरे जादू होता ।
16) हरियाली
देखो देखो यह हरियाली,
सरसो और राई नई-नवेली ।
बीच में बनी हुई वह हवेली,
जिसके पीछे बच्चों की टोली ।
गाँव में है कितनी खुशहाली,
शहर में प्रदूषण फैलाती गाड़ी ।
हर तरफ फैला प्रदूषण शहर में,
और घर-घर गाड़ी नई-नवेली ।
गाँव में है भरी-पूरी हरियाली,
जिधर देखें उधर हरियाली ।
कच्चे-टूटे घर गांव में,
और है यहाँ फूस की हवेली ।
गाँव में है बहुत ही खुशहाली,
सब मिलकर मनाते ईद-दीवाली ।
देखो देखो यह हरियाली,
सरसों और राई नई-नवेली ।
17) अनुरोध
जब वे ऑक्सिजन देते हैं,
तो क्यो उनको काटते हो आप ।
जब वे धरती से खत्म हो जाएँगे,
तो किस तरह से जिंदा रहोगे आप ।
पेड़-पौधों को बचाओ और,
मेरी बात को अच्छे से समझो आप ।
अभी बात मेरी नही मानकर,
बाद में पछताओगे आप ।
हरियाली को बनाए रखने के लिए,
पेड़-पौधे ज्यादा लगाओ आप ।
पौधे ज्यादा-से-ज्यादा लगाओ और,
अपना जीवन बचाओ आप ।
सुखे पेड़ों को ही काटो और,
हरे-हरे पेड़ों को बचाओ आप ।
पर्यावरण को संतुलित बनाओ और,
अपना फर्ज निभाओ आप ।
18) बचपन
फूलों की सुन्दरता सा होता है बचपन ।
कलियों सा खिलता होता है लड़कपन ।
गौर से देखा है मैने बचपन अपना,
स्वर्ग सा ही अति प्यारा होता है बालपन ।
19) वोट देने जाना
सुनो काका,काकी,मेरे नाना,
वोट देने आप जरुर जाना ।
अपना कर्तव्य पूरा करना,
अपना-अपना फर्ज निभाना ।
अच्छे नेता को ही जीताना,
जीता के उसको सत्ता में लाना ।
मतदान का कार्य सफल करवाना,
यह महत्वपूर्ण कार्य जरुर करना ।
अच्छे नेता की पहचान करना,
उंगली पर स्याही अवश्य लगवाना ।
सुनो काका,काकी,मेरे नाना,
वोट देने जरुर जाना ।
20) जंगल में सैर
सेब खा रहा था छोटा लड़का
तभी उसे दिखी एक बिल्ली ।
पास में खड़ा था कुत्ता धरती पर,
देख रहा था ऐसे जैसे जाएगा दिल्ली ।
मेंढक मिला उसे तभी वहाँ पर,
हरी-हरी जहाँ घास पड़ी थी ।
वह घूमता हुआ पँहुच गया घर पर,
आइसक्रीम लिए मम्मी खड़ी थी ।
निकला वह फिर जंगल घूमने,
कंगारू, शेर, चीता देखा वहाँ पर ।
बंदर कर रहे थे चहलकदमी जहाँ,
घोंसला पंछी भी का था वहाँ पर ।
उल्लू को देखा उसने पेड़ पर,
मोर भी नाच रहा था वहाँ पर ।
बटेर, सारस, कोकिल, गीदड़,
खरगोश भी दिखा उसे वहाँ पर ।
गिलहरी खा रही थी खाना,
बाघ शिकार में लगा हुआ था ।
छाता उसने खोला जल्दी से,
बारिश तभी वहाँ होने लगा था ।
वापस आने को गाड़ी में बैठा,
दोस्त सब तरबूज खा रहा था ।
एक्समस ट्री उसने जब देखा तो उसपर,
पीले रंग का ज़ीरो लिखा हुआ था ।
21) मछली
मछली उड़ी
ट्रेन में चढ़ी
जब बैठ ना सकी
तो रोने लगी ।
बंदर पूछा
क्या हुआ मछली रानी
बहा क्यों रही हो
अपनी आँखों से पानी ।
इधर आओ बैठो
बोल पडा भालू
भूखी लगती हो
खाओगी क्या आलू ।
मछली बोली
धन्यवाद भालू भाई
जा रही हूँ जम्मू
ताकी घूम आऊं खाई ।
22) हिम्मत
तुम कुछ कर सकते हो
तुम आगे बढ़ सकते हो ।
तुममे है बहुत हिम्मत
तुम जग को बदल सकते हो ।
तुम खुद से हिम्मत नही हारना ।
कभी खुद का भरोसा मत हारना ।
तुम झूठ का मार्ग छोड़
सच्चाई के रास्ते पर चलते रहना ।
मुसीबत बहुत आते हैं जीवन में
बस डट कर सामना करना ।
तुम ही देश के भविष्य हो
यह बात हमेशा याद रखना ।
आत्मविश्वास बनाए रखो
तुम हर कार्य पूरा कर पाओगे
अपनी प्रयास तुम जारी रखो
एक दिन जरुर सफल हो जाओगे ।
तुम करना कुछ ऐसा की,
सारी दुनिया तुम्हारे गुण गाए ।
तुम बनना ऐसा की महानों की,
महानता भी कम पड़ जाए ।
तुम रखना हिम्मत इतना की,
वीर योद्धा की तलवार भी झुक जाए ।
तुम बनना इतना सच्चा की
हरीशचंद्र के बाद तुम्हारा नाम लिया जाए ।
23) वीर
आगे बढ़ो तुम
कुछ काम करो ।
थोड़ा नाम करो
तुम वीर बनो ।
दुनिया याद करे तुमको
तुम उनका आदर्श बनो ।
तुम धन कमाओ ।
खूब यश पाओ ।
अपने बल-बूते पर तुम
दुनिया का श्रृंगार करो ।
तुम दानी बनो ।
तुम ज्ञानी बनो ।
डर को भूलो
तुम वीर बनो ।
कुछ ऐसा तुम काम करो
दुनिया तेरे गुण गाए ।
अब तुम धनुष की तीर बनो ।
तुम वीर बनो ।
24) खुशियाँ
चिड़िया उड़ रही नील गगन में,
खुशियाँ छाई हुई हैं मेरे आंगन में
उन्नति कर रहे सब आज लगन से
गा रहे गीत सब मग्न होकर के ।
उत्साह नया है सबके तन में
विचार नए-नए आए हैं सबके मन में
खुशी छाई हो जैसे कण-कण में
खुशियों की दिन आई दुल्हन बनकर के ।
मानो आसमानी ताकत हो बदन में
तंदरुस्ती है छाई सबके अंग-अंग में
सब झूम रहे, खुशियों के संग में
सुबह की लालिमा आई आंगन में ।
25) पसंद
कौआ का कांव- कांव
बकरियों की में- में
कबूतर का गुटुर गूँ
पसंद है मुझे
चिड़ियों को दाना देना
आसमान में उड़ते हुए देखना
चिड़ियों का चहचहाना
पसंद है मुझे
पशुओं को चारा खिलाना
उनके बच्चों के साथ खेलना
उन्हें खेतों में घूमाना
पसंद है मुझे
गांव में घूमना
नदियों में नहाना
पशुओं के बीच रहना
पसंद है मुझे
बच्चों के साख खेलना
सदा बचपन में रहना
बचपन को जीना
पसंद है मुझे