ishq wala love - 1 in Hindi Love Stories by Sunil Gupta books and stories PDF | इश्क वाला ️️️️Love - 1

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इश्क वाला ️️️️Love - 1

आजकल बहुत बड़ा हीरो बन रहा है तू, कल हम तुझे बुला रहे थे और तू लड़की के साथ जा रहा था तो तूने पलट कर देखा भी नहीं अब बता बच कर कहां जाएगा?

4 लगभग 10 से 12 साल के बच्चे एक लड़के को जो कि 10 या 11 साल का ही रहा होगा, घेर कर खड़े थे सब के सब ने सफेद शर्ट और हरे कलर की पैंट के ऊपर एक लाल कलर का ब्लेजर डाला था सब के गले में नीली टाई लटकी हुई थी और वह ढीली ढाली थी , सब के पैरों में एक ही तरह के काले जूते थे उन्हें देखकर कोई भी कह सकता था कि वह स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे हैं।
उन चारों लड़कों के बीच में खड़ा हुआ लड़का गोरा गोरा सा तीखे नैन नक्श वाला बहुत ही खूबसूरत सा था उसके सिल्की बाल इस समय हवा के झोंके से उड़ रहा था । और काली - काली और बड़ी-बड़ी आंखों में गुस्सा चमक रहा था वह चारों को गुस्से से घूर रहा था मानो अभी कच्चा ही चबा जाएगा

तुम लोग कहीं के नवाब हो क्या जो तुम्हारे बुलाने पर मैं रुक जाऊं और वापस आ जाऊं जब मैं तुम लोगों से बात नहीं करना चाहता तो तुम लोग क्यों खामखा मेरे पीछे पड़े रहते हो। उस लड़के ने गुर्रा कर कहा

अच्छा बेटे जबान जोरी वह भी हमसे जानता है ना मैं कौन हूं और मुझसे जुबान चला रहा है उन चारों लड़कों में से एक लड़का गुस्से से बोला

तुम जो कोई भी हो उससे मुझे मतलब नहीं है लेकिन मैं तुम्हारी बुलाने पर क्यों रुकूं, मेरा रास्ता छोड़ो और मुझे स्कूल जाने दो मुझे स्कूल के लिए देर हो रहा है ।लड़का बिना डरे हुए बोला

रोशन यह साला बहुत ज्यादा बकवास कर रहा है आज इसकी सारी हेकड़ी निकालते हैं उस लड़के ने अपने दोस्तों से कहा
इतना सुनते ही तीनों लड़के उसके ऊपर टूट पड़े और उसे बुरी तरह से मारने और पीटने लगे

वह लड़का बिना डरे चारों से अकेला ही भिड़ गया वह भी चारों को मारने लगा। उस लड़के की हिम्मत ताकत और हौसला देखने लायक था अकेले ही उन चारों को छठी का दूध याद करवा दिया एक बार को तो वह अकेला ही उन चारों पर भारी पड़ने लगा लेकिन कब तक, वह अकेला था और वह चार थे धीरे-धीरे वह कमजोर पड़ने लगा और आखिर में एक समय ऐसा आया जब वह जमीन पर गिर पड़ा और उसकी हिम्मत जवाब दे गई उसके गिरते ही चारों लड़कों ने एक साथ उसे लात और घूंसे से मारना शुरू कर दिया

जब। जी भरकर उन चारों लड़कों ने उसे पीट लिया तो बोले आइंदा से अगर हमसे उलझने की कोशिश किया तो इससे भी बुरा अंजाम होगा यह बात ध्यान रखना ।चलो दोस्तों अब यह हमसे कभी नहीं उलझेगा,आज इस को अच्छी तरह से सबक सिखा दिया है । उस लड़के ने उन तीनों से कहा
और उसके तीनों दोस्त कराहते और बुरी तरीके से मार खाए गिरे हुए उस लड़के को छोड़ कर के आगे बढ़ गए
वह लड़का बहुत देर तक जमीन पर पड़ा रहा उसका स्कूल का यूनिफार्म जगह-जगह से फट गया था और उसके सारे कपड़े भी गंदे हो गए थे दर्द से वह कराह रहा था थोड़ी देर तो वह ऐसे ही पड़ा रहा फिर किसी तरह से हिम्मत जुटा करके उठा और लगड़ाते हुए अपनी साइकिल की तरफ चल पड़ा
उसको उन चारों ने मिलकर बुरी तरीके से मारा था और उसकी मार से उस लड़के का पूरा बदन दुख रहा था रह-रहकर उसके होठों से कराह निकल रही थी वह किसी तरीके से लंगड़ा ते हुए पैदल ही स्कूल पहुंचा उसने अपने दूसरे हाथ में साइकिल थाम रखी थी

उसे इस तरह से मार खाया और फटे हाल देखकर कर के स्कूल के और सारे बच्चे हंसने लगे लेकिन उसे किसी की परवाह ना करते हुए अपनी क्लास की तरफ बढ़ गया क्लास में पहुंचकर के वह अपने टेबल पर गिर सा पड़ा और उसके होठों से हल्की सी चीख भी निकल गई।

उसे इस तरह से चोट जाएं और फटेहाल देख कर के एक लड़की भागती हुई उसके पास आई और उसे संभाल लिया
लड़के ने अपना चेहरा उठा करके उस लड़की की तरफ देखा उस लड़के का पूरा चेहरा और आंखें उसके दर्द की हकीकत को बयान कर रहे थे।

उसे इस तरह से दर्द में तड़पता हुआ देखकर लड़की भी दर्द से तड़प गई और उसके गोरे गोरे चेहरे पर दर्द की लकीरें खिंच गई।

उस लड़की का गोल चेहरा बड़ी-बड़ी आंखें दूध में हल्का सा केसर मिला हुआ उजाला रंग और भरे भरे और फूले फूले गाल थे वह बहुत ही क्यूट सी थी उसके आबनूसी काले बाल जिसे इस समय इतनी गूथ रखा था उसने भी स्कूल की ड्रेस पहन रखी थी सफेद शर्ट और हरे रंग की स्कर्ट के ऊपर लाल रंग का ब्लेजर और गले में टाई, काली चमकदार जूते और सफेद सॉक्स

क्या हुआ देव कहीं चोट लग गई क्या? तुम्हारी इतनी बुरी हालत कैसे हो गई।
उस लड़के का नाम शायद देव था उसे इस तरह से देख कर के उस लड़की ने पूछा

उस लड़के के चेहरे पर एक फीकी सी मुस्कुराहट आई वह बड़ी मुश्किल से बोला कुछ नहीं हुआ मिष्ठी तुम घबराओ मत मैं ठीक हूं।
कहां ठीक हो कपड़े जगह-जगह से फट गए हैं और कितना गंदा हो गया , ऐसा लग रहा है जैसे कहीं गिर गए हो या फिर कहीं से मार पिटाई करके आ रहे हो क्या हुआ मुझे बताओ किसी से लड़ाई हो गई है क्या । देव की ऐसी हालत देख कर के मिष्ठी परेशान हो गई थी

तुम परेशान मत हो मिष्ठी मैं ठीक हूं लड़के ने उसको टालने की कोशिश की
लड़की की चेहरे और आंखों में परेशानी और गुस्से का मिलाजुला मिश्रण नजर आया

मैं जितना पूछ रही हूं उतना बताओ तुम्हारी हालत कैसे हुई क्या हुआ तुम्हारे साथ वह देव के लिए फिक्र मंद थी

लड़का खामोश बैठा रहा उसने अपनी नजरें झुका रखी थी।

बोलो ना देव क्या हुआ मैं कुछ पूछ रही हूं बताते क्यों नहीं तुम्हारी यह हालत कैसे हुई मिष्ठी ने झूझला कर पूछा

मिष्ठी 3 दिन पहले जो अमित रोशन पंकज और वैभव से मेरा झगड़ा हुआ था तू इसी वजह से आज मैं जब स्कूल आ रहा था तो उन लोगों ने रास्ते में मुझे रोक लिया मेरी उनसे लड़ाई हो गई और फिर उन चारों ने मिलकर के मुझे मारा लड़के ने पूरी बात बताई

क्या उन चारों में तुम को मिलकर मारा देव की बातें सुनकर के उस लड़की को बहुत तेज गुस्सा आ गया

अच्छा तुम एक काम करो उनसे तो बाद में निपटती हूं अभी तो तुम मेरे साथ मेरे घर चलो वहां पर मैं तुम्हारी मरहम पट्टी कर देती हूं मेरी मम्मी पापा ने घर में फर्स्ट एड बॉक्स रख रखा है अगर तुम्हें जरूरत होगी तो फिर तुम डॉक्टर के पास चले जाना।

अरे मरहम पट्टी की भी कोई जरूरत नहीं है हल्की सी चोट है ठीक हो जाएगा तुम जाओ अपनी पढ़ाई करो नहीं तो टीचर देख लेंगी तो गुस्सा करेंगी। देव ने कहा

इतना बुरी तरीके से चोट लगा है और कह रहे हो हल्की सी चोट है यह देखो जगह-जगह से कट गया है और फिर तुम्हारा ड्रेस भी खराब हो गया है तुम्हें पता है ना खराब ड्रेस देखकर के टीचर गुस्सा हो जाती हैं इसीलिए मैं तुमसे कह रही हूं तुम घर चले चलो अच्छा तुम मैं तुम्हें लेकर चलती हूं ।मिष्ठी ने देव का हाथ पकड़कर उठाते हुए बोली

रहने दो ना मैं ठीक हूं। देव कराहते हुए बोला
मैं कह रही हूं ना उठ जाओ फिर तुम मेरी बात क्यों नहीं सुन रहे हो उठो चलो एक बार बोलने में समझ में नहीं आ रहा है इतनी बुरी तरीके से चोट खाए हो ढंग से बैठा नहीं जा रहा है और कह रहे हो घर नहीं जाना है चलो अभी के अभी घर चलो मिष्ठी ने देव को गुस्से से डाटा और फिर जबरदस्ती उसका हाथ पकड़ कर उसे उठाने लगी

देव के पास अब कोई चारा नहीं बचा था वह बड़ी मुश्किल से कराहते हुए उठा और लंगड़ाते हुए मिष्ठी के साथ चलने लगा

मिष्ठी ने अपना बैग उठाया और फिर देव का भी बैग उठा कर के अपने कंधे पर टांग लिया और देव का हाथ पकड़कर उसे बाहर लेकर चलने लगी

मेरा हाथ छोड़ो मैं चल लूगा वह तो मेरे पैर में चोट लग गई है इसलिए पूरा पैर नहीं रख पा रहा हूं लाओ मुझे मेरा बैग दे दो। देव ने कहा
चलो मैं लेकर चल रही हूं ।मिष्ठी बोली

देव धीरे-धीरे लंगड़ाते लंगड़ाते स्कूल से बाहर आ गया और मिष्ठी उसके जस्ट बगल उसे सहारा देकर के लेकर चल रही थी स्कूल से बाहर आते ही मिष्ठी ने कहा देव तुम ठीक से चल नहीं पा रहे हो तुम्हें दर्द हो रहा है तुम एक काम करो मेरे कंधे पर हाथ रख लो और मेरा सहारा ले लो जिससे तुम्हें कम से कम दर्द हो
अरे नहीं तुम रहने दो मैं चल लूंगा तुम घबराओ मत ।मिष्ठी के कंधे पर अपना हाथ रख कर चलने में देव शर्मा रहा था

देख रही हूं कैसे चल रहे हो दर्द से कराह रहे हो अब ज्यादा नखरे मत दिखाओ चुपचाप मेरे कंधे पर हाथ रख लो और मेरा सहारा रख ले लो मिष्ठी ने जबरदस्ती देव का हाथ उठाकर अपने कंधे पर रख लिया

मिष्ठी के कंधे का सहारा पाकर के देव को राहत मिली वह मिष्ठी के सहारे चलने लगा चलते चलते ही अचानक जैसे उसे कुछ याद आया

अरे 1 मिनट मिनट मिष्टी मेरी साइकिल वह तो यहीं रह गई देव ने कहा

तुम साइकिल भी लेकर आए हो ओह माय गॉड
अच्छा तुम एक काम करो यही आराम से बैठो मैं अभी आती हूं मिष्ठी ने कहा उसने अपने कंधे से दोनों बैग उतारे और देव को वहीं पास में ही बैठा कर उसके बगल में रखा और दौड़ती हुई वापस से स्कूल के अंदर चली गई

थोड़ी देर बाद लौट कर आई देव उसका वहीं बैठ कर के इंतजार कर रहा था

कहां गई थी और क्या किया मेरी साइकिल का मैं कब से तुम्हारा इंतजार कर रहा हूं देव ने कहा

कुछ नहीं वह हिमांगी को बोल दिया है शाम को स्कूल से वापस लौटते हुए आज वह तुम्हारी साइकिल लेकर के आ जाएगी चलो हम दोनों रिक्शे से घर चलते हैं घर चल करके तुम्हारे चोट पर मैं दवाई लगा दूंगी फिर तुम्हें पेन कम होगा ।मिष्टी ने कहा

थोड़ी देर बाद मिष्ठी और देव रिक्से पर बैठकर के घर की तरफ जाने लगे

घर पहुंच कर मिष्ठी देव को पकड़ कर अपने घर के अंदर ले गई और अपने कमरे में ले जाकर के अपने बेड पर बैठा दिया और फिर भागकर अंदर चली गई थोड़ी देर बाद वह वापस लौटी तो उसके हाथों में फर्स्ट एड बॉक्स था।

तुम एक काम करो अपने कपड़े उतार दो यह जगह जगह से फट गए हैं और गंदे भी हो गए हैं ।मिष्ठी ने कहा

अरे पागल हो क्या तुम्हारे सामने मैं कैसे कपड़े उतार सकता हूं मैं लड़का हूं मैं यह नहीं कर रहा। देव शर्माते हुए बोला

तुम्हारे सामने कैसे कपड़े उतार सकता हूं ।मिस्टी ने देव की नकल की
अपनी हालत देख रहे हो जगह जगह से कपड़े फट गए हैं फिर तुम्हारे घाव को साफ कर कर उस पर दवाई भी तो लगानी है और बिना कपड़े उतारे तो दवाई लगा नहीं पाऊंगी मैं तो तुम्हारी दोस्त हूं मुझसे कैसी शर्म ।मिस्टी ने देव को समझाया

नहीं मैं नहीं उतारूगा तुम दवाई लगाने को रहने दो मैं घर जाकर के दवाई लगा लूंगा। देव ने मना कर दिया

अब ज्यादा नाटक मत करो जल्दी से उतारो नहीं तो मैं तुम्हारे कपड़े खुद उतार दूंगी। इतना कहते हुए मिष्ठी खुद ही देव के कापड़ी उतारने के लिए लपकी

अरे अच्छी दादागिरी है तुम समझती क्यों नहीं मिष्ठी आंटी देख लेंगे तो क्या कहेंगे देव मिष्ठी को इस तरह से करते हुए देखकर घबरा रहा था

कुछ नहीं कहेंगे तुम्हारी आंटी, और जब होंगी तभी तो कुछ कहेंगे तुम्हारी आंटी ऑफिस गई हैं और तुम्हारे अंकल भी ऑफिस गए हैं घर में कोई नहीं है सिवा तुम्हारे और हमारे तो फिर शरमाओ मत अब जल्दी से कपड़े उतारो और जिससे मैं तुम्हारे चोट को साफ कर कर उस पर दवाई लगा दूं और फिर तुम्हें यहां से विदा करूं मुझे भी तुम्हें अपने पास रखने का कोई शौक नहीं है इतना कहकर मिष्ठी ने अपने हाथ से ही देव का ब्लेजर उतारना शुरू कर दिया

अच्छा रुको रुको रुको मैं उतारता हूं मिष्ठी को इस तरह अपने कपड़े उतारते देखकर देव ने उसे रोका और फिर खुद अपना ब्लेजर उतारने लगा उसे खुद से अपने कपड़े उतारने में तकलीफ हो रही थी क्योंकि उसे हाथों में तेज दर्द हो रहा था
देव ने शर्माते शर्माते अपना शर्ट का बटन खोला और शर्ट उतार कर एक किनारे रख दिया

अभी यह पैंट भी उतारो मिष्ठी में पैंट की तरफ इशारा किया

अरे पागल हो गई हो क्या कैसी बातें कर रही हो मैं पेंट नहीं उतारूंगा चाहे कुछ भी हो जाए मिष्ठी की बात सुनकर देव उछल पड़ा और इस तरह उछलने पर उसके मुंह से आवाज निकली उसे तेज दर्द हुआ

अच्छा ठीक है रूको मैं कुछ करती हूं मिष्ठी ने कहा और फिर भाग कर अपने पापा के रूम में गई और वहां से उनका टावल लाकर के देव को देते हुए बोली जाओ मेरे सामने तुम्हें शर्म आ रही है यह टावल ले लो और बाथरूम में जाकर के पैंट उतार कर आ जाओ और अपने हाथ पैर भी अच्छे से धो लेना कितनी सारी मिट्टी लगी है

अरे मिष्टी इस की जरूरत नहीं है इतना ज्यादा भी नहीं लगा है तुम मेरे पीठ पर और पेट पर जो चोट लगे हैं उस पर दवाई लगा दो घर जाकर के मैं अपने पैरों में दवाई लगा लूंगा देव ने मिष्टी को आखरी बार समझाने की कोशिश की

अरे जाओ ना जाकर हाथ मुंह धो कर आओ मिष्ठी ने देव को हल्का सा धक्का दिया और बाथरूम की तरफ धकेला

तुम बहुत दुष्ट हो और बहुत ही गंदी हो देव ने मिष्ठी से कहा और उसके हाथ से टॉवल छीन लिया और फिर लगड़ाते हुए बाथरूम की तरफ जाकर उसने बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया

उसने अपना पैंट उतारा और फिर अपने हाथों पैरों को धोने लगा रह रह कर उसक कराह और हल्की सी चीखने की आवाज भी आ रही थी जो शायद घाव पर पानी पड़ने या कपड़े उतारने में उसे महसूस हो रही थी

उसकी हल्की-हल्की चीखें सुनकर मिस्टी ने पूछा क्या हुआ देव अगर ज्यादा दर्द हो रहा हो तो मैं आकर के चोट को अच्छे से साफ कर कर दू।

ना ना मैं कर लूंगा तुम वहीं रहो आना मत देव घबराते हुए बोला और उसकी घबराहट भरी आवाज सुनकर के मिष्ठी के होठों पर एक मुस्कुराहट आ गई

थोड़ी देर बाद देव हाथ में अपना पैंट लेकर और टावल लपेटकर लगड़ाते हुए वापस आया उसने अपना हाथ पैर अच्छी तरीके से धो लिए थे और काफी हद तक साफ सुथरा हो गया था

मिष्ठी ने उसके सारे चोट को पहले अच्छी तरीके से साफ किया और फिर सारी जगह दवाई लगा करके जहां जहां जरूरत थी कॉटन रख करके उसने छोटे-छोटे टेप चिपका दिए यह सब करने में देव को तकलीफ हो रही थी और रह रह कर उसके कराहने की आवाज आ जाती थी और उसके दर्द को महसूस करके मिष्टी का भी मुंह तकलीफ से बन जाता था

जब सारा काम खत्म हो गया तो देव ने वापस अपना शर्ट उठाया और उसे देखने लगा वह कई जगह से फट गया था देव ने वापस से उसे झाड़ का पहन लिया लेकिन परेशान था

मिष्ठी मेरे पास एक ही ड्रेस थी ,कल क्या पहन कर आऊंगा यह कई जगह से फट गई है अपनी ड्रेस की हालत देख कर वो परेशान हो गया

मिष्ठी भी सोच में पड़ गई वह फिर अचानक जैसे उसकी आंखें चमक पड़ी

1 मिनट रुको मैं अभी आती हूं मिष्ठी भाग करके अपनी अलमारी के पास पहुंची और उसने उसे खोल करके अपनी पिगी बैंक निकाली और उसे देव के पास लाकर के धाड़ से जमीन पर दे मारा उसने अपना पिगी बैंक देव के सामने ही फोड़ दिया

उसके सारे पैसे निकल कर इधर-उधर बिखर गए

अरे पागल यह क्या कर रही हो इसे क्यों तोड़ रही हो देव को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था और वह आश्चर्यचकित होकर के मिष्ठी की हरकतों को देख रहा था

मिष्टी ने अपने पिगी बैंक के सारे पैसों को तह करना शुरू कर दिया और फिर सारे पैसे इकट्ठा करके खड़ी हो गई

क्या था यह ? क्यों किया ऐसा ? यह अपना पिगी बैंक क्यों तोड़ दिया। देव ने मिष्टी से पूछा

यह लो तुम जाकर कि अपने लिए एक नई ड्रेस खरीद लेना मिष्टी ने सारे पैसे देव को देते हुए कहा

दिमाग खराब हो गया है क्या तुम्हारा यह तुम्हारे पैसे हैं तुमने रख रखे हैं तुम्हारे पैसे मैं कैसे ले सकता हूं मैं यह नही ले रहा तुम इसे अपने पास रखो मैं इसे ही सही करवा लूंगा या नया ले लूंगा परेशान मत हो ,
तुम ना पागल हो इसे तुमने मेरे लिए तोड़ा है क्या कम से कम मुझसे पूछ तो लेती देव ने पैसे लेने से साफ साफ मना कर दिया
देव तुम्हारे कपड़े पहनकर स्कूल जाने लायक नहीं है फिर सब तुम्हें देखेंगे और तुम्हें चिढाएंगे और अगर टीचर ने देख लिया तो वह भी तुम्हें पनिश करेंगी शोभना मैम को तो तुम जानते ही हो कितनी स्ट्रिक्ट हैं और तुम्हें इस तरह से देख कर बेंच पर खड़ा कर देंगे और मुझे अच्छे से पता है तुम्हारे पास पैसे नहीं है नई ड्रेस खरीदने के लिए इसलिए मैं तुम्हें दे रही हूं उसे रख लो और अपने लिए नई ड्रेस खरीद लेना। मिष्टी ने कहा

और मुझे भी अच्छे से पता है कि तुम यह पैसे डॉल खरीदने के लिए इकट्ठे कर रही थी और अब मुझे दे रही हो अगर तुम सारे पैसे मुझे दे दोगी तो फिर यह डॉल कैसे खरीदोगे वह तो इतने सारे पैसों का आएगा। देव ने मिष्ठी से कहा

अरे वह डाल मुझे नहीं खरीदनी है मैं बड़ी हो गई हूं मम्मी पापा कहते हैं पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए कुछ दिन बाद वह डॉल भी और सारी खिलौनों के साथ एक कोने में पड़ी रहेगी अब जब डॉल ही नहीं खरीदनी है तो इतने सारे पैसे इकट्ठा करके क्या करूंगी इसे तुम रख लो और अपने लिए ड्रेस खरीद लेना मिष्ठी ने ऐसे मुंह बनाकर कहा मानो उसे डॉल की कोई जरूरत अब नहीं रह गई हो

फिर भी मैं यह पैसे नहीं ले सकता पहली बात तो मेरी मम्मी पापा को पता चलेगा तो मुझे डांट पड़ेगी दूसरा किसी और को पता चल गया कि मैंने तुम्हारे पैसे से कपड़े खरीदे और पहन रखा है किसका मेरा मजाक उड़ाएंगे की लड़की के पैसे से कपड़े खरीदा है इसलिए तुम यह पैसे अपने पास ही रखो मैं इसी ड्रेस को सही करवा लूंगा या फिर मम्मी से बोलूंगा वह दूसरी लाएंगे

अरे मैं तुम्हारी दोस्त हो तुम मुझसे ले सकते हो कोई कुछ नहीं कहेगा और कहेगा तब जब उसे पता चलेगा ना मैं तो किसी से बताने वाली नहीं हूं और तुम भी किसी से कुछ मत कहना मिष्ठी ने कहा

नहीं मिष्ठी तुम इसे अपने पास रखो यह तुम्हारे पैसे हैं इतने दिनों से तुमने इसे कट्ठा किया है तुम्हारा बर्थडे आ रहा है इससे तुम एक अच्छा सा ड्रेस खरीद लेना और हां गुलाबी कलर का खरीदना गुलाबी कलर तुम पर बहुत अच्छा लगता है। देव ने मुस्कुराते हुए कहा

अच्छा अब मैं चलता हूं थैंक यू सो मच मिष्ठी ने देव से कहा

अच्छा 1 मिनट देव मुझे बताओ कौन-कौन था जिससे तुम्हारी लड़ाई हुई थी और जिसने तुम्हें मारा है उसकी आंखों में गुस्सा भरा हुआ साथ दिखाई पड़ा था

क्यों ? क्या करना चाहती हो जाने दो जो हो गया सो हो गया वह सब अच्छे लड़के नहीं हैं गंदे लड़के हैं उनसे तुम दूर रहो। देव ने कहा
तुम बताओ तो सही मैं सिर्फ पूछूंगी कि उन्होंने तुम्हें क्यों मारा कुछ करूंगी नहीं। मिष्ठी ने कहा
अमित रोशन पंकज और वैभव वह तुम्हें उस दिन क्लास में मोटी मोटी बोल रहे थे और तुम्हारी बाल खींच रहे थे तो मैंने उन्हें रोका था इसीलिए वह मुझसे चिढ़ गए हैं उस दिन वह कुछ नहीं कर पाए क्योंकि उस दिन क्लास में मैडम आ गई थी और फिर उस दिन मैं जब तुम्हारे साथ घर आ रहा था तो उन्होंने मुझे बुलाया लेकिन मैं उनके पास गया नहीं इसीलिए वह मुझसे गुस्सा थे

अच्छा ठीक है अब तुम जाओ आराम से जाना कहो तो घर तक छोड़ दूं घर जाकर के आंटी से बोलना कि दूध में हल्दी डालकर दे दे बहुत अच्छा होता है उसे तुम्हारा दर्द खत्म हो जाएगा उस दिन मुझे भी चोट लग गई थी तो मेरी मम्मी ने मुझे दिया था और मेरा दर्द छूमंतर हो गया था मिष्ठीने जाते-जाते किसी बड़े बुजुर्ग की तरह देव को समझाया

अच्छा अच्छा ठीक है ज्यादा होशियार मत बनो पी लूंगा थैंक यू सो मच देव ने कहा

क्रमसः

यह प्यार की बड़ा अजीब सय होता है खुद से ज्यादा दूसरे का ख्याल रखने का दिल करता है
भले ही खुद के सपने में जाएं खाक में दूसरों की जरूरत को पूरा करने को दिल मचलता है
खुद की तकलीफ से भी कम लगने लगती हैं खुद के सपने भी छोटे हो जाते हैं
भले ही खुद की आंखें भर आई हो आंसू से पर उसकी आंखों की आंखों सेकिसी का दिल जलता है