Sabko pata tha vah maar dala jayega - 8 - last part in Hindi Thriller by Suraj Prakash books and stories PDF | सबको पता था वह मार डाला जाएगा। - 8 - अंतिम भाग

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सबको पता था वह मार डाला जाएगा। - 8 - अंतिम भाग

सबको पता था वह मार डाला जाएगा।

सूरज प्रकाश

गैब्रियल गार्सिया मार्खेज़ के उपन्यास

का अनुवाद

chronicle of a death foretold

8.

उस सोमवार को फ्लोरा बिशप की नाव के पहले भोंपू की आवाज़ सुनते ही उठ गयी थी और उसके थोड़ी ही देर बाद उसे पता चला था कि विकारियो बंधु सैंतिएगो नासार का कत्ल करने के इरादे से उसका इंतज़ार कर रहे हैं। उसने यह बात मेरी नन बहन को बतायी थी। उस हादसे के बाद उसने सिर्फ मेरी ही बहन से बात की थी और उसे यह भी याद नहीं रहा था कि उसे यह बात बतायी ही किसने थी। “मुझे सिर्फ खबर मिल चुकी थी।” उसने मेरी बहन को बताया था। इतना होते हुए भी, यह बात उसके गले से नीचे नहीं उतर रही थी कि वे सैंतिएगो नासार को मारने जा रहे थे। उसे यह लग रहा था कि एंजेला विकारियो को उसका खोया सम्मान लौटाने के लिए वे सैंतिएगो नासार को एंजेला विकारियो से शादी करने के लिए मज़बूर करेंगे। वह अपमान के घोर संकट से गुज़र रही थी। उस वक्त, जब आधा शहर बिशप का इंतज़ार कर रहा था, वह अपने बेडरूम में गुस्से से रोये जा रही थी। वह रोते-रोते उन खतों को मंजूषा में तरतीब से लगा रही थी जो सैंतिएगो नासार ने उसे स्कूल से भेजे थे।

जब भी वह फ्लोरा मिगुएल के घर के आगे से गुज़रता, चाहे कोई भी घर पर न हो, वह खिड़की के शीशे पर अपनी चाबियों से खटखट करता। उस सोमवार वह खतों की मंजूषा गोद में रखे उसका इंतज़ार कर रही थी। सैंतिएगो नासार खिड़की के बाहर से उसे नहीं देख पाया, लेकिन उसने सैंतिएगो नासार को खिड़की तक पहुंच कर चाबी से खटखटाने से पहले ही आते हुए देख लिया था।

“भीतर आ जाओ।” वह बोली थी।

कभी भी कोई भी, यहां तक कि डॉक्टर भी उस घर में इतनी सुबह, छः बज कर पैंतालीस मिनट पर नहीं आया था। सैंतिएगो नासार अभी-अभी क्रिस्‍तो बेदोया को यामिल शाइयुम के स्‍टोर पर छोड़कर आया था और उस वक्त चौराहे पर कई कई लोग उसकी हर गतिविधि पर जैसे निगाह रखे हुए थे, यह मानने को यकीन नहीं करता था कि उसे किसी ने अपनी मंगेतर के घर के भीतर जाते हुए नहीं देखा होगा। जांचकर्ता मजिस्ट्रेट किसी एक ऐसे आदमी की तलाश में था जिसने उसे वहां जाते हुए देखा हो, और यह काम उसने इतनी मेहनत और दृढ़ता से किया था, लेकिन कोई भी ऐसा आदमी खोज पाना असम्भव था। सारांश के 382वें पन्ने पर उसने लाल स्याही से एक और उद्घोषणा हाशिये पर दर्ज की थी। मौत की छाया हमें अदृश्य कर देती है।

सच्चाई तो यह थी कि सैंतिएगो नासार, सबकी निगाहों के सामने से, मुख्य दरवाजे से भीतर गया था। उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया था कि वह दिखायी न देता। फ्लोरा मिगुएल पार्लर में उसका इंतज़ार कर रही थी। उस समय वह गुस्से से लाल-पीली हो रही थी। उसने उस वक्त उन अभागी सलवटों वाली पोशाक पहन रखी थी जो वह आमतौर पर अविस्मरणीय अवसरों पर पहन लिया करती थी, पत्रों की पेटी उसने सैंतिएगो नासार के हाथों में थमा दी।

“तो आप यहां है जनाब,” वह बोली थी, “हम तो समझ रहे थे, उन्होंने आपको मार डाला है।”

सैंतिएगो नासार इतना सकपकाया कि पेटी उसके हाथ से छूट गयी और सारे पत्र फर्श पर बिखर गये। इन पत्रों में कोई प्यार नहीं बचा था। उसने फ्लोरा मिगुएल को बैडरूम में पकड़ने की कोशिश की। लेकिन उसने दरवाजा बंद कर दिया और कुण्‍डी चढ़ा दी। उसने कई बार दरवाजा खटखटाया, दिन के वक्त का ख्याल रखते हुए दबी हुई जुबान में कई बार पुकारा, कि पूरा परिवार भीतर आ गया। सब चौकन्ने थे। अगर खून के और शादियों के रिश्तों से गिना जाये तो बड़े और बच्चे, कुल मिलाकर चौदह लोग थे। सबसे आखिर में पिता, नाहिर मिगुएल आये। उनकी लाल दाढ़ी थी और वे बद्दू कफ्तान पहने हुए थे। यह कफ्तान वे अपने मुल्क से लाये थे और घर पर हमेशा पहने रहते थे। मैंने उन्हें कई बार देखा था।

वे ऊंचे और दुबले थे, लेकिन जो बात उनमें मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित करती थी, वह थी, उनके चेहरे पर अधिकार की चमक।

“फ्लोरा,” उन्होंने अपनी भाषा में पुकारा था, “दरवाजा खोलो।”

वे अपनी बेटी के बेडरूम में चले गये जबकि बाकी परिवार सैंतिएगो नासार को घूरता रहा। वह पार्लर में घुटनों के बल झुका पत्र इकट्ठे करके पेटी में रखता जा रहा था। “लग रहा था जैसे वह प्रायश्चित कर रहा हो।” उन्होंने मुझे बताया था। कुछेक पलों बाद नाहिर मिगुएल बेडरूम से बाहर आये, अपने हाथ से एक इशारा किया और सारा परिवार वहां से चला गया।

वह सैंतिएगो नासार से अरबी भाषा में बात करते रहे। “पहले ही क्षण से मैं समझ गया था कि मैं जो कुछ भी कह रहा था। उसका सिर-पैर उसके पल्ले नहीं पड़ रहा था।” उन्होंने मुझे बताया था।

तब उन्होंने सीधे-सीधे ही उससे पूछ लिया कि क्या उसे पता है कि विकारियो बंधु उसे मार डालने के लिए ढूंढते फिर रहे हैं। “वह पीला पड़ गया था और उसने कुछ इस तरह से अपना आपा खो दिया था कि विश्वास करना मुश्किल था कि वो ढोंग कर रहा होगा।” वे मुझे बता रहे थे। उन्होंने माना कि उसके तौर तरीके में डर कम और भ्रम ज्यादा था।

“सिर्फ तुम ही बता सकते हो कि वे सही हैं या गलत,” उन्होंने उससे कहा था,“भले जो भी हो अब तुम्हारे सामने दो ही रास्ते बचते हैं। या तो तुम यहीं छुपे रहो, इस घर में जो कि तुम्हारा अपना ही है, या फिर तुम मेरी राइफल लेकर बाहर निकलो।”

“आप क्या कह रहे हैं, कुछ भी मेरे पल्ले नहीं पड़ रहा है।” सैंतिएगो नासार ने कहा था।

वह सिर्फ इतना ही कह पाया था और यह बात उसने इस्पानी में कही थी। “उस वक्त वह नन्हे भीगे परिन्दे की मानिंद लग रहा था।” नाहिर मिगुएल ने मुझे बताया था। उन्हें पत्रों की पेटी उसके हाथ से ले लेनी पड़ी थी क्योंकि उसे समझ में नहीं आ रहा था, दरवाजा खोलने के लिए पेटी को कहां रखे।

“मुकाबला दो और एक के बीच होगा।” उन्होंने उसे बताया था।

सैंतिएगो नासार चला गया था। लोगों ने खुद को चौराहे पर कुछ इस तरह जमा लिया था, जिस तरह वे परेड के दिनों में किया करते थे। उन सबने उसे बाहर आते देखा था। वे सब समझ गये थे कि अब उसे पता चल चुका है कि वे उसे मारने जा रहे हैं और वह इतना ज्यादा चकराया हुआ था कि अपने घर का रास्ता भी नहीं खोज पाया। उनका कहना है कि कोई किसी छज्जे से चिल्लाया था, “उस रास्ते से नहीं, तुर्क : पुराने घाट के रास्ते से।” सैंतिएगो नासार ने आवाज पहचान ली थी। यामिल शाइयुम उसके लिए चिल्लाया था कि मेरे स्‍टोर में घुस जाओ। फिर वह अपनी शिकारी वाली बंदूक लाने के लिए लपका। दुर्भाग्य से वह याद ही नहीं कर पाया कि उसने कारतूस कहां रख छोड़े हैं। चारों तरफ से सैंतिएगो नासार के लिए आवाज़ें आने लगीं। वह कई बार आगे होता रहा, पीछे लौटता रहा और ?? एक ही समय में इतनी अधिक आवाजों से हैरान-परेशान होता रहा। तय था कि वह रसोई घर के रास्ते से अपने घर की तरफ जाना चाहता था, लेकिन अचानक ही उसे लगा होगा कि सामने की तरफ का दरवाजा खुला है।

“वो आ रहा है।” पैड्रो विकारियो बोला था। दोनों भाइयों ने उसे एक साथ देखा था। पाब्लो विकारियो ने अपनी जैकेट उतारी, उसे बैंच पर रखा और कागज में से चाकू निकाल कर उसे शमशीर की तरह थाम लिया। स्‍टोर से बाहर आने से पहले, बिना किसी सहमति के, दोनों एक दूसरे के आगे से गुज़रे। तब क्‍लोतिल्‍दे आर्मेंता नासार के लिए चिल्लायी कि वह भाग ले। ये दोनों उसे मारने के लिए पीछे पड़े हुए हैं। यह इतने ज़ोर से चिल्लायी थी कि बाकियों की शोर शराबे की आवाज उसकी चिल्लाहट में डूब गयी थी, “पहले तो वह सकपका गया था, “क्‍लोतिल्‍दे आर्मेंता ने मुझे बताया था,“क्योंकि उसे पता ही नहीं था कि कौन उसके लिए चिल्ला रहा है और कहां से चिल्ला रहा है, “लेकिन जब उसने क्‍लोतिल्‍दे आर्मेंता को देख लिया तो उसे पैड्रो विकारियो भी नज़र आया। पैड्रो विकारियो ने क्‍लोतिल्‍दे आर्मेंता को जमीन पर पटक दिया था और अपने भाई के साथ आगे बढ़ आया था, उस वक्त सैंतिएगो नासार अपने घर से पचास गज से भी कम दूरी पर था। वह सीधे मुख्य द्वार की तरफ भागा।

रसोई घर में, पांच मिनट पहले विक्‍टोरिया गुज़मां ने प्लेसिडा लिनेरो को वह सब कुछ बताया जो सबको पहले से ही मालूम था। प्लेसिडा लिनेरो मज़बूत दिल वाली औरत थी, इसलिए उसने चेहरे पर हड़बड़ाहट की शिकन तक नहीं आने दी। उसने विक्‍टोरिया गुज़मां से पूछा कि क्या उसने इस बाबत उसके बेटे से कुछ कहा था, तो विक्‍टोरिया गुज़मां साफ़ मुकर गयी। उसने यही कहा कि जब सैंतिएगो नासार कॉफी पीने के लिये आया था तो उस वक्त खुद भी कुछ भी नहीं जानती थी। ड्राइंग रूम में, ठीक उसी वक्त, जब दिविना फ्लोर पोंछा लगा रही थी, चौराहे वाले दरवाजे की तरफ से सैंतिएगो नासार भीतर आया और सीढ़ियों से चढ़कर बेडरूम की तरफ निकल गया, “दृश्य बिल्कुल साफ़ था।” दिविना फ्लोर ने मुझे बताया था, “वह सफेद सूट पहने हुए था और हाथ में कुछ लिये हुए था। मैं पक्के तौर पर नहीं कह सकती, लेकिन वह गुलाब के फूलों का गुलदस्ता लग रहा था।” इसलिए जब प्लेसिडा लिनेरो ने उससे अपने बेटे के बारे में पूछा तो दिविना फ्लोर ने उन्हें दिलासा दी, “वह एक मिनट पहले ही ऊपर अपने कमरे में गया है।”

तभी प्लेसिडा लिनेरो ने जमीन पर पड़ा काग़ज़ देखा था, लेकिन उन्होंने उसे उठाने के बारे में नहीं सोचा। यह तो वे तभी जान पायी थी कि उस पर क्‍या लिखा है, जब बाद में हादसे की गड़बड़ी में किसी ने उन्हें यह काग़ज़ लाकर दिखाया था। दरवाजे से उन्होंने देखा था कि विकारियो बंधु हाथों में नंगे चाकू लिये उनके घर की तरफ दौड़े चले आ रहे हैं। “जिस जगह पर वे खड़ी थीं, वहां से वे विकारियो बंधुओं को तो देख पायी लेकिन अपने बेटे को नहीं देख पायी जो एक दूसरे ही कोण से दरवाजे की तरफ दौड़ रहा था। “मुझे लगा, वे उसे घर के भीतर मारना चाहते हैं।” उन्होंने मुझे बताया था। तब वे दरवाजे की तरफ लपकीं और दरवाजा भड़ाक से बंद कर दिया। वे दरवाजे की कुण्‍डी चढ़ाने ही वाली थीं कि उन्होंने सैंतिएगो नासार की चीखें सुनीं। उन्हें यही लगा कि वह ऊपर कमरे में है और अपने कमरे की बाल्‍कनी से विकारियो बंधुओं को गालियां बक रहा है। वे मदद करने की नीयत से ऊपर गयीं।

दरवाजा बन्द होने से पहले घर में घुसने से सैंतिएगो नासार कुछ ही सेकेण्डों से चूक गया था। उसने मुट्ठियों, घूंसों से कई बार दरवाजा पीटा और फिर अचानक ही अपने दुश्मनों के आमने सामने हो गया। उसके हाथों में कुछ भी नहीं था। “उसे इस तरह आमने सामने देख कर मैं डर गया था, पाब्लो विकारियो ने मुझे बताया था, “क्योंकि वह जितना था, उससे दुगुना दिखायी देने लगा था।” सैंतिएगो नासार ने अपना हाथ उठाकर पैड्रो विकारियो का पहला वार रोकने की कोशिश की। उसने अपना चाकू सीधे ही सैंतिएगो नासार की दायीं बगल में घुसेड़ दिया था।

““कुतिया के पिल्लो”“ वह चीखा था। चाकू उसके दायें हाथ की हथेली को चीरता हुआ मूठ तक उसकी पसलियों में घुसता चला गया था। सभी ने उसे दर्द से चीखते, छटपटाते सुना था। “ओह, मेरी मां,” पैड्रो विकारियो ने अपना कसाईपना दिखाते हुए मज़बूत पकड़ के साथ चाकू वापिस खींचा था और लगभग उसी जगह पर दूसरा वार किया था। “हैरानी की बात तो यह थी कि चाकू बिल्कुल साफ़ ही बाहर निकल रहा था, पैड्रो विकारियो ने जांचकर्ता के सामने स्पष्ट किया था, “मैंने कम से कम तीन वार किये थे, लेकिन हर बार चाकू पर एक बूंद खून भी नहीं होता था।” तीसरे घाव के बाद सैंतिएगो नासार घूम गया था। उसके हाथ पेट पर दोहरे हो गये थे। उसके मुंह से बछड़े की सी कराह निकली थी और उसने उन दोनों की तरफ पीठ मोड़ने की कोशिश की थी। पाब्लो विकारियो, जो उसकी बायीं तरफ खड़ा था, ने उसकी पीठ में इकलौता वार किया। बड़ी तेजी से खून का फव्वारा छूटा था और उसकी कमीज खून से सन गयी थी। “खून से उस जैसी ही गंध आ रही थी।” उसने मुझे बताया था। तीन प्राण घातक घाव झेल लेने के बाद सैंतिएगो नासार फिर सामने की तरफ मुड़ा और अपनी मां के दरवाजे की टेक लगाकर खड़ा हो गया। उसने रत्ती भर भी विरोध नहीं किया, मानो उनकी मदद करना चाह रहा हो कि दोनों बराबर-बराबर वार करके उसे खत्म कर डालें। “वह दोबारा नहीं चिल्लाया था।” पैड्रो विकारियो ने जांचकर्ता को बताया था, “इसके विपरीत वह मेरी तरफ यूं देख रहा था, जैसे मुझ पर हंस रहा हो।” इसके बाद वे उसे बारी-बारी से और आसानी से चाकू घोंपते रहे और वह दरवाजे पर पीठ लगाये खड़ा रहा। उन्हें डर नहीं लग रहा था, जैसे वे ठहरे पानी को चप्पू से पीट रहे हों। उन्हें पूरे शहर की चीखें, चिल्लाहटें सुनायी नहीं दे रही थीं। शहर, जो अपने खुद के अपराध से डरा हुआ था। ““मैं ठीक वैसे ही महसूस कर रहा था, जैसे आप घोड़े की पीठ पर बैठे हिचकोले खाते हैं। पाब्लो विकारियो ने स्पष्ट किया था। अचानक ही उन्हें वास्तविकता का आभास हुआ था, क्योंकि वे बुरी तरह थक गये थे, फिर भी उन्हें लग रहा था कि सैंतिएगो नासार कभी भी नहीं गिरेगा। “थू है, मेरे भाई,” पाब्लो विकारियो ने मुझसे कहा था,“तुम कल्पना नहीं कर सकते, किसी आदमी को मारना कितना मुश्किल होता है।” उसे एक ही बार और हमेशा के लिए खत्म करने के इरादे से पैड्रो विकारियो ने सैंतिएगो नासार का दिल चीरने की कोशिश की, लेकिन वह उसका दिल बगल की तरफ तलाश रहा था, जहां सूअरों का दिल हुआ करता है। दरअसल, सैंतिएगो नासार इसलिए नहीं गिर रहा था क्योंकि उन्होंने खुद ही उसे दरवाजे की सहारे खड़ा करके पकड़ा हुआ था और लगातार चाकुओं से गोद रहे थे। थक हार कर, पाब्लो विकारियो ने उसके पेट में आड़ा चाकू घुसेड़ा। इससे उसकी सारी अंतड़ियां फट कर बाहर आ गयीं। पैड्रो विकारियो भी उसे आड़ा चाकू मारने ही वाला था कि डर के मारे उसका हाथ घूम गया और सैंतिएगो नासार की जांघ पर गहरा घाव कर गया। सैंतिएगो नासार, एक पल के लिए तो दरवाजे के सहारे सीधा खड़ा रहा, लेकिन जब उसने सूरज की रौशनी में अपनी खुद की अंतड़ियां देखीं - साफ़ और नीली-नीली, तो वह घुटनों के बल गिर पड़ा।

सैंतिएगो नासार के लिए बैडरूम में झांकने, खोजने और चीखने चिल्लाने के बाद जब प्लेसिडा लिनेरो ने दूसरों की चीखें सुनीं जो उनकी खुद की नहीं थी और उन्हें पता नहीं चल पा रहा था कि कहां से आ रही हैं तो वे चौराहे की तरफ वाली खिड़की पर आयीं। वहां से उन्होंने विकारियो बंधुओं को गिरजा घर की तरफ भागते देखा। उनके पीछे तेजी से यामिल शाइमुल अपनी जगुआर बंदूक लिये लपक रहा था। उनके पीछे निहत्थे अरब लोग भी भाग रहे थे। प्लेसिडा लिनेरो को लगा, खतरा टल गया है। तब वे बेडरूम की बाल्‍कनी में आयीं तो उन्होंने सैंतिएगो नासार को दरवाजे के सामने देखा। उसका चेहरा नीचे धूल में लिथड़ा पड़ा था और वह अपने खुद के खून में चहबच्चे में से उठने की कोशिश कर रहा था। वह खड़ा हुआ, एक तरफ झुका और दृष्टि भ्रम के आलम में चलने लगा। वह अपने हाथों में अपनी झूलती अंतड़ियां थामे हुए था।

उसने पूरे घर के चारों तरफ सौ गज से भी ज्यादा का चक्कर काटा और रसोई के दरवाजे से भीतर चला गया। अभी भी उसका दिमाग इतना काम कर रहा था कि वह गली की तरफ नहीं निकला, जो कि लम्बा रास्ता था। लेकिन वह साथ वाले घर के भीतर घुस गया। पोंचो लानाओ, उसकी बीवी और उनके पांच बच्चे सोच भी नहीं पाये थे कि उनके घर से सिर्फ बीस कदम दूर पल भर पहले क्या कुछ हो चुका है, “हमने चिल्लाने की आवाज़ें सुनीं,” बीवी ने मुझे बताया था, “लेकिन हमने यही समझा कि ये सब बिशप के आगमन का हंगामा है। वे उस वक्त नाश्ता करने के लिए बैठने ही वाले थे जब उन्‍होंने सैंतिएगो नासार को खून से लथपथ और अपने हाथों में खुद की अंतड़ियां लिये भीतर आते देखा। पोंचो लानाओ ने मुझे बताया था कि हम गू की बदबू कभी भी भूल नहीं पायेंगे। वह बर्दाश्त से परे थी। लेकिन अर्जेनिडा लानाओ, उनकी बड़ी लड़की ने मुझे बताया था कि सैंतिएगो नासार अपनी स्वाभाविक, सधी चाल से, नपे तुले कदमों के साथ जब उनके आगे से गुज़रा तो उस वक्‍त घुंघराले बालों वाला उसका चेहरा पहले की तुलना में ज्‍यादा खूबसूरत नज़र आ रहा था। मेज़ के पास से गुज़रते वक्‍त वह उनकी तरफ देख कर मुस्‍कुराया था और बेडरूम से होते हुए पिछवाड़े के दरवाजे की तरफ चला गया था। “हमें जैसे डर से लकवा मार गया था।” अर्जेन्‍टीना लानाओ ने मुझे बताया था। मेरी चाची वेनेफ्रिडा मार्खेज़ नदी के दूसरी तरफ अपने घर के वरांडे में एक बड़ी मछली साफ़ कर रही थी जब उसने नासार को पुराने बंदरगाह की सीढ़ियों से नीचे उतरते देखा था। वह मज़बूत कदमों से अपने घर की तलाश कर रहा था।

“सैंतिएगो, मेरे बच्‍चे,” वेने चिल्लायी थी, “तुम्‍हें क्‍या हो गया है मेरे बच्‍चे?”

“इन लोगों ने मुझे मार डाला है विन्‍नी चाची।” उसने कहा था।

वह आखिरी पायदान पर लड़खड़ाया था लेकिन तुरंत ही संभल कर खड़ा हो गया था।

“उस बेचारे को अभी भी इतना होश था कि उसने अपनी अंतडियों पर लगी हुई हुई धूल को भी साफ़ किया था।” मेरी चाची ने मुझे बताया था। इसके बाद वह अपने घर के पिछवाड़े से अपने घर के अंदर चला गया था।

ये दरवाजा सुबह छ: बजे से खुला हुआ था।

वह रसोई घर में औंधे मुंह जा गिरा था।