Kismat Connection - 1 in Hindi Love Stories by Khushboo Bharadhwaj books and stories PDF | किस्मत कनेक्शन - 1

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किस्मत कनेक्शन - 1

भाग 01





आओ हुज़ूर तुमको, सितारों में ले चलूँ
दिल झूम जाए ऐसी, बहारों में ले चलूँ

चाहत के उजले-उजले नज़ारों में ले चलूँ
दिल झूम जाए ऐसी, बहारों में ले चलूँ
आओ हुज़ूर आओ...


गाना गाते हुए बदहवास सी चहक ने घर का दरवाजा खोला
दरवाजे पर उसका हस्बैंड खड़ा था..... उसका पति जैसे ही घर के अंदर दाखिल हुआ तो उसने देखा की घर की सारी लाइटस बंद है और घर मोमबतियो की रोशनी में झिलमिला रहा है फर्श पर लाल रंग के बहुत सारे हार्ट शेप गुब्बारे भी चारो तरफ फैले हुए हैं ......



उसके हस्बैंड को ये सब देखकर अच्छे के साथ साथ थोड़ा अजीब भी लग रहा था ......क्योंकि इससे पहले चहक कभी उसके साथ इतनी रोमांटिक तरीके से पेश नहीं आई थी ।


जब उसका हस्बैंड थोड़ा और आगे बढ़ा तो उसने देखा कि घर की डाइनिंग टेबल के ऊपर केक रखा है जिस पर लिखा है …......हैप्पी एनिवर्सरी dear हस्बैंड ।

डाइनिंग टेबल पर रखा वह केक देखकर उसे अचानक ही याद आया कि आज तो उनकी शादी की सालगिरह थी उनकी शादी को आज 3 साल पूरे हो चुके थे मगर यह पहली एनिवर्सरी थी जो इस तरह से सेलिब्रेट की जा रही थी वर्ना इससे पहले किसी न किसी वजह से चाहे वो हस्बैंड की बिज़नेस ट्रिप हो या चहक की बिगडी हुई तबीयत वो एनिवर्सरी सेलिब्रेट ही नही कर पाते थे ।

अब वो भी क्या करता अपने इंपोर्ट एक्सपोर्ट के बिजनेस में वह कुछ ज्यादा ही बिजी नजर आता था खैर आज दोनों साथ थे और मौहाल भी अच्छा था ...चहक ने ग्रे कलर की शिफ़ान की साड़ी पहनी थी..... उस शिफॉन की साड़ी में वो बेहद सेक्सी लग रही थी हां...... मगर बीमार रहने की वजह से उसके चेहरे पर रुखेपन ने अपना कब्जा जरूर जमा लिया था !

अपने माथे पर हाथ मारते हुए चहक के हस्बैंड ने कहा oh!!आई एम सो सो सॉरी जान मैं तो भूल ही गया कि आज हमारी एनीवर्सरी है....विश यु a वेरी वेरी हैप्पी एनिवर्सरी..... हनी ये कहते हुए उसने चहक को गले से लगा लिया तो चहक ने भी उसके कान में धीमे से बुदबुदाते हुए कहा हैप्पी एनिवर्सरी डिअर हसबैंड और फिर दोनों ने मिलकर एक साथ डाइनिंग टेबल पर रखा केक काटा ।


चहक के हस्बैंड को एक बात की हैरानी ओर हो रही थी कि आज चहक उससे किसी बात को लेकर झगड़ नहीं रही थी बरना आमतौर पर उनके बीच बाते कम और झगड़े में बदल जाने वाली बहस ज्यादा हुआ करती थी ।


उन दोनों ने एक दूसरे को केक खिलाया चहक उसे केक खिलाकर बेडरूम की और बढ़ गई । उसने एक बार पलट कर अपने पति को पीछे आने का इशारा किया तो वो भी उसके पीछे चल दिया जैसे ही वह बेडरूम में एंटर हुआ तो उसने देखा और कि बैडरूम भी सजा हुआ था बेड पर गुलाब की पंखुड़ियों से दिल भी बना हुआ था वो समझ गया था कि उसकी यह मैरिज अन्निवेरसरी बाकी की
एनिवर्सरीस की तरह बिल्कुल नहीं है बल्कि यह बहुत खास होने वाली थी ..........वो खुशी से चहक की ओर बढा और वो उससे कुछ कहने ही वाला था तभी चहक ने उसके होठों पर अपनी उंगली रखी और उसे चुप कराते हुए कहा shhhh...............कुछ मत बोलो ।


चहक अपना हाथ उसके होठों से सरका कर उसके गालो से होते हुए उसकी आंखों पर ले गई और दोनों हाथों से उसकी आंखें बंद कर दी

ए..... ए.....अरे चहक यह क्या कर रही हो....... उसका पति मुस्कुराते हुए बोला !

shhhhhh.....मैंने कहा ना कुछ मत बोलो चहक ने फिर से अपने पति को चुप कराते हुए कहा ।

अरे ,पर यह कौन सा तरीका है प्यार जताने का उसके पति ने कहा ।


चलो तो सही जान......आज तुम्हे तुम्हारी लाइफ का सबसे बड़ा सरप्राइज मिलने वाला है ........चहक ने जवाब में कहा ।


इतना कहकर चहक उसको धीरे धीरे कर बेड की ओर बढ़ गयी....... उसे बेड पर बैठा दिया उसकी आंखों पर एक काली पट्टी बांधते हुए बोली ........कुछ दिख तो नहीं रहा ना ।


नहीं मेरी जान कुछ भी नहीं दिख रहा ।


अच्छा चलो..... यह बताओ यह कितने हैं ?


चहक ने अपने पति के चेहरे के आगे 4 उंगलियां करते हुए पूछा ।

अरे ,कुछ दिखाई देगा तो बताऊंगा ना .......उसके पति ने जवाब में कहा !

देखो पक्का ना वरना सरप्राइज ख़राब हो जाएगा ...चहक ने फिर से कंफर्म करते हुए पूछा

हां बाबा पक्का तुम्हारी कसम...... बस

हां ,good तो ऐसे ही बैठे रहो ।

लेकिन अगले ही पल गोली चलने की आवाज से पूरा कमरा गूंज उठा ।


एक 3 पॉइंट 3 mm की गोली चहक के हस्बैंड के सिर के पार हो चुकी थी...... इसी के साथ पूरे मकान में सन्नाटा छा गया... ।

घर की कामवाली बाई लक्ष्मी....गोली की आवाज सुनते ही
दौड़ती हुई बेडरूम की ओर बढ़ी ।

बेडरूम का दरवाजा यूं ही खुला हुआ था लक्ष्मी जैसे ही बेडरूम में घुसी तो उसने जो देखा उसे देखकर उसके होश ही उड़ गए ।

उसने देखा कि चहक जमीन पर बैठी हुई गहरी शूनय में सामने की ओर सामने की ओर ताक रही थी ।


और उसके पति की बॉडी का कमर से नीचे वाला हिस्सा बेड से नीचे लटका हुआ था... कमर से ऊपर वाला हिस्सा बेड पर ही था आंखों पर काली पट्टी बंधी हुई थी और उसके सिर से इतना खून बह चुका था कि खून बेड से पार होकर अब जमीन पर टपकने लगा था ।

लक्ष्मी बौखलाती हुई घर से बाहर की ओर भागी और कांपते हाथों से उसने पुलिस को 100 नंबर पर कॉल किया...

पुलिस के पहुंचने तक उनके पड़ोस के काफी लोग वहाँ जमा हो चुके थे !

कुछ देर बाद पुलिस की एक पीसीआर वैन और पेट्रोलिग ऑफिसर की बाइक vaha आकर रुकी पीसीआर में आए एक पुलिस वाले ने जिसका नाम शंकर था उसने मौका ए वारदात का जायजा लिया और बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया । पुलिस वाले ने चहक को फौरन कस्टडी में ले लिया था और फीमेल कांस्टेबल को बोला इसे गाड़ी में बैठा कर थाने ले चलो .....चहक को थाने लाया गया ।

थाने में उसके बयान मांगा गया ....पूरी घटना के बारे में बताने लिए कहा गया ।


मगर शायद चहक की दिमागी हालत ठीक नहीं थी वो सुन तो सब रही थी शायद समझ भी रही थी मगर कोई रिस्पांस नहीं दे रही थी !


कुछ देर बाद शंकर का फोन बजा....
फोन इंस्पेक्टर साहब का था ....उसे इंस्पेक्टर पुलकित को पिक करने जाना था !


पुलकित ....जो एक 27 वर्षीय नौजवान है उसने कुछ दिन पहले ही सब इंस्पेक्टर से अस इन इंस्पेक्टर प्रमोट होकर इस थाने में ज्वाइन किया था । 5 फुट 11 इंच लंबा , कसरती बदन ,शरीर पर चुस्त आती खाकी वर्दी
कंधो पर सजे 3 स्टार और सिर पर ताज सी रखी इंस्पेक्टर की टोपी ।पुलकित एक काबिल और रोबदार पुलिस ऑफिसर था कुछ देर बाद शंकर इंस्पेक्टर पुलकित के साथ खड़ा था और उसे गाड़ी में बैठाकर पुलिस स्टेशन की ओर मुड़ गया ।


गाड़ी चलाते-चलाते शंकर , पुलकित को आज हुए मर्डर केस के बारे में बताने लगा उसने पुलकित को बताया कि कुलप्रिट वही मडर्स स्पॉट पर ही मिल गई थी और उसे कस्टडी में ले लिया है और अभी उसे interrogation रूम में बैठा कर उसका बयान ले रहे हैं.... मगर वह कुछ बोल नहीं रही ! कोई साइको लगती है शायद है तो इतने बड़े बिजनेस मैन की बेटी मगर ड्रग्स का धंधा करती है ।


पुलकित ने शंकर से उसके पिता का नाम पूछा ......

सर विजयगिल की बेटी है शंकर ने जवाब दिया ।

विजय गिल का नाम सुनते ही पुलकित सन्न रह गया और उसने काँपती आवाज में शंकर से फिर से वही सवाल किया....क..क...क्या कहा किसकी बेटी ?

अरे सर वही गिलइंडस्ट्री के मालिक... विजय गिल उनकी सौतेली बेटी है चहक ।


शंकर के मुंह से चहक का नाम सुनकर मानो पुलकित अपनी सुधबुध खो कर 6 साल पीछे गुजरे वक्त की गलियों में फिर से खो गया था और उसे फिर से 6 साल पहले गुजरा हुआ वक्त याद आ गया .......




To be continued.... ✍️