Sabko pata tha vah maar dala jayega - 7 in Hindi Thriller by Suraj Prakash books and stories PDF | सबको पता था वह मार डाला जाएगा। - 7

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सबको पता था वह मार डाला जाएगा। - 7

सबको पता था वह मार डाला जाएगा।

सूरज प्रकाश

गैब्रियल गार्सिया मार्खेज़ के उपन्यास

का अनुवाद

chronicle of a death foretold

7.

“चिंता मत करो,” पैड्रो विकारियो ने उससे कहा था, “भले ही जो भी हो, तुम उसे अभी से मरा हुआ ही समझो।”

यह खुले आम चुनौती थी। जुड़वां बंधु जानते थे कि इंडालेसियो पार्डो और सैंतिएगो नासार के बीच दाँत काटी रोटी वाली दोस्ती है और उन्होंने यह भी सोचा होगा कि यह सही आदमी है जो उन्हें शर्म में डाले बगैर अपराध को होने से रोक सकता है। लेकिन इंडालेसियो ने सैंतिएगो नासार को क्रिस्‍तो बेदोया की बाहों में बाहें डाले घाट से निकलते देखा तो उसकी हिम्मत ही नहीं हुई कि उसे आगाह कर सके,“मैं हिम्मत हार बैठा था।” उसने मुझे बताया था। उसने उन दोनों की पीठ थपथपायी और उन्हें उनकी राह चले जाने दिया। उन्होंने इस पर रत्ती भर भी ध्यान नहीं दिया, क्योंकि वे अभी भी शादी के खर्चों का हिसाब लगाने में व्यस्त थे।

लोग तितर-बितर हो रहे थे और उन दोनों की तरह सब लोग चौराहे की तरफ बढ़े चले जा रहे थे। भीड़ काफी घनी थी, लेकिन एस्कोलॉस्टिका सिस्नेरोज को लगा, उसने दोनों दोस्तों को बिना किसी तकलीफ़ के चौराहे के बीच की तरफ जाते देखा था, क्योंकि लोग जानते थे कि सैंतिएगो नासार मरने वाला है और किसी भी आदमी की उसे छूने तक की हिम्मत नहीं हुई। क्रिस्‍तो बेदोया को भी लोगों के विचित्र व्यवहार की याद आयी थी, “लोग हमें यूं देख रहे थे, मानो हमने अपने चेहरे रंग रखे हों।” उसने मुझे बताया था। इसके अलावा, सारा नोरिएगा उस वक्त जूते की अपनी दुकान खोल रही थी जब वे दोनों वहां से गुज़रे। वह सैंतिएगो नासार का पीलापन देखकर डर गयी थी। लेकिन सैंतिएगो नासार ने ही उसे दिलासा दी थी।

“तुम कल्पना कर सकती हो, मिती सारा,” बिना रुके उसने कहा था,“ये सब क्या कोलाहल है?”

सेलेस्ते डेन्गॉण्ड पाजामा पहने अपने घर के दरवाजे पर बैठा उन लोगों का मज़ाक उड़ा रहा था जो बिशप को दुआ-सलाम करने गये थे। उसने सैंतिएगो नासार को कॉफी पीने के लिए आमन्त्रित किया था। “दरअसल, मैं सोचने के लिए थोड़ा समय पाना चाहता था।” सेलेस्ते डेन्गॉण्ड ने मुझे बताया था। लेकिन सैंतिएगो नासार ने जवाब दिया था कि वह कुछ जल्दी में है। वह मेरी बहन के साथ नाश्ता करने से पहले कपड़े बदलने के लिए लपक कर जा रहा था।

“मैं सब कुछ गड़बड़ समझ बैठा।” उसने मुझे बताया था,“क्योंकि अचानक मुझे लगा कि जब सैंतिएगो नासार जो कुछ करने जा रहा है उसके बारे में वह इतना अधिक निश्चित है तो विकारियो बंधु उसे नहीं ही मार सके होंगे।”

सिर्फ यामिल शाइयुम ही ऐसा शख्स था जिसने वही किया जो वह करना चाहता था। जैसे ही उसने अफवाह के बारे में सुना, वह अपने सूखे मेवे की दुकान से बाहर निकला और सैंतिएगो नासार का इंतज़ार करने लगा ताकि उसे आगाह कर सके। वह उन आखिरी अरब लोगों में से था जो इब्राहिम नासार के साथ आये थे। वह इब्राहिम नासार की मृत्यु तक ताश के खेलों में उसका भागीदार रहा था और अभी भी परिवार का खानदानी सलाहकार था। सैंतिएगो नासार से बात करने का उस जैसा अधिकार किसी के पास भी नहीं था। इसके बावजूद उसने सोचा कि अगर अफवाह बेबुनियाद निकली तो वह उसे बेकार में ही सतर्क कर बैठेगा। इसलिए वह पहले क्रिस्‍तो बेदोया से सलाह मशविरा कर लेना चाहता था। शायद उसे ज्यादा पता हो। जैसे ही क्रिस्‍तो बेदोया वहां से गुजरा, उसने उसे रोका। क्रिस्‍तो बेदोया ने सैंतिएगो नासार की पीठ पर थपकी दी, वह पहले ही चौराहे के सिरे तक पहुंच चुका था, और उसने आवाज दी, “तो फिर शनिवार को मिलते है।“ क्रिस्‍तो बेदोया ने तब यामिल शाइयुम की पुकार का जवाब दिया।

सैंतिएगो नासार ने जवाब तो नहीं दिया लेकिन यामिल शाइयुम से अरबी भाषा में कुछ कहा। यामिल ने हंसी से दोहरे होते हुए उसे भी अरबी में ही जवाब दिया। “यह शब्दों का एक खेल था जिसमें हमें हमेशा आनन्द आता था।” यामिल शाइयुम ने मुझे बताया था। बिना रुके ही सैंतिएगो नासार दोनों की तरफ विदाई का हाथ हिलाते हुए चौराहे के कोने की तरफ चला गया था। दोनों ने तभी उसे आखिरी बार देखा था।

क्रिस्‍तो बेदोया ने यामिल शाइयुम की सूचना सुनने भर का वक्त लिया और फिर लपक कर दुकान से बाहर भागा था ताकि सैंतिएगो नासार तक पहुंच सके। उसने उसे मोड़ पर मुड़ते हुए देखा था, लेकिन वह अब उसे चौराहे पर बढ़ती आ रही भीड़ के बीच कहीं भी देख नहीं पाया। उसने कई लोगों से पूछा लेकिन सबने एक ही जवाब दिया।

“अभी-अभी तो उसे हमने तुम्हारे साथ ही देखा था।” यह असम्भव ही लग रहा था कि वह इतने कम समय में घर पहुंच गया होगा, लेकिन जो भी हो, उसने चूंकि सामने वाला दरवाजा खुला और सिर्फ भिड़ा हुआ देखा तो उसे पूछने की नीयत से वह भीतर चला गया। उसने भीतर जाते समय दरवाजे के पास फर्श पर पड़े कागज को नहीं देखा। वह अंधियारे ड्राइंग रूम से गुजरा। उसने कोशिश की कि कोई आवाज़ न हो। अभी इतना समय नहीं हुआ था कि मेहमानों की आवाजाही शुरू हो, लेकिन घर के पिछवाड़े की तरफ कुत्ते जग गये और उससे मिलने चले आये। उसने कुत्तों को अपनी चाबियों से शांत किया। यह ट्रिक उसने कुत्तों के मालिक सैंतिएगो नासार से सीखी थी। वह रसोई की तरफ बढ़ चला। कुत्ते उसके पीछे-पीछे चले आये। वरांडे में उसे दिविना फ्लोर मिली जो बाल्टी और पोचा लिये जा रही थी ताकि ड्राइंग रूम की सफाई कर सके। उसने क्रिस्‍तो बेदोया को आश्वस्त किया कि सैंतिएगो नासार अभी तक वापिस नहीं लौटा है। विक्‍टोरिया गुज़मां, ठीक उसी वक्‍त जब वह रसोईघर में घुसा था, भट्टी पर खरगोश का दमपुख्त (स्ट्यू) तैयार करने में लगी थी। वह तत्काल ही समझ गयी थी। “उसका कलेजा मुंह में आने को था।” विक्‍टोरिया गुज़मां ने मुझे बताया था। क्रिस्‍तो बेदोया ने उससे पूछा कि क्या सैंतिएगो नासार घर लौट आया है, इसके जवाब में उसने भयातुर अज्ञानता के साथ जवाब दिया था कि सैंतिएगो नासार अब तक सोने के लिए घर नहीं लौटा था।

“मामला गम्भीर है,” क्रिस्‍तो बेदोया ने उसे बताया था, “वे लोग उसे मारने के लिए तलाशते फिर रहे हैं।”

“वे शनिवार से लगातार पीये जा रहे हैं।” क्रिस्‍तो बेदोया ने कहा था।

“इसमें कोई खास बात नहीं है,” वह बोली थी,“दुनिया में कोई भी ऐसा शराबी नहीं है जो अपने दोस्त को ही खा जाये।”

क्रिस्‍तो बेदोया ड्राइंग रूम में लौटा। वहां दिविना फ्लोर ने उसी वक्त खिड़कियां खोली थीं। “यह सच है कि उस वक्त बरसात नहीं हो रही थी,” क्रिस्‍तो बेदोया ने मुझे बताया था, “अभी सात भी नहीं बजे थे और सूर्य की सुनहरी किरणें खिड़कियों से भीतर आने लगी थीं।” उसने दिविना फ्लोर से एक बार फिर पूछा था कि क्या सैंतिएगो नासार वाकई ड्राइंग रूम से गुज़र कर नहीं गया था। अब की बार वह इतने पक्के तौर पर नहीं कह पा रही थी जितने यकीन के साथ उसने पहली बार बताया था। तब उसने प्लेसिडा लिनेरो के बारे में पूछा था। इसके जवाब में दिविना फ्लोर ने बताया था कि पल भर पहले ही वह उनकी कॉफी तिपाई पर रख कर आयी है, लेकिन उसने उन्हें जगाया नहीं है। हमेशा ऐसा ही होता था।

वे सात बजे उठती थीं, कॉफी पीती थीं और नीचे आकर दोपहर के खाने के लिए हिदायतें देती थीं। क्रिस्‍तो बेदोया ने घड़ी देखी : अभी छः बजकर छप्पन मिनट हुए थे। तब वह दूसरी मंज़िल पर यह देखने के लिए गया कि क्या सैंतिएगो नासार सचमुच नहीं लौटा था।

बैडरूम अंदर की तरफ से बंद था, क्योंकि सैंतिएगो नासार अपनी मां के बेडरूम में से होकर चला गया था। क्रिस्‍तो बेदोया इस घर को अपने घर की तरह जानता था। इतना ही नहीं, वह यहां के परिवार के एक सदस्य की तरह था। उसने प्लेसिडा लिनेरो के बेडरूम का दरवाजा खोला और उसमें से होकर साथ वाले कमरे में चला गया। धुंधली रौशनी की एक लकीर आसमान से भीतर आ रही थी। वे खूबसूरत थीं, वे अपने हिण्डोले में करवट लेकर सोयी हुई थीं। दृश्य काल्पनिक लगता था। “सब कुछ दिव्य दर्शन की तरह लग रहा था।” क्रिस्‍तो बेदोया ने मुझे बताया था। उनके सौन्दर्य से अभिभूत होकर वह एक पल तक उनकी तरफ देखता रहा, फिर चुपचाप कमरे से गुज़रते हुए, वहां से बाथरूम और फिर वहां से सैंतिएगो नासार के बेडरूम में चला गया। बिस्तर अभी भी लगा हुआ था। कुर्सी पर, अच्छी तरह इस्‍त्री किये गये कपड़े, जो उसने घुड़सवारी के लिए पहनने थे, रखे थे। इन कपड़ों के ऊपर घुड़सवारी वाला हैट और फर्श पर जूते और मोजे रखे थे। पलंग के पास तिपाई पर रखी सैंतिएगो नासार की घड़ी छः बजकर अट्ठावन मिनट बता रही थी,“अचानक मुझे लगा, वह वापिस लौट कर आयेगा ताकि हथियार बंद होकर जा सकें।” क्रिस्‍तो बेदोया ने मुझे बताया था। लेकिन उसने पाया कि मेग्नम रिवाल्वर तिपाई की दराज में रखा हुआ है। “मैंने कभी पिस्तौल नहीं चलायी थी।” क्रिस्‍तो बेदोया ने मुझे बताया था,“लेकिन मैंने तय किया कि रिवाल्वर लेकर जाऊंगा और सैंतिएगो नासार को दे दूंगा। उसने रिवाल्वर को अपनी कमीज़ के नीचे बेल्ट में खोंस लिया। अपराध हो जाने के बाद ही उसे यह पता चला था कि उसमें कारतूस ही नहीं थे। जैसे ही वह दरवाजा बंद कर रहा था, तभी प्लेसिडा लिनेरो दरवाजे पर प्रकट हुईं। उनके हाथ में कॉफी का मग था।

“हे भगवान,” उन्होंने चकित होकर कहा,“तुमने तो मुझे चौंका ही दिया था।”

क्रिस्‍तो बेदोया भी चौंक गया था। उसने उन्हें पूरी रौशनी में देखा। वे ड्रैसिंग गाउन में थीं, जिस पर सुनहरी फूल बने हुए थे। उनके खुले बालों में सुबह वाला आकर्षण अब नज़र नहीं आ रहा था। थोड़ी बहुत हिचक के साथ उसने स्पष्ट किया कि वह सैंतिएगो नासार की तलाश में है।

“वह बिशप की अगवानी के लिए गया हुआ है।” प्लेसिडा लिनेरो ने बताया।

“वह यूं ही चला गया था।” उसने कहा।

“मेरा तो यही ख्याल है,” उन्होंने बताया था,“वह एक बहुत ही खराब किस्म की मां का बेटा है।”

वे बाहर नहीं गयीं, क्योंकि उस पल उन्हें लगा कि क्रिस्‍तो बेदोया को समझ में नहीं आ रहा कि अपनी इस काया के साथ क्या करें। “मुझे आशा है कि ईश्वर ने मुझे क्षमा कर दिया होगा।” प्लेसिडा लिनेरो ने मुझे बताया था,“लेकिन वह मुझे इतना भ्रमित लगा कि अचानक मुझे महसूस हुआ, जैसे वह डाका डालने आया हो।” उन्होंने उससे पूछा कि आखिर गड़बड़ क्या है। क्रिस्‍तो बेदोया को पता था कि वह संदेहास्पद स्थिति में फंस गया है, लेकिन उसमें इतना साहस नहीं था कि सच्चाई बयान कर सके।

“दरअसल बात सिर्फ इतनी सी है कि मैं एक मिनट के लिए भी सो नहीं सका हूँ।” बेदोया ने उन्हें बताया था।

वह और कुछ भी स्पष्टीकरण दिये बगैर चला आया था। “जहाँ तक मेरा सवाल था,” उसने मुझे बताया था, “वे हमेशा यही कल्पना करती रहीं कि उन पर डाका डाला जा रहा था।”

चौराहे पर वह भागता हुआ सीधे फादर एमाडोर के पास पहुंचा। वे कुंठित जन समुदाय के लिए, पूजा परिधान पहने गिरजा घर की तरफ वापिस जा रहे थे। लेकिन वे यह नहीं सोचते थे कि वे सैंतिएगो नासार की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना के अलावा कुछ और कर सकते थे। जब क्रिस्‍तो बेदोया ने उन्हें क्‍लोतिल्‍दे आर्मेंता के स्‍टोर से फिर से आवाज देते सुना तो वह दोबारा घाट की तरफ भागा। पैड्रो विकारियो दरवाजे में खड़ा था। पीला और निस्तेज। उसकी कमीज खुली हुई थी और उसने अपनी आस्तीन की बाहें ऊपर चढ़ा रखी थीं। नंगा चाकू उसके हाथ में था। जो व्यवहार वह कर रहा था, वह इतना अक्खड़पने का था कि उसे स्वाभाविक नहीं कहा जा सकता था लेकिन उसका यह सनक भरा व्यवहार काफी समय से चला आ रहा था, इसलिए किसी ने भी उसे गुनाह करने से रोकने की ज़रूरत नहीं समझी।

“क्रिस्तोबल,” वह चिल्लाया था, “सैंतिएगो नासार को जा कर बता दो कि हम उसका कत्ल करने के लिए उसकी राह देख रहे हैं।”

क्रिस्तोफर बेदोया उसे रोकने का महत्वपूर्ण काम कर सकता था,“काश, मुझे रिवाल्वर चलाना आता तो आज सैंतिएगो नासार जीवित होता।” उसने मुझसे कहा था। यह विचार भी उसे तब आया जब उसे गोली की विध्वंसक ताकत के बारे में बताया जा रहा था।

“मैं तुम्हें चेतावनी देता हूँ। वह मैग्नम रिवाल्वर से लैस है। उसकी गोली इंजिन के भी आर-पार जा सकती है।” वह चिल्लाया था।

पैड्रो विकारियो जानता था कि यह सच नहीं है, “वह घुड़सवारी के कपड़े पहने बिना कभी भी हथियार से लैस नहीं होता था।” पैड्रो विकारियो ने मुझे बताया था। खैर, कुछ भी हो, उसने इस बात का पूर्वानुमान लगा लिया था कि हो सकता है, कि उसे अपनी बहन का सम्मान बचाने के लिए तत्पर देख कर सैंतिएगो नासार ने हथियार उठा ही लिया हो।

“मरे हुए आदमी गोली नहीं चला सकते।” वह चिल्लाया था।

तब पाब्लो विकारियो दरवाजे में प्रकट हुआ था। वह भी अपने भाई की तरह पीला पड़ा हुआ था। उसने शादी ब्याह में पहनी जैकेट पहन रखी थी और अपना चाकू उसने अखबार में लपेट रखा था। अगर उसके हाथ में चाकू न होता तो मैं पता भी नहीं लगा पाता कि कौन सा पैड्रो है और कौन सा पाब्लो। क्रिस्‍तो बेदोया ने मुझे बताया था। तभी क्‍लोतिल्‍दे आर्मेंता पाब्लो विकारियो के पीछे प्रकट हुई थी और वहीं से क्रिस्‍तो बेदोया के लिए चिल्लायी थी कि वह जल्दी करे, क्योंकि काठ के उल्लुओं के शहर में सिर्फ वही एक ऐसा आदमी था जो इस हादसे को रोक सकता था।

उसके बाद जो कुछ भी हुआ, वह जनता जनार्दन के स्मृति में है। जो लोग घाट से वापिस आ रहे थे, हल्ला गुल्ला सुनकर चौराहे पर इस तरह से पोजीशन लगाकर खड़े होने लगे ताकि हादसे को होता देख सकें। अपनी जान-पहचान से कई लोगों से क्रिस्‍तो बेदोया ने पूछा कि क्या उन्होंने सैंतिएगो नासार को देखा है, लेकिन उसे किसी ने भी नहीं देखा था। वह भाग कर सोशल क्‍लब के दरवाजे पर कर्नल लाजारो अपोंते के पास गया और उसे वह सारा किस्सा कह सुनाया जो अभी क्‍लोतिल्‍दे आर्मेंता के स्‍टोर के सामने हुआ था।

“ऐसा हो ही नहीं सकता,” कर्नल अपोंते ने कहा था, “क्योंकि मैंने उनसे कह दिया था कि घर जा कर सो जायें।”

“मैंने उन्हें अभी-अभी सूअर मारने वाले चाकुओं से लैस देखा है।” क्रिस्‍तो बेदोया ने कहा था।

“यह भी नहीं हो सकता, क्योंकि उन्हें घर जाकर सोने के लिए कहने से पहले मैंने उनसे चाकू ले लिए थे,” मेयर ने कहा था, “ज़रूर तुमने उन्हें उससे पहले देखा था।”

“मैंने उन्हें सिर्फ दो मिनट पहले ही देखा है और उनके हाथों में सूअर मारने वाले चाकू हैं।” क्रिस्‍तो बेदोया ने स्पष्ट किया था।

“धत तेरे की, तो इसका मतलब वे फिर से नये चाकू ले कर आ गये होंगे।” मेयर ने कहा था।

उसने वादा किया कि वह अभी उनकी खबर लेता है। लेकिन वह कुछ करने के बजाये सोशल क्‍लब के भीतर चला गया ताकि उस रात डोमिनो लॉटरी खुलने की तारीख जान सके और जब वह वापिस बाहर आया तब तक हादसा हो चुका था।

क्रिस्‍तो बेदोया ने तब अपनी इकलौती प्राण घातक गलती की थी। उसने सोचा कि शायद सैंतिएगो नासार ने बिना कपड़े बदले ही हमारे घर पर नाश्ता करने का फैसला कर लिया हो, इस चक्कर में वह उसे खोजने के लिए हमारे घर चला गया। वह नदी के किनारे-किनारे लपकता हुआ चला जा रहा था। रास्ते में वह हर किसी से पूछता जा रहा था कि कहीं किसी ने उसे आते-जाते तो नहीं देखा। लेकिन उसे किसी ने भी नहीं देखा था। वह भयभीत भी नहीं था क्योंकि हमारे घर तक पहुंचने के और भी रास्ते थे। प्रॉसपेरा अरांगो नाम की देहातिन ने उसके आगे हाथ-पैर जोड़े कि वह उसके बाप के लिए कुछ करे जो दरवाजे की ड्योढ़ी पर अपनी आखिरी सांसें गिनता हुआ पड़ा हुआ था। बिशप की चलताऊ आसीसों का उस पर कोई असर नहीं हुआ था। “जब मैं वहां से गुज़री थी तो मैंने उसे देखा था,” मेरी बहन मार्गोट ने बताया था,“उसका चेहरा तो पहले ही मरे हुए आदमी के चेहरे जैसा हो रहा था।” उस बुढ़ऊ मरीज की सेहत का अंदाज़ा लगाने के चक्कर में क्रिस्‍तो बेदोया के चार मिनट बरबाद हुए। उसने वादा किया कि वह जल्दी ही लौट कर उसके इलाज का बन्दोबस्त कर देगा। लेकिन उसके तीन मिनट और बरबाद हो गये जब उसे प्रॉसपेरा अरांगो के साथ मिल कर बुढ़ऊ को भीतर बेडरूम तक ले जाना पड़ा। जब वह दोबारा बाहर आया तो उसने चौराहे की तरफ रॉकेट दागे जाने का शोर-शराबा सुना। उसने भागने की कोशिश की लेकिन बेल्ट में खुंसा रिवाल्वर भागने में आड़े आ रहा था। जैसे ही वह आखिरी मोड़ पर मुड़ा, उसने पीछे से मेरी माँ को पहचाना, वह सचमुच अपने साथ अपने सबसे छोटे लड़के को घसीटते हुए लपकती चली जा रही थी।

“लुइजा सैंतिआगा,” वह उसे देखकर चिल्लाया था, “तुम्‍हारा दत्तक पुत्र सैंतिएगो नासार कहां है?”

मेरी मां ने पीछे मुड़कर देखा। उसका चेहरा आँसुओं से तरबतर था।

“ओह, मेरे बच्चे, मां ने जवाब दिया,“लोग कह रहे हैं, उसे मार डाला गया है।”

दरअसल हुआ कुछ इस तरह था, क्रिस्‍तो बेदोया जिस वक्त उसे तलाशता फिर रहा था, सैंतिएगो नासार अपनी मंगेतर फ्लोरा मिगुएल के घर चला गया था। उसका घर वहां से बिल्कुल पास ही था, जहां क्रिस्‍तो बेदोया ने आखिरी बार सैंतिएगो नासार को देखा था। “मुझे यह सूझा ही नहीं कि वह वहां भी हो सकता है,” उसने मुझे बताया था, “इसकी वजह यह थी कि वे कभी भी दोपहर से पहले जागते ही नहीं थे।” सब लोग यही समझते थे कि समुदाय के सयाने आदमी नाहिर मिगुएल के आदेशों को मानते हुए सारा परिवार बारह बजे तक सोता रहता था। “यही वजह थी कि फ्लोरा मिगुएल, जो अब उतनी किशोरी नहीं रही थी, गुलाब की तरह पाली पोसी जाती थी।” मर्सीडीज का यह कहना था। लेकिन सच तो यह था कि कई दूसरे लोगों की तरह वे भी अपने दरवाजे का ताला देर तक बंद करके रखते, हालांकि वे लोग जल्दी जागने वाले और मेहनत करने वाले लोग थे, सैंतिएगो नासार के और फ्लोरा मिगुएल के माता-पिता इस बात पर सहमत थे कि दोनों की शादी कर दी जाये। सैंतिएगो नासार ने अपनी किशोरावस्‍था के चरम समय में इस सगाई को स्वीकार कर लिया था और वह इसे पूरा भी करना चाहता था। इसकी वजह शायद यह रही थी कि वह भी अपने पिता की तरह विवाह का उपयोगिता वादी सिद्धांत लेकर चलता था। जहां तक फ्लोरा मिगुएल का सवाल था, वह कुछ खास हल्की फुल्की स्थितियों का आनन्द उठाती थी, लेकिन उसमें विनोद का और फैसले कर पाने की शक्ति का अभाव था। वह अपनी सभी सखियों के लिए दुल्‍हन की सखी बनती आयी थी। इसलिए उसके लिए उनकी सगाई बहुत आसान सी थी। उसमें न तो औपचारिक रूप से आना-जाना था और न ही बेचैन फड़कते दिल। शादी की रस्म कई बार टलते-टलते आखिर अगले क्रिसमस के दिन होनी तय हुई थी।