Phone crime in Hindi Crime Stories by Jyoti Prakash Rai books and stories PDF | फोन क्राइम

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फोन क्राइम


हैलो खान भाई मै सलीम बोल रहा हूं आपके वास्ते एक काम आया है पूरा पैसा वसूल काम है खान भाई।
खान - क्या मायाजाल लगा रहा है सीधे - सीधे बोल ना क्या काम है ? और कितना देगा वो भी अभी बोल दे बाद ने खिचखिच नहीं मांगता है अपने को।
सलीम - भाई माल तो भंगार का है अपने भिवंडी से दिल्ली तक का सफर तय करना है और मुझे पता है अपना काम आपके सिवा और कोई नहीं कर सकता। किसी पर इतना रिस्क लेने की हिम्मत भी तो नहीं है ना। भाई कीमत आप जो समझे बोल दीजिए।
खान - अबे चांदी के चम्मच बात नौ लाख की और काम भंगार का। बराबर बोल माल क्या है वरना कुछ हुआ तो मै जिम्मेदार नहीं रहूंगा।
सलीम - खान भाई माल तो भंगार का ही है लेकिन माल के बीच तीन बोरी चांदी है पचास - पचास किलो की। वो बात जरा सी ऐसी है कि माल का कोई भी पेपर नहीं है और गुजरात बार्डर पर अपना कोई भी सिक्का नहीं है।
खान - ठीक है! ठीक है! गाड़ी कल जाएगी माल भरने मै बोल देता हूं। बाकी हा पैसा कल के कल ही जमा कर देना, वो है न अपना रिजवान उसके अकाउंट में।
सलीम - ठीक है खान भाई जैसा आप कहें। शुक्रिया भाई
खान - ऐ वसीम गुजरात बार्डर फोन लगा और बोल इंस्पेक्टर जाधव को कल शाम को अपनी गाड़ी निकलेगी। कुछ माल है बिना चेकिंग के जाने बोल।
वसीम - जी भाई बोलता हूं। लेकिन भाई इस हप्ते अभी पैसा देना बाकी है जाधव का फोन आया था आज ही कोई एक स्टाफ बढ़ गया है तो बढ़ा के देना बोला है।
खान - हा तो देना उसकी क्या मांगता है वो। बेटा दो रुपए की मछली से बीस रुपए मिल रहे हैं तो क्या फर्क पड़ता है।
( खान यादव से ) ओ यादव जी तुम कल समय से भिवंडी चले जाना और माल देखकर अपनी गाड़ी में लोड करवा देना। और हा गाड़ी बिना चालान के ही भेजना जाधव देखेगा कैसे करना है।
( ऑफिस से घर जाते हुए कार में ) हैलो ! गुड इवनिंग वारिस भाई क्या हालचाल है ? कैसी चल रही है राजनीती सब खैरियत तो है न ?
वारिस - हा खान भाई सब खैरियत है बस एक ही मुसीबत है यार जो परेशान कर रही है।
खान - क्या वारिस भाई आप इतने बड़े मंत्री होकर भी परेशान हैं, क्या बात है बताइए मेरे लायक होगा तो मै अभी हल कर देता हूं।
वारिस - क्या बापू खान भाई घर में काम करने वाले बच्चे टिकते नहीं है और हमारी बेगम साहिबा को आज ही कोई लड़का चाहिए झाड़ू मारने वाला। कहा से लाऊं जो कुछ दिन टिके।
खान - क्या वारिस भाई इतनी सी बात है रुको आज ही लड़का भेजता हूं। कई लड़के है अपने पास सब बहराइच और बस्ती के हैं डरा धमका कर रखना कहीं नहीं जाएंगे। उनका पगार लेने मेरा आदमी जाएगा बच्चे को सिर्फ खाना - पीना देना है बस।
वारिस - ठीक है खान भाई ! मुझे पता था तुम्हारे बिन कोई भी यह मुसीबत दूर ही नहीं कर सकता था। शुक्रिया भाई
( अगले दिन गुजरात बार्डर पर )
जाधव - भंडारी साहब अभी थोड़ी देर में बार्डर पर खान की डंफर आने वाली है बिना चालान की है मै बाहर चला जाता हूं तुम उसके मैनेजर से बात कर के पैसा निकालो माल ओवर लोड है गाड़ी में ओके।
भंडारी - ओके साहब जी
( भंडारी गाड़ी रोकता है ) पेपर दिखाओ किसका माल है ? क्या माल है ? कहा जा रहा है ?
ड्राईवर - साहब ऑफिस में बात कर लो पेपर तो कुछ भी नहीं है मेरे पास।
(ड्राईवर जावेद से बात करवाता है)
भंडारी - हैलो ! गुजरात बार्डर से भंडारी बोल रहा हूं खान कौन है बात कराओ। गाड़ी ओवरलोड है और कोई पेपर भी नहीं है माल किसका है। जब्त हो जाएगा
जावेद - नहीं सर खान भाई ऑफिस नहीं आए हैं और माल अपने ही पार्टी का है दिल्ली का। क्या बोलते हो आप ले - दे कर छोड़ दो जो भी हो।
भंडारी - ओवर लोड का छत्तीस हजार फाइन होता है और पेपर नहीं है तो चालीस में काम होगा उससे कम नहीं।
जावेद - अरे साहब क्यूं सरकारी बुक फाड़ते हो बिना फाइन के ही काम खत्म करो ना। जो बोलो करवा देता हूं।
भंडारी - चलो अच्छा अब बात अपने खान भाई की है तो बीस भेज दो पैसे आने तक गाड़ी छोड़ देता हूं।
जावेद - ठीक है साहब! मै तीस हजार भेजता हूं दस मेरा साइड पर रखना रात नौ बजे लेने आता हूं।
जाधव - ( दो घण्टे बाद ) क्या भंडारी कुछ हाथ लगा कि नहीं।
भंडारी - लगा ना साहब बीस का मामला था पंद्रह में सेट किया हूं आप ड्यूटी सम्हालोे मै लेकर आता हूं।
(ड्राईवर माल खाली करके वापस मुंबई आता है और एक बार फिर फोन क्राइम होता है )
हवलदार - वहां देख शिंदे बिना पार्किंग के गाड़ी खड़ी है चल कुछ हाथ लगेगा। ओ ड्राईवर नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करता है छः सौ रुपए का फाइन है चल निकाल पैसा।
ड्राईवर - अरे ओ हवलदार दिखता नहीं क्या खान भाई की गाड़ी है नाम नहीं सुना क्या ?
हवलदार - क्या खान भाई की गाड़ी है ? ए शिंदे डबल फाइन लगा खान के पास बहुत पैसा है बिना झिकझिक के दे देगा।
ड्राईवर - हवलदार साहब एक बात बोलूं ? फाइन डबल नहीं तीन बार लगाओ। मै ऑफिस में बात करवाता हूं जो भी होगा उसमे से मुझे दो सौ दे देना बस सुबह से कुछ मिला नहीं है। आज खर्चा पानी निकल जाए तो आपका बहुत बहुत धन्यवाद और ऊपर वाले का भी शुक्रिया।
हवलदार - ठीक है! ठीक है! बात करा कौन है ऑफिस में। खान भाई को फोन मत लगाना नहीं तो एक पैसा भी नहीं मिलेगा समझा क्या।
ड्राईवर - हैलो जावेद भाई मै विलेपार्ले में हूं गाड़ी पर फाइन लगा रहे हैं साहब लोग नो पार्किंग का और इधर कोई जगह भी नहीं थी इसलिए गाड़ी यहां खड़ी किया था।
जावेद - ठीक है अच्छा पैसा भर से जो भी हो तेरा पास हो जाएगा लेकिन बिल ले लेना उनसे जो भी हो ओके।
ड्राईवर - ओके जावेद भाई! ओ हवलदार साहब बिल बना दो इसका और अपना भी।
हवलदार - इसको बिल भी चाहिए शिंदे एक काम कर अपना बिल निकाल और उसमे से बना दे इतना कौन देखेगा। चल फटाफट कर दे!
( एक दिन की बात ! है खान भाई के ऑफिस के सामने अवैध धंधे लगते थे जिनसे खान भाई पैसा लिया करते थे। तीन दिन से एक हवलदार आकर धंधा बंद करा देता था। यह बात खान भाई के कानों तक पहुंची तो वह अगले दिन जल्दी आकर हवलदार से मिले )
खान - ओ हवलदार इधर आ तो बैठ जरा। ( गाली देते हुए ) कौन बोला तेरे को मेरे एरिया में आने के लिए ? आज के बाद कभी दिखना मत
हवलदार - ( बड़े साहब को फोन कर ) हैलो सर मै पवार बोल रहा हूं खान भाई के इधर आया था ये मुझसे गाली से बात कर रहे हैं। आप इधर ही आ जाओ
कदम - ( खान के ऑफिस पहुंच कर ) नमस्कार खान भाई क्या बात है पवार कौन गाली दे रहा है।
खान - नमस्कार सर आइए बैठिए और क्या हालचाल है ? क्या लेंगे आप चाय - कॉफी या ठंडा ?
कदम - नहीं नहीं खान भाई कुछ नहीं बस अभी थाने से ही आ रहा हूं। और सब खैरियत है न ?
खान - हा सर सब आप सकी दुआ है सब चल रहा है। बस यही आपके हवलदार साहब आदमी लोग को परेशान करते हैं थोड़ा सा बाकी तो सब ठीक है। ऐ जावेद इंस्पेक्टर साहब के लिए एक किलो काजू मिठाई ला कर दो साहब का मुंह मीठा कराना पड़ेगा।
कदम - हा हा हा हा क्या खान भाई इसकी क्या जरूरत थी। ठीक है मै बोल देता हूं अब कोई नहीं आएगा।
( मित्रों ऐसे ही ना जाने कितने शहरों में हालात हुए हैं जिन्हें ठीक कर पाना अकेले किसी भी सरकार के बस की बात नहीं है ) जब तक हम जागरूक नहीं होंगे रिश्वत का लालच देना बंद नहीं करेंगे देश विकसित नहीं होगा और इसी तरह सब आपस में लड़ते - मरते रहेंगे।
धन्यवाद