Hostel Girls (Hindi) - 9 in Hindi Women Focused by Kamal Patadiya books and stories PDF | Hostel Girls (Hindi) - 9

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Hostel Girls (Hindi) - 9

[प्रकरण 6 : संघर्षों से सफलता तक - 2]

इस तरफ, प्रिया को धीरे धीरे पता चल जाता है कि सना ओर निखिल के बीच में कुछ चल रहा था| वह दोनों दोस्ती से आगे निकल के प्यार की राह पर चल पडे थे क्योंकि दोनों जहां पर भी जाते, साथ में ही जाते थे, उन दोनों को एकदूसरे के बगैर चैन नहीं पड़ता था लेकिन दोनों एक दूसरे को अपने प्यार का इजहार करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। प्रिया यह सब देखकर मन ही मन में खुश हो रही थी, वह जैसा चल रहा था वैसे ही चलने देती है और दोनों की टांग खिंचाई करती रहती है।

[दृश्य 3 : Sana's books publishing]

इस तरफ, निखिल सना की कविताएं, कहानियां और लेखों का online publishing continue रखता है। धीरे-धीरे उन दोनों की मेहनत रंग लाती है। सना की कविताएं और कहानियों को बहुत अच्छे response मिलने लगते है। सना के followers की संख्या दिन दुगनी, रात चौगुनी बढ़ने लगती है। उसकी कविताओं और कहानियों के ऊपर बहुत ही अच्छे अच्छे प्रतिभाव आते रहते हैं। Readers के उपर सना के कहानियों का बहुत ही प्रभाव रहता है| लोग बेचैन होके उसकी कविताओ और कहानियों का इंतज़ार करते रहते है|

सना कि as a writer लोकप्रियता देखकर पब्लिकेशन हाउसवाले निखिल और सना का contact करते हैं और उसकी कविताएं और कहानियों को as a book publish करने के लिए तैयार हो जाते हैं। सना की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता है। आज उसकी मेहनत रंग लाई थी।

सना अपने सारे पुस्तक निखिल और अपनी सहेलियों को समर्पित करती है। जब सना की रचनाओं का as a books के रूप में launching कार्यक्रम होने वाला था तब निखिल और सना की सहेलियां उसको surprise देने के लिए उसके मां बाप और भाई बहन को कोलकाता से मुंबई बुलवा लेते हैं और लॉन्चिंग वाले दिन उन सबको समारोह में हाजिर करते हैं। अपने माता पिता और भाई बहन को कार्यक्रम में देखकर सना की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता है। वह अपने मां बाप और भाई बहन से आज पूरे 2 साल बाद मिल रही थी। सना कि आखो से आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है। इस तरह, सना को अपने परिवार से मिलते देख सबकी आंखें नम हो जाती है।

सना को पब्लिकेशन हाउसवालो की तरफ से उनकी books की royalty के स्वरुप में 25 lacs का cheque मिलता है| सना के परिवार वालों को आज अपनी बेटी पर बहुत ही गर्व था। वह उसकी तरक्की को देखकर बहुत ही खुश होते हैं और इसी खुशी खुशी के माहौल में launching का कार्यक्रम समाप्त होने के साथ खुशियों का एक और अध्याय समाप्त होता है।

[दृश्य 4 : Priya's promotion]

इस तरफ, प्रिया भी अपने बैंक में काम करने वाले एक पारसी युवक जुबीन की सादगी, मेहनत और ईमानदारी को देखकर उसकी तरफ आकर्षित होती है और अपना दिल उसको दे देती है। जुबीन के दिल में भी प्रिया के लिए feelings होती है लेकिन अपनी सीनियर होने के कारण वह अपनी feelings को दिल हि दिल में दबाकर रखता है। प्रिया indirect तरीके से जुबीन की feelings को जान लेती है और जुबीन कब उसको प्रपोज करें उसकी राह देखती रह्ती है।

इस तरफ, प्रिया को बैंक की तरफ से लोन डिपार्टमेंट में सबसे बेस्ट काम करने के लिए Business Award Functions में उसके नाम का नॉमिनेशन जाता है।

Award Functions में प्रिया को Business woman of the year का अवार्ड मिलता है, तब प्रिया अवार्ड लेते हुए कहती है कि इस अवार्ड का सही हकदार वह नहीं बल्कि उसका असिस्टेंट जुबीन है। जुबीन की मेहनत और लगन की वजह से ही वह इतना अच्छा काम कर पाई। यह अवार्ड मैं उसको समर्पित करती हूं।

प्रिया की खुशियां दुगनी हो गई जब अवॉर्ड फंक्शन में प्रिया के माता-पिता भी दिल्ली से आकर उसमें शामिल हुए। अपनी बेटी की तरक्की से वह बहुत ही खुश थे और अपनी बेटी पर गर्व महसूस कर रहे थे। इस तरह अवॉर्ड फंक्शन का समापन होता है।

इस तरफ, बैंक वाले अवार्ड मिलने की खुशी में प्रिया को बैंक का मैनेजर बनाने की ऑफर करते हैं। तब प्रिया इस ऑफर को सहर्ष अस्वीकार करती है और मैनेजर की पोस्ट के लिए जुबीन का recommendation करती है और सबके आश्चर्य के बीच, खुद को अपने पद से resign कर देती है। जब सब लोग उसकी वजह पूछते तब प्रिया कहती है कि मैनेजर की पदवी का असली दावेदार मैं नहीं जुबीन है, उसी की वजह से मुझे इतनी कामयाबी मिली है।

मैं अपना ट्रैवेल्स के शौक को आगे बढ़ाते हुए एक टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी खोलना चाहती हूं और अब मैं ऐसा करने में सक्षम हूं। सब लोग तालियां बजाकर प्रिया के फैसले का स्वागत करते हैं और बैंक वाले भी प्रिया के फैसले का सम्मान करते हुए जुबीन को बैंक मैनेजर की पोस्ट सौंपते हैं।

बैंक मैनेजर की पोस्ट मिलने से जुबीन बहुत ही खुश होता है और इस खुशी के मौके पर सबके सामने प्रिया को शादी के लिए प्रपोज करता है। प्रिया को तो कब से इस पल का इंतजार था वह मुस्कुराते हुए जुबीन की proposal को स्वीकार करती है। सबकी खुशियों का कोई ठिकाना नहीं रहता है। सब लोग प्रिया और जुबीन को बधाई देते हैं। प्रिया के माता-पिता भी इस रिश्ते से बहुत ही खुश होते हैं और वह अपनी बेटी की पसंद पर मोहर लगा देते हैं।

क्रमशः