pain in love - 10 in Hindi Love Stories by Heena katariya books and stories PDF | दर्द ए इश्क - 10

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दर्द ए इश्क - 10

विकी अपने रूम में जाते हुए फिर से रेडी हो रहा था । तभी अचानक से उसकी नज़र सफेद शर्ट के साथ बलू शूट पे जाती हैं । जिस वजह से ना चाहते हुए भी उसे स्तुति की सारी यादें दिमाग में घूम रही थी । वह कब उन यादों में खो गया उसे पता ही नहीं चला।

फ्लैशबैक

विकी यूंही देख रहा था कि कोन सा शूट पहने तभी स्तुति उसके रूम के अंदर आते हुए कहती हैं ।

स्तुति: ओहोहो.... भई क्या बात आज तो बड़ी बॉडी दिखा रहे हो। लेकिन यहां तो लड़कियां है ही नहीं। तो क्या फायदा!!
विकी: हाहाहाहाहा.... ओह प्लीज डोंट बी जेल्स। क्योंकि पहली बात ये जो नजारा तुम देख रही हो वह देखने के लिए लोग तरसते हैं । और दूसरी बात में तुम्हारा ही हूं और तुम मेरी तो किसी ओर का हक तो होगा नहीं मुझ पर । अब थोडी हेल्प कर दोगी तो महेरबानी होगी मुझ पर समझ नहीं आ रहा क्या पहनूं ? ।
स्तुति: रियली ओह गॉड आई एम सो लक्की....!! ( मुंह बिगाड़ते हुए ) कुछ ज्यादा ही हवा में नहीं उड़ रहे तुम । अरे! थोड़ा ज़मीन पर आओ दुनिया देखो कहा से कहा पहुंच गई है और तुम यहां खुद की ही तारीफ करने में लगे हो । और यूं आधे नंगे रहने से तुम खूबसूरत नहीं बन जाओगे समझे। बदसूरत थे हो और बदसूरत ही रहोगे। पता नहीं मैने हान ही क्यों कहा जब तुम दोस्ती के लिए आए थे । घमंडी इंसान!!
विकी: ( मुस्कुराते हुए स्तुति को अपनी ओर खींचता है ) वो क्या है ना बैब!! तुम्हारे मन को खुश करने के लिए तुम मुझे बदसूरत कह सकती हो लेकिन तुम्हारा दिल और मै दोनों जानते है कि तुम मुझे कितना पसंद करती हो। बस कुबूल नहीं कर रही !!।
स्तुति: ( चिल्लाते हुए ) विकी के बच्चे !! पागल इंसान छोड़ मेरा हाथ.. गधे अगर किसी ने देख लिया तो गलतफहमी हो जाएगी की हम दोनों के बीच कुछ चल रहा है । ( हाथ छुड़ाते हुए) छोड़ बे.... पनोती कहीं के !!..।
विकी: ( स्तुति को ओर करीब खींचते हुए ) तो देखने दो जिसे देखना है वो देखे। मै तो यही चाहता हूं कि वह लोग यही सोचे की हम दोनों के बीच कुछ चल रहा है और हमारी शादी करा दे ताकि तुम पूरी ज़िन्दगी मेरे साथ फस जाओ । हाहाहाहाहा.... वाह! कितना अच्छा प्लान है। ये आइडिया पहले मेरे दिमाग में क्यों नहीं आया। मेरी शादी भी हो जाएगी तुम्हे परेशान भी कर पाऊंगा और मेरी गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप भी नहीं होगा।
स्तुति: अच्छा तुझे एसा क्यों लगता है कि में अंकल आंटी को तेरी गर्लफ्रेंड के बारे में नहीं बताऊंगी!! हां?
विकी: ( चिढ़ाते हुए ) मतलब तुम्हे शादी से कोई ऐतराज़ नहीं है तो फिर ठीक है आज डेड से बात ही कर लेता हूं।
स्तुति: ( चिल्लाते हुए ) नहीं.. मतलब हा!! मतलब है ऐतराज़ बिल्कुल है! मुझे क्या किसी पागल कूते ने काटा है जो मै तुमसे शादी करूंगी इससे अच्छा तो मै फांसी लगा के मर जाऊ।
विकी: ( आइब्रो ऊपर करते हुए ) ओह रियली!!!
स्तुति: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) रियली अब आप कृपया मेरा हाथ छोड़ने का कष्ट करेंगे तो बड़ी मेहरबानी होगी आपकी !!
विकी: शोख से!! ( यह कहते हुए वह स्तुति का हाथ छोड़ देता है )
स्तुति: ( अपने हाथ पर पड़े निशान देखते हुए )(बडबडाते हुए) घमंडी इंसान कहीं के पता नहीं क्या खाता है खाने में !!! जरूर लोहा ही खाता होगा वैसे भी इंसानों जैसे लक्षण है नहीं इसके!!! हाहाहाहाहा..... !!
विकी: ( चिल्लाते हुए ) मुझे सब सुनाई दे रहा है हां!! और में लोहा नहीं खाता खामोश लड़की!!
स्तुति: हा तो सुनाने के लिए ही बोला मैंने । और ये क्या खामोश लड़की?
विकी: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) वो क्या है ना सभी के सामने तुम कितनी संस्कारी शांत और सुशील बनने का जो ये नाटक करती हो ना इस वजह से कहा और बाकी मै तो जानता ही हूं कितनी सुशील और शांत हो तुम... ।
स्तुति: ओह हैलो!! गलिज इंसान मै सच में सुशील शांत और संस्कारी लड़की हूं । ये तो तुम्हारी संगत का असर है जो मुझे बिगाड़ रहा है । अभी ही देख लो !!!
विकी: अच्छा!! चलो कुछ तो असर हुआ मेरा वर्ना मुझे तो लगा तुम इंसानों में ही नहीं आती ।
स्तुति: ( गुस्से में विकी की ओर देखती है ) ....
विकी: ( हाथ ऊपर करते हुए जोर जोर से हंसता है ) हाहाहाहहाहह...... फाईन.. फाईन!! अब हेल्प भी कर दे शूट को पसंद करने में ।
स्तुति: और तुम्हे ये गलतफहमी कब से हुई की में तुम्हारी हेल्प करूंगी हां!!
विकी: कमोन यार कम से कम मेरी गर्लफ्रेंड के लिए तो कर दे । वह बिचारी आती ही होगी !!
स्तुति: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) हां तो उसीसे कहना वहीं ढूंढ देगी अच्छा सा शूट!!
विकी: ( शयतानी मुस्कुराहट के साथ ) प्रॉब्लम तो कुछ भी नहीं है पर उसकी चॉइस बिल्कुल अजीब है मुझ पर बिल्कुल शूट नहीं करती और दूसरी बात अगर वह मुझे इस तरह देखेगी तो जैसे तुम यहां खड़ी हो वैसे वह खड़ी नहीं रहती और न जाने क्या क्या हो जाता....
स्तुति: ( चिल्लाते हुए विकी की बात को काटते हुए ) स्टॉप बेशरम इंसान!! पता नहीं कब अक्ल आएगी की कहा कितनी बात करनी है। बिना सोचे समझें कुछ भी मत बोला करो।
विकी: हां तो शूट निकलो जल्दी से ताकि मै रेडी हो सकूं!!
स्तुति: फाईन... ( कबर्ट में से विकी के लिए कपड़े पसंद करते हुए ) तो ये बताओ इस हफ्ते तुम्हारा कोई प्लान है?
विकी: ( स्तुति को शूट पसंद करते हुए देख रहा था ) नहीं क्यों? कही जाना है क्या?
स्तुति: ( ब्लू कोर्ट और व्हाइट शर्ट विकी के लिए निकलते हुए ) नहीं वो बस जंगल जा रहे थे हम तो सोचा तुम भी आना चाहो तो आ सकते हो ।
विकी: ( शर्ट और कोर्ट को पहनते हुए ) हम!!!?
स्तुति: (टाई ढूंढ़ते हुए) हां वो में और रेहान!!
विकी: ( स्तुति की बात काटते हुए ) मैंने कितनी बार कहा है कि वह इंसान कुछ ठीक नहीं है उससे दूर रहो तुम!!?
स्तुति: ( टाई देते हुए ) ओह प्लीज और मैंने भी कितनी बार कहा है कि वह वैसा लड़का नहीं है ।
विकी: ( गुस्से को कंट्रोल करते हुए ) यार! क्यों तुम्हे सिम्पल सी बात समझ नहीं आ रही ... की वह अच्छा लड़का नहीं है और ना ही कभी होगा l बहुत ही घटिया इंसान है ।
स्तुति: प्लीज विकी!! कितनी बार कहा है उसके बारे में ऐसे बात ना करो !! एक ओर वो है कि मेरी खातिर तुमसे दोस्ती की कोशिश कर रहा है ओर दूसरी और तुम हो की उसी की बुराई कर रहे हो ।
विकी: ( गुस्से में ) अगर तुम्हे उसी की वकालत करनी है तो फिर यहां क्या कर रही हो । जाओ अपने दोस्त के साथ रहो मै कोन हूं तुम्हारे लिए कुछ भी तो नहीं ।
स्तुति: विकी!! अब ये कुछ ज्यादा हो रहा है अब!!
विकी: हां! तो तुम क्यों नहीं समझ रही हो कि मुझे अच्छा नहीं लगता जब तुम उसके साथ घूमती फिरती हो या फिर उसके साथ जोर जोर से हंसती हो । बस तुम उसके साथ नहीं जाओगी ।
स्तुति: ( गुस्से में ) विकी हर रिलेशन की एक लिमिट होती हैं और हमारी दोस्ती की भी एक लिमिट है । तो तुम मुझे सिर्फ सलाह दे सकते हो मानना ना मानना मेरी मर्ज़ी । और रेहान एक अच्छा लड़का है यह बात जितनी जल्दी तुम समझोगे उतनी जल्दी तुम्हे उसकी अच्छाई दिखेगी ।
विकी: ( गुस्से में ) आई स्वेर स्तुति अगर एक ओर लफ्ज़ उसके बारे में तुमने बोला तो मै खुद नहीं जानता कि मै क्या करूंगा।
स्तुति: ( गुस्से में ) जो भी करना है करो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन मेरी ज़िन्दगी के फैसले ना ही लो तो बेहतर है ।तुम हो कौन मेरे सिर्फ और सिर्फ दोस्त ... तो दोस्त की तरह रहो यार क्यों हमारी दोस्ती बिगाड़ रहे हो ।
विकी: .... ( प्रेमा चिल्लाते हुए विकी....)

विक्रम खयालों में से बाहर आता है और देखता है तो वह वैसे के वैसे ही खड़ा था । उसने शुट को हाथ तक नहीं लगाया । तभी फिर से प्रेमा की आवाज आती हैं । " विकी रेडी हो गए या नहीं सारे महेमान आ गए है । " विकी चिल्लाते हुए कहता है - " जी मां मै थोडी देर में आ रहा हूं " । यह कहकर वह जल्दी से ब्लू शूट निकलते हुए पहन रहा होता है की वह बस स्तुति के बारे में ही सोच रहा था । वह खुद को शीशे में देखता है तो मन ही मन सोच रहा होता है कि "वह गलत नहीं थी यह शूट सच में मुझ पर कुछ ज्यादा ही जज रहा है । उसकी चॉइस कभी गलत हो भी तो कैसे !! काश" वह अपने सिर को हिलाते हुए रूम मे बहार जाते हुए हॉल की तरफ पार्टी में जाने के लिए आगे बढ़ रहा होता है ।