crime no 77 19 - 9 in Hindi Crime Stories by RISHABH PANDEY books and stories PDF | क्राइम नम्बर 77 19 - भाग 9

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क्राइम नम्बर 77 19 - भाग 9

व्यापारियों के विरोध के बाद भी अभी तक रबि को छोड़ा नही गया था। जहाँ एक ओर रबि व्यापार मण्डल का सदस्य था तो वही दूसरी ओर उसके अच्छे आचरण और व्यवहार से व्यापारियों का रोष लगातार बढ़ रहा था। साथ ही साथ रबि का पत्रकार भाई स्वार्थ वश समाचार पत्र में पुलिस की कार्यवाही पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुये बहुत सारे आरोप लगा रहा था। यह उस समय शहर की बड़ी कवरेज न्यूज बन चुकी थी जिले के लगभग सभी आला अधिकारियों के संज्ञान में ये मामला आ चुका था। पुलिस जितनी भी जाँच करती घूम फिरकर वह सब की सब रबि के सामने आकर रूक जाती। लेकिन वह इतना ठोस सबूत भी नही था कि रबि को अन्दर रखा जा सके तो और कोई था नही जिसपर शक किया जा सके। व्यापारियों ने आन्दोलन करते हुये किसी बडे कदम की धमकी भी दे डाली थी। केस की विवेचनाधिकारी इंस्पेक्टर शिवानी और सब इंस्पेक्टर विकास दोनों पर तनाव अब बढ़ रहा था। इं. शिवानी केस की मुख्य विवेचनाधिकारी थी तो स.इं. विकास का यह पहला बड़ा केस था। ऊपर से आलाधिकारियों का दबाव अलग से था। इ. शिवानी के कहने पर फतेहपुर जेल से छुन्ने का रिकार्ड लिया गया तो ज्ञात हुआ कि छुन्ने निर्मम हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहा है और 1 बार ही पे रोल पर बाहर आया था। न उससे कोई मिलने आता था न वह किसी से मिलने की इच्छा रखता था। जेल के कर्मियों ने बताया कि छुन्ने ज्यादा किसी से बोलता या बात नही करता था बस कभी कभी बैठे बैठे रोने लगता था। छुन्ने तलाक के लिये एक और पे रोल की अर्जी दे चुका था जो अभी तक मंजूर नही हुई थी।
जेल से पता लगी सभी बाते रबि की बातों से मेल खा रही थी। लेकिन जब छुन्ने जेल में है और खुद तलाक के लिये अर्जी लगा चुका है तो वह क्यों हत्या करवाता पूजा की? ये एक प्रश्न था जो बार बार रबि को फिर से दोषी साबित कर दे रहा था कि हो ना हो पूजा और छुटकी की हत्या के पीछे रबि का ही हाथ हो।

“आपके द्वारा डायल किया गया नम्बर अब नेटवर्क क्षेत्र के अन्तर्गत है अब नम्बर 9154XX3155 उपयोग कर्ता आप से बात करने के लिये मौजूद है।” स. इ. विकास यह मैसेज अपने मोबाइल में पढकर मोबाइल एक किनारे रखकर केस के बारे में ही सोच रहा होता है साथ ही अपने पैर की मोच को सहलाता हुआ तथ्यों की तरफ अपना ध्यान ले जाता है। फिर ऊब कर थाने के बाहर के चाय की दुकान की तरफ हल्का लड़ाते हुये चाये पीने जाता है। चाय पीकर उठता है और थके हुये मन से थाने की तरफ देखकर अनमाने मन से थाने की तरफ चलता है अचानक से उसे याद आता है कि जिस नम्बर को उसने मैसेज में देखा वो तो वही नम्बर है जो रबि ने बताया था पूजा का नम्बर है। वह भागता हुआ अपनी टेबल पर आता है और अपना मोबाइल जो चार्जिंग पर लगा था निकाल कर चेक करता है। हाँ ये वही नम्बर था जिसको रबि ने पूजा का नम्बर कहा था। स.इ. विकास तुरन्त नम्बर पर फोन करता लेकिन वह बन्द बताता है।
“मैडम अभी अभी वो नम्बर आन हुआ है जो रबि ने पूजा का नम्बर बताया है लेकिन अभी फिर से स्विच ऑफ है।” स. इं. विकास
“विकास ये एक बड़ी लीड हो सकता है ऐसा करो उस नम्बर की डिटेल्स मोबाइल कम्पनी और सर्विलांस से पता करो कुछ न कुछ पता जरूर चलेगा आई एम डैम श्योर अबाउट दिस”- इं. शिवानी
“यस मैडम”- स.इ. विकास
स.इ. विकास नम्बर की सर्विस प्रदाता कम्पनी और पुलिस विभाग के सर्विलांस से उस नम्बर की डिटेल्स निकालता है, नम्बर तो पूजा के नाम पर ही रजिस्टर्ड होता है जो कि अब बन्द था मोबाइल सर्विस प्रदाता कम्पनी से मोबाइल का ईएमआई नम्बर भी विकास को पता चल जाता है। ईएमआई नम्बर की मद्दत से अन्य जो नम्बर उस मोबाइल में डाले गये थे उनकी जानकारी भी स. इ. विकास को मिल जाती है। कुल 4 नम्बर होते है जिनमें से एक रबि का नम्बर होता है जो कि चोरी हो गया था, दूसरा पूजा के नाम से ही एलाट नम्बर था जो कि बन्द था तीसरा जो नम्बर पूजा का रबि ने बताया था और चौथा जो की अभी मोबाइल में पड़ा हुआ था। ये चौथा नम्बर अभी बन्द था लेकिन स. इ. विकास और इं. शिवानी के लिये एक बड़ा सुराग था जिससे वे इस केस को किसी अन्जाम तक ले जा सकते थे। चौथा नम्बर लगभग चार घन्टे के बाद आन हुआ था। नम्बर अभी आऩ था स. इ. विकास नम्बर पर फोन करने के लिये इ. शिवानी से पूछता है लेकिन इ. शिवानी उसे मना कर देती है और कहती है इस तरह से जिसके पास नम्बर है वो पैनिक हो जायेगा और नम्बर बन्द कर लेगा शायद फिर कभी न खोले और रहस्य की तरह अंधेरे में गायब हो जाये।
“विकास इस नम्बर की लोकेशन लो और मोबाइल के साथ इसको उठाकर लाओ और ध्यान रहे ये अन्धेरे में लास्ट तीर है जो हम चला सकते है और चूक हुई तो इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी हमे”- इ. शिवानी
“जी मैडम समझ गया”- स.इ. विकास
सर्विलांस से उस चौथे नम्बर की लोकेशन ट्रैक की जाती है तो उस नम्बर के साथ एक लड़की स्नेहा को कास्टेबल लोग पकड़ कर लाते है और इस तरह से इस तरह से क्राइम नम्बर 77 19 के केस में एक नया मोड आ जाता है। महिला कास्टेबल स्नेहा को पकड़ के लाकर थाने में बैठा देती है स्नेहा डर के मारे कांप रही होती है वह कुछ भी बोल पाने मे सक्षम नही लग रही होती है पुलिस को देख कर वह बुरी तरह से डर जाती है।
“मैंडम जी... वो जो नम्बर एस आई साहब दिये थे उस फोन के साथ एक लड़की को गिरफ्तार किया है मैडम कुछ बोल न रही वो लेकिन ये रहा उसका फोन”- कांस्टेबल
“लड़की को लेकर आओ”- इं. शिवानी
स्नेहा को लेकर महिला कांस्टेबल केबिन में आती है लड़की जोर जोर से रोने लगती है।
“मैडम मैनें कुछ नही किया ये फोन मेंरे बायफ्रेंड ने दिया है अभी कुछ दिन पहले ही हमारी दोस्ती हुई है मैडम मैंने कुछ नही किया प्लीज मुझे छोड़ दिजिये मुझे घर जाना है”- स्नेहा
“कौन है तुम्हारा बायफ्रेन्ड? कहा रहता है?”- इ. शिवानी
“ररररा.....राहुल नाम है उसका और कृष्णापुरम में रहता है।”- स्नेहा
“व्हाट राहुल घर जानती हो उसका उसकी कोई फोटो है तुम्हारे पास”- इ. शिवानी
“मैमैमैने घर नही देखा लेकिन व्हाट्सएप्प पर उसकी फोटो लगी हुई है”-स्नेहा
“फोटो दिखाओ अभी”- इ. शिवानी
लड़की कांपते हुये फोन से बड़ी मुश्किल से राहुल की फोटो दिखाती है। फोटो देकर इ. शिवानी को लड़का कुछ जाना पहचाना लगता है। इ. शिवानी स्नेहा से कहती है कि अभी तो वो उसे जाने दे रही है लेकिन अगर जरूरत हुई तो उसे आना पड़ेगा।
“मैडम कुछ करियेगा नही मेरे पापा मुझे मार डालेगें प्लीज मैडम मैं आपके आगे हाथ जोड़ती हूँ। अगर आप कहे तो मैं दूबारा राहुल से कभी नही मिलूंगी न बात करूँगी प्लीज मैंडम मेरे घर तक बात न पहुँचे”- स्नेहा (लगभग रोते हुये)
“ठीक है हम बिना वजह तुम्हे परेशान नही करेंगे लेकिन चूँकि फोन तुम्हारे पास से मिला है और ये हत्या का मामला है तो जरूरत हुई तो तुम्हे आना ही पड़ेगा और कोई चारा नही है।”-इ. शिवानी
स्नेहा का बयान लेकर उसे छोड़ दिया जाता है। इ. शिवानी स.इ. विकास को बुलाती है।
“लूक विकास ये लड़का उस दिन मर्डर साइट पर था आई थिंक?” इं. शिवानी
“यस मैडम ये तो मकान मालकीन सुशीला का बेटा है”- स. इ. विकास
“ओह आई सी.......तो ये मामला है, विकास इस लड़के को उठा के लाओ अब यही बतायेगा की ये फोन उसके पास कैसे आया और ये हत्या कैसे हुई”- इं. शिवानी
ट्रिंन ट्रिंन ट्रिंन (शिवानी का फोन बजता है)..........
“हैल्लो”-इ. शिवानी
“हाऊ ये डेयर टू टॉक मिस्टर कमल नाथ तिवारी?”- राजीव (शिवानी का मंगेतर)
“व्हाट हैप्पन राजीव वाई आर यू साउटिंग?”- इं. शिवानी
“मुझे तुम जैसी मिडिल क्लास लड़की से शादी के बारे में सोचना ही नही चाहिये था यू इमोशनल फूल्स............”- राजीव
“वो तुम्हारे फादर है राजीव हाउ कैन यू टॉक लाइक दिस और मेरे फादर जैसे लगे मुझे वो”- इ. शिवानी
“यू डफर, इमोशनल फूल वो मेरा बाप नही है तुम्हारा कैसे हो गया उसके करम नही है बाप वाले”- राजीव
“जस्ट शाट अप मिस्टर राजीव. एण्ड वन मोर थिंग आइ वाज थिंकिंग की मैं तुम्हारे लिये जॉब छोड दूंगी लेकिन तुम इसके लायक नही हो नेवर कॉल मी अगेन”- इ. शिवानी
इतना कह कर शिवानी ने फोन काट दिया और अपने चेहरे पर हाथ रखकर अपनी चेयर पर पीछे की ओर झुक गयी। तब तक थाने में बड़ा शोर गुल होने लगता है तेज तेज से आवाजे आ रही होती है। इ. शिवानी अपने मानसिक तनाव से भंग होती है....................

(क्या राहुल ने ही पूजा की हत्या की ? क्या है पूजा के फोन का राहुल से कानेक्शन और क्या राजीव और इं. शिवानी की कहानी यही से खत्म हो गयी जानिये इस धारावाहिक के अगले एवं अन्तिम भाग में..................