The Author Shivani M.R.Joshi Follow Current Read संघर्ष By Shivani M.R.Joshi Hindi Motivational Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books નવા વર્ષની નવી પહેલ સૌ પ્રથમ તમામ વાચકોને નવા વર્ષની મંગલમય શુભકામનાઓ, નવું વર્ષ... દુષ્ટ બહેન - 1 Gi હું કોઈ બહેન વિશે ખોટું કહેતો નથી nahi કે મહિલામન્ડળ વિશે... મારો પહેલો પ્રેમ , શું તે ડાકણ છે? કાળી રાત અને આકાશ માં દેખાતા તારાઓ સાથે શ્રાપિત જગ્યા... પ્રેમ સમાધિ - પ્રકરણ-119 પ્રેમ સમાધિ પ્રકરણ-119 વિજયની ગાડી બંગલાની સાવ નજીક આવી ગઇ વ... ક્યાં છે સોનાની નગરી અલડોરાડો? માનવીને હંમેશથી અખૂટ સંપત્તિ મેળવવાની ઝંખના રહી છે અને સોનાન... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Share संघर्ष (12) 2.4k 7.4k 2 एक बहुत पुराने समय की बात है। एक बहुत ही गरीब परिवार हुआ करता था। लेकिन वह लोग बहुत मेहनती थे ।हमेशा वह सिर्फ अपनी मेहनत से ही अपनी जरूरतों को पूरा करते थे ,हालांकि लोगों की तरह जीना और सपने देखना उनके लिए मैहेज सपना था ,कि अपनी एक मामूली सी जिंदगी भी उनके लिए बेहद कीमती हुआ करती थी |बड़ी बड़ी बातें तो दूर सोचना भी एक सपना समझते थे ।एक दिन उनके घर पर एक बालक का जन्म हुआ। बालक को देखकर सब ने कहा कि यह बहुत ही तेजस्वी होगा ,हर चीज मिलेगी बहुत कामयाब होगा |उनके माता-पिता के लिए यह बात थोड़ी अटपटी थी उनकी बातें सुनने के लिए अच्छी थी सोचने पर बहुत बड़ी बड़ी लगती थी लेकिन वह बालक सच में बहुत यशस्वी था|इसीलिए उसके माता पिता ने कोशिश की और उस पाई पाई जोड़ कर उस बच्चे को पढ़ाया हर एक नामुमकिन से नामुमकिन कोशिश की उसकी जरूरतों को पूरी करने की और वह बच्चा भी काफी होशियार था। हर वक्त अमल आता अपना नाम बनाता उसकी बाहर पढ़ने की आई उसे गांव से बाहर जाना पड़ा उसके लिए उसके पास उस शहर में जाकर रहने के लिए अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए काफी पैसों की जरूरत थी और वह उसके पास थे नहीं और उसे पता था कि उसके पापा के पास भी इतने पैसों का होना नामुमकिन है लेकिन उसने अपनी हिम्मत नहीं हारी और अपने पापा के साथ साथ उसने खुद भी अपना काम शुरू किया और कुछ पैसे कमाने लगा और थोड़े पैसे इकट्ठे होते ही वह अपनी पढ़ाई शुरू करने के लिए शहर की तरफ चल पड़ा उस शहर में जाकर उसने दिन रात और मेहनत की दिन-रात कमाता भी और पढ़ाई भी करता पढ़ाई के साथ-साथ उसने अपनी नौकरी भी संभाली और अपने खर्चे उठाने लगा हर एक चीज जरूरत की चीजें अपनी किताबों का खर्चा उठाने लगा इसी तरह वह अपनी मेहनत और अपने संघर्ष से शिद्दत के साथ पूरी मेहनत के साथ अपने सपनों को पूरी करने के लिए लगा रहा एक दिन यह हुआ कि वह टॉपर बन गया पूरे शहर में उसके पोस्टर और विज्ञापन आने लगे एक मामूली सा लड़का पूरे देश में छा गया एक वक्त था जब उनके लिए सपने देखना भी एक सपना था जिसे उस बच्चे ने पूरा कर दिया ।सीख - इसीलिए तो कहते हैं दोस्तों की मेहनत और कामयाबी किसी की मोहताज नहीं होती ना अमीरी देखती है ना गरीबी देखती है देखती है तो संघर्ष और संघर्ष ही एक कामयाबी की चाबी है. एक बहुत पुराने समय की बात है। एक बहुत ही गरीब परिवार हुआ करता था। लेकिन वह लोग बहुत मेहनती थे ।हमेशा वह सिर्फ अपनी मेहनत से ही अपनी जरूरतों को पूरा करते थे ,हालांकि लोगों की तरह जीना और सपने देखना उनके लिए मैहेज सपना था ,कि अपनी एक मामूली सी जिंदगी भी उनके लिए बेहद कीमती हुआ करती थी |बड़ी बड़ी बातें तो दूर सोचना भी एक सपना समझते थे ।एक दिन उनके घर पर एक बालक का जन्म हुआ। बालक को देखकर सब ने कहा कि यह बहुत ही तेजस्वी होगा ,हर चीज मिलेगी बहुत कामयाब होगा |उनके माता-पिता के लिए यह बात थोड़ी अटपटी थी उनकी बातें सुनने के लिए अच्छी थी सोचने पर बहुत बड़ी बड़ी लगती थी लेकिन वह बालक सच में बहुत यशस्वी था|इसीलिए उसके माता पिता ने कोशिश की और उस पाई पाई जोड़ कर उस बच्चे को पढ़ाया हर एक नामुमकिन से नामुमकिन कोशिश की उसकी जरूरतों को पूरी करने की और वह बच्चा भी काफी होशियार था। हर वक्त अमल आता अपना नाम बनाता उसकी बाहर पढ़ने की आई उसे गांव से बाहर जाना पड़ा उसके लिए उसके पास उस शहर में जाकर रहने के लिए अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए काफी पैसों की जरूरत थी और वह उसके पास थे नहीं और उसे पता था कि उसके पापा के पास भी इतने पैसों का होना नामुमकिन है लेकिन उसने अपनी हिम्मत नहीं हारी और अपने पापा के साथ साथ उसने खुद भी अपना काम शुरू किया और कुछ पैसे कमाने लगा और थोड़े पैसे इकट्ठे होते ही वह अपनी पढ़ाई शुरू करने के लिए शहर की तरफ चल पड़ा उस शहर में जाकर उसने दिन रात और मेहनत की दिन-रात कमाता भी और पढ़ाई भी करता पढ़ाई के साथ-साथ उसने अपनी नौकरी भी संभाली और अपने खर्चे उठाने लगा हर एक चीज जरूरत की चीजें अपनी किताबों का खर्चा उठाने लगा इसी तरह वह अपनी मेहनत और अपने संघर्ष से शिद्दत के साथ पूरी मेहनत के साथ अपने सपनों को पूरी करने के लिए लगा रहा एक दिन यह हुआ कि वह टॉपर बन गया पूरे शहर में उसके पोस्टर और विज्ञापन आने लगे एक मामूली सा लड़का पूरे देश में छा गया एक वक्त था जब उनके लिए सपने देखना भी एक सपना था जिसे उस बच्चे ने पूरा कर दिया ।सीख - इसीलिए तो कहते हैं दोस्तों की मेहनत और कामयाबी किसी की मोहताज नहीं होती ना अमीरी देखती है ना गरीबी देखती है देखती है तो संघर्ष और संघर्ष ही Download Our App