dosti aur pyar in Hindi Love Stories by Dr Sonika Sharma books and stories PDF | दोस्ती और प्यार

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दोस्ती और प्यार

ज्योति का मूड आज सुबह से ही ऑफ था रात को उसने अपना मोबाइल फोन ऑफ करके चार्जिंग में लगाया और सुबह जब चार्जिंग में से फोन निकाल कर ऑन करने की कोशिश की तो फोन ऑन नहीं हुआ और उसके चक्कर में ज्योति का काफ़ी टाइम भी बर्बाद हो गया एक तो फोन ऑन भी नहीं हुआ और कॉलेज के लिए वह लेट भी हो गई आज उसके कॉलेज में प्रैक्टिकल था उसका।
आज ज्योति छोटी - छोटी बातों पर गुस्सा हो रही थीं और खीझ भी रहीं थीं। एक तो मोबाइल खराब ऊपर से कॉलेज लेट पहुंची अटेंडेंस नहीं लगी फिर प्रैक्टिकल में देर से पहुंची तो प्रैक्टिकल के लिए कोई सब्जेक्ट नहीं मिला। इसलिए ज्योति भुनभुनाती हुई प्रैक्टिकल रूम से बाहर आ कर कॉरिडोर में खड़ी हो गईं।
काफ़ी देर कॉरिडोर में रहने के बाद वह कैंटीन जाती है आज मोबाइल के चक्कर में नाश्ता भी नहीं कर पाई और भूखी ही घर से निकल आयी। कैंटीन के रास्ते में वरुण मिलता है शायद उसे ज्योति देख नहीं पाती वह अपनी धुन में कैंटीन कि ओर बढ़ी चली जाती है। वरुण जो अब तक ज्योति को बहुत अच्छे से समझ चुका हैं कि वह जब परेशान होती है तो कैसे व्यवहार करती है और जब खुश होती है तो कैसे व्यवहार करती है। ज्योति के पीछे - पीछे कैंटीन तक चला जाता है। ज्योति कैंटीन में जाकर अपने लिए कुछ खाने का आर्डर करती है तभी वरुण वहीं ऑर्डर अपने लिए भी लाने को बोलता है।
ज्योति के सामने वाली चेयर पर वरुण बैठता हैं क्या हुआ ज्योति कब से आवाज दे रहा था तुम सुन ही नहीं रही थी बल्कि तुम्हें आवाज़ देते - देते तुम्हारे पीछे - पीछे कैंटीन तक आ गया तुमने सुना ही नहीं। ज्योति ने कहा थोड़ा परेशान हूं एक्चुअली कल रात में फोन चार्जिंग में ऑफ करके लगाया और सुबह चार्जिंग में से निकालकर फोन ऑन करने की कोशिश की तो हुआ ही नहीं। पता नहीं क्या प्रॉब्लम आ गई इस चक्कर में सुबह प्रैक्टिकल क्लासेज के लिए लेट हो गई प्रैक्टिकल भी छूट गया क्योंकि सब्जेक्ट नहीं मिला कुछ ना कुछ गड़बड़ ही हो रहा है आज सुबह से।
वरुण ओहो तो तुम मोबाइल फोन ऑन न होने से परेशान है तो उसके लिए तो तुम्हे सर्विस सेंटर जाना चाहिए मोबाइल तो वहीं बनेगा कॉलेज गलत आ गई हो तुम। ज्योति चिढ़कर ओह रियली वरुण सच में भूल ही गई कि मोबाइल सर्विस सेंटर में बनता है ना कि कॉलेज में। वरुण क्यों चिढ़ रही हो इतना एक मोबाइल ही तो खराब हुआ है बन जाएगा। ज्योति हां मालूम है पर अभी मुझे कॉलेज आना जरूरी था इसलिए मैं यहां आ गई। अब मुझे क्लास अटेंड करके ही बाहर जाना है तब तक मैं क्या करूं मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा है। तभी दोनों का आर्डर टेबल पर आ जाता है आर्डर आते हैं वरुण कहता है एक काम करो पहले तो तुम खा लो और अपना गुस्सा शांत करो। मोबाइल मुझे दे दो मैं अभी जाकर उसे सर्विस सेंटर में देता हूं फिर देखता हूं कब बन कर मिलता है।
ज्योति ओह ऎस यह आइडिया तो मुझे आया ही नहीं कि तुम मेरा मोबाइल सर्विस सेंटर में जा कर बनवा सकते हो। दोनों अपना अपना ऑर्डर खत्म करते है फिर वरुण ज्योति का मोबाइल लेकर सर्विस सेंटर जाता है बनवाने। ज्योति अपने नेक्स्ट लेक्चर को अटेंड करने जाती हैं।
करीब 2 घंटे बाद वरुण ज्योति को मिलता है ज्योति क्या बन गया मेरा फोन वरुण ओ मैडम सर्विस सेंटर वाला मेरा रिश्तेदार नहीं जो तुरंत बना कर दे देता और एक स्लिप ज्योति की ओर बढ़ाते हुए ये पकड़िए मैडम दो दिन बाद मिलेगा जा कर ले लीजिएगा। ज्योति अब दो दिन सब बंद वरुण सब बंद मतलब क्या कल परसो क्लासेज नहीं होंगे? अरे नहीं मेरा मतलब है कि मेरे फोन की वज़ह से दो दिन सब बंद। वरुण हे भगवान घोर पापी लोग है एक फोन क्या खराब हुआ इनकी तो ज़िन्दगी ही बर्बाद हो गई।
ज्योति ओ प्लीज़ और बकवास सुनने का मूड नहीं हैं। वरुण अच्छा मतलब में गर्मी में धूप में इनका फोन बनने देने गया और इन्हें मेरी बातें सुनने में भी प्रॉब्लम हैं बहुत सही मैडम बहुत सही। याद करेंगी था एक बंदा जिसकी समय रहते वैल्यू नहीं की। अब देखना तुम्हारा मोबाइल लेने मैं दो दिन बाद नहीं जाऊंगा। ज्योति बकवास नहीं और धमकी मत दो मत जाना मैं खुद चली जाऊंगी हुंह।
ज्योति और वरुण दोनों बचपन से साथ पढ़े है दोनों में बहुत समानता भी हैं साथ ही दोनों के घरवाले भी बहुत अच्छे दोस्त हैं। ज्योति और वरुण भी अच्छे दोस्त ही है प्यार जैसा कुछ भी नहीं पर जहां कुछ भी ना हो वहां पर लोग कह - कह कर पैदा करवा ही देते हैं। ज्योति अपने भाई के दोस्त को बहुत पसंद करती है और उसने ये बात वरुण को भी बताई कि वह उसे पसंद करती हैं। पर वरुण ज्योति की इस बात को सीरियस्ली नहीं लेता है और बोलता है क्या खास तुम्हे उस में दिख गया तुम भी न फ़ालतू लोगों को पसंद किया करो। ज्योति हां तो तुम्हें क्या प्रॉब्लम मैं कुछ भी करूं। वरुण मैंने कब कहा कि मुझे प्रॉब्लम है मुझे क्यों बता रही ही उसको बताओ न जा कर।
वरुण कहीं न कहीं ज्योति पर अपना हक समझता हैं क्योंकि शुरू से ही वरुण ने ज्योति की दोस्ती ज्यादा किसी से रहने नहीं दी। पहले जब ज्योति स्कूल में किसी को अपना फ्रेंड बनती तो वरुण ज्योति के घर पर यह शिकायत करता कि वह सही नहीं है ज्योति से बोलिए उससे बात ना करें और दूसरे दिन ही ज्योति को वरुण की वज़ह से बात करना बंद कर देनी पड़ती थीं।
धीरे - धीरे कॉलेज खत्म हुआ अब वरुण नौकरी के लिए तैयारी करने लगा और ज्योति घर पर रहने लगीं अब दोनों स्कूल कॉलेज की तरह रोज़ नहीं मिल पाते पर अक्सर वरुण ज्योति के घर आता था। न जाने कैसे पर वरुण को ज्योति अब दोस्त से ज्यादा अच्छी लगने लगी शायद इस लिए की अब ज्योति की शादी की बात चलने लगी थीं और अब तक तो वरुण को ज्योति के साथ रहते - रहते आदत हो गई थी उसकी। इधर ज्योति और वरुण के दोस्तों ने भी कहना शुरू कर दिया था उन दोनों से कि तुम दोनों दोस्त से ज्यादा हो और कभी देखा है तुम दोनों कैसे लड़ते हो?
वरुण ये तो नहीं जानता था कि वह ज्योति को प्यार करता है कि नहीं पर यह ज़रूर था कि ज्योति की शादी की बातों से वह परेशान था और जब से कॉलेज खत्म हुए वह ज्योति को बहुत मिस कर रहा था उधर ज्योति को भी छोटी * छोटी बातों में वरुण याद आता क्योंकि दोनों को ही आदत थी एक दूसरे की। एक दिन वरुण में ज्योति से पूछा क्या हुआ तुमसे कोई शादी नहीं कर रहा है ज्योति अचानक से वरुण के सवाल पर खीझ गई तुम्हे मेरी शादी से क्या मतलब करें या न करें अरे मैं तो इसलिए बोल रहा था कि आंटी को बता दूं कि तुम भैया के दोस्त अनुज को पसंद करती हो। ये बात सुन ज्योति चुप हो गई और बोली ऐसा कुछ नहीं है और मैं पसंद नहीं करती बस अच्छे लगते थे और उनकी एक गर्लफ्रेंड भी हैं। वरुण ओह तभी आप मैडम पीछे हट गई बड़ा दुःख हुआ यह जान कर कि यहां भी आप और कुछ बोल नहीं पाया और जोर से हंसने लगा जिस पर ज्योति वरुण पर गुस्सा होने लगती है और कहती है आगे से तुम्हे कोई बात ही नहीं बताउंगी तुम इस लायक हो नहीं पर वरुण मन ही मन खुश था कि ज्योति का अनुज से अफेयर नहीं चल पाया
वरुण और ज्योति जब भी घर पर मिलते तो अक्सर ही वरुण ज्योति को किसी न किसी बात के लिए परेशान करता एक दिन ज्योति ने गुस्से में कह दिया पूरी दुनिया में कोई भी नहीं मिला तो भी में तुमसे शादी करने नहीं आऊंगी समझे। ये सुन वरुण चुप हो जाता इसके बाद ज्योति भी अपनी बात को सोच कर संकोच में आ जाती हैं कि उसने ऐसे कैसे बोल दिया उन दोनों के बीच ऐसा कुछ तो कभी था ही नहीं। उस दिन बात अाई गई हो गई पर उस दिन के बाद से ज्योति अब वरुण के सामने आने पर असहज सी हो जाती थीं और अब वह पहले की तरह वरुण से लड़ाइयां भी नहीं करती। वरुण ने ज्योति में आए बदलावों को नोटिस करना शुरू कर दिया था।
एक दिन वरुण ने ज्योति से कह ही दिया हमारे बीच ऐसा क्या हुआ जो तुम अब पहले की तरह व्यवहार नहीं करती हो क्या कोई प्रॉब्लम उस पर ज्योति ने कहा नहीं कोई बात नहीं। वरुण ने आगे बात बढ़ाते हुए कहा अगर कोई बात नहीं है तो फिर अब तुम मुझसे कतराने क्यों लगी हो मुझसे बात करने से भागती हो जो है वह बताओ मुझे। ज्योति कुछ भी नहीं पता नहीं तुम क्या - क्या सोचते रहते हो या तो आज कल रोमांटिक नॉवेल पढ़ रहे हो या कोई मूवी देखी हैं। वरुण ज्योति को टोकते हुए ये हमारे बातचीत में रोमांस कहां से आ गया मैंने तो ऐसा कुछ भी बोला नहीं ज्योति अपनी कहीं बात की वज़ह से वापस झेप जाती है और हकलाते हुए अरे मेरा मतलब था.. कि वो... वरुण बोला हां बोलो भी यह था कि वह के आगे भी बढ़ो। ज्योति तुम न मेरी कितनी बातें पकड़ते हो जाओ अब तुमसे बात ही नहीं करेंगे आगे से। वरुण वह तो तुम आज कल नहीं कर रही पहले की तरह इसी लिए तो पूछा बताओ क्या बात है? ज्योति कहती है पता नहीं। वरुण पता नहीं से क्या मतलब। ज्योति क्या अब पता नहीं का भी कोई मतलब होता है क्या? वरुण यह तो तुम बताओगी ज्योति। ज्योति खीझती हुई ठीक है जो समझना है समझो मुझे नहीं समझाना तुम्हें कुछ भी। ज्योति वहां से उठ कर चली जाती हैं।
वरुण को अब ज्योति का व्यवहार कुछ ज्यादा ही बदला हुआ लगा और इस सब चक्करों से वरुण ज्योति को यह बता भी नहीं पाया कि आज कल वह ज्योति के लिए कुछ अलग ही फील करता है और अब वह ज्योति को बहुत मिस भी कर रहा हैं। वहीं दूसरी ओर ज्योति भी चाह कर वरुण को नहीं समझा पाई कि वह वरुण को मिस करती है उससे बात करना चाहती है और बहुत कुछ है जिसे वह वरुण से शेयर करना चाहती हैं।
दोनों ही शायद बहुत कुछ कहना तो चाहते थे पर कैसे कहें और यह क्या है जो उनके साथ हो रहा है वह समझ नहीं पा रहे थे। वरुण और ज्योति दोनों ही यह नहीं मान सकते कि वह एक दूसरे से प्यार करते थे क्योंकि दोनों ही एक दूसरे के सिर्फ अच्छे दोस्त थे उससे ज्यादा कुछ भी नहीं था दोनों में। वरुण ज्योति को पसंद तो करता था पर वह उस पसंद को प्यार का नाम नहीं देता था। इसी बीच ज्योति की शादी तय हो जाती हैं और सगाई भी। ये सब इतना जल्दी में होता है कि दोनों को ही सोचने समझने का मौका नहीं मिलता हैं। सगाई के बाद ज्योति के घर में शादी की तैयारियां होने लगती हैं और ज्योति भी उन तैयारी में लग जाती है जिस वज़ह से ज्योति अब वरुण को नहीं मिल पाती और ना ही बात ही कर पाती हैं। एक दिन वरुण बहुत हिम्मत करके ज्योति को अपने दिल की बात बताने जाता है और कोशिश भी करता हैं पर तभी उसे यह महसूस होता है कि ज्योति उस शादी से खुश हैं और अब उसका यह सब बताने से क्या होगा अब तो बहुत देर हो चुकी हैं और बिना कुछ ज्योति से कहे लौट जाता हैं। उस दिन ज्योति भी वरुण से बताना चाहती थी कि आने वाले दिनों में वह जब उससे दूर हो जाएगी तो उसे बहुत मिस करने वाली है पर वरुण को उदास और शांत देख चुप रह जाती हैं। इसके कुछ ही दिन बाद ज्योति शादी करके अपने घर चली जाती है और वरुण जो गलतफहमी में जी रहा था कि ज्योति इस शादी से खुश है उसे अपने से हमेशा के लिए दूर जाने देता हैं।