Few Decades Of Underworld Part-2 in Hindi Thriller by Manthan Thakkar books and stories PDF | फ्यू डिकेड्स ऑफ़ अंडरवर्ल्ड - भाग -२ - १६ फरवरी २०२०

Featured Books
Categories
Share

फ्यू डिकेड्स ऑफ़ अंडरवर्ल्ड - भाग -२ - १६ फरवरी २०२०

नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप सब ? आप सब जानते ही हो की आज तीसरा हप्ता फरवरी का और आज बात करेंगे अंडरवर्ल्ड के उस खतरनाक और दर्दभरे आंतक और उसके सामने लड़नेवाले जांबाजो की | तो आइये ज़्यादा टाइम न लेते शुरू करते हे| लास्ट टाइम में हमने देखा था की कैसे लोगो में अंडरवर्ल्ड का भय बढ़ रहा था , बच्चो के साथ साथ बड़े भी अंदर से भयभीत हो रही थी और साथ में बच्चो में भी बड़ा बनने का जज़्बा बना था | १९५२ के उस समय में एक ही दिन में दो अलग अलग जगह पे दो बच्चो का जन्म हुवा था अब ये बड़े होकर क्या बनेगे ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन जब तक ये बच्चे बड़े हो रहे थे तब तक बम्बई ही नहीं बल्कि पुरे इंडिया में अंडरवर्ल्ड फेल चूका था | पुलिस के प्रयास नाकाम हो रहे थे और बम्बई की सड़को पे आंतक बढ़ रहा था | लोगो का घर से बधार निकलना भी एक सवाल बन जाता था | तभी बम्बई शहर में एक नया पुलिस अफसर आया और उसने इन आंतक को ख़त्म करने का सोचा लेकिन जब टोप्ले में एक आम बिगड़ता हे तो वो पूरा टोपला ही बिगड़ देता हे | पुलिस अफसर जो की वो भी एक मुस्लमान था लेकिन उसमे देश भावना पहले थी और ज्ञात्वाद बाद में | उसने बम्बई के उस गैंगरीटो को अंदर अंदर लड़वाया ताकि उसका काम भी आसान हो जाये पर अफ़सोस ये भी ज्यादा देर तक टीका नहीं क्योकि उस समय जनता के दिल में एक और नाम भी था जो लोगो का मसीहा था | लाख गलत काम करके भी वो लोगो के दिल में राज करता था | लोगो के दिल में उसका खौफ तो था लेकिन इज्जत उससे भी दुगनी वोह था मस्तान भाई | मस्तान भाई को अफसर की ये बात पता चल गई और उसने उन सभी डॉन की एक मीटिंग बुलवाई जिसमे कोई समाधान निकल आये और उसने पूरा बम्बई उन ६ डॉन के हाथ में बेच दिया | अब्दुल भाई ने कहा की पूरा बम्बई तो तुमने हमें बेच दिया तो तुम क्या करोगे उसने कहा अब्दुल मिया चाहु तो ये पूरा बम्बई मेरा हे | ये बम्बई मेरी जान हे पर फिर भी अपने पास समंदर हे क्योकि वो बहुत अच्छे से जानता था की ये समंदर ही हे जो इंडिया को बाकि शहरों की सड़को से मिलवाता हे | स्मगलिंग का बादशाह मस्तान भाई के दिल में लोगो के प्रति प्यार भी उतना ही था | गरीबो के लिए देवता और अमीरो और हराम की कमाई वालो के लिए दानव था | अब्दुल और उनके साथी को बम्बई बेच दिया लेकिन फिर भी वो पुरे बम्बई पे राज करता था | १९५३ का वो समय जहा पे पुलिस नाकाम और मस्तान की इज्जत और कारोबार बढ़ता था उसी समय बॉलीवुड भी प्रगति कर रहा था काफी नए चेहरे आ रहे थे उसी समय बॉलीवुड में एक नयी फिल्म आई और उसमे एक नयी हीरोइन जो रातो रात स्टार बन गई लेकिन मस्तान भाई को वो पसंद आ गई और समय जाते उसके दिल में भी मस्तान भाई ने जगह बना ली बस अब क्या मस्तान भाई को पूरा परिवार मिल गया था | पुरे बम्बई वासी उसके परिवार वाले हो गए | एक समय के लिए ऐसा ही लगा की अंडरवर्ल्ड ख़तम हो गया हो पर समय पे किसी की पाबन्दी नहीं होती और ना ही कोई उसे रोक सकता हे | एक दो साल सब ठीक चल रहा था तभी दो और शैतान का जन्म हुआ जो की इंडिया ही नहीं बल्कि पुरे वर्ल्ड पे अपना सिक्का ज़माने आये थे | समय बढ़ता गया साथ में बच्चे बड़े होने लगे | १९५२ में जो बच्चे पैदा हुवे थे वो अब करीबन दस साल के होने लगे थे और उसका आने वाला कल भी साफ नजर आ रहा था | मुंबई में पैदा हुवा वो बच्चा मुस्लिम खानदान में से था लेकिन वो पूरा अलग ही था | उसके घर पे दिन में पांच बार नमाज पड़ते थे लेकिन ये एक बार भी नहीं | दिन भर भटकना , लोगो को मारना , पीटना और लड़कियों की मस्ती करना इसका पेशा बन गया था | हर रोज वो स्कूल के बंक करके घूमता रहता था और अपने परिवार के लिए आफत बनने लगा था | हर रोज वो अपने घर पे मार खाता था लेकिन जैसे जैसे वो बड़ा होता था उसका पेशा और वो दोनों ही बिगड़ने लगे थे | यहाँ गुजरात में जो बच्चा पैदा हुवा वो रघुवंशी खानदान का था वो बचपन से ही लोगो की इज्जत करना और लोगो के दिल में अपना जगह बनाना जान चूका था | लोगो के प्रति उसके दिल में भी सन्मान था | बचपन से उसका एक ही सपना था को वो एक इनजियर बनेगा और वो पढाई में भी एकदम तेज था | कहानी ऐसे ही आगे बढ़ रही थी के १९५६ में पैदा हुवे वो दो शैतान भी अब बड़े होने लगे थे उन लोगो की हरकत भी कुछ उस बच्चे की तरह थी जो बम्बई में पैदा हुव था | कहानी ऐसे ही आगे चलती रहेगी लेकिन फ़िलहाल इतना ही | आगे की कहानी अगले हप्ते तब तक गुडबाय |अगले महीने तब तक आप लोगो का प्यार ऐसे ही मुझपे रखिये और आप का कोई सजेशन और कमेंट हो तो मुझे मेरे सोश्यल मिडिया पे मुझे दे शकते हो मेरी सॉयल मिडिया प्रोफाइल की लिंक्स निचे दी हे | अंत में आप सभी का दिल से शुक्रिया और साथ ही साथ मेरे सोशयल मिडिया पार्टनर्स का भी दिल से धन्यवाद् क्योकि उनलोगो के बिना ना में ये सब लिख पाता |