Tadapati aatma in Hindi Horror Stories by Ravi Sharma books and stories PDF | तड़पती आत्मा

Featured Books
Categories
Share

तड़पती आत्मा

अमर और माया दोनों पति-पत्न्नी थे ओर 5 साल बाद कैनेडा से इंडिया लौट रहे थे, दरअसल अमर की ट्रांसफर इंडिया हो गई थी, अब अमर इंडिया में ही सेटल होना चाह रहा था, इसलिए 3-4 प्रॉपर्टी डीलर को पहले से ही बता रखा था के वह एक बंगलो लेना चाहता हे, प्रॉपर्टी डीलर ने काफ़ी बंगलो बताय पर अमर और माया को कोई पसंद ना आया .

आख़िरकार एक बंगलो उनको उनकी पसंद का मिला और जल्दी ही सारी फॉर्मेलिटी ख़तम कर डील फाइनल कर दी. ये बंगलो काफ़ी सालो से बांध पड़ा था पर था वेल मेन्टेन और मार्किट रेट से सस्ते मे भी मिल रहा था.

कुछ ही दिनों मे अमर और माया नए घर मे रेहने आ गए. उसी रात अमर और माया बैडरूम मे सो रहे थे की अचानक एक आवाज से उनकी आँख खुली.

अमर ने माया की तरफ देखा और माया भी अचम्भे थी के इतनी रात ये किसी के रोने की आवाज कहा से आ रही हे, नया घर था तो डर ज्यादा ही लग रहा था. फिर भी दौनो ने सोचा एक बार देख तो ले के कहा से आवाज आ रही हे, दोनों उठे और लाइट चालू की पर लाइट तो ख़राब मौसम के कारण बंद थी .अमर ने टोर्च ली और आगे बढे, आवाज निचे की और से आ रही थी वो लोग निचे की ओर गए.

आवाज हॉल मे से ही कही से आ रही थी, अब माया ओर अमर को ज्यादा गभराहट होने लगी, अमर ने आवाज जिस ओर से आ रही थी वहां टॉर्च की तो दोनों हक्केबक्के रह गए, उन्हों ने देखा दिवार की ओर मुँह करें एक लड़की अपना सर दिवार मे पटक पटक कर मारे जा रही हे ओर जोर जोर से रो रही है,
अमर ओर माया की चीख निकल गय ओर उस लड़की ने पलट कर देखा तो उसके सर से खून बेह रहा था ओर सफ़ेद मुँह ओर बड़ी बड़ी आँखों मे गुस्सा दिख रहा था बस इतना देखते ही लाइट आ गयी ओर उस ही क्षण वो लड़की गायब हो गयी.

अमर ओर माया बहुत डर गए थे ओर ये क्या था वो समज नहीं पाए, जैसे तैसे कर के ऊपर जा कर इसी सोच मे जागते रहे के कही उन्हों ने जल्दबाज़ी मे तो ये घर नहीं ले लिया .
मुश्किल से रात बीती, सुबह हुई दोनों ही खामोश थे ओर सोच मे डूबे हुए, अमर ऑफिस जाने को निकला ओर माया भी अपने काम मे लग गयी.

दूसरे दिन रात को वही रोने की आवाज आ रही थी, फिर माया ओर अमर उठे ओर बैडरूम के बाहर आय तो पता चला इस बार आवाज सामने वाले बैडरूम से आ रही थी, अमर ओर माया उस बैडरूम की तरफ बढे ओर जैसे ही दरवाजा खोलो उनके होश उड गए .

अमर ओर माया ने देखा एक लड़की पंखे से फ़ासी लगाए लटकी हुई हे ओर पंखे के साथ तेज गोल गोल घूम रही हे, उस लड़की की आँखे खुली हुई थी ओर आँखे बड़ी बड़ी हो चुकी थी ओर उस्की नजर अमर ओर माया पर ही पड़ रही थी. हैरान कर ने वाली बात ये थी के कल जो लड़्की दीवार मे सर पटक रही थी वो ओर ये दोनो ही अलग लड़कि थी.

दोनों कमरा बंद कर के भाग कर अपने रूम मे दरवाजा बंद कर दुबक के बैठ गए, दोनों सुबह होने के इंतजार मे एक दूसरे का हाथ पकड़ कर डरे सहमे बैठे रहे.

अब ये रोज की बात हो गयी थी, उन्हें घर के किसी ना किसी हिस्से मे वो दो लड़किया रोज रात को दिखने लगी. अमर ओर माया जान चुके थे के इस घर मे आत्माओ का वास हे.

अमर ओर माया बहुत उदास ओर गुमसुम रेहने लगे, अब कैसे इस मुसीबत से पीछा छुड़ाए, घर काफ़ी महंगा था ओर शहर से थोड़ा दूर भी था इसलिए उसका बिकना मुश्किल था.

एक दिन ऐसे ही उन्हें कमरे मे लटकती हुई ओर दीवार से सर मारती दोनों लड़किया साथ मे दिखी अमर ने हाथ जोड़ कर चिल्ला कर कहा, हमसे कोई गलती हुई हो तो माफ़ कर दो ओर प्लीज यहाँ मत आओ ओर हमें ओर मत डराओ. इतना बोलते वो दोनों लड़किया गायब हो गयी.

इस वाकिये के अगले रात को अमर की आँख खुली ओर देखा तो माया वहां नहीं थी , अमर माया का नाम पुकारते पुकारते रूम से बाहर निकला, अमर को एक अजीब आवाज सुनाय दी, अमर आवाज की ओर आगे बढ़ा तो पाया के आवाज घर के पिछवाड़े से आ रही थी.

अमर ने वहा जा के देखा तो हैरान रह गया, माया ज़मीन पर बैठ कर अपने हाथों से ज़मीन मे गड्डा खोद रही थी ओर भारी आवाज मे घुराये जा रही थी, अमर बहुत डर गया था पर फिर भी हिम्मत करते हुए माया का नाम पुकारते आगे बढ़ा पर माया तो दोनों हाथो से गड्डा खोदने मे लगी हुई थी.

मानो माया पर जैसे कोई पागलपन या कोई जानवर सवार होगया था, अमर ने पास जा कर माया का चहेरा देखा तो गभरा कर 4 कदम पीछे गिर पड़ा , उसने देखा की सफ़ेद चहेरा ओर बड़े बड़े बिना आँखों के गड्डे कोई हैवान हो जैसे , अमर ने पूरी हिम्मत इकठा कर के माया का नाम ले कर चिल्लाया ओर माया वही बेहोस हो गयी , डरते हुए अमर माया के पास गया ओर उसको गोद मे उठा कर अंदर ले गया.

माया थोड़ी देर मे होश मे आयी , अब माया को पूरी कहानि पता चल गयी थी, दरअसल वो दोनो प्रेतात्माओ ने माया के शरीर मे प्रवेश कर उसको सब बता दिया था , माया ने अमर को सब बताया की ये जो बंगलो था वहां कई सालो पहले एक फार्महाउस हुआ करता था , फार्महाउस का मालिक दूसरे शहर मे रहता था ओर कभी कभी आया करता था, वो चरित्र से अय्याश ओर शराबी था, एक बार अपने दोस्तों के साथ यहाँ आया हुआ था ओर आते वक़्त रास्ते मे उनकी नजर 2 लड़कीओ पे गयी, उनके मन मे कुविचार जागे ओर उन्हों ने दोनों लड़कियों को अगवा कर लिया ओर अपने फार्महाउस पर जबरन ले गए.

उन जानवरो से बचने के लिए एक लड़की ने एक कमरे मे अपने आप को बंद कर के खुद को फ़ासी लगा ली ओर दूसरी लड़की इनके काबू मे नहीं आय तो उसका सर दिवार मे मार कर उसे बेहोश कर दिया , फिर डर के मारे उन्हों उन दोनों को वही बरामदे मे गड्डा खोद के दफना दिया, एक जिन्दा ओर एक मरी हुई लड़की को साथ मे दफनाया, बड़ी तकलीफ मे उस जिन्दा लड़की ने ज़मीन मे अपना दम तोड़ा.

इस हादसे के बात कई सालो तक वो लोग वहां नहीं आये ओर एक बिल्डर को ज़मीन ओर फार्महाउस बेच दिया, उस बिल्डर ने वहा 5-6 बंगलो बनाये पर हर घर मे जो भी रेहने आता उनको ये दोनों लड़किया दिखती थी ओर वो घर छोड के भाग जाते.

ये सब सुनके अमर के होश उड़ गए ओर सर पे हाथ दे कर बैठ गया, पर माया ने बताया की वो दो लड़किया की आत्मा अब भी मुक्ति के लिए तड़प रही हे, माया ने बताया के वो दोनों आत्मा हमको परेशान करना नहीं चाहती पर हम उनको मुक्ति दिलाय इतना ही वो चाहते हे ओर इसके लिए उनके जो भी अंग अवशेस बचे उनका दाह संस्कार कर के उन्हें मुक्ति दिलानी होगी.

अगले ही दिन उन्हों ने गड्डा खोद कर उनके बचेकुचे अवसेष निकाले ओर विधि वत्त ब्र्हामण को बुलाके उनका दाह संस्कार ओर अंतिम विधि करवाय.

ये सब करवा के जब अमर ओर माया घर आये ओर थक कर रात को जल्दी सो गए तब दोनों को लगा जैसे कोई उनका नाम पुकार रहा हे . अमर ओर माया दोनों जाग कर बैठे तो देखा की दो सुन्दर लड़किया उनके सामने खड़ी थी , ये वो ही लड़कियोकी आत्मा थी पर अब वो कोई डरावने रूप मे नहीं सुन्दर परियो की तरह आयी थी, दोनों लड़कियों ने उनको मुक्ति दिलाने के लिए अमर ओर माया का धन्यवाद व्यक्त किया ओर गायब हो गयी.

आज इस बात को 5 साल बीत चुके हे अब आस पास सब घर मे लोग रेहने आ चुके हे ओर किसी को ये दो आत्माए ना परेशान करती हे ना दिखती हे.