is rishte ko kya naam du - 3 in Hindi Fiction Stories by Kalpana Sahoo books and stories PDF | इस रिश्ते को क्या नाम दूँ ? - 3

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इस रिश्ते को क्या नाम दूँ ? - 3


       part-2 में आप पढे हैं की मतलब के आगे प्यार हार जाती है और स्रुती एकदम् से अकेली पड जाती है । अब आगे........

                2years later......

      टुटी हुई दिल को सभ्मालने केलिए स्रुती को दो साल लग गयी । अब वो थोडी समझदार हो गेयी थी । किसी पर भरोसा करोना उसके केलिए बहत मेहेनत की
 काम थी । 

     स्रुती अब सबसे दोस्ती करती थी पर प्यार नहीं । बहत सारे दोस्त बनाचुकी थी वो । स्रुती को गाना गाना बेहत पसन्द थी । माना की वो कोई perfessional singer नहीं थी पर गाना बहत अच्छी गाती थी । 

    ( आप लोगों को तो पता होगा आजकल Internet के जमाने में सब कुछ अपने mobile phone से ही होता है । चाहे वो कुछ सीखना हो, या कुछ करना हो । हर काम केलिए अलग अलग app है । बस् उसे install करो और फिर open कर के अपना काम करो । )

     स्रुती गाने की सौकीन् थी । इसलिए वो भी singing का एक app install करके रखी थी । उस app का नाम है star maker. उसमें से आप हर तरहा के गाने गा सकते हैं । वो भी instrument के साथ ।

      स्रुती को तो पेहले से ही नये नये दोस्त बनाना बेहत पसन्द थी इसलिए उसको यहां भी बहत दोस्त मिलगये थे । एक लेडका उसके दोस्त बनते बनते वो लोग social site पर भी जुडगये । online बाते करते करते phone पर बात करने लगे । काफी time बात किया करते थे । यैसा लगता था जैसे उन दोनो के बीच दोस्ती के अलावा और कोई रिस्ता है । 

     यैसे बातचीत बढती रही । कभी-कभी तो काफी time तक बातें करते थे । युहिं बाते तो करीब 3-4 घन्टा हर रोज चलता है । एक दीन तो मुझे भी सक होने लगी । में पुछी तो मुझे जबाब मिली की पता नहीं ये क्या है जो मुझे वो अच्छे लगते हैं । 

     और एक बात बताना भुलगई । स्रुती से वो लेडका इतना atach हो गेया था की इसको कभी तुम केहकर भी नहीं बुलाया । हरबक्त छोटी बच्ची की तरहा guide करता था
 वो । स्रुती को भी ये सब हरकते पसन्द थी । ये भी उसकी फिकर करती थी । उसको ये करो, वो करो, ये क्युं किया ? ये करने से ये होता है बहत कुछ समझाती थी । इतना फिकर और अपनापन देखकर उस लेडका ने सोचा सायद स्रुती उसे प्यार करती है । इसलिए वो एक दिन बात करते करते कुछ पुछा......

   ( लेडका) दीपक् :- तु मुझमें यैसा क्या देखा जो मुझे प्यार कर बैठी ?
        ( स्रुती आश्चर्य्य हो गयी । )
  दीपक्  :- बताना please.
   स्रुती अब मुसकुराते हुये बोली....

    स्रुती :- पता नहीं क्या देखी पर जो दीखा वो अच्छी लगी सायद.....पर तुम मुझे क्युं पसन्द किये ?

    दीपक् :- आरे तु अच्छी है । दिखने भी अच्छी है । तेरी अन्दर Talent है । तु मेरा इतना care करती है  और क्या चाहीये ? 

   स्रुती :- care तो में सबकी करती हुं पर थोडी ना में सबको प्यार करती हुं । कोई खास बजा बताउो ।
    दीपक् :- बताऊँगां पर तेरी केहने के बाद । तु पेहले मुझे बता मुझे क्युं प्यार किया ? ना में सुन्दर हुं, ना ज्यादा कुछ करती हुं । इतना मोटा हुं, काला हुं और कोई काम धन्दा नहीं । मेरा जैसा Dance Teacher से तु क्युं प्यार किया बताना ? 
    स्रुती  :- बताने से क्या फायेदा ? वो तो secret.अब तुम बताउो ।
     दीपक्  :- क्या ?
    स्रुती :- कुछ नहीं । में phone रखती हुं bye....

      यैसे केहके वो call काट देती है और मुसकुराती है ।


         To be continue..........