Hame maaf kar dena rihaan - 3 in Hindi Thriller by Prahlad Pk Verma books and stories PDF | हमें माफ़ कर देना रिहाना, भाग 3

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हमें माफ़ कर देना रिहाना, भाग 3

ईरानी न्यायालय सुनवाई


'वकील अशरफ' तो मिस रिहाना आपने जब वार किया तो तीन वार क्यों, जबकि चोटें तीनों में लगी थी


'मिस रिहाना' मैंने पहले हाथों पर वार किया लेकिन सर फिर भी नहीं माने और अंत में मैंने वार पेट पर किया


'वकील अशरफ' माई लॉर्ड मिस रिहाना की बातों से लगता है कि उन्होंने प्रोफेसर खान का खून एक साजिश से किया हैं


इसके लिए मैं कोर्ट से अपील करता हूं कि अपराधी को फांसी की सजा सुनाई जाए,


'वकील ऐलिना ' माई लॉर्ड अभी तो सारे गवाहों से पूछताछ ही नहीं हुई और अगले महिने ही मेरी क्लाइंट मिस रिहाना की परीक्षाएं हैं इसलिए मैं कोर्ट से अपील करती हूं कि कोर्ट की सुनवाई जारी रखे और मेरी क्लाइंट को परीक्षाएं तैयारी के लिए जमानत दी जाएं


'जज महोदय' आज की कारवाई स्थगित की जाती है और पुलिस को आदेश देती है कि जल्द से जल्द इस केस की जांच करें


मैं मिस रिहाना को जमानत तो नहीं दे सकता और जेल प्रशासन रिहाना को सारी परीक्षाएं सामग्री उपलब्ध करवाने का आदेश देता हूं


अगली सुनवाई अगले सोमवार को सुबह होगी



मिस रिहाना और उनकी वकील ऐलिना की बातचीत

'वकील ऐलिना' रिहाना सारे सबूत तुम्हारे खिलाफ है लेकिन फिर भी मैं तुम्हें सजा न हो इसका पूरा प्रयास करूंगा

'रिहाना' मेम मुझे मेरी सजा की कोई प्रॉब्लम नहीं है मुझे बस मेरी अम्मी की चिंता रहती है जिन्होंने मेरे लिए क्या नहीं किया

'वकील ऐलिना' मैं आज उनसे मिली, वो ठीक हैं और वो अल्लाह से तुम्हारी सलामती की दुआएँ मांगती रहती है, उन्हें अपने खुदा पर विश्वाश है

'रिहाना' मैं छोटी सी थी तब मेरी अम्मी और अब्बा का तलाक हो गया था और तलाक के बाद उन्हें सम्पति और मुझमें में से एक को चुनना था, उन्हें सम्पति में बहुत पैसे मिल रहे थे लेकिन उन्होंने मुझे चुना और दूसरा निकाह भी नहीं
मैंने तो कभी अब्बा को देखा ही नहीं, उन्होंने मुझे हर खुशी, प्यार दिया

'वकील ऐलिना' मैं जानती हूं और तुम्हें और उन्हें कुछ नहीं होगा

तुम मुझे यूनिवर्सिटी कैम्पस के बारे में बताओ


'रिहाना' मैं बचपन से पढ़ने में होशियार थी क्योंकि अम्मी ने मुझसे पढ़ने के अलावा कुछ करवाया ही नहीं


मुझे फैशन डिजाईन, इंटीरियर डिज़ाइन बहुत अच्छी लगती थी


जब मैं पढ़ाई के साथ ड्रॉइंग बनाती तो अम्मी बहुत खुश होती और फिर मैंने भी ये ही सोच लिया कि आगे जाकर डिजाइनर ही बनना हैं


जब मैंने 12th के बाद यूनिवर्सिटी एंट्रेंस परीक्षा के लिए अप्लाई किया तो मैंने पहला ऑप्शन फ़ैशन डिज़ाइन और दूसरा ऑप्शन इंटीरियर डिज़ाइन का भरा और जब मैंने एंट्रेंस परीक्षा पास कर ली तो मेरा 2nd ऑप्शन पर एडमिशन हो गया, साथ ही यूनिवर्सिटी scholarship भी

अब मुझे अपना सपना पूरा करने का मौका भी मिल गया


'वकील ऐलिना' क्या तुम इससे पहले प्रोफेसर खान को जानती थी या किसी प्रकार का परिवारिक संबंध था?

'रिहाना' जी नहीं मैं उनसे पहली बार यूनिवर्सिटी कैम्पस में ही मिली थी
मैंने यूनिवर्सिटी जाना शुरू किया था तब मैं सबसे अंजान थी और हमेशा अपनी पढ़ाई पर ही ध्यान देती, न किसी से दोस्ती और न ही किसी से कोई रिश्ता
प्रोफेसर खान से मेरी पहली बार बात लगभग यूनिवर्सिटी शुरू होने के 3 महिने बाद हुई
वो हमें थ्योरी ऑफ डिज़ाइन पढ़ाते थे, जब उन्होंने हमारा प्रेक्टिकल के हम से एक प्रोजेक्ट बनाने को कहा
पूरी क्लास ने प्रोजेक्ट बनाया जिनमें से उन्होंने मेरे प्रोजेक्ट को सबसे बेस्ट माना, फिर रोजाना थोड़ी बहुत हमारो बातचीत होने लगी

रिहाना और वकील ऐलिना का बातचीत अगले भाग में भी जारी

हमें माफ़ कर देना रिहाना अगले भाग में भी जारी