किचन से माँ की आवाज आती है” कृष उठ जा ,तेरे पापा ऑटो लेने गए हैं, कहीं तेरी ट्रैन ना निकल जाए ” कृष माँ की आवाज सुन कर उबासी लेते हुए उठता है।
”उठ गया माँ” कृष बाथरूम में जाता है और नहा कर बाहर आता है और अपनी आलमारी खोलता है कपडे लेने क लिए। उसकी अलमारी में भी हर तरफ राधा राधा ही लिखा रहता है वो इस नाम को देख कर ऐसे मुस्कुराता है जैसे उसकी अलमारी में सच में उसकी राधा बैठी हो ।कृष अब तक राधा नाम की किसी लड़की से नहीं मिला था। पर फिर भी जितना प्यार वो इस नाम से करता था उतना तो आप शायद उससे भी नहीं करते होगे जिससे आप दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करने का दावा करते हो। और जितना वफादार वो इस नाम के लिए था उतना तो हम आज जिससे शादी कर लेते है उसे भी नहीं रह पाते
कृष नहा कर रूम से बाहर आता है
माँ- "तुम्हारे तीनो दोस्त रेडी हुए की नहीं,फ़ोन किया था उन्होंने?"
कृष -"नहीं माँ अभी तक तो फ़ोन नहीं आया था ,रुको मै अभी कर के पता करता हूँ"
{देहरादून मै अकेले नहीं जा रहा था मेरे साथ मेरे 3 और दोस्त भी जा रहे थे .प्रीन्स जो की एक नम्बर का अगर शुद्ध हिंदी में बोलू लड़किबाज़ इंसान था, हाँ यह अलग बात थी की आज तक उनसे कोई लड़की पटी नहीं थी, हाँ पर लड़कियों से पीटने के मामले में उनका किसी से कोई मुकाबला नहीं था.}
अभी कृष प्रीन्स का नंबर डायल कर ही रहा था की तभीप्रीन्स का फ़ोन आ जाता है.
कृष -"हाँ प्रिंस बोल तुम लोग पहुचे या नहीं?"
प्रीन्स -"अबे अभी सिर्फ़ मै पंहुचा हूँ. तुम लोग कहाँ हो?"
कृष -:मै तो बस निकल रहा हूँ.और उन दोनों का मुझे नहीं पता."
प्रीन्स -अमर से बात हुई थी मेरी तू उसे रस्ते से पिक कर लेना और चंदू का तू मुझसे मत पूछ .
कृष -क्यों साले ने फिर कोई सपना देखा क्या??
{चंदू के दो ही काम थे एक तो सपना देखना और दूसरा जो काम वो सपने में कर रहे हैं उसे नींद में करना. और आप तो समझ ही सकते हैं इससे उन्हें कभी कभी कितनी प्रॉब्लम हो जाती होगी }
प्रीन्स -अब क्या बताऊ तुझे.........
{ कल रात का समय.......... चंदू के घर ...........चंदू अपने घर टी.वी. पर C.I.D देख रहा है और देखते ही देखते सो गया .और अब उसे C.I.D का ही सपना आया.सपने में वो खुद को इंस्पेक्टर दया समझता है और A.C.P. के साथ किसी अपराधी के घर जा रहा है और इधर नींद में वो उठ कर अपने मम्मी पापा के रूम की तरफ जा रहा है . उधर सपने में अपराधी दरवाज़ा नहीं खोल रहा है और इधर असली में उसके मम्मी पापा
भी दरवाजा नहीं खोल रहे हैं क्युकी वो लोग सो रहे हैं। उधर सपने में A.C.P. उससे दरवाज़ा तोड़ने को कहते हैं उधर वो अपराधी के घर का दरवाज़ा तोड़ता है और इधर नींद में अपने मम्मी पापा के रूम का दरवाज़ा तोड़ देता है। सपने में जब वो दरवाज़ा तोड़ता है तो सामने वो अपराधी खड़ा रहता है। वो उससे पूछता है की तूने उसका खून क्यों किया. और इधर असली में उसके मम्मी पापा भी दरवाज़ा तोड़ने से उठ जाते है.}
चंदू(नींद में पापा से )-बता तूने उसका खून क्यों किया?
पापा-किसका खून बेटे, मैंने किसी का खून नहीं किया .
चंदू-अच्छा मतलब तू ऐसे नहीं बताएगा?
{सपने में अपराधी भी नहीं बताता है .तो A.C.P. कहता है दया तुम इसे अपने स्टाइल में समझाओ.और दया अपराधी को एक थप्पड़ मारता है और इधर नींद में वो अपने पापा को एक थप्पड़ मारता है.और फिर वही बिस्तर पर गिर कर सो जाता.}
कृष -व्हाट? साले ने अंकल को थप्पड़ मार दिया?? फिर अंकल ने तो उसे छोड़ा नहीं होगा??
प्रीन्स -अब उसके पापा तो उससे भी दो कदम आगे हैं। रात को ही उसे डॉक्टर से कारपेंटर बना दिया ,पूरी रात उससे दरवाजा लगवाते रहे.अभी को घर से निकला होगा वो .चल तू भी अब जल्दी निकल वरना तुझे भी लेट हो जायेगा.और अमर को पिक करना मत भूलना?
कृष -हाँ डोंट वरी मै नहीं भूलूंगा.
तभीकृष के पापा बाहर से आवाज लगाते हैं.
पापा-कृष जल्दी चलो ऑटो आ गया है.