Meri kavita sangrah - 1 in Hindi Poems by Prahlad Pk Verma books and stories PDF | मेरी कविता संग्रह भाग 1

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मेरी कविता संग्रह भाग 1

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अब हम भी इश्क दोबारा करेंगे

उजड़े हुए दिल फिर से बसेंगे
हम कभी तो फिर से मोहब्बत करेंगे

माना दिल में जख्म अभी ताजा है
कभी तो ये जख्म भी भरेंगे
अब हम भी इश्क दोबारा करेंगे

नादानियां करते करते थक गए हैं
दिल लगा कर फिर से शैतानियां करेंगे
हर वक़्त ख्वाबों में तुम्हे अपने देखते थे
अब अपने ख्वाबों में किसी और को पाएंगे
अब हम भी इश्क दोबारा करेंगे

गमों के बाजार में कुछ पाया है
अब हम भी अपने गमों को भरेंगे
खुशियां ही खुशियां है जहां में
अब हम भी अपने सनम की बाहें भरेंगे
अब हम भी खुशियों की राह पर फिर से चलेंगे
अब हम भी इश्क दोबारा करेंगे

हर ख्वाब अधूरे रह गए तेरे साथ
अब हम भी अपने ख्वाब पूरे करेंगे
तन्हाई दे कर तुम, अब दूसरों की बाहों में हो
अब हम भी किसी दूसरे को बाहों में भरेंगे
अब हम भी इश्क दोबारा करेंगे

उजड़े हुए दिल फिर से बसेंगे
अब हम भी इश्क दोबारा करेंगे

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कविता 2nd

कभी आ जाना रिमझिम बरसात में

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आ जाओ कभी मिलने मुझसे
सावन की रिमझिम बरसात में
तीज के त्यौहार में
साथ में बैठ कर गर्मा गर्म चाय की चुस्कियां लेंगे
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आ जाओ कभी रिमझिम बरसात में
साथ बैठ कर पानी में नाव चलाएंगे
कुछ खट्टी मिट्टी बात बतलाएँगे
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आ जाओ कभी
शायद मुझे तुम्हारी जरूरत हो
सफ़र में तेरे से ही राहत हो
तुम ही मेरी दवा और तुम ही मरहम हो
आ जाओ कभी रिमझिम बरसात में
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आ जाओ कभी रिमझिम बरसात में
खुशियों की सौगात में
साथ में बैठ कर खूब हंसेंगे
तब दिल से दिल मिलेंगे
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आ जाओ कभी रिमझिम बरसात
तुम गर्मागर्म चाय बनाना
हम साथ बैठ कर चाय पियेंगे
कुछ दिल के अनकहे एहसास कहेंगे
खुल कर मीठी मीठी बातें करेंगे
एक दूसरे को बिन छुएं प्यार करेंगे
खुशियों का माहौल करेंगे
आ जाओ कभी रिमझिम बरसात में
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कविता 3rd

मुझे वो पसंद हैं

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उसे बार बार कांच में चेहरा देखना पसन्द हैं
मुझे हर वक़्त उसे देखना पसंद हैं

वो हर वक़्त मुंह में चियूंग्गम चबाती रहती हैं
मुझे उसे चियुंग्गम गिफ्ट देना पसंद हैं

वो मुझे देख मुस्कुराया करती हैं
मुझे उसे मुस्कुराता देखना पसंद हैं

उसे बार बार अपने बालों को सजाना पसंद हैं
मुझे उसके बालों पर लगे मोगरा के फूल पसंद हैं

उसे छोटे छोटे बच्चो के साथ खेलना पसंद हैं
मुझे उसे छोटे छोटे बच्चो के साथ खेलते देखना पसंद है

उसे मेरे द्वारा लिखी कविताएं,शायरी पढ़ना पसन्द हैं
मुझे उसके बारे में लिखना पसंद हैं

उसे सुबह सुबह चाय पीना बहुत ज्यादा पसंद हैं
मुझे उसके हाथ से बनी चाय पीना पसंद हैं

उसे मैं पसंद हूं
मुझे वो पसंद हैं
हां मुझे वो पसंद हैं
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कविता 4th

पूनम तुम मेरे दिल की सुनो

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पूनम क्यों ना तुम मेरे दिल की सुनो

कुछ तुम सुनो,कुछ मैं सुनूं

कुछ तुम मेरे जज़्बात समझो ,मेरे दिल की सुनो
कब तक यूं नाराज रहेगी मुझसे,आ जाओ मैं तेरे दिल की सुनूं
पल पल तुम्हे याद करता हूं,तुम्हारी ही फ़रियाद करता हूं
आ कर क्यों ना अपने दिल का हाल बता जाओ ना
दिल को समझा जाओ ना
यूं तो तुमसे मिले अर्सा हो गया है,कभी ख्यालों से निकल कर हकीकत में आ जाओ ना
कितना बेचैन हो अपने दिल का हाल सुनाने के लिए, आकर मेरे दिल का हाल सुनो ना
मुझे देवदास नहीं बनना,कोई मैं ऐसा काम न करूं,वजह दे जाओ ना
तुम्हारे बारे में लिखना है,क्यों ना तुम आ कर हमारी लव स्टोरी को पूरा कर दो ना
कुछ अपने दिल की सुनाना,कुछ मेरे दिल की सुनना
पूनम आ जाओ ना,मेरे दिल की सुनो ना
पूनम मिस यू

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