क्राइम नम्बर 77 19 - 4 in Hindi Fiction Stories by RISHABH PANDEY books and stories PDF | क्राइम नम्बर 77 19 - 4

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क्राइम नम्बर 77 19 - 4

“मे आई कम इन मैडम”- सब इंस्पेक्टर विकास

“यस कम इन विकास, क्या प्रोगेस है कुछ अच्छी खबर सुनाओ।”- इंस्पेटर शिवानी

“मैडम मैंने बक्से को खुलवा कर इंवेस्टीगेट किया। ज्यादा कुछ तो मिला नहीं ये दो पुराने वी.सी.आ. के कैसेट है कुछ पुराने फोटोग्राफ्स, कुछ कपड़े और एक मंगलसूत्र है।”- विकास (हल्की मुस्कान के साथ)

“इन वी.सी.आर. कैसेट को किसी लैब से सीडी में चेन्ज कर के देखो क्या लीड मिलती है?”-शिवानी


“बाकी रबि का कुछ पता चला?”- शिवानी


“नो मैडम लेकिन मैंने अपने आदमी रबि के घर और दुकान के पास लगा दिये है जैसे कोई लीड मिलती है मैं आपको बताता हूँ। एक बात और मैडम रबि का एक भाई पत्रकार है वैसे तो पूरा परिवार रबि से कोई सरोकार नही है यही कहता लेकिन फिर भी भाई भाई की तरफ ही जायेगा। आई थिंग सो इस लिये मैंने आपको इन्फार्म किया”- विकास


“ओहह विकास लगता है पुलिस ज्वाइन करने के पहले फिल्में बहुत देखते थे। लुक विकास ये रियल लाइफ है यहाँ मैंने भाई भाई को जर जोरू जमीन के लिये गला काटते देखा है लेकिन फिर भी योर पाँइट इज गूड वी सूड केयरफुल”-शिवानी


ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग....................(विकास का फोन बजता है)


“सोहब रोबि आज सुबह में घर आया है कहीं से बहोत सामान लिया हुआ है”- मुखबिर (सब इंस्पेक्टर विकास का खबरी)


“अभी कहा पर है वो”-सब इंपेक्टर विकास

“अभी तो घऱ पर ही है सोहब आप जल्दी आ जाओ”- मुखबिर

(मुखबिर की टिप पाते ही सब इंपेक्टर विकास कांन्सटेबल बलबीर के साथ रबि के घर पर दबिश देने पहुँच जाता है। पुलिस को अपने घर पर देखकर रबि घबरा जाता है। )

“तुम्हारा नाम रबि है”- सब इंस्पेटर विकास

“हाँ जी पर क्यों ? क्या हुआ ? ”-रबि

“वो सब थाने चल कर पता जायेगा”- कांस्टेबल बलबीर

“लेकिन मेरा जुर्म क्या है मैनें क्या किया है मैं तो आज सुबह ही पंजाब से आया हूँ।”- रबि

(बलबीर रबि का कॉलर पकड़ कर बाइक में बैठाने लगता है।)

“अच्छा तो मुझे कपड़े बदलने दीजिये फिर मैं आपके साथ चलता हूँ।” –रबि

(विकास बलबीर को इशारे से छोड़ने को कहता है। बलबीर रबि को छोड़ता है रबि अन्दर जाता है। घर के बाहर विकास और बलबीर रबि का इन्तेजार कर रहे होते है। लगभग 5 मिनट बाद भी जब रबि बाहर नही आता तो बलबीर अन्दर जाकर देखता है।)

“अरे साहब जी यो बहन का टका भाग गया छत से”- बलबीर

(भागते हुये विकास अन्दर जाता है तो देखता है कि रबि अपने घर की छत से दूसरे की छत से कूदकर भाग रहा होता है। विकास बलबीर से गाड़ी लेकर आने को कहता है और खुद रबि के पीछे जाता है। छत से कूदकर दोनों ही रोड के किनारे किनारे भाग रहे होते है। सब इंस्पेक्टर विकास अभी इस इलाके में नये था इस लिये पीछा करने में बहुत दिक्कत हो रही होती है। कूदने में विकास के पैर में मोच भी आ जाती है। रबि उसकी पकड़ से निकलने ही वाला होता है कि बलबीर पीछे से चलती गाड़ी से डंडा फेंक के मारता है। डंडा सीधे रबि के पैर में लगता रबि लड़खड़ा के गिर जाता है। )


“रूक बहन दे........ आज तुजे बताता हूँ पुलिस का हाथ के होवे है।”- (इतना कहते हुए कांस्टेबल बलबीर रबि को 5-7 कंटाप रशीद देता है और उसके गर्दन को अपनी बाहँ में दबा लेता है।)


“साहब जी आप ठीक हो”- कास्टेबल बलबीर


“हाँ मैं ठीक हूँ ”- सब इंपेक्टर विकास

( लगडांते हुये उठता है और रबि की कॉलर पकड़कर बाइक पर पीछे बैठ जाता है। बलबीर बाइक चलता है दोनों थाने को रवाना होते है।)

“चल बहन दे...........”- कास्टेबल बलबीर

(रबि को कॉलर पकड़ कर बलबीर लॉकप में अन्दर डाल कर बन्द करता है। विकास की मोच उसे दर्द से कराहने को मजबूर कर देती है। वह जाकर अपनी टेबल पर बैठ जाता है। अपने जूते उतार कर अपनी मोच को देख रहा होता है। लॉकप से रबि बार बार अपना जुर्म पूछता है। आप मुझे बिना वारंट के अन्दर नही कर सकते इतना कानून जानता हूँ यह कह कह के चिल्लाता है। तभी इंस्पेक्टर शिवानी थाने के अन्दर आती है। विकास बड़ी मुश्किलों के साथ खड़ा होकर शैलूट करता है।)

(क्या पूजा और छुटकी की हत्या रबि ने ही की है? क्या ये केस यही साल्व हो जायेगा या फिर कोई नया मोड़ लेगा? क्या राजीव और शिवानी के बीच की समस्या खत्म हो जायेगी.......... पढे आगे के भाग में)................ शेष अगले अंक में