आज पहली बार मुझे कुछ लिखने का अवसर मिला मुझे लिखने का शौक था पर कभी मौका ही नहीं मिल पाया यह मेरी पहली कहानी है जिसे मैं मोबाइल के माध्यम से लिखने जा रही हूं आज की कहानी मेरी नानी मां को समर्पित है कहने को तो वह पांच बेटों और तीन बेटियों की मां थी वे अपने नाम के ही अनुकूल सुंदर शान्त और हर हालात में अपने को डालने वाली महिला थी उनका नाम लक्ष्मी था इधर कुछ दिन पहले पता चला कि हमारे सभी मामा करोड़पति बन गए तो मैं अचानक अपनी नानी का छवि चेहरे के सामने आ गया और मैं अपने बचपन के दिनों में चली गई जब हम भाई-बहन गर्मी की छुट्टियों में नानी के घर जाते तो देखते नानी बड़े जतन से मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाती बहुत देर से माथे पर पानी भर कर लाती उनका सारा जीवन संघर्ष में ही बीता उनके पास करोड़ों का जमीन था पर उनका कोई हक नहीं हुआ ना तो अपने मन से कहीं कुछ भेजता है ना किसी को दे पाए ना कहीं तीर्थ यात्रा की अकेले ही पूरा जीवन वह बेहतर करते रहे कहने को वह पांच बेटों की मां थी लेकिन वह हमेशा अपना भार उठाती थी गांव में उनका एक किराने का दुकान था उसी से उनका गुजारा हो जाता था गुजारा चलता था बेटों की शादी हो चुकी थी जो अपने ससुराल बस गए थे दो बेटियों की भी शादी हो गई थी एक बेटा और एक बेटी की शादी भी किसी तरह जोड़ तोड़ कर कर दिया गया अब वह दुकान छोटे बेटे के ही हाथ में आ गया उस दुकान का सारा देख रेख नानी का नानी को ही करना पड़ता था उनका विवशता भरा चेहरा देखने को मिला जब मुझे वापस आना था तो 1 दिन पहले मुझे उस दुकान पर ले गई और वहां रखी नमक की बोरी हटाकर जमीन जमीन में चूहे के बिल के स्थान से 20 का नोट निकालकर मुझे देते हुए बोली बेटी से छुपा कर रख ले किसी से मत कहना कि मैं तुझे मैंने तुझे पैसे दिए हैं मैं आश्चर्य से नानी से पूछती हूं नानी आखिर क्यों और तुम इस जगह पैसा क्यों रखती हो तो नानी बोली बेटी मैं सिर्फ कहने की घर की मालकिन हूं मेरा कोई हक नहीं है मैं ना तो किसी को कुछ दे सकती हूं और ना किसी किसी के लिए कुछ कर सकती हूं मैं कुछ भी अपने पास रुपया पैसा रखती हूं यह लोग निकाल लेते इसलिए मैं यह उपाय लगाया 12 पांच के सिक्के जोड़कर मैंने इससे बगल के लड़के से नोट कर के रख रखे थे कि जब तू जाने लगे तो तुझे इतना सुनते ही मैं रोने लगी उसके उसके कुछ समय पश्चात मेरा विवाह हो गया फिर कभी उनसे मिलना ना हो पाया उसके बाद मां से ही हाल-चाल पता चलते रहा फिर कुछ वर्षों पश्चात उनकी मृत्यु ह फिर कुछ वर्षों पश्चात नाना जी की मृत्यु हो गई आर्यन के 10 दिनों के अंदर ही नानी मां भी गुजर गई और आज उन्हीं बूढ़े मां-बाप की करोड़ों की जमीन जायदाद को बेच कर उनकी नालायक बच्चे मालामाल हो गए
प्रिया