उफ़्फ़फ़फ़ ये होमवर्क!कैसे भूल जाती हूं मैं गुड्डी को होमवर्क कराना। सुबह- सुबह ही दिन खराब हो गया। ऊपर से ये टीचरे और लिख - लिख कर भेजती है " send your homework, send your homework" जी का जमात हो गया है मेरे लिए ये ऑनलाइन क्लासेस। ऐसा लगता है कि गुड्डी की पढ़ाई नही मेरी चल रही है। अरे इतना काम कम थे क्या इस घर मे जो मेरे लिए सिर पर एक और दर्द मढ़ दिया। हे ईश्वर, राधा खीजते हुए बुदबुदा रही थी। अरे राधा सुबह के आठ बजे रहे और गुड्डी अभी तक सो रही है,उसका होमवर्क तुम्ही भेज दो कब से मोबाईल पर मैसेज आ रहे। राधा का पारा और गरम हो गया वो विपिन को घूरते हुए बोली - सुनिए पतिदेव गुड्डी मेरी अकेले की बेटी नही है जो मैं ही उसके सारे काम का ठेका ली हूँ। उसके हर काम से लेकर होमवर्क तक का,समझ आया आपको। बाकी आप लोग भी इस घर मे है कि मैं अकेले ही हूँ।
विपिन मुस्कुराते हुए जवाब दिया -" अरे राधा इसमे इतने खींजने की क्या बात है दो मैं ही भेज देता हूँ, भेजना ही तो है। विपिन ये बोलते हुए बिस्तर पर पड़े मोबाइल को ज्यो उठाया ,राधा मन ही मन सोचने लगी जब होमवर्क पूरे नही हुए तो भेजेगें क्या ख़ाक।" तभी बाहर से सासू माँ की आवाज आई,अरे राधा ज़रा पापा की चाय तैयार कर दो वो नहा कर निकलने वाले है। राधा सुनकर भी कोई जवाब नही दी। सासुमां बोलते बोलते कब राधा के कमरे तक आ गयी उसे पता भी ना चला, इधर राधा और विपिन की झकझक चल ही रही थी।
" अरे इतना सा काम भी तुम ठीक से नही कर सकती। तुम्हे पता भी है ना कि आजकल एजुकेशन जीवन के लिए कितना जरूरी होता जा रहा है। दुनियाभर की चीज ऑनलाइन होती जा रही और अगर तुम....राधा विपिन की बात को काटते हुए बोली तुम क्या? इस घर की सारी जिम्मेदारी का ठेका तो मैं ही ली हूँ ना कि पूरे दिन घर के काम,सबके काम,सेवा पूरा करू उसके बाद ये होमवर्क!"
भूल मुझसे भी हो सकती है। सौ काम मेरे मत्थे है आप कौन- सा कोल्हू का बैल बन काम करते हैं। पूरे दिन टीवी मोबाइल और रिश्तेदारों की बुराइयों के सिवा,हुऊऊऊ..!मैं भी किसके मुँह लग गयीं सुबह सुबह ,जिनकी आदत कभी ना सुधरने वाली। अरे पूरे दिन कैसे गुजरता है एक महिला का वो सिर्फ वही जानती हैं।बाकी को क्या है काम होने से मतलब है। अगर मैं नही करा सकती होमवर्क तो आप कराइए आप भी तो गुड्डी के पिता है। कुछ जिम्मेदारी आपकी भी बनती हैं। इस घर के बाकी लोग भी तो है जो गुड्डी को होमवर्क करा दे। ये तो कही नही लिखा है कि माँ ही होमवर्क कराएगी। पता नही कहा से ये लॉकडाउन आ गया सर पे,मुसीबत कब जाएगी पता नहीं। वैसी ही इनकी दुलारी गुड्डी है खुद को कोई चिंता ही नही है,राधा गुड्डी का होमवर्क जल्दी जल्दी कॉपी में लिख रही थी और बुद्बुद्बुड़ाते जा रही थी। स्कूल जाती तो दो थप्पड़ लगता तब होमवर्क जरूर पूरा करती। राधा ज्यो गुड्डी का होमवर्क करके किताब बिस्तर पर रख पलटी सासुमां दरवाजे पर ही खड़ी थी। मम्मी...राधा चौक कर बोली,मन ही मन सोचने लगी कि आज तो दिन ही पूरा खराब है। लेकिन तभी सामने से सासुमां बोली जाने दो बहू हम खुद ही पापा की चाय बना लेंगे तुम गुड्डी का होमवर्क कर दो।राधा झेप खाते हुए बोली- मम्मी आप गलत समझ रही है,बुरा मत मानिए मगर भूल तो मैं भी सकती हूं ना,सौ काम के बीच होमवर्क याद ही नही रहता।जब से लॉक डाउन आया है काम और बढ़ गया है। आप समझ रही है ना मैं क्या कहना चाह रही...राधा सर बोलते बोलते नीचे झुका ली और किचन की और बढ़ गयी।
इन दिनों हर घर की स्थिति कुछ यूं ही हो गयी है।हर माँ की ओवर ड्यूटी चल रही।रात को होमवर्क कराने से लेकर सुबह भेज देने तक की। ऑनलाइन क्लास जितनी सुविधा है उतनी ही असुविधा भी एक महिला की दिनचर्या उलट-फेरी मे पड़ चुका है। ऊपर से बच्चे ऑनलाइन में जो पढ़ाया जा रहा वो उसे समझ रहे या नही उसे भी उन्हें ही देखना होता है। हर विषय की कक्षा 40-45 मिंनट तक चलती है और बीच मे 15 मिंनट का ब्रेक। उसमे ये निर्देश की ऑनलाइन क्लासेस में जो पढ़ाया गया है वो दुबारा रिवीजन के समय ही दोहराया जाएगा। इस तरह से माता पिता जितने खुश है कि स्कूल बंद होने के बाद भी बच्चे पढ़ रहे तो उतने ही चिंतित । ये एक ऐसा समय है जब बच्चे पूरे दिन ऑनलाइन क्लासेस के बहाने मोबाइल लैपटॉप पे जुटे रहते है जो कही ना कहीं उनके सेहत के लिए भी नुकसान देह है। ऊपर से ये होमवर्क घर घर की परेशानी का सबक बन गया है।