The Author AKANKSHA SRIVASTAVA Follow Current Read हर करम अपना करेंगे, ए - वतन तेरे लिए By AKANKSHA SRIVASTAVA Hindi Moral Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books बैरी पिया.... - 52 अब तक: शिविका ने अपनी साड़ी संभाली और वह भी उनके पीछे जाने ल... तेरी मेरी यारी - 7 (7)अगले ही दिन सब इंस्पेक्टर राशिद एक हवलदार के साथ... इश्क दा मारा - 23 बंटी की बाते सुन कर यूवी बोलता है, "मुझे क्या पता कि इसने मु... बुजुर्गो का आशिष - 8 पटारे मैं से निकली कहानी से ये भी याद आता हैँ की लोग अभी विश... नक़ल या अक्ल - 79 79 खून गाड़ी में ही दोनों के हाथ और मुँह बाँध दिए गए हैं, ... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Share हर करम अपना करेंगे, ए - वतन तेरे लिए (1) 1.5k 15.6k 1 " यहां सदियों से ये रीत है जी हर डर के आगे जीत है जी, हम रक्षक है इस मिट्टी के बस जीत की राह चलते है, है जीत का परचम हाथो में डर के आगे जीत है....! ये देश है वीर-जवानों किसानों का, अलबेलों का मस्तानो का इस देश का यारो क्या कहना , ये देश है दुनिया का गेहना डर के आगे जीत है!🇮🇳" हर रोज देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा है,चाहे बात हो 1947 कि या 2020 के महामारी की। 1947 की लड़ाई में जहां महात्मा गाँधी की जीत हुई और देश आजाद हुआ। आज 2020 में महामारी से लड़ने के लिए देश के प्रधानमंत्री से लेकर सभी राज्यकर्मियों, व कोरोना योद्धाओं व आमजनमानस एक ऐसे दुश्मन से लड़ने की चुनौती स्वीकार किया है जिसे न तो हम देख सकते है,न ही उससे महफ़ूज। इसीलिए देश ने एक नारा दिया-#stay home, stay safe. अपने देश से हर किसी को प्यार है। देश के प्रति सम्मान, उसकी रक्षा की भावना हर किसी के मन में होती है।चाहें वह सरहद की चोटियां हो या देश की महफ़ूज गलियां ऐसी भावनाओं को दिल में जगाने का काम भारत को आजाद कराने वाले वीर शहीदों व महामारी में एकजुटता होने वाले उन तमाम वारियर्स को हम नमन करते है। पूरी दुनिया शान्त हो चुकी है,हर जगह ख़ौफ़ पसर गया है।जहां भुखमरी से लेकर बेरोजगारी तक कि नौबत आ गयी है। जहाँ अधिकतर जनसंख्या मौत के आगोश में सो चुकी है। एक ऐसे दुश्मन जिसके पास ना तो एके-फोटी-7 है, ना ही मिसाइल,ना ही गोली ,बम -बारूद। ये एक ऐसा विस्फोट है जो देश मे नही पूरे दुनिया मे तबाही मचा रखा है।इस दुश्मन का उद्देश्य महज इतना ही है कि मनुष्य से मनुष्य की साँसे छीन लेना।एक ऐसा दुश्मन जो निहत्थे हमे जंग के लड़ाई में उतार लेता है। लेकिन हमे गर्व है कि हम भारतीय है जिन्हें हर पैमाने की भनक व सुरक्षा के मद्देनजर एहतियात बरतने बखूबी आता है। मशहूर कवि हरिवंश राय बच्चन जी की लिखी चन्द पंक्तियां हौंसला दे जाती है- वक़्त ही तो है ,गुजर जाएगा। याद है वो दिन जब टीवी चैनलों से लेकर अखबारों,रेडियो तक एक ही कोहराम मच रहा था ...कोरोना कोरोना कोरोना! एक ऐसी भयावह बीमारी जिसने देश ही नही पूरी दुनिया को अपने आगोश में सुलाने की सोच रखी थी। लेकिन ऐसा होते होते बच गया,देश ने निहत्थे दुश्मन से निहत्थे वार कर उसका जवाब दिया। अपनी संस्कृति से,अपनी भाईचारे से ,अपनी सूझबूझ से।22 मार्च,2020 दिन रविवार को जब सुबह रेडियो पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जब देशवासियों से अपनी मन की बात कह रहे थे तब उन्होंने पूरे देश की सुरक्षा के लिए,ये घोषणा की कि सुबह से रात तक के लिए हम एक दिन का जनता कर्फ्यू लगा रहे है। तब शायद हम उस बात को इतने गहराई से नही नापे की देश मे कर्फ्यू की नौबत आख़िर क्यों? ये एक वायरस ही तो है। लेकिन देश के माननीय प्रधानमंत्री निरतंर अपनी चिंता व जनता के लिए ,देश के लिए प्रयासरत रहे। दिन पर दिन लॉकडाउन बढ़ते गए। हमारे योद्धा उस दुश्मन से निपटने के लिए निरंतर कार्यरत रहें। देश को एक ऐसे दुश्मन से लड़ने की हिम्मत दिए जिसमें न तो हमे ए के-फोटी-7 की जरूरत थी ,न ही किसी बम बारूद की। जरूरत थी तो सिर्फ और सिर्फ सोच बुझ व एकता की। जिसमे हम भारतीय परिपक्व है।यह देख दुश्मन ने अनेको वार किए जिससे समाज मे भय,ख़ौफ़,मृत्यु, डर पैदा हुआ। लेकिन हम चेहरे पर नक़ाब, हाथो में साबुन व पानी,खान पान में जड़ीबूटियों का प्रयोग,गर्म पानी का सेवन व सोशल डिस्टेंस के जरिए खुद को सुरक्षित रखने की निरंतर कोशिश कर रहे। यही हमारी संस्कृति की पहचान है।हमे गर्व है कि हमे भगवान सूर्य ने नमस्कार करना सिखाया। जिसने आज हमारी रक्षा की। शुक्रिया अदा करती हूं भगवान का जिन्होंने तमाम ऐसी संजीवनी जड़ी बूटियां बनाई जिससे आज हम ग्रहण कर खुद की इम्युनिटी पावर को बनाए रख रहे है। वरना हम कैसे इस दुश्मन से लड़ पाते। यह संकटकाल धरती पे त्राहि त्राहि के सिवाए कुछ नही भाप रही थी। ना अमीर,ना गरीब जो ही इसके चपेट में आ रहा वो उसे निगल ले रहा। तमाम घर बेघर हो गए। परिवार नाते रिश्तदार अलग हो गए। दिन पर दिन इस वायरस के कहर ने समूचे विश्व को अपना शिकार बना लिया,लेकिन वक़्त के साथ हमारी संस्कृति ने हमारी साँसे वापस लौटाई और हम दुश्मन का जवाब अब घर बैठ कर नही बल्कि नकाबों, सेनिटीज़रो,व सोशल डिस्टेन्स के माध्यम देना शुरू किए। जिसमे सबसे बड़ा योगदान है उन तमाम योद्धाओं का जिन्होंने ने संकटकाल मे भी देश की निरंतर सेवा की व अभी भी तत्यपर है। मैं उनका आभार प्रकट करती हूँ ,व उन्हें सलाम करती हूं। #पुलिस कर्मचारियों#चिकित्सक#नरसिंग#सफाई कर्मचारियों#रेलवे कर्मचारियों#बैंक कर्मचारियों#किसान#फौजी#पत्रकार जिन्होंने संकटकाल में एक जुट हो कोरोना को मात दी।आज हम सभी भारतवासी एक बार फिर कोरोना काल के दुश्मन से आजाद है,ये लड़ाई है हमारे साँसों के आजादी की। इसीलिए गर्व से कहिए डर के आगे जीत है जी!🇮🇳🙏 Download Our App